हम Google Play स्टोर पर Unionpedia ऐप को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं
🌟हमने बेहतर नेविगेशन के लिए अपने डिज़ाइन को सरल बनाया!
Instagram Facebook X LinkedIn

अकादमिक स्वतंत्रता और प्रोफ़ेसर

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अकादमिक स्वतंत्रता और प्रोफ़ेसर के बीच अंतर

अकादमिक स्वतंत्रता vs. प्रोफ़ेसर

अकादमिक स्वतंत्रता (Academic freedom) यह सिद्धांत है कि बिना रोक-टोक के प्रशन उठाने की स्वतंत्रता और अध्यापकों, छात्रों व शोधकर्ताओं में अज़ादी से विचारों की अदला-बदली विश्व में विद्या बढ़ाने के लिए आवश्यक है और इस स्वतंत्रता के बिना विद्या खोजने और सिखाने की कोई भी उच्च स्तरीय संस्थान (जैसे कि विश्वविद्यालय) अपने विद्या-अर्जन के ध्येय में पूरी तरह सफल नहीं हो सकती। इसके अनुसार विद्वानों को शोध करने और अपने विचारों को सिखाने और बोलने की पूरी स्वतंत्रता होनी चाहिये और इसके लिये उन्हें किसी सज़ा, नौकरी-खोने या अन्य दण्ड से सुरक्षित रखना चाहिये। . अधिक विकल्पों के लिए यहां जाएं - प्रोफ़ेसर (बहुविकल्पी) कॉलेज (महाविद्यालय) के वरिष्ट अध्यापक को सामान्य रूप से प्रोफ़ेसर कहते हैं। पर किसी महाविद्यालय के सभी आचार्य पदभार के रूप से प्रोफ़ेसर नही होते। इनमें से कुछ रीडर, कुछ लेक्चरर, कुछ एसोसिएट प्रोफ़ेसर तथा कुछ एसिस्टेंट प्रोफेसर होते है। भारत की शिक्षा प्रणाली के तहत उपरोक्त सभी पद वरीयता की दृष्टि से प्रोफ़ेसर से नीचे होते हैं। .

अकादमिक स्वतंत्रता और प्रोफ़ेसर के बीच समानता

अकादमिक स्वतंत्रता और प्रोफ़ेसर आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

अकादमिक स्वतंत्रता और प्रोफ़ेसर के बीच तुलना

अकादमिक स्वतंत्रता 2 संबंध है और प्रोफ़ेसर 3 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (2 + 3)।

संदर्भ

यह लेख अकादमिक स्वतंत्रता और प्रोफ़ेसर के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: