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2010 की बॉलीवुड फिल्में और हिन्दी सिनेमा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

2010 की बॉलीवुड फिल्में और हिन्दी सिनेमा के बीच अंतर

2010 की बॉलीवुड फिल्में vs. हिन्दी सिनेमा

यह पृष्ठ २०१० में निर्मित बॉलीवुड फ़िल्मों की एक सूची है। टिकट खिड़की पर 30 उच्चतम अर्जक फ़िल्मों की सूची में छः फ़िल्में शामिल हुई। इस वर्ष की उच्चतम 10 फ़िल्मों द्वारा अर्जित राशी थी, जो 2009 में आर्जित राशी से तुलना करने पर इसमें प्रतिशत वृद्धि 11.71% हुई। 2010 में पहली बार यह आँकड़ा पार हुआ केवल उच्चतम अर्जक 10 फ़िल्में के अंक को पार कर गई। यह बॉलीवुड के इतिहास में पहली बार था कि दो फ़िल्में दबंग और गोलमाल 3 ने से अधिक धन अर्जित किया। निम्नलिखित 10 फ़िल्में बॉलीवुड की 2010 की सर्वश्रेष्ठ अर्जक फ़िल्में हैं। . हिन्दी सिनेमा, जिसे बॉलीवुड के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दी भाषा में फ़िल्म बनाने का उद्योग है। बॉलीवुड नाम अंग्रेज़ी सिनेमा उद्योग हॉलिवुड के तर्ज़ पर रखा गया है। हिन्दी फ़िल्म उद्योग मुख्यतः मुम्बई शहर में बसा है। ये फ़िल्में हिन्दुस्तान, पाकिस्तान और दुनिया के कई देशों के लोगों के दिलों की धड़कन हैं। हर फ़िल्म में कई संगीतमय गाने होते हैं। इन फ़िल्मों में हिन्दी की "हिन्दुस्तानी" शैली का चलन है। हिन्दी और उर्दू (खड़ीबोली) के साथ साथ अवधी, बम्बईया हिन्दी, भोजपुरी, राजस्थानी जैसी बोलियाँ भी संवाद और गानों में उपयुक्त होते हैं। प्यार, देशभक्ति, परिवार, अपराध, भय, इत्यादि मुख्य विषय होते हैं। ज़्यादातर गाने उर्दू शायरी पर आधारित होते हैं।भारत में सबसे बड़ी फिल्म निर्माताओं में से एक, शुद्ध बॉक्स ऑफिस राजस्व का 43% का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि तमिल और तेलुगू सिनेमा 36% का प्रतिनिधित्व करते हैं,क्षेत्रीय सिनेमा के बाकी 2014 के रूप में 21% का गठन है। बॉलीवुड भी दुनिया में फिल्म निर्माण के सबसे बड़े केंद्रों में से एक है। बॉलीवुड कार्यरत लोगों की संख्या और निर्मित फिल्मों की संख्या के मामले में दुनिया में सबसे बड़ी फिल्म उद्योगों में से एक है।Matusitz, जे, और पायानो, पी के अनुसार, वर्ष 2011 में 3.5 अरब से अधिक टिकट ग्लोब जो तुलना में हॉलीवुड 900,000 से अधिक टिकट है भर में बेच दिया गया था। बॉलीवुड 1969 में भारतीय सिनेमा में निर्मित फिल्मों की कुल के बाहर 2014 में 252 फिल्मों का निर्माण। .

