हम Google Play स्टोर पर Unionpedia ऐप को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं
🌟हमने बेहतर नेविगेशन के लिए अपने डिज़ाइन को सरल बनाया!
Instagram Facebook X LinkedIn

604 और पोप ग्रीगरी प्रथम

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

604 और पोप ग्रीगरी प्रथम के बीच अंतर

604 vs. पोप ग्रीगरी प्रथम

604 ग्रेगोरी कैलंडर का एक अधिवर्ष है। . पोप ग्रीगरी प्रथम (Pope Gregory I) (540-604)। पोप ग्रीगरी को ईसाई धर्म का सर्वोपरि नेता चुने जाने के पहले रोमन सिनेटर का सम्मान प्राप्त था। राजनीति के क्षेत्र में रहते हुए भी इन्होंने अवश्य ही यश और ख्याति अर्जित की होती लेकिन इन्होंने राजनीति को छोड़कर धर्म के क्षेत्र में आना श्रेयस्कर समझा। सन्‌ 590 में ये पोप चुने गए। ईसाई धर्म के व्यापक प्रचार में पोप ग्रीगरी ने महत्वपूर्ण योग दिया। इंग्लैंड से रोमन जाति के हट जाने के बाद वहाँ ईसाई धर्म का लोप होने लगा था। नई अंग्रेज जाति (Angles) जर्मनी से आकर बसने लगी थी जो कई देवी देवताओं की पूजा करती थी। इसने आते ही इंग्लैंड के ईसाई धर्म को नष्ट कर दिया। कहते हैं, एक बार पोप ग्रीगरी ने कुछ अंग्रेज बालकों का रोम के बाजार में दास के रूप में बिकते देखा। इन बालकों की सुंदरता से ये अत्यधिक प्रभावित हुए और निश्चय किया कि ब्रिटिश द्वीप में जहाँ रोमन काल में ईसाई धर्म को लोगों ने स्वीकार कर लिया था, फिर से इस धर्म का प्रचार किया जाय। धर्मप्रचार के उद्देश्य से इन्होंने आगस्टाइन नाम के एक प्रसिद्ध पादरी को इंग्लैंड भेजा जिसने केंट के राजा एथलबर्ट के दरबार में जाकर ईसाई धर्म का प्रचार प्रारंभ कर दिया। एथलबर्ट ने फ्रांस की एक ईसाई राजकुमारी से शादी की थी, अत: उसने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया और आगस्टाइन का केंटरबरी में गिरजाघर बनाने की आज्ञा दे दी। इस प्रकार पोप ग्रीगरी के प्रयत्न के फलस्वरूप इंग्लैंड में ईसाई धर्म का फिर से प्रचार हुआ। पोप ग्रीगरी ने ईसाई धर्म के सर्वाच्च नेता के रूप में बड़े ऊँचे दर्जे की प्रशसनिक प्रतिभा का परिचय दिया। चाहे धर्म संबंधी, इन्होंने सबका प्रबंध बातें हों या चर्च की संपत्ति की व्यवस्था संबंधी, इन्होंने सबका प्रबंध पटुता से किया। छोटी से छोटी बातों की ओर भी इन्होंने व्यक्तिगत ध्यान दिया और पूरे ईसाई जगत्‌ की प्रशासनिक आवश्यकताओं से परिचित रहने की चेष्टा की। इनके पत्रों से इनकी व्यावहारिक बुद्धि और प्रशासनिक योग्यता का यथेष्ट आभास मिलता है। पोप ग्रीगरी ने धार्मिक ग्रंथों की समीक्षा तथा धर्म संबंधी बातों की वार्तालाप (Dialogues) के रूप में विवेचना भी की। लैटिन भाषा की इन रचनाओं में इन्होंने गूढ़ विषयों के निरूपण के लिये अधिकांशत: रूपक शैली का प्रयोग किया है। शब्द दो अर्थ रखते हैं; एक तो ऊपरी जो स्पष्ट होता है और दूसरा लाक्षणिक जिससे धर्म संबंधी गूढ़ विचार भी सरलता से समझ में आ जाते हैं। पोप ग्रीगरी ने ईसाई धर्म से पहले की कथाओं (Tales) की जगह ईसाई संतों की कहानियों का प्रचार करवाया। इन्होंने जो कुछ भी लिखा, धर्म के व्यापक प्रचार की भावना से लिखा। इनका ध्यान विचारों की स्पष्ट अभिव्यक्ति पर था, न कि शैली पर। लेकिन फिर भी इनकी भाषा में सौंदर्य और प्रभाव है। .

604 और पोप ग्रीगरी प्रथम के बीच समानता

604 और पोप ग्रीगरी प्रथम आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

604 और पोप ग्रीगरी प्रथम के बीच तुलना

604 2 संबंध है और पोप ग्रीगरी प्रथम 3 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (2 + 3)।

संदर्भ

यह लेख 604 और पोप ग्रीगरी प्रथम के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: