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अंग प्रत्यारोपण और रक्त

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अंग प्रत्यारोपण और रक्त के बीच अंतर

अंग प्रत्यारोपण vs. रक्त

अंग प्रत्यारोपण से अभिप्राय किसी शरीर से एक स्वस्थ और कार्यशील अंग निकाल कर उसे किसी दूसरे शरीर के क्षतिग्रस्त या विफल अंग की जगह प्रत्यारोपित करने से है, (किसी रोगी के एक अंग को उसी रोगी के किसी दूसरे अंग में प्रत्यारोपित करना भी अंग प्रत्यारोपण की श्रेणी में आता है)। अंग दाता जीवित या मृत दोनो हो सकता है। जो अंग प्रत्यारोपित हो सकते हैं उनमे हृदय, गुर्दे, यकृत, फेफड़े, अग्न्याशय, शिश्न, आँखें और आंत शामिल हैं। ऊतक जो प्रत्यारोपित हो सकते हैं उनमे अस्थियाँ, कंडर (टेंडन), कॉर्निया, हृदय वाल्व, नसें, बाहु और त्वचा शामिल हैं। प्रत्यारोपण औषधि, आधुनिक चिकित्सा क्षेत्र के सबसे चुनौतीपूर्ण और जटिल क्षेत्रों में से एक है। चिकित्सा प्रबंधन क्षेत्र की कुछ सबसे बड़ी समस्याओं में किसी शरीर द्वारा प्रत्यारोपित अंग को अस्वीकार कर देना है- जहां शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र प्रत्यारोपित अंग के विरुद्ध प्रतिक्रिया कर उसे नकार देता है और इसके कारण प्रत्यारोपण विफल हो जाता है और अब इस प्रत्यारोपित अंग को उस शरीर में ही कार्यशील बनाए रखना प्रत्यारोपण औषधि के लिए एक बड़ी चुनौती होती है। यह एक बहुत ही समय संवेदनशील प्रक्रिया है। अधिकांश देशों में प्रत्यारोपण के लिए उपयुक्त अंगों की कमी है। अधिकांश देशों में अस्वीकृति के जोखिम को कम करने और आवंटन का प्रबंधन करने के लिए एक औपचारिक प्रणाली है। कुछ देश यूरोट्रांसप्लांट जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से जुड़े हैं ताकि दाता अंगों की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके। प्रत्यारोपण कुछ जैव नैतिक मुद्दे भी उठाता है जैसे मृत्यु की परिभाषा, कब और कैसे एक अंग के लिए सहमति दी जानी चाहिए और प्रत्यारोपण में प्रयुक्त अंग के लिए भुगतान करना आदि। श्रेणी:चिकित्सा पद्धति श्रेणी:चित्र जोड़ें. मानव शरीर में लहू का संचरण लाल - शुद्ध लहू नीला - अशु्द्ध लहू लहू या रक्त या खून एक शारीरिक तरल (द्रव) है जो लहू वाहिनियों के अन्दर विभिन्न अंगों में लगातार बहता रहता है। रक्त वाहिनियों में प्रवाहित होने वाला यह गाढ़ा, कुछ चिपचिपा, लाल रंग का द्रव्य, एक जीवित ऊतक है। यह प्लाज़मा और रक्त कणों से मिल कर बनता है। प्लाज़मा वह निर्जीव तरल माध्यम है जिसमें रक्त कण तैरते रहते हैं। प्लाज़मा के सहारे ही ये कण सारे शरीर में पहुंच पाते हैं और वह प्लाज़मा ही है जो आंतों से शोषित पोषक तत्वों को शरीर के विभिन्न भागों तक पहुंचाता है और पाचन क्रिया के बाद बने हानिकारक पदार्थों को उत्सर्जी अंगो तक ले जा कर उन्हें फिर साफ़ होने का मौका देता है। रक्तकण तीन प्रकार के होते हैं, लाल रक्त कणिका, श्वेत रक्त कणिका और प्लैटलैट्स। लाल रक्त कणिका श्वसन अंगों से आक्सीजन ले कर सारे शरीर में पहुंचाने का और कार्बन डाईआक्साईड को शरीर से श्वसन अंगों तक ले जाने का काम करता है। इनकी कमी से रक्ताल्पता (अनिमिया) का रोग हो जाता है। श्वैत रक्त कणिका हानीकारक तत्वों तथा बिमारी पैदा करने वाले जिवाणुओं से शरीर की रक्षा करते हैं। प्लेटलेट्स रक्त वाहिनियों की सुरक्षा तथा खून बनाने में सहायक होते हैं। मनुष्य-शरीर में करीब पाँच लिटर लहू विद्यमान रहता है। लाल रक्त कणिका की आयु कुछ दिनों से लेकर १२० दिनों तक की होती है। इसके बाद इसकी कोशिकाएं तिल्ली (Phagocytosis) में टूटती रहती हैं। परन्तु इसके साथ-साथ अस्थि मज्जा (बोन मैरो) में इसका उत्पादन भी होता रहता है (In 7 steps)। यह बनने और टूटने की क्रिया एक निश्चित अनुपात में होती रहती है, जिससे शरीर में खून की कमी नहीं हो पाती। मनुष्यों में लहू ही सबसे आसानी से प्रत्यारोपित किया जा सकता है। एटीजंस से लहू को विभिन्न वर्गों में बांटा गया है और रक्तदान करते समय इसी का ध्यान रखा जाता है। महत्वपूर्ण एटीजंस को दो भागों में बांटा गया है। पहला ए, बी, ओ तथा दुसरा आर-एच व एच-आर। जिन लोगों का रक्त जिस एटीजंस वाला होता है उसे उसी एटीजंस वाला रक्त देते हैं। जिन पर कोई एटीजंस नहीं होता उनका ग्रुप "ओ" कहलाता है। जिनके रक्त कण पर आर-एच एटीजंस पाया जाता है वे आर-एच पाजिटिव और जिनपर नहीं पाया जाता वे आर-एच नेगेटिव कहलाते हैं। ओ-वर्ग वाले व्यक्ति को सर्वदाता तथा एबी वाले को सर्वग्राही कहा जाता है। परन्तु एबी रक्त वाले को एबी रक्त ही दिया जाता है। जहां स्वस्थ व्यक्ति का रक्त किसी की जान बचा सकता है, वहीं रोगी, अस्वस्थ व्यक्ति का खून किसी के लिये जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसीलिए खून लेने-देने में बहुत सावधानी की आवश्यकता होती है। लहू का pH मान 7.4 होता है कार्य.

अंग प्रत्यारोपण और रक्त के बीच समानता

अंग प्रत्यारोपण और रक्त आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): ऊतक

ऊतक

ऊतक (tissue) किसी जीव के शरीर में कोशिकाओं के ऐसे समूह को कहते हैं जिनकी उत्पत्ति एक समान हो तथा वे एक विशेष कार्य करती हो। अधिकांशतः ऊतको का आकार एंव आकृति एक समान होती है। परंतु कभी कभी कुछ उतकों के आकार एंव आकृति में असमानता पाई जाती है, मगर उनकी उत्पत्ति एंव कार्य समान ही होते हैं। कोशिकाएँ मिलकर ऊतक का निर्माण करती हैं। ऊतक के अध्ययन को ऊतक विज्ञान (Histology) के रूप में जाना जाता है। .

अंग प्रत्यारोपण और ऊतक · ऊतक और रक्त · और देखें »

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अंग प्रत्यारोपण और रक्त के बीच तुलना

अंग प्रत्यारोपण 12 संबंध है और रक्त 14 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 3.85% है = 1 / (12 + 14)।

संदर्भ

यह लेख अंग प्रत्यारोपण और रक्त के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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