2010 की बॉलीवुड फिल्में और हिन्दी सिनेमा के बीच समानता

2010 की बॉलीवुड फिल्में और हिन्दी सिनेमा आम में 43 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): ऐश्वर्या राय बच्चन, तनुश्री दत्ता, नसीरुद्दीन शाह, नाना पाटेकर, प्रियंका चोपड़ा, प्रकाश झा, पूजा भट्ट, बिपाशा बसु, बॉबी देओल, मनीषा कोइराला, मल्लिका शेरावत, मिथुन चक्रवर्ती, मौसमी चटर्जी, राजेश खन्ना, रेखा, शाहरुख़ ख़ान, श्याम बेनेगल, सनी देओल, सलमान ख़ान, संजय दत्त, संजय लीला भंसाली, सुनील शेट्टी, सोनम कपूर, हिन्दी सिनेमा, हिमेश रेशमिया, हेमा मालिनी, जॉन अब्राहम, गोविन्दा, ओम पुरी, करण जौहर, ..., करीना कपूर, काजोल देवगन, कैटरीना कैफ़, अनिल कपूर, अनुपम खेर, अभिषेक बच्चन, अमिताभ बच्चन, अर्जुन रामपाल, अजय देवगन, अक्षय खन्ना, अक्षय कुमार, ऋतिक रोशन, ऋषि कपूर सूचकांक विस्तार (13 अधिक) »

ऐश्वर्या राय बच्चन

ऐश्वर्या राय बच्चन (जन्म: 1 नवम्बर 1973) ऐश के नाम से भी मशहूर, भारतीय सिनेमा की एक प्रमुख अभिनेत्री हैं। १९९४ में मिस इंडिया प्रतियोगिता की उपविजेता रहने के बाद उसी साल उन्होंने विश्व सुन्दरी प्रतियोगिता जीती थी। ऐश्वर्या राय ने हिन्दी के अलावा तेलगू, तमिल, बंगाली और अंग्रेजी फिल्मो में भी काम किया है। .

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तनुश्री दत्ता

तनुश्री दत्ता तनुश्री दत्ता (जन्म: 19 मार्च, 1984) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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नसीरुद्दीन शाह

