अक्रम सिद्धान्त और गैस
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
अक्रम सिद्धान्त और गैस के बीच अंतर
अक्रम सिद्धान्त vs. गैस
अक्रम सिद्धान्त (Chaos theory/चेओस थिअरी), गणित की एक शाखा है जो उन गतिक निकायों पर अपाना ध्यान केन्द्रित करती है जिनका व्यवहार उनके आरम्भिक दशा (initial conditions) पर बहुत अधिक निर्भर करता है। वास्तव में ऐसे बहुत से निकाय हैं जिनमें अव्यवस्था ही अव्यवस्था दिखती है (व्यवहार में कोई पैटर्न नहीं दिखता) किन्तु वे रैण्डम निकाय नहीं होते बल्कि अत्यधिक अरैखिक अक्रमी निकाय होते हैं। अक्रम सिद्धान्त श्रेणी:अरैखिक निकाय. गैसों का कण मॉडल: गैसों के कणों के बीच की औसत दूरी अपेक्षाकृत अधिक होती है। गैस (Gas) पदार्थ की तीन अवस्थाओं में से एक अवस्था का नाम है (अन्य दो अवस्थाएँ हैं - ठोस तथा द्रव)। गैस अवस्था में पदार्थ का न तो निश्चित आकार होता है न नियत आयतन। ये जिस बर्तन में रखे जाते हैं उसी का आकार और पूरा आयतन ग्रहण कर लेते हैं। जीवधारियों के लिये दो गैसे मुख्य हैं, आक्सीजन गैस जिसके द्वारा जीवधारी जीवित रहता है, दूसरी जिसे जीवधारी अपने शरीर से छोड़ते हैं, उसका नाम कार्बन डाई आक्साइड है। इनके अलावा अन्य गैसों का भी बहु-प्रयोग होता है, जैसे खाना पकाने वाली रसोई गैस। पानी दो गैसों से मिलकर बनता है, आक्सीजन और हाइड्रोजन। .
अक्रम सिद्धान्त और गैस के बीच समानता
अक्रम सिद्धान्त और गैस आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
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अक्रम सिद्धान्त और गैस के बीच तुलना
अक्रम सिद्धान्त 1 संबंध नहीं है और गैस 21 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (1 + 21)।
संदर्भ
यह लेख अक्रम सिद्धान्त और गैस के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: