अंतरिक्ष अन्वेषण और शेह्ज़होउ कार्यक्रम
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
अंतरिक्ष अन्वेषण और शेह्ज़होउ कार्यक्रम के बीच अंतर
अंतरिक्ष अन्वेषण vs. शेह्ज़होउ कार्यक्रम
सैटर्न V रॉकेट जिसका उपयोग अमेरिकी चंग्रमा अभियानों पर किया जाता है अंतरिक्ष यात्रा या अंतरिक्ष अन्वेषण ब्रह्माण्ड की खोज और उसका अन्वेषण अंतरिक्ष की तकनीकों का उपयोग करके करने को कहते हैं। अंतरिक्ष का शारीरिक तौर पर अन्वेषण मानवीय अंतरिक्ष उड़ानों व रोबोटिक अंतरिक्ष यानो द्वारा किया जाता है। हालाँकि खगोलविज्ञान के ज़रिए हम अंतरिक्ष में मौजूद वस्तुओं का निरिक्षण मानव इतिहास में लंबे समय से करते आ रहे हैं परन्तु २०वि सदी की शुरुआत में बड़े व कारगर रॉकेटों के कारण हमने अंतरिक्ष अन्वेषण को एक सत्य बना दिया है। अंतरिक्ष अन्वेषण में आधुकिन वैज्ञानिक अनुसन्धान, कई राष्ट्रों को एक जुट करना, मानवता का भविष्य में जीवित रहना पक्का करना और अन्य देशों के खिलाफ़ सैन्य व सैन्य तकनीकों का विकास करना शामिल है। कई बार अंतरिक्ष अन्वेषण पर अलग-अलग तरह से टिका की गई है। अंतरिक्ष अन्वेषण का उपयोग शीत युद्ध जैसे कालों में अपना कौशल व वर्चस्व सिद्ध करने के लिए अक्सर होता आया है। अंतरिक्ष अन्वेषण की शुरुआत सोवियत संघ और अमेरिका के बिच शुरू हुई "अंतरिक्ष होड़" से हुई जब सोवियत संघ ने ४ अक्टूबर १९५७ को मानव-निर्मित पहली वस्तु, स्पुतनिक 1 पृथ्वी की कक्षा में प्रक्षेपित किया था और इसके बाद अमेरिकी अपोलो ११ अंतरिक्ष यान को चंद्रमा पर २० जुलाई १९६९ को उतारा गया था। इन दोनों घटनाओं को अपने काल की बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जाता है। सोवित अंतरिक्ष कार्यक्रम ने कई शुरूआती उपलब्धियां हासिल की जिनमे १९५७ में पहले जीवित प्राणी को कक्षा में भेजना, १९६१ में पहली मानवीय अंतरिक्ष उड़ान (यूरी गगारिन वोस्तोक 1 में), १९६५ में पहला अंतरिक्ष में कदम (एलेक्सी लेओनोव द्वारा), १९६६ में किसी बाह्य अंतरिक्ष वस्तु पर पहली स्वयंचलित लैंडिंग और १९७१ में पहला अंतरिक्ष स्टेशन (सल्यूट 1) भेजना शामिल है। अन्वेषण व खोज के पहले २० वर्षों बाद एक-तरफा उड़ानों से ध्यान पुनः उपयोग में लाए जा सकने वाले स्रोतों की ओर मुड़ा जिनमे स्पेस शटल कार्यक्रम शामिल है और होड़ से मिलजुल कर काम करने पर केंद्रित हुआ जिसका परिणाम अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) है। २००० में पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना ने एक सफल मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके साथ ही युओपीय संघ, जापान और भारत ने भी भविष्य में मानवी अंतरिक्ष मिशनों की योजना बनाई है। चीन, रूस, जापान और भारत ने २१वि सदी में चंद्रमा पर मानव अभियानों की शुरुआत ककी है और युओपीय संघ ने चंद्रमा और मंगल, दोनों पर मानव अभियानों की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। १९९० के बाद से कई निजी कंपनियों ने अंतरिक्ष पर्यटन को बढ़ावा देना शुरू किया है और इसके बाद चंद्रमा का निजी अन्वेषण भी करने की मांग की है। श्रेणी:अंतरिक्ष. निए हिस्हेंग शेह्ज़होउ 6 के पुनः प्रवेश कैप्सूल से बाहर निकलते हुए शेह्ज़होउ कार्यक्रम (Shenzhou program) चीन द्वारा एक मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान की पहल है। इस कार्यक्रम के तहत पहले चीनी नागरिक यांग लिवेइ को 15 अक्टूबर 2003 को अंतरिक्ष में भेजा गया। इसका कार्यक्रम का विकास परियोजना 921-1 के नाम से 1992 में शुरू हुआ। पहली चार मानवरहित परीक्षण उड़ान 1999, 2001 और 2002 में हुई। और इसके बाद 2003 में पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान की गयी। यह लांग मार्च 2एफ प्रक्षेपण यान द्वारा जिउकुआन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से लांच किया गया था। .
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