नसीरुद्दीन शाह हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। नसीरुद्दीन शाह, जिन्हें हिंदी फ़िल्म उद्योग में अदाकारी का एक पैमाना कहा जाए तो शायद ही किसी को एतराज हो। नसीर की काबिलियत का सबसे बड़ा सुबूत है, सिनेमा की दोनों धाराओं में उनकी कामयाबी। नसीर का नाम अगर पैरेलल सिनेमा के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं की सूची में शामिल हुआ तो बॉलीवुड की मुख्य धारा या व्यापारिक फ़िल्मों में भी उन्होंने बड़ी कामयाबी हासिल की है। नसीर अपने शानदार अंदाज से मुख्य धारा के चहेते सितारे बन गए, ऐसा सितारा जिसने हर तरह के किरदार को बेहतरीन अभिनय से जिंदा कर दिया। ये सितार जब भी स्क्रीन पर आया देखने वाले के दिल पर उस किरदार की यादगार छाप छोड़ गया। उसकी कॉमेडी ने पब्लिक को खूब गुदगुदाया तो एक्शन में भी उसका अलग ही अंदाज नजर आया। मुख्य धारा सिनेमा में नसीरुद्दीन शाह के सफर की शुरुआत 1980 में आई फ़िल्म 'हम पांच' से हुई। फ़िल्म भले ही व्यापारिक थी, लेकिन इसमें नसीर के अभिनय की गहराई समानांतर सिनेमा वाली फ़िल्मों से कम नहीं थी। गुलामी को अपनी तकदीर मान चुके एक गांव में विद्रोह की आवाज बुलंद करते नौजवान के किरदार में नसीर ने जान फूंक दी। हालांकि फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर कामयाब नहीं रही और एक व्यापारिक एक्टर के तौर पर सफलता साबित करने के लिए नसीर को टिकट खिड़की पर भी बिकाऊ बनने की जरूरत थी। और उनके लिए ये काम किया 'जाने भी दो यारों' ने। बॉलीवुड की ऑल टाइम बेस्ट कॉमेडी फ़िल्मों में शुमार 'जाने भी दो यारों' में रवि वासवानी और नसीर की जोड़ी ने बेजोड़ कॉमिक टाइमिंग दिखाई और फ़िल्म बेहद कामयाब रही। लेकिन कमर्शियल सिनेमा में नसीर की सबसे बड़ी कामयाबी बनी 'मासूम'। बाप और बेटे के रिश्तों को उकेरती 'मासूम' में नसीर ने कमाल की अदाकारी से ना केवल खूब वाहवाही बटोरी बल्कि फ़िल्म भी सुपरहिट हुई और नसीर को एक स्टार का दर्जा मिल गया। नसीर के इस स्टार स्टेटस को और मजबूत किया 1986 में आई सुभाष घई की मल्टीस्टारर मेगाबजट फ़िल्म 'कर्मा' ने। फ़िल्म में नसीर के लिए अपनी छाप छोड़ना आसान नहीं था क्योंकि वहां अभिनय सम्राट "दिलीप कुमार भी थे। और उस दौर के नए नवेले सितारे जैकी श्रॉफ और अनिल कपूर भी थे। 1987 में गुलजार की 'इजाजत' नसीर के लिए कामयाबी का एक और जरिया बन कर आई। एक जज्बाती कहानी, बेहतरीन निर्देशन, शानदार अभिनय और यादगार संगीत। 'इजाजत' ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कामयाबी हासिल की और बतौर व्यापारिक एक्टर नसीर का रुतबा और बढ़ गया। 'त्रिदेव' जैसी सुपरहिट फ़िल्म देकर, 90 का दशक आते-आते नसीर ने व्यापारिक फ़िल्मों में भी अपनी अलग पहचान बना ली थी। 2003 में आई हॉलीवुड फ़िल्म 'द लीग ऑफ एक्सट्रा ऑर्डिनरी जेंटलमेन' में नसीरुद्दीन ने कैप्टन नीमो का किरदार निभाया तो दूसरी तरफ पाकिस्तानी फ़िल्म 'खुदा के लिए' में भी उन्होंने शानदार काम किया। देश से लेकर परदेस तक, नसीरुद्दीन शाह ने अपनी अदाकारी का लोहा सारी दुनिया में मनवाया है। लेकिन नसीर अपनी काबिलियत को खुशकिस्मती का नाम देते हैं। वो कहते हैं, 'मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि मुझे इतने मौके मिले, लेकिन मैं व्यापारिक फ़िल्मों से अभी संतुष्ट नहीं हूँ।' 