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अकिलीज़ और बाइज़ेंटाइन साम्राज्य

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अकिलीज़ और बाइज़ेंटाइन साम्राज्य के बीच अंतर

अकिलीज़ vs. बाइज़ेंटाइन साम्राज्य

अकिलीज़ एक महान यूनानी योद्धा था। यूनानी मानते थे कि उससे महान योद्धा आज तक पैदा नहीं हुआ। वो ट्रॉय के युद्ध का महानायक था और होमर के इलियाड का प्रमुख नायक था। वो उन योद्धाओं में सबसे सुन्दर था जिन्होने ट्रॉय के विरूद्ध युद्ध किया था। वह निम्फ़ थेटिस एवं पेलियस का बेटा था, जो मर्मिडोन्स का राजा था। ज़्यूस और पोसाइडन दोनों थेटिस से विवाह करना चाहते थे जब तक कि प्रोमिथस ने ज़्यूस को ये भविष्यवाणी नहीं बताई कि थेटिस का पुत्र अपने पिता से महान होगा। तब ज़्यूस और पोसाइडन ने थेटिस को पेलियस से विवाह करने दिया। एकिलियाड के अनुसार जब अकिलीज़ का जन्म हुआ तब थेटिस ने उसे स्टिक्स नदी में डुबोकर अमर बनाने का प्रयास किया। पर उसके शरीर का वह भाग जहां से थेटिस ने उसे पकड़ रखा था, उसकी एड़ी, अमर नहीं बन पाया। इसी प्रकार एक अन्य कथा मे यह विवरण उपलब्ध है कि उसने अपने पुत्र के शरीर पर एम्ब्रोसिआ, जो कि अमृत होता है, का लेप किया और पुत्र को आग के उपर रख दिया ताकि उसका शरीर अमर हो जाये, पर पेलियस ने उसे बीच मे ही रोक दिया, जिससे उसने गुस्से में आकर उसे छोड़ दिया। परिणाम यह रहा कि उसकी एड़ी अमर नहीं बन पाई। होमर के इलियाड में यह विवरण उपलब्ध है कि एक बार अकिलीज़ को पेलेगस के बेटे व पायोनियन के हीरो एस्टरोपीज ने युद्ध के लिए ललकारा। उसने अकिलीज़ पर एक साथ दो भाले फेकें, जिनमें से एक उसकी एड़ी पर लगा और वहाँ से खून निकलने लगा। इससे पता चलता है कि उसकी एड़ी को छोडकर उसके शरीर के अन्य सभी भाग अमर थे। च्हिरोन ने अकिलीज़ को शिक्षा दी। उसने उसे अस्त्र-शस्त्र चलाना सिखाया। अकिलीज़ की शिक्षा पेलियन नामक पर्वत पर हुई थी। राजकुमार पेरिस, जो कि ट्रॉय का राजकुमार था, एग्मेन्नोन के भाई की पत्नी को अपने साथ ट्रॉय भगा ले गया। इस कारण एग्मेन्नोन ने ५०,००० सिपाहियों के साथ ट्रॉय पर आक्रमण कर दिया। जब यूनानी ट्रोजन युद्ध के लिए चले, वे संयोगवश मिशिया मे रुके। उस जगह का राजा टेलेफस था। युद्ध में परिणामत: अकिलीज़ ने टेलेफस को एक घाव दिया जो कभी ठीक नहीं होता; तब टेलेफस ने एक ओरेकल से सलाह ली, जिसने कहा कि "उसने जो घाव दिया है वो ठीक हो जायेगा"। ओरेकल के कहे अनुसार वह आर्गोस आया, जहाँ अकिलीज़ ने इस शर्त पे कि वह उन्हे ट्रॉय का रास्ता दिखाएगा, उसका घाव ठीक कर दिया। इस युद्ध में अकिलीज़ ने ट्रॉय के महान योद्धा एवं युवराज हेक्टर का वध किया एवं ट्रॉय के हजारों सिपाहियों को मारा। हेक्टर को ट्रॉय ही नहीं वरन पूरे सन्सार में वीरता के लिये जाना जाता था। पर वह अकिलीज़ के सामने टिक न सका। हेक्टर के मरने के बाद भी यूनानियों का ट्रॉय में घुसना असम्भव था, इसलिए उन्होंने एक काठ का घोड़ा बनाया, जिसके अन्दर बैठ कर वे ट्रॉय में प्रवेश कर गए। वह काठ का घोड़ा इतिहास में काठ अश्व के नाम से प्रसिद्ध हुआ। ट्रोय के युद्ध में हारने के बाद पेरिस ने धोखे से विष बुझा बाण अकिलीज़ की एडी में मारकर उसका वध कर दिया। इस प्रकार वीरता के इस अध्याय का अन्त हुआ। श्रेणी:प्राचीन यूनान के योद्धा श्रेणी:यूनानी मिथक श्रेणी:ट्रॉय के युद्ध के योद्धा श्रेणी:चित्र जोड़ें. समय के साथ बाईज़न्टाइन साम्राज्य के क्षेत्र में परिवर्तन बाईज़न्टाइन साम्राज्य (या 'पूर्वी रोमन साम्राज्य') मध्य युग के दौरान रोमन साम्राज्य को दिया गया नाम था। इसकी राजधानी क़ुस्तुंतुनिया (कॉन्स्टैन्टिनोप्ल) थी, जोकि वर्तमान में तुर्की में स्थित है, और अब इसे इस्तांबुल के नाम से जाना जाता है। पश्चिमी रोमन साम्राज्य के विपरीत, इसके लोग यूनानी बोलते थे, नाकि लैटिन और यूनानी संस्कृति और पहचान का प्रभुत्व था। यह साम्राज्य लगभग ३२४ ई से १४५३ ई तक (एक हजार वर्षों से अधिक) अस्तित्व में रहा। 'बाइजेंटाइन साम्राज्य' या 'बाइजेंटियम' का इस्तेमाल १९वीं सदी से मध्यकाल के ग्रीक भाषा बोलने वाले रोमन साम्राज्य के लिए किया जाता था जो की वहां की राजधानी क़ुस्तुंतुनिया के आसपास बसा था। इस साम्राज्य को पूर्वी रोमन साम्राज्य के नाम से भी जाना जाता था। इस राज्य के रहने वालों के लिए ये सिर्फ रोमन साम्राज्य के नाम से जान जाता था और यहाँ से शासकों ने रोमन शाशकों पर बहुत कब्ज़े किये। इस्लाम की दुनिया में ये 'रोमानिया' के नाम से जाना जाता था। राज्य की शुरुआत के बारे में कुछ भी निश्चित जानकारी नहीं है। बहुत लोग सम्राट कोन्स्तान्तिन प्रथम (306–337 ई.) को पहला बीजान्टिन शासक मानते हैं। जिन्होंने 330 ई. में अपनी राजधानी रोम से स्थानांतरित कर बिजिन्तिऊम नामक एक क़स्बे में कर दिया और इन्होंने इसका पुनर्निर्माण कराया और इसे कोंस्तान्तिनोपाल या फिर 'नया रोम' नाम दिया। कुछ लोग इस साम्राज्य की शुरुआत को थेओदोस्सिस (379–395) के राज्य की शुरुआत के वक्त को मानते हैं। साम्राज्य के गिरने की शुरुआत तब मानी जाती है जब ओट्टोमन तुर्कों ने कोंस्तान्तिनोपाल पर 1453 में कब्ज़ा कर लिया, पर ग्रीकों का राज साम्राज्य के दुसरे हिस्सों में कुछ और सालों तक चलता रहा जब तक मिस्त्रास 1460 में और ट्रेबिजोंद 1461 में गिर गए। .

अकिलीज़ और बाइज़ेंटाइन साम्राज्य के बीच समानता

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संदर्भ

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