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अखरोट (फल)

सूची अखरोट (फल)

कॉमन हेज़ल से हेज़लनट्स चेस्टनट एक अखरोट और एक अखरोट का बाहरी कोर सारगर्भित फल से हटा रहे हैं। अखरोट वास्तविक अखरोट नहीं हैं। एक नटक्रैकर से सख्त अखरोट काटते हैंशिमला संग्रहालय, हिमाचल प्रदेश, भारत से चित्र. अखरोट एक अस्‍फोटी बीज वाले पौधे का फल है जिसके छिलके सख्त होते हैं। हालांकि विविध सूखे बीजों और फलों को अंग्रेजी में नट्स कहते हैं, उनमें से बहुत कम संख्या को जीवविज्ञानियों के विचार से वास्तविक अखरोट माना जाता है। अखरोट मानव और वन्य जीवन दोनों के लिए पोषक तत्वों का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। अखरोट बीज और फल का यौगिक है, जहां फलों से बीज नहीं निकलते हैं। ज्यादातर बीज फलों से आते हैं और बीज फलों से मुक्त होते हैं, अखरोट के ठीक विपरीत जैसे कि पहाड़ी बादाम, हिकॉरी, शाहबलूत के फल और बंजुफल, फलों के छिलके सख्त होते हैं और यौगिक अंडाशय में से उत्पन्न होते हैं। इस शब्द का पाकशाला में प्रयोग सीमित है और भोजन निर्माण की प्रक्रिया में परिभाषित कुछ अखरोट जैविक अर्थ में अखरोट नहीं हैं, जैसे कि पिस्ता और ब्राजील अखरोट.

18 संबंधों: चीड़, पादप, पुष्प, फल, फली (लैग्यूम), बाँज, बादाम, बीज, मखाना, मूँगफली, सौन्दर्य प्रसाधन, जंक फूड, वनस्पति विज्ञान, वसीय अम्ल, ग्लाइसेमिक इंडेक्स, काजू, कैलिफ़ोर्निया, अखरोट

चीड़

चीड़ (अंग्रेजी:Pine), एक सपुष्पक किन्तु अनावृतबीजी पौधा है। यह पौधा सीधा पृथ्वी पर खड़ा रहता है। इसमें शाखाएँ तथा प्रशाखाएँ निकलकर शंक्वाकार शरीर की रचना करती हैं। इसकी ११५ प्रजातियाँ हैं। ये ३ से ८० मीटर तक लम्बे हो सकते हैं। चीड़ के वृक्ष पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में पाए जाते हैं। इनकी 90 जातियाँ उत्तर में वृक्ष रेखा से लेकर दक्षिण में शीतोष्ण कटिबंध तथा उष्ण कटिबंध के ठंडे पहाड़ों पर फैली हुई हैं। इनके विस्तार के मुख्य स्थान उत्तरी यूरोप, उत्तरी अमेरिका, उत्तरी अफ्रीका के शीतोष्ण भाग तथा एशिया में भारत, बर्मा, जावा, सुमात्रा, बोर्नियो और फिलीपींस द्वीपसमूह हैं। .

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पादप

पादप या उद्भिद (plant) जीवजगत का एक बड़ी श्रेणी है जिसके अधिकांश सदस्य प्रकाश संश्लेषण द्वारा शर्कराजातीय खाद्य बनाने में समर्थ होते हैं। ये गमनागम (locomotion) नहीं कर सकते। वृक्ष, फर्न (Fern), मॉस (mosses) आदि पादप हैं। हरा शैवाल (green algae) भी पादप है जबकि लाल/भूरे सीवीड (seaweeds), कवक (fungi) और जीवाणु (bacteria) पादप के अन्तर्गत नहीं आते। पादपों के सभी प्रजातियों की कुल संख्या की गणना करना कठिन है किन्तु प्रायः माना जाता है कि सन् २०१० में ३ लाख से अधिक प्रजाति के पादप ज्ञात हैं जिनमें से 2.7 लाख से अधिक बीज वाले पादप हैं। पादप जगत में विविध प्रकार के रंग बिरंगे पौधे हैं। कुछ एक को छोड़कर प्रायः सभी पौधे अपना भोजन स्वयं बना लेते हैं। इनके भोजन बनाने की क्रिया को प्रकाश-संश्लेषण कहते हैं। पादपों में सुकेन्द्रिक प्रकार की कोशिका पाई जाती है। पादप जगत इतना विविध है कि इसमें एक कोशिकीय शैवाल से लेकर विशाल बरगद के वृक्ष शामिल हैं। ध्यातव्य है कि जो जीव अपना भोजन खुद बनाते हैं वे पौधे होते हैं, यह जरूरी नहीं है कि उनकी जड़ें हों ही। इसी कारण कुछ बैक्टीरिया भी, जो कि अपना भोजन खुद बनाते हैं, पौधे की श्रेणी में आते हैं। पौधों को स्वपोषित या प्राथमिक उत्पादक भी कहा जाता है। 'पादपों में भी प्राण है' यह सबसे पहले जगदीश चन्द्र बसु ने कहा था। पादपों का वैज्ञानिक अध्ययन वनस्पति विज्ञान कहलाता है। .