2008 में आई 'अ वेडनेसडे' ने नसीर की कमाल की अदाकारी का एक और नजराना पेश किया तो 'इश्किया', 'राजनीति', 'सात खून माफ' और 'डर्टी पिक्चर' जैसी फ़िल्मों के जरिए नसीरुद्दीन ने बार-बार ये साबित किया कि एक सच्चे कलाकार को उम्र बांध नहीं सकती। हाल ही में रिलीज हुई फ़िल्म 'मैक्सिमम' में भी नसीर की जोरदार एक्टिंग ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया है। आज के नसीरुद्दीन शाह की बात करें तो शायद ही ऐसा कोई रोल है जो उनपर फिट नहीं बैठे। आखिर वो एक्टर ही ऐसे हैं कि हर रोल के मुताबिक खुद को ढाल लेते हैं। लेकिन एक समय था जब नसीर को दो रोल करने की इच्छा थी जो उस समय उन्हें नहीं मिले। लेकिन बाद 'मिर्जा गालिब', दूरदर्शन धारावाहिक में उन्हें दो रोल मिले जिसमें उन्होंने ग़ालिब का वास्तविक चित्र उभारने की कोशिश की। लेकिन आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि गालिब बनने की नसीर की तमन्ना उनके दिल में एक अधूरे ख्वाब की तरह अटकी हुई थी। 1988 में सीरियल बनाने से सालों पहले गुलजार साहब गालिब पर एक फ़िल्म बनाना चाहते थे और उस फ़िल्म में गालिब के तौर पर उनकी दिली इच्छा संजीव कुमार को लेने की थी। नसीर साहब ने इस बारे में बताते हुए कहा, 'मैंने गुलजार भाई को चिठ्ठी लिखी और अपनी फोटोग्राफ्स भेजी, मैंने लिखा कि ये क्या कर रहे हैं, इस फ़िल्म में आपको मुझे लेना चाहिए।' लेकिन संजीव कुमार को दिल का दौरा पड़ गया था और सेहत उनका साथ नहीं दे रही थी। फिर उसके बाद गुलजार साहब के दिल में उस रोल के लिए अमिताभ के नाम का खयाल आया। लेकिन वहां भी बात नहीं बनी और आखिरकार गालिब पर फ़िल्म बनाने का प्लान ही ठंडे बस्ते में पड़ गया। शायद उस वक्त गुलजार को भी नहीं मालूम होगा कि इस किरदार पर तो तकदीर ने किसी और का नाम लिख दिया है। कई साल बाद गुलजार साहब ने एक दिन नसीर को फोन लगाया। नसीर ने बताया, 'एक दिन मुझे गुलजार भाई का फोन आया कि सीरियल में काम करोगे। मैंने पूछा कौन सा सीरियल तो उन्होंने बताया गालिब पर है। मैंने बिना कुछ सोचे फौरन हां कह दिया।' साल 1982 में 'गांधी' के रिलीज होने के अट्ठारह साल बाद कमल हासन ने 'हे राम' बनाई, जिसने नसीर साहब की गांधी बनने की तमन्ना को भी पूरा कर दिया। सधी हुई अदाकरी और बेजोड़ अंदाज से उन्होंने ना केवल गांधी के किरदार में जान डाल दी। बेजोड़ एक्टिंग और गजब की क्षमता से हर तरह के किरदार निभाने वाले नसीर ने अपनी छाप नकारात्मक भूमिकाओं में भी छोड़ी। समानांतर सिनेमा का ये हीरो कमर्शियल फ़िल्मों में एक ख़तरनाक विलेन के तौर पर भी हमेशा याद किया जाता रहेगा। हिन्दी सिनेमा में विलेन का ये नया चेहरा था, खूंखार और अजीबोगरीब शक्ल वाला कोई गुंडा नहीं बल्कि सोफेस्टिकेटेड इंसान जिसके दिमाग में सिर्फ जहर ही जहर था। विलेन का ये किरदार जितना संजीदा था उससे भी ज्यादा संजीदगी से उसे निभाया था नसीरुद्दीन शाह ने। वैसे खलनायक के तौर पर उनकी एक दो फ़िल्में नहीं थीं। 'मोहरा' में उन्होंने दिखाया विलेन का वो चेहरा जो किसी के भी दिल में खौफ पैदा कर सकता है। अंधा होने का नाटक करने वाला एक शिकारी, लेकिन ये नसीर की असली पहचान नहीं थी। नसीर की असली पहचान समानांतर सिनेमा था। सिनेमा की वो धारा जिसमें एक स्टार के लिए कम और एक्टर के लिए गुंजाइश ज्यादा होती है। और ये बात किसी से छुपी नहीं कि नसीर एक एक्टर पहले और स्टार बाद में हैं। समानांतर सिनेमा के इस सितारे ने स्मिता पाटिल, शबाना आजमी, अमरीश पुरी और ओम पुरी जैसे माहिर कलाकारों के साथ मिलकर आर्ट फ़िल्मों को एक नई पहचान दी। 'निशान्त' जैसी सेंसेटिव फ़िल्म से अभिनय का सफर शुरू करने वाले नसीर ने 'आक्रोश', 'स्पर्श', 'मिर्च मसाला', 'भवनी भवाई', 'अर्धसत्य', 'मंडी' और 'चक्र' जैसी फ़िल्मों में अभिनय की नई मिसाल पेश कर दी। .

