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अटलांटिस और चीनी जनवादी गणराज्य

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अटलांटिस और चीनी जनवादी गणराज्य के बीच अंतर

अटलांटिस vs. चीनी जनवादी गणराज्य

कैसी थी अटलांटिस सभ्यता: अटलांटिस को उस समय धरती की सबसे खुशहाल जगह माना जाता था। वहाँ सोना और चाँदी के साथ ही बहुमूल्य पत्थरों की भरमार थी। द्वीप पर दूर-दूर तक हरे-भरे मैदान फैले थे। जमीन बहुत उपजाऊ थी। बड़ी तादाद में पशु-पक्षी थे, तो फलों के बगीचे भी थे। शहर को पाँच क्षेत्रों में बाँटा गया था। इस प्रकार शासन व्यवस्था भी आदर्श थी। तभी...आई बर्बादी: एक दिन प्रलय आया और सबकुछ समाप्त हो गया। पूरी सभ्यता का नामों-निशान ही मिट गया। असल में वहाँ एक साथ कई आपदाओं ने हमला किया। इतिहास के मुताबिक, वहाँ ज्वालामुखी फटा तो समुद्र के पानी से उठी ऊँची लहरों ने समूचे द्वीप को अपने में समा लिया। शुरुआत ज्वालामुखी के फटने से हुई। इससे निकली काली राख ने पूरे क्षेत्र में अंधेरा कर दिया। बड़ी मात्रा में समुद्र में राख मिलने से उसका रंग भी बदल गया। ज्वालामुखी से निकली बड़ी और गर्म चट्टानों की मानो बारिश ही होने लगी। कई जोर दार धमाके हुए। वैज्ञानिकों का अंदाज वर्षों बाद भी वैज्ञानिक इस घटनाक्रम की तह तक नहीं पहुँच पाए हैं। केवल अंदाजा ही लगाया जा रहा है कि उस समय 500 से 1000 एटम बम फटने जैसी स्थिति पैदा हुई थी, जिसके चलते समूची सभ्यता का सफाया हो गया। सफाया भी इतने बड़े स्तर पर कि आज तक उसका कोई सबूत नहीं मिल पाया है। आशा की किरण इस सिलसिले में जानकारों के सामने केवल एक द्वीप है, जिसे प्राचीन ग्रीक में कालीस्टे कहा जाता था। वैज्ञानिकों का कहना है कि कालीस्टे ही एक मात्र अवशेष है, जो अटलांटिस के बारे में कुछ जानने की संभावना बनाए रखता है। हालाँकि अभी तक यहाँ से भी कोई उल्लेखनीय जानकारी नहीं जुटाई जा सकी है। प्लेटो की बात अटलांटिस के बारे में यह कहानी प्लेटो की दी हुई है। उन्होंने ही लिखा था कि अटलांटिस स्वर्ग था। वहाँ आलीशान महल और मंदिर थे, जिन पर सोने-चाँदे की परतें चढ़ी होती थीं। मंदिरों की दीवारें और आधार स्तंभ भी बहुमूल्य धातुओं के बने थे। प्लेटो ने भगवान की एक मूर्ति का भी उल्लेख किया है, जो पूरी तरह से सोने की बनी है। आगे रथ खिंचते छह घोड़े भी दिखाए गए हैं। मूर्ति को समुद्र के देवता के रूप में पूजा जाता था। स्वर्ग में भी इंसानी फितरत प्लेटो के बारे में कहा जाता है कि वे मानवीय स्वभाव के बहुत अच्छे जज थे। उन्होंने अटलांटिस को धरती का स्वर्ग तो करार दिया, लेकिन साथ ही वहाँ की नकारात्मक बातें भी लिखी हैं। प्लेटो ने एक स्थान पर बताया है कि अटलांटिस सभ्यता के राजाओं ने अपने साम्राज्य का विस्तार करने के लिए दूसरे राज्यों पर हमले किए। उन्होंने बड़ी संख्या में नरसंहार कर दूसरे इलाकों पर कब्जा किया। वे केवल एथेंस से पार नहीं पा सके थे भगवान की सजा: प्लेटो के मुताबिक, इस काम के लिए भगवान ने अटलांटिस वालों को सजा भी दी। यह सजा तुफान, बाढ़, भुकंप और ज्वालामुखी के रूप में होती थी। इन प्राकृतिक आपदाओं से अटलांटिस को समय-समय पर भारी नुकसान पहुँचा। ऐसा ही प्रलय एक दिन आया और समूची सभ्यता इतिहास बनकर रह गई। क्या सही था प्लेटो: प्लेटो की इस कहानी पर इतिहास के कई जानकारों ने सवालिया निशान उठाए हैं। उनका सवाल है कि प्लेटो की कही बात को किस आधार पर सच मान लिया जाए? श्रेणी:चित्र जोड़ें . चीनी जनवादी गणराज्य (चीनी: 中华人民共和国) जिसे प्रायः चीन नाम से भी सम्बोधित किया जाता है, पूर्वी एशिया में स्थित एक देश है। १.