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अतियथार्थवाद और फ्रेंच साहित्य

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अतियथार्थवाद और फ्रेंच साहित्य के बीच अंतर

अतियथार्थवाद vs. फ्रेंच साहित्य

मैक्स अर्न्स्ट की रचना - 'द एलिफैण्ट सेलिबिस' (सन् १९२१) अतियथार्थवाद (सर्रियलिज्म / Surrealism), कला और साहित्य के क्षेत्र में प्रथम महायुद्ध के लगभग प्रचलित होने वाली शैली और आंदोलन था। चित्रण और मूर्तिकला में तो (चित्रपट के चित्रों में भी) यह आधुनिकतम शैली और तकनीक हैं। इसके प्रचारकों और कलाकारों में चिरिको, दालों, मोरो, आर्प, ब्रेतों, मासं आदि प्रधान हैं। कला में इस सृष्टि का दार्शनिक निरूपण 1924 में आंद्रे ब्रेतों ने अपनी अतियथार्थवादी घोषणा (सर्रियलिस्ट मैनिफेस्टो) में किया। अतियथार्थवाद कला की, सामाजिक यथार्थवाद के अतिरिक्त, नवीनतम शैली है और इधर, मनोविज्ञान की प्रगति से प्रभावित, प्रभूत लोकप्रिय हुई है। . फ्रेंच साहित्य से तात्पर्य फ्रेंच भाषा में लिखे साहित्य से है। फ्रांस, बेल्जियम, स्विट्जरलैण्ड, कनाडा, सेनेगल, अल्जीरिया तथा मोरोक्को आदि के नागरिकों द्वारा रचित साहित्य 'फ्रेंचभाषी साहित्य' (Francophone literature) कहलाता है। वर्ष २००६ तक फ्रांसीसी भाषा के सहित्यकारों को अन्य किसी भाषा के साहित्यकारों से अधिक नोबेल पुरस्कार प्राप्त हैं। .

अतियथार्थवाद और फ्रेंच साहित्य के बीच समानता

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संदर्भ

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