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पुष्प

flower bouquet) पर चित्रकारी रेशम पर स्याही और रंग, १२ वीं शताब्दी की अंत-अंत में और १३ वीं शताब्दी के प्रारम्भ में. पुष्प, अथवा फूल, जनन संरचना है जो पौधों में पाए जाते हैं। ये (मेग्नोलियोफाईटा प्रकार के पौधों में पाए जाते हैं, जिसे एग्नियो शुक्राणु भी कहा जाता है। एक फूल की जैविक क्रिया यह है कि वह पुरूष शुक्राणु और मादा बीजाणु के संघ के लिए मध्यस्तता करे। प्रक्रिया परागन से शुरू होती है, जिसका अनुसरण गर्भधारण से होता है, जो की बीज के निर्माण और विखराव/ विसर्जन में ख़त्म होता है। बड़े पौधों के लिए, बीज अगली पुश्त के मूल रूप में सेवा करते हैं, जिनसे एक प्रकार की विशेष प्रजाति दुसरे भूभागों में विसर्जित होती हैं। एक पौधे पर फूलों के जमाव को पुष्पण (inflorescence) कहा जाता है। फूल-पौधों के प्रजनन अवयव के साथ-साथ, फूलों को इंसानों/मनुष्यों ने सराहा है और इस्तेमाल भी किया है, खासकर अपने माहोल को सजाने के लिए और खाद्य के स्रोत के रूप में भी। .

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फल

फल और सब्ज़ियाँ निषेचित, परिवर्तित एवं परिपक्व अंडाशय को फल कहते हैं। साधारणतः फल का निर्माण फूल के द्वारा होता है। फूल का स्त्री जननकोष अंडाशय निषेचन की प्रक्रिया द्वारा रूपान्तरित होकर फल का निर्माण करता है। कई पादप प्रजातियों में, फल के अंतर्गत पक्व अंडाशय के अतिरिक्त आसपास के ऊतक भी आते है। फल वह माध्यम है जिसके द्वारा पुष्पीय पादप अपने बीजों का प्रसार करते हैं, हालांकि सभी बीज फलों से नहीं आते। किसी एक परिभाषा द्वारा पादपों के फलों के बीच में पायी जाने वाली भारी विविधता की व्याख्या नहीं की जा सकती है। छद्मफल (झूठा फल, सहायक फल) जैसा शब्द, अंजीर जैसे फलों या उन पादप संरचनाओं के लिए प्रयुक्त होता है जो फल जैसे दिखते तो है पर मूलत: उनकी उत्पप्ति किसी पुष्प या पुष्पों से नहीं होती। कुछ अनावृतबीजी, जैसे कि यूउ के मांसल बीजचोल फल सदृश होते है जबकि कुछ जुनिपरों के मांसल शंकु बेरी जैसे दिखते है। फल शब्द गलत रूप से कई शंकुधारी वृक्षों के बीज-युक्त मादा शंकुओं के लिए भी होता है। .

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फली (लैग्यूम)

लैग्यूम (फली) एक प्रकार का पौधा या फल है जो फाबासीए (Fabaceae) या लैगुमिनोसे (Leguminosae) परिवार से संबंधित है। लैग्यूम का फल एक साधारण सा सूखा फल है जो एक कापेल पर विकसित होता है और सामान्यतः दो भागों में बँटा होता है। इस प्रकार के फलों के लिए एक अन्य नाम है "पॉड", लेकिन यह नाम अन्य प्रकार के फलों के लिए भी प्रयुक्त किया जाता है, जैसे वनिला। कुच्ह प्रसिद्ध लैग्यूम हैं, अल्फाल्फा, तिपतिया घास, मटर, बीन, मसूर, मेसकुईट, कॉरोब और मूँगफली। * श्रेणी:सब्ज़ी श्रेणी:फल आकृति-विज्ञान श्रेणी:बुनियादी भोजन.

