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अटलांटिस और क़ुरआन

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अटलांटिस और क़ुरआन के बीच अंतर

अटलांटिस vs. क़ुरआन

कैसी थी अटलांटिस सभ्यता: अटलांटिस को उस समय धरती की सबसे खुशहाल जगह माना जाता था। वहाँ सोना और चाँदी के साथ ही बहुमूल्य पत्थरों की भरमार थी। द्वीप पर दूर-दूर तक हरे-भरे मैदान फैले थे। जमीन बहुत उपजाऊ थी। बड़ी तादाद में पशु-पक्षी थे, तो फलों के बगीचे भी थे। शहर को पाँच क्षेत्रों में बाँटा गया था। इस प्रकार शासन व्यवस्था भी आदर्श थी। तभी...आई बर्बादी: एक दिन प्रलय आया और सबकुछ समाप्त हो गया। पूरी सभ्यता का नामों-निशान ही मिट गया। असल में वहाँ एक साथ कई आपदाओं ने हमला किया। इतिहास के मुताबिक, वहाँ ज्वालामुखी फटा तो समुद्र के पानी से उठी ऊँची लहरों ने समूचे द्वीप को अपने में समा लिया। शुरुआत ज्वालामुखी के फटने से हुई। इससे निकली काली राख ने पूरे क्षेत्र में अंधेरा कर दिया। बड़ी मात्रा में समुद्र में राख मिलने से उसका रंग भी बदल गया। ज्वालामुखी से निकली बड़ी और गर्म चट्टानों की मानो बारिश ही होने लगी। कई जोर दार धमाके हुए। वैज्ञानिकों का अंदाज वर्षों बाद भी वैज्ञानिक इस घटनाक्रम की तह तक नहीं पहुँच पाए हैं। केवल अंदाजा ही लगाया जा रहा है कि उस समय 500 से 1000 एटम बम फटने जैसी स्थिति पैदा हुई थी, जिसके चलते समूची सभ्यता का सफाया हो गया। सफाया भी इतने बड़े स्तर पर कि आज तक उसका कोई सबूत नहीं मिल पाया है। आशा की किरण इस सिलसिले में जानकारों के सामने केवल एक द्वीप है, जिसे प्राचीन ग्रीक में कालीस्टे कहा जाता था। वैज्ञानिकों का कहना है कि कालीस्टे ही एक मात्र अवशेष है, जो अटलांटिस के बारे में कुछ जानने की संभावना बनाए रखता है। हालाँकि अभी तक यहाँ से भी कोई उल्लेखनीय जानकारी नहीं जुटाई जा सकी है। प्लेटो की बात अटलांटिस के बारे में यह कहानी प्लेटो की दी हुई है। उन्होंने ही लिखा था कि अटलांटिस स्वर्ग था। वहाँ आलीशान महल और मंदिर थे, जिन पर सोने-चाँदे की परतें चढ़ी होती थीं। मंदिरों की दीवारें और आधार स्तंभ भी बहुमूल्य धातुओं के बने थे। प्लेटो ने भगवान की एक मूर्ति का भी उल्लेख किया है, जो पूरी तरह से सोने की बनी है। आगे रथ खिंचते छह घोड़े भी दिखाए गए हैं। मूर्ति को समुद्र के देवता के रूप में पूजा जाता था। स्वर्ग में भी इंसानी फितरत प्लेटो के बारे में कहा जाता है कि वे मानवीय स्वभाव के बहुत अच्छे जज थे। उन्होंने अटलांटिस को धरती का स्वर्ग तो करार दिया, लेकिन साथ ही वहाँ की नकारात्मक बातें भी लिखी हैं। प्लेटो ने एक स्थान पर बताया है कि अटलांटिस सभ्यता के राजाओं ने अपने साम्राज्य का विस्तार करने के लिए दूसरे राज्यों पर हमले किए। उन्होंने बड़ी संख्या में नरसंहार कर दूसरे इलाकों पर कब्जा किया। वे केवल एथेंस से पार नहीं पा सके थे भगवान की सजा: प्लेटो के मुताबिक, इस काम के लिए भगवान ने अटलांटिस वालों को सजा भी दी। यह सजा तुफान, बाढ़, भुकंप और ज्वालामुखी के रूप में होती थी। इन प्राकृतिक आपदाओं से अटलांटिस को समय-समय पर भारी नुकसान पहुँचा। ऐसा ही प्रलय एक दिन आया और समूची सभ्यता इतिहास बनकर रह गई। क्या सही था प्लेटो: प्लेटो की इस कहानी पर इतिहास के कई जानकारों ने सवालिया निशान उठाए हैं। उनका सवाल है कि प्लेटो की कही बात को किस आधार पर सच मान लिया जाए? श्रेणी:चित्र जोड़ें . '''क़ुरान''' का आवरण पृष्ठ क़ुरआन, क़ुरान या कोरआन (अरबी: القرآن, अल-क़ुर्'आन) इस्लाम की पवित्रतम किताब है और इसकी नींव है। मुसलमान मानते हैं कि इसे अल्लाह ने फ़रिश्ते जिब्रील द्वारा हज़रत मुहम्मद को सुनाया था। मुसलमान मानते हैं कि क़ुरआन ही अल्लाह की भेजी अन्तिम और सर्वोच्च किताब है। यह ग्रन्थ लगभग 1400 साल पहले अवतरण हुई है। इस्लाम की मान्यताओं के मुताबिक़ क़ुरआन अल्लाह के फ़रिश्ते जिब्रील (दूत) द्वारा हज़रत मुहम्मद को सन् 610 से सन् 632 में उनकी मौत तक ख़ुलासा किया गया था। हालांकि आरंभ में इसका प्रसार मौखिक रूप से हुआ पर पैग़म्बर मुहम्मद की मौत के बाद सन् 633 में इसे पहली बार लिखा गया था और सन् 653 में इसे मानकीकृत कर इसकी प्रतियाँ इस्लामी साम्राज्य में वितरित की गईं थी। मुसलमानों का मानना है कि ईश्वर द्वारा भेजे गए पवित्र संदेशों के सबसे आख़िरी संदेश क़ुरआन में लिखे गए हैं। इन संदेशों की शुरुआत आदम से हुई थी। हज़रत आदम इस्लामी (और यहूदी तथा ईसाई) मान्यताओं में सबसे पहला नबी (पैग़म्बर या पयम्बर) था और इसकी तुलना हिन्दू धर्म के मनु से एक हद तक की जा सकती है। जिस तरह से हिन्दू धर्म में मनु की संतानों को मानव कहा गया है वैसे ही इस्लाम में आदम की संतानों को आदमी कहा जाता है। तौहीद, धार्मिक आदेश, जन्नत, जहन्नम, सब्र, धर्म परायणता (तक्वा) के विषय ऐसे हैं जो बारम्बार दोहराए गए। क़ुरआन ने अपने समय में एक सीधे साधे, नेक व्यापारी इंसान को, जो अपने ‎परिवार में एक भरपूर जीवन गुज़ार रहा था। विश्व की दो महान शक्तियों ‎‎(रोमन तथा ईरानी) के समक्ष खड़ा कर दिया। केवल यही नहीं ‎उसने रेगिस्तान के अनपढ़ लोगों को ऐसा सभ्य बना दिया कि पूरे विश्व पर ‎इस सभ्यता की छाप से सैकड़ों वर्षों बाद भी इसके निशान पक्के मिलते हैं। ‎क़ुरआन ने युध्द, शांति, राज्य संचालन इबादत, परिवार के वे आदर्श प्रस्तुत ‎किए जिसका मानव समाज में आज प्रभाव है। मुसलमानों के अनुसार कुरआन में दिए गए ज्ञान से ये साबित होता है कि हज़रत मुहम्मद एक नबी है | .

अटलांटिस और क़ुरआन के बीच समानता

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अटलांटिस और क़ुरआन के बीच तुलना

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संदर्भ

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