३ अरब निवासियों के साथ यह विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है और ९६,४१,१४४ वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ यह रूस और कनाडा के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्रफल वाला देश है। इतना विशाल क्षेत्रफल होने के कारण इसकी सीमा से लगते देशों की संख्या भी विश्व में सर्वाधिक (रूस के बराबर) है जो इस प्रकार है (उत्तर से दक्षिणावर्त्त): रूस, मंगोलिया, उत्तर कोरिया, वियतनाम, लाओस, म्यान्मार, भारत, भूटान, नेपाल, तिबत देश,पाकिस्तान, अफ़्गानिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और कज़ाख़िस्तान। उत्तर पूर्व में जापान और दक्षिण कोरिया मुख्य भूमि से दूरी पर स्थित हैं। चीनी जनवादी गणराज्य की स्थापना १ अक्टूबर, १९४९ को हुई थी, जब साम्यवादियों ने गृहयुद्ध में कुओमिन्तांग पर जीत प्राप्त की। कुओमिन्तांग की हार के बाद वे लोग ताइवान या चीनी गणराज्य को चले गए और मुख्यभूमि चीन पर साम्यवादी दल ने साम्यवादी गणराज्य की स्थापना की। लेकिन चीन, ताईवान को अपना स्वायत्त क्षेत्र कहता है जबकि ताइवान का प्रशासन स्वयं को स्वतन्त्र राष्ट्र कहता है। चीनी जनवादी गणराज्य और ताइवान दोनों अपने-अपने को चीन का वैध प्रतिनिधि कहते हैं। चीन विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो अभी भी अस्तित्व में है। इसकी सभ्यता ५,००० वर्षों से अधिक भी पुरानी है। वर्तमान में यह एक "समाजवादी गणराज्य" है, जिसका नेतृत्व एक दल के हाथों में है, जिसका देश के २२ प्रान्तों, ५ स्वायत्तशासी क्षेत्रों, ४ नगरपालिकाओं और २ विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों पर नियन्त्रण है। चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य भी है। यह विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक और दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और एक मान्यता प्राप्त नाभिकीय महाशक्ति है। चीनी साम्यवादी दल के अधीन रहकर चीन में "समाजवादी बाज़ार अर्थव्यवस्था" को अपनाया जिसके अधीन पूंजीवाद और अधिकारवादी राजनैतिक नियन्त्रण सम्मित्लित है। विश्व के राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक ढाँचे में चीन को २१वीं सदी की अपरिहार्य महाशक्ति के रूप में माना और स्वीकृत किया जाता है। यहाँ की मुख्य भाषा चीनी है जिसका पाम्परिक तथा आधुनिक रूप दोनों रूपों में उपयोग किया जाता है। प्रमुख नगरों में बीजिंग (राजधानी), शंघाई (प्रमुख वित्तीय केन्द्र), हांगकांग, शेन्ज़ेन, ग्वांगझोउ इत्यादी हैं। .

अटलांटिस और चीनी जनवादी गणराज्य के बीच समानता

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