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बाँज

बाँज का फल (चेस्टनट) बाँज या बलूत या शाहबलूत एक तरह का वृक्ष है जिसे अंग्रेज़ी में 'ओक' (Oak) कहा जाता है। इसकी लगभग ४०० प्रजातियाँ हैं। .

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बादाम

बादाम (अंग्रेज़ी:ऑल्मंड, वैज्ञानिक नाम: प्रूनुस डल्शिस, प्रूनुस अमाइग्डैलस) मध्य पूर्व का एक पेड़ होता है। यही नाम इस पेड़ के बीज या उसकी गिरि को भी दिया गया है। इसकी बड़े तौर पर खेती होती है। बादाम एक तरह का मेवा होता है। संस्कृत भाषा में इसे वाताद, वातवैरी आदि, हिन्दी, मराठी, गुजराती व बांग्ला में बादाम, फारसी में बदाम शोरी, बदाम तल्ख, अंग्रेजी में आलमंड और लैटिन में एमिग्ड्रेलस कम्युनीज कहते हैं। आयुर्वेद में इसको बुद्धि और नसों के लिये गुणकारी बताया गया है। भारत में यह कश्मीर का राज्य पेड़ माना जाता है। एक आउंस (२८ ग्राम) बादाम में १६० कैलोरी होती हैं, इसीलिये यह शरीर को उर्जा प्रदान करता है।|नीरोग लेकिन बहुत अधिक खाने पर मोटापा भी दे सकता है। इसमें निहित कुल कैलोरी का ¾ भाग वसा से मिलता है, शेष कार्बोहाईड्रेट और प्रोटीन से मिलता है। इसका ग्लाईसेमिक लोड शून्य होता है। इसमें कार्बोहाईड्रेट बहुत कम होता है। इस कारण से बादाम से बना केक या बिस्कुट, आदि मधुमेह के रोगी भी ले सकते हैं। बादाम में वसा तीन प्रकार की होती है: एकल असंतृप्त वसीय अम्ल और बहु असंतृप्त वसीय अम्ल। यह लाभदायक वसा होती है, जो शरीर में कोलेस्टेरोल को कम करता है और हृदय रोगों की आशंका भी कम करता है। इसके अलावा दूसरा प्रकार है ओमेगा – ३ वसीय अम्ल। ये भी स्वास्थवर्धक होता है। इसमें संतृप्त वसीय अम्ल बहुत कम और कोलेस्टेरोल नहीं होता है। फाईबर या आहारीय रेशा, यह पाचन में सहायक होता है और हृदय रोगों से बचने में भी सहायक रहता है, तथा पेट को अधिक देर तक भर कर रखता है। इस कारण कब्ज के रोगियों के लिये लाभदायक रहता है। बादाम में सोडियम नहीं होने से उच्च रक्तचाप रोगियों के लिये भी लाभदायक रहता है। इनके अलावा पोटैशियम, विटामिन ई, लौह, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फास्फोरस भी होते हैं।। हिन्दी मीडिया.इन। २५ सितंबर २००९। मीडिया डेस्क .

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बीज

विभिन्न पौधों के बीज बीज की परिभाषा बीज एक परिपक्व बीजाण्ड है,जो निषेचन के बाद क्रियाशिल होता है,बीज उचित परिस्थितिया जैसे जल,वायु,सूर्य प्रकास आदि मिलने पर क्रियाशिल होता है। .

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मखाना

तालाब, झील, दलदली क्षेत्र के शांत पानी में उगने वाला मखाना पोषक तत्वों से भरपुर एक जलीय उत्पाद है। मखाने के बीज को भूनकर इसका उपयोग मिठाई, नमकीन, खीर आदि बनाने में होता है। मखाने में 9.7% आसानी से पचनेवाला प्रोटीन, 76% कार्बोहाईड्रेट, 12.8% नमी, 0.1% वसा, 0.5% खनिज लवण, 0.9% फॉस्फोरस एवं प्रति १०० ग्राम 1.4 मिलीग्राम लौह पदार्थ मौजूद होता है। इसमें औषधीय गुण भी होता है।; उत्पादन: बिहार के दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल, सीतामढ़ी, पूर्णिया, कटिहार आदि जिलों में मखाना का सार्वाधिक उत्पादन होता है। मखाना के कुल उत्पादन का ८८% बिहार में होता है।;अनुसंधान: 28 फ़रवरी 2002 को दरभंगा के निकट बासुदेवपुर में राष्ट्रीय मखाना शोध केंद्र की स्थापना की गयी। दरभंगा में स्थित यह अनुसंधान केंद्र भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत कार्य करता है। दलदली क्षेत्र में उगनेवाला यह पोषक भोज्य उत्पाद के विकाश एवं अनुसंधान की प्रबल संभावनाएँ है। .

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मूँगफली

मूँगफली (peanut, या groundnut; वानस्पतिक नाम: Arachis hypogaea) एक प्रमुख तिलहन फसल है। मूँगफली वानस्पतिक प्रोटीन का एक सस्ता स्रोत हैं। इसमें प्रोटीन की मात्रा मांस की तुलना में १.३ गुना, अण्डों से २.५ गुना एवं फलों से ८ गुना अधिक होती है। मूँगफली वस्तुतः पोषक तत्त्वों की अप्रतिम खान है। प्रकृति ने भरपूर मात्रा में इसे विभिन्न पोषक तत्त्वों से सजाया-सँवारा है। 100 ग्राम कच्ची मूँगफली में 1 लीटर दूध के बराबर प्रोटीन होता है। मूँगफली में प्रोटीन की मात्रा 25 प्रतिशत से भी अधिक होती है, जब कि मांस, मछली और अंडों में उसका प्रतिशत 10 से अधिक नहीं। 250 ग्राम मूँगफली के मक्खन से 300 ग्राम पनीर, 2 लीटर दूध या 15 अंडों के बराबर ऊर्जा की प्राप्ति आसानी से की जा सकती है। मूँगफली पाचन शक्ति बढ़ाने में भी कारगर है। 250 ग्राम भूनी मूँगफली में जितनी मात्रा में खनिज और विटामिन पाए जाते हैं, वो 250 ग्राम मांस से भी प्राप्त नहीं हो सकता है। .

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सौन्दर्य प्रसाधन

कुछ सौन्दर्य प्रसाधन और लगाने के औजार स्त्री की रागालंकृत आँख का पास से लिया गया फोटो अंगराग या सौन्दर्य प्रसाधन या कॉस्मेटिक्स (Cosmetics) ऐसे पदार्थों को कहते हैं जो मानव शरीर के सौन्दर्य को बढ़ाने या सुगन्धित करने के काम आते हैं। शरीर के विभिन्न अंगों का सौंदर्य अथवा मोहकता बढ़ाने के लिए या उनको स्वच्छ रखने के लिए शरीर पर लगाई जाने वाली वस्तुओं को अंगराग (कॉस्मेटिक) कहते हैं, परंतु साबुन की गणना अंगरागों में नहीं की जाती। अंगराग प्राकृतिक या कृत्रिम दोनो प्रकार के होते हैं। वे विशेषतः त्वचा, केश, नाखून को सुन्दर और स्वस्थ बनाने के काम आते हैं। ये व्यक्ति के शरीर के गंध और सौन्दर्य की वृद्धि करने के लिये लगाये जाते है। शरीर के किसी अंग पर सौन्दर्य प्रसाध लगाने को 'मेक-अप' कहते हैं। इसे शरीर के सौन्दर्य निखारने के लिये लगाया जाता है। 'मेक-अप' की संस्कृति पश्चिमी देशों से आरम्भ होकर भारत सहित पूरे विश्व में फैल गयी है। 'मेक-अप' कई प्रक्रियाओं की एक शृंखला है जो चेहरे या सम्पूर्ण देह की छबि को बदलने का प्रयत्न करती है। यह किसी प्रकार की कमी को ढकने या छिपाने के साथ-साथ सुन्दरता को उभारने का काम भी करती है। .

