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अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी और अनुक्रमिक लॉजिक

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी और अनुक्रमिक लॉजिक के बीच अंतर

अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी vs. अनुक्रमिक लॉजिक

अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी या डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स इलेक्ट्रॉनिक्स की एक शाखा है जिसमें विद्युत संकेत अंकीय होते हैं। अंकीय संकेत बहुत तरह के हो सकते हैं किन्तु बाइनरी डिजिटल संकेत सबसे अधिक उपयोग में आते हैं। शून्य/एक, ऑन/ऑफ, हाँ/नहीं, लो/हाई आदि बाइनरी संकेतों के कुछ उदाहरण हैं। जबसे एकीकृत परिपथों (इन्टीग्रेटेड सर्किट) का प्रादुर्भाव हुआ है और एक छोटी सी चिप में लाखों करोंड़ों इलेक्ट्रॉनिक युक्तियाँ भरी जाने लगीं हैं तब से डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक बहुत महत्वपूर्ण हो गयी है। आधुनिक व्यक्तिगत कम्प्यूटर (पीसी) तथा सेल-फोन, डिजिटल कैमरा आदि डिजिटल इलेक्ट्रॉनिकी की देन हैं। लकडी की तख्ती पर हाथ से बुनी हुई एक द्विआधारी घड़ी एक औद्योगिक अंकीय नियंत्रक इनटेल 80486DX2 माइक्रोप्रोसेसर अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी, या सूक्ष्माड़विक आंकिक पद्धति ऐसी प्रणाली है जो विद्युत संकेतों को, रेखीय स्तर के एक निरंतर पट्टियों के बजाए एक अलग अलग पट्टियों की श्रृंखला के रूप में दर्शाती है। इस पट्टी के सभी स्तर संकेतों की एक ही अवस्था को दर्शाते हैं। संकेतो की इस पृथकता की वजह से निर्माण सहनशीलता के काऱण रेखीय संकेतो के स्तर में आये अपेक्षाकृत छोटे बदलाव अलग आवरण नहीं छोड़ते है। जिसके परिणाम स्वरुप संकेतो की अवस्था को महसूस करने वाला परिपथ इन्हे नजरअंदाज कर देता है। ज्यादातर मामलों में संकेतो की अवस्था की संख्या दो होती है और इन दो अवस्थाओं को दो वोल्टेज स्तरों द्वारा दर्शाया जाता है: प्रयोग में आपूर्ति वोल्टेज के आधार पर एक व दूसरा (आमतौर पर "जमीनी" या शून्य वोल्ट के रूप में कहा जाता है)| 1 उच्च स्तर पर होता है व 0 निम्न स्तर पर। अक्सर ये दोनों स्तर "लो" और "हाई" के रूप में प्रतिनिधित्व करते हैं। आंकिक तकनीक का मूल लाभ इस तथ्य पर आधारित है कि संकेतो की एक सतत श्रृंखला को पुनरुत्पादित करने के बजाए, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को संकेतो की ० या १ जैसे किसी ज्ञात अवस्था में भेजना ज्यादा आसान होता है। डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स आम तौर पर लॉजिक गेट्स के वृहद संयोजन व बूलियन तर्क प्रकार्य के सरल इलेक्ट्रोनिक्स से बनाया जाता है। . आंकिक परिपथों के संदर्भ में उन लॉजिक परिपथों को अनुक्रमिक लॉजिक (sequential logic) कहते हैं जिनका आउटपुट केवल वर्तमान इनपुटों पर ही निर्भर नहीं करता बल्कि इनपुट की पूर्व स्थितियों पर भी निर्भर करता है। फ्लिप-फ्लॉप इसका सबसे सरल उदाहरण है। ध्यातव्य है कि कम्बिनेशनल लॉजिकों (combinational logic) का आउटपुट केवल उनके इनपुटों की वर्तमान स्थितियों से ही निर्धारित होता है न कि उनके इनपुट की पूर्व स्थितियों से। उपरोक्त बात को यों भी कह सकते हैं कि अनुक्रमिक लॉजिक में स्मृति (memory) का गुण पाया जाता है (क्योंकि आउटपुट पिछली बातों से भी प्रभावित है।) इसलिये अनुक्रमिक लॉजिक का उपयोग संगणक स्मृति बनाने, अन्य प्रकार के देरी (delay) करने वाले तथा भंडारण करने वाले अवयवों के निर्माण, तथा सीमित अवस्था मशीन (finite state machines) के निर्माण के लिये किया जाता है। व्यवहार में आने वाली अधिकांश आंकिक परिपथों में कम्बिनेशनल तथा सेक्वेंशियल लॉजिक का मिश्रण होता है (केवल एक ही प्रकार के परिपथ से काम नहीं चलता)। अनुक्रमिक लॉजिक परिपथों से दो तरह के सीमित अवस्था मशीन बनाये जा सकते हैं-.

अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी और अनुक्रमिक लॉजिक के बीच समानता

अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी और अनुक्रमिक लॉजिक आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): फ्लिप-फ्लॉप

फ्लिप-फ्लॉप

एक आर-एस द्विमानित्र (फ्लिप-फ्लॉप) का परिपथ; यह परिपथ दो 'नॉर' द्वारों (गेटों) को जोड़कर बनाया गया है। लाल का अर्थ तर्कसंगत (लॉजिकल) '''1''' है और काला का अर्थ तर्कसंगत '''0''' एलेक्ट्रॉनिकी में द्विमानित्र (फ्लिप-फ्लॉप) एक अंकीय (डिजिटल) परिपथ है जिसका निर्गम (आउटपुट) दो स्थाई अवस्थाओं में में से किसी एक में बना रहता है (जब तक उसे बदलने के लिये निवेश (इनपुट) में कुछ न किया जाय)। इसे 'लैच' (latch) भी कहते हैं। इस परिपथ एक या अधिक निवेश होते हैं जिन पर संकेत का उचित परिवर्तन करके निर्गम के अवस्‍था (स्टेट) को बदला जा सकता है। इसके एक एक या दो निर्गम होते हैं। द्विमानित्र कई प्रकार के होते हैं और आंकिक एलेक्ट्रॉनिकी की मूलभूत निर्माण-ईकाई हैं। ये आंकड़ा भंडारण के अवयव (अर्थात 'मेमोरी') तैयार करने के लिये प्रयुक्त होते हैं। ये 'अनुक्रमिक तर्क' की श्रेणी में आते हैं। इनका उपयोग स्‍पंदों (पल्सों) को गिनने (काउन्टर) के लिये तथा अलग-अलग समय पर पहुंचने वाले निवेश संकेतों को समकालिक बनाने (synchronizing) के लिये किया जाता है। .

अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी और फ्लिप-फ्लॉप · अनुक्रमिक लॉजिक और फ्लिप-फ्लॉप · और देखें »

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अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी और अनुक्रमिक लॉजिक के बीच तुलना

अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी 22 संबंध है और अनुक्रमिक लॉजिक 4 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 3.85% है = 1 / (22 + 4)।

संदर्भ

यह लेख अंकीय इलेक्ट्रॉनिकी और अनुक्रमिक लॉजिक के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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