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अंग्रेज़ी भाषा और अनुक्रमिक लॉजिक

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अंग्रेज़ी भाषा और अनुक्रमिक लॉजिक के बीच अंतर

अंग्रेज़ी भाषा vs. अनुक्रमिक लॉजिक

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। . आंकिक परिपथों के संदर्भ में उन लॉजिक परिपथों को अनुक्रमिक लॉजिक (sequential logic) कहते हैं जिनका आउटपुट केवल वर्तमान इनपुटों पर ही निर्भर नहीं करता बल्कि इनपुट की पूर्व स्थितियों पर भी निर्भर करता है। फ्लिप-फ्लॉप इसका सबसे सरल उदाहरण है। ध्यातव्य है कि कम्बिनेशनल लॉजिकों (combinational logic) का आउटपुट केवल उनके इनपुटों की वर्तमान स्थितियों से ही निर्धारित होता है न कि उनके इनपुट की पूर्व स्थितियों से। उपरोक्त बात को यों भी कह सकते हैं कि अनुक्रमिक लॉजिक में स्मृति (memory) का गुण पाया जाता है (क्योंकि आउटपुट पिछली बातों से भी प्रभावित है।) इसलिये अनुक्रमिक लॉजिक का उपयोग संगणक स्मृति बनाने, अन्य प्रकार के देरी (delay) करने वाले तथा भंडारण करने वाले अवयवों के निर्माण, तथा सीमित अवस्था मशीन (finite state machines) के निर्माण के लिये किया जाता है। व्यवहार में आने वाली अधिकांश आंकिक परिपथों में कम्बिनेशनल तथा सेक्वेंशियल लॉजिक का मिश्रण होता है (केवल एक ही प्रकार के परिपथ से काम नहीं चलता)। अनुक्रमिक लॉजिक परिपथों से दो तरह के सीमित अवस्था मशीन बनाये जा सकते हैं-.

अंग्रेज़ी भाषा और अनुक्रमिक लॉजिक के बीच समानता

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संदर्भ

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