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जंक फूड

चीटोज़ को भी जंक खाद्य श्रेणी में स्थान मिला है, क्योंकि ये औद्योगिक रसोई में ही निर्मित होते हैं व पैक किये जाते हैं लूथर बर्गर, बेकन चीज़ बर्गर में डोनट का प्रयोग होने पर भी उच्च शर्करा और वसा मात्रा होने से जंक खाद्य में रखा गया है जंक फूड आमतौर पर विश्व भर में चिप्स, कैंडी जैसे अल्पाहार को कहा जाता है। बर्गर, पिज्जा जैसे तले-भुने फास्ट फूड को भी जंक फूड की संज्ञा दी जाती है तो कुछ समुदाय जाइरो, तको, फिश और चिप्स जैसे शास्त्रीय भोजनों को जंक फूड मानते हैं। इस श्रेणी में क्या-क्या आता है, ये कई बार सामाजिक दर्जे पर भी निर्भर करता है। उच्चवर्ग के लिए जंक फूड की सूची काफी लंबी होती है तो मध्यम वर्ग कई खाद्य पदार्थो को इससे बाहर रखते हैं। कुछ हद तक यह सही भी है, खासकर शास्त्रीय भोजन के मामले में। सदियों से पारंपरिक विधि से तैयार होने वाले ये खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। संजय गांधी स्नातकोत्तर अनुसंधान संस्थान के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ॰ सुशील गुप्ता के अनुसार जंक फूड आने से पिछले दस सालों में मोटापे से ग्रस्त रोगियों की संख्या काफी बढ़ी है। इनमें केवल बच्चे ही नहीं बल्कि युवा वर्ग भी शामिल है।। जोश १८।।१९ मार्च,२००८। इंडो-एशियन न्यूज सर्विस। अनुपमा त्रिपाठी। इसी संस्थान के गैस्ट्रोएंट्रोलाजी विभाग के प्रोफेसर जी.

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वनस्पति विज्ञान

बटरवर्थ का पुष्प जीव जंतुओं या किसी भी जीवित वस्तु के अध्ययन को जीवविज्ञान या बायोलोजी (Biology) कहते हैं। इस विज्ञान की मुख्यतः दो शाखाएँ हैं: (1) प्राणिविज्ञान (Zoology), जिसमें जंतुओं का अध्ययन होता है और (2) वनस्पतिविज्ञान (Botany) या पादपविज्ञान (Plant Science), जिसमें पादपों का अध्ययन होता है। .

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वसीय अम्ल

वसीय अम्ल कार्बन परमाणुओं की लम्बी श्रृंखला द्वारा गठित कार्बनिक अम्ल हैं, जिनके एक सिरे पर कार्बोक्सिलिक मूलक (-COOH) होता है। यह संतृप्त तथा असंतृप्त दोनों ही प्रकार का होता है। जिस वसीय अम्ल के सभी बंध एकल होते हैं उसे संतृप्त तथा जिसमें एकल के अतिरिक्त द्विबंध या त्रिबंध होते हैं उसे असंतृप्त की श्रेणी में रखते हैं। श्रेणी:कार्बनिक यौगिक श्रेणी:जिन्स रसायन.

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ग्लाइसेमिक इंडेक्स

ग्लाइसेमिक सूचकांक, गलाइकेमिक सूचकांक, या जीआई रक्त शर्करा के स्तर पर कार्बोहाइड्रेट के प्रभाव की एक माप है। जो कार्बोहाइड्रेट पाचन के दौरान तेजी से टूटते हैं और रक्तधारा में ग्लुकोज को तेजी से छोड़ते हैं, उनमें उच्च जीआई होता है; जो कार्बोहाइड्रेट रक्त धारा में धीरे-धीरे ग्लुकोज छोड़ते हुए बहुत धीरे-धीरे टूटते हैं उनमें निम्न जीआई होता है। इस अवधारणा का विकास टोरंटो विश्वविद्यालय में डॉ॰ डैविड जे.

