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अट्टीपट कृष्णस्वामी रामानुजन और लोककथा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अट्टीपट कृष्णस्वामी रामानुजन और लोककथा के बीच अंतर

अट्टीपट कृष्णस्वामी रामानुजन vs. लोककथा

अट्टीपट कृष्णस्वामी रामानुजन (ಅತ್ತಿಪೇಟೆ ಕೃಷ್ಣಸ್ವಾಮಿ ರಾಮಾನುಜನ್) (அத்திப்பட்டு கிருஷ்ணசுவாமி ராமானுஜன்) (१६ मार्च १९२९ - १३ जुलाई १९९३) एक कवि, निबंधकार, शोधकर्ता, अनुवादक, भाषाविद्, नाटककार और लोककथाओं के विशेषज्ञ थे। उन्होंने तमिल, कन्नड़ और अंग्रेज़ी में कवितायें लिखी है जिन्होंने न केवल भारत में बल्कि अमेरिका में भी प्रभाव बनाया और आज भी बहुचर्चित कविताओं में से एक हैं। यद्यपि वह भारतीय थे और उनके अधिकांश काम भारत से संबंधित थे परन्तु उन्होंने अपने जीवन का दूसरा भाग, अपने मृत्यु तक अमेरिका में ही बिताया। विपुल निबंधकार और कवि, रामानुजन ने अनगिनत शैक्षिक और साहित्यिक पत्रिकाओं के लिए योगदान दिया। उन्होंने अपने कार्यों के द्वारा पूर्वी और पश्चिमी संस्कृतियों को पारस्परिक रूप से सुबोध्य बनाने की कोशिश की। उन्हें यह कहते हुए पाया गया है कि - "मैं भारत-अमेरिका में एक संबंधक (हायफेन) हूँ"। A.K. Ramanujan, University of Chicago, 1993 शैक्षिक और साहित्यिक टिप्पणीकारों ने रामानुजन की प्रतिभा, मानवता और विनम्रता को काफी सराहा है। उन्होंने अपने कन्नड़ और तमिल कविताओ के श्रमसाध्य अनुवादों में प्राचीन साहित्य की भव्यता और बारीकियों को दर्शाया है जिनमे तमिल साहित्य तो करीब २००० वर्ष पुराने थे। . लोककथाएँ वे कहानियाँ हैं जो मनुष्य की कथा प्रवृत्ति के साथ चलकर विभिन्न परिवर्तनों एवं परिवर्धनों के साथ वर्तमान रूप में प्राप्त होती हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कुछ निश्चित कथानक रूढ़ियों और शैलियों में ढली लोककथाओं के अनेक संस्करण, उसके नित्य नई प्रवृत्तियों और चरितों से युक्त होकर विकसित होने के प्रमाण है। एक ही कथा विभिन्न संदर्भों और अंचलों में बदलकर अनेक रूप ग्रहण करती हैं। लोकगीतों की भाँति लोककथाएँ भी हमें मानव की परंपरागत वसीयत के रूप में प्राप्त हैं। दादी अथवा नानी के पास बैठकर बचपन में जो कहानियाँ सुनी जाती है, चौपालों में इनका निर्माण कब, कहाँ कैसे और किसके द्वारा हुआ, यह बताना असंभव है। "यद्यपि दादी नानी से ज्यादा कहानियाँ दादा नाना सुनाते हैं लेकिन फिर भी दादी-नानी को ही ज्यादा महता देना भी विरासत में चली आ रही परिपाटी का ही परिणाम है!"-डॉ.रवींद्र भारतीय .

अट्टीपट कृष्णस्वामी रामानुजन और लोककथा के बीच समानता

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