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काजू

काजू काजू का वृक्ष बीज सहित काजू का फल काजू का नया-नया फल वे क्षेत्र जहाँ काजू का उत्पादन होता है। काजू (द्विपद नामकरण: Anacardium occidentale / आनाकार्द्यूम् ओक्सीदेन्ताले) एक प्रकार का पेड़ है जिसका फल सूखे मेवे के लिए बहुत लोकप्रिय है। काजू का आयात निर्यात एक बड़ा व्यापार भी है। काजू से अनेक प्रकार की मिठाईयाँ और मदिरा भी बनाई जाती है। काजू का पेड़ तेजी से बढ़ने वाला उष्णकटिबंधीय पेड़ है जो काजू और काजू का बीज पैदा करता है। काजू की उत्पत्ति ब्राजील से हुई है। किन्तु आजकल इसकी खेती दुनिया के अधिकांश देशों में की जाती है। सामान्य तौर पर काजू का पेड़ 13 से 14 मीटर तक बढ़ता है। हालांकि काजू की बौनी कल्टीवर प्रजाति जो 6 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ता है, जल्दी तैयार होने और ज्यादा उपज देने की वजह से बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है। काजू का उपभोग कई तरह से किया जाता है। काजू के छिलके का इस्तेमाल पेंट से लेकर स्नेहक (लुब्रिकेंट्स) तक में होता है। एशियाई देशों में अधिकांश तटीय इलाके काजू उत्पादन के बड़े क्षेत्र हैं। काजू की व्यावसायिक खेती दिनों-दिन लगातार बढ़ती जा रही है क्योंकि काजू सभी अहम कार्यक्रमों या उत्सवों में अल्पाहार या नाश्ता का जरूरी हिस्सा बन गया है। विदेशी बाजारों में भी काजू की बहुत अच्छी मांग है। काजू बहुत तेजी से बढ़ने वाला पेड़ है और इसमे पौधारोपण के तीन साल बाद फूल आने लगते हैं और उसके दो महीने के भीतर पककर तैयार हो जाता है। बगीचे का बेहतर प्रबंधन और ज्यादा पैदावार देनेवाले प्रकार (कल्टीवर्स) का चयन व्यावसायिक उत्पादकों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। .

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कैलिफ़ोर्निया

कैलिफ़ोर्निया संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित एक राज्य है। यह अमेरिका का सबसे अधिक आबादी और क्षेत्रफल में अलास्का और टेक्सस के पश्चात तीसरा सबसे बड़ा राज्य हैं। कैलिफ़ोर्निया के उत्तर में औरिगन, और दक्षिण में मेक्सिको है। कैलिफ़ोर्निया की राजधानी सैक्रामेण्टो है। संयुक्त राज्य अमेरिका की अर्थव्यवस्था में यह राज्य 14 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है। अगर कैलिफ़ोर्निया एक स्वतंत्र देश होता तो दुनिया में उसका सकल घरेलू उत्पाद (जी॰ डी॰ पी॰) 6वां स्थान पर होता और जनसंख्या 35वें स्थान पर होती। अंग्रेज़ी राज्य की अधिकारिक भाषा है जो लगभग 57% प्रतिशत जनता मातृभाषा के रूप में बोलती है। स्पेनी 29% प्रतिशत, चीनी 2% और टागालोग भाषा 2% द्वारा बोली जाती है। लॉस एंजेलिस सबसे बड़ा शहर है। .

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अखरोट

अखरोट (अंग्रेजी: Walnut, वैज्ञानिक नाम: Juglans Regia) पतझड़ करने वाले बहुत सुन्दर और सुगन्धित पेड़ होते हैं। इसकी दो जातियां पाई जाती हैं। 'जंगली अखरोट' 100 से 200 फीट तक ऊंचे, अपने आप उगते हैं। इसके फल का छिलका मोटा होता है। 'कृषिजन्य अखरोट' 40 से 90 फुट तक ऊंचा होता है और इसके फलों का छिलका पतला होता है। इसे 'कागजी अखरोट' कहते हैं। इससे बन्दूकों के कुन्दे बनाये जाते हैं। अखरोट का फल एक प्रकार का सूखा मेवा है जो खाने के लिये उपयोग में लाया जाता है। अखरोट का बाह्य आवरण एकदम कठोर होता है और अंदर मानव मस्तिष्क के जैसे आकार वाली गिरी होती है। अखरोट (के वृक्ष) का वानस्पतिक नाम जग्लान्स निग्रा (Juglans Nigra) है। आधी मुट्ठी अखरोट में 392 कैलोरी ऊर्जा होती हैं, 9 ग्राम प्रोटीन होता है, 39 ग्राम वसा होती है और 8 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। इसमें विटामिन ई और बी6, कैल्शियम और मिनेरल भी पर्याप्तं मात्रा में होते है। .

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