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नाना पाटेकर

विश्वनाथ "नाना" पाटेकर (जन्म: 1 जनवरी, 1951) हिन्दी एवं मराठी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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प्रियंका चोपड़ा

प्रियंका चोपड़ा (जन्म: १८ जुलाई, १९८२) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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प्रकाश झा

प्रकाश झा (जन्म: २७ फ़रवरी १९५२, चंपारण बिहार, भारत) एक हिन्दी फ़िल्मकार है। फ़िल्में: बन्दिश, मृत्युदंड, राजनीति, अपहरण, दामूल, गंगाजल, टर्निंग 30 आदि (सभी हिन्दी) एक भारतीय हिंदी फिल्म के निर्माता निर्देशक, चलचित्र के कथा लिखनेवाला, प्रकाश झा ऐसे फिल्मकार हैं, जो फिल्मों के माध्यम से सामाजिक-राजनीतिक बदलाव की उम्मीदें लेकर हर बार बॉक्स ऑफिस पर हाजिर होते हैं। उनके साहस और प्रयासों की इस मायने में प्रशंसा की जाना चाहिए कि सिनेमा की ताकत का वे सही इस्तेमाल करते हैं अपनी ‍पहली फिल्म ‘दामुल’ के जरिये गाँव की पंचायत, जमींदारी, स्वर्ण तथा दलित संघर्ष की नब्ज को उन्होंने छुआ है। इसके बाद सामाजिक सरोकार की फिल्में बनाईं। बाद में मृत्युदण्ड, गंगाजल, अपहरण और अब राजनीति (२०१० चलचित्र) लेकर मैदान में उतरे हैं। अपने बलबूते पर उन्होंने आम चुनाव में उम्मीदवार बनकर हिस्सा लिया है। ये बात और है कि वे हर बार हार गए। भ्रष्ट व्यवस्था तथा राजनीति की सड़ांध का वे अपने स्तर पर विरोध करते हैं। यही विरोध उनकी फिल्मों में जीता-जागता सामने आता है। मृत्युदंड से लेकर अपहरण तक उनकी फिल्मों को दर्शकों ने दिलचस्पी के साथ देखा और सराहा है। .

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पूजा भट्ट

पूजा भट्ट (जन्म: 24 फरवरी, 1972) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। वह अपने पिता महेश भट्ट की तरह एक निर्देशक भी हैं। .

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बिपाशा बसु

बिपाशा बसु (जन्म: ७ जनवरी, १९७९) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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बॉबी देओल

बॉबी देओल बॉबी देओल (जन्म: 27 जनवरी, 1967) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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मनीषा कोइराला

मनीषा कोइराला (जन्म: 16 अगस्त, 1970) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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मल्लिका शेरावत

मल्लिका शेरावत भारतीय सिनेमा की प्रसिद्ध हीरोईन और एक मॉडल है। रोहतक में प्रारंभिक पढ़ाई करने के बाद उसने मिरांडा हाउस, दिल्ली विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में डिग्री प्राप्त की। वह भारत की पहली अभिनेत्री है जिसने जैकी चैन के साथ काम किया है। उसने फिल्मों में अपना नाम रीमा की जगह मल्लिका रखा, ऐसा उसने रीमा नाम की अन्य अभिनेत्रियों से नाम की समानता के कारण होने वाले कनफ्यूजन को दूर करने के लिए किया। मल्लिका का अर्थ रानी होता है और वह चाहती भी है कि लोग उसे इसी नाम से पुकारें। शेरावत उनकी माँ का सरनेम है। इन्होने अपनी अच्छी शुरुआत जीना सिर्फ़ मेरे लिये से की। मगर फिल्म मर्डर से इन्हे अलग पहचान मिली। जुन 2007 में हॉगकाँग की एक प्रसिद्ध मैगजीन ने उसे एशिया के सबसे खूबसूरत 100 लोगों की सूची में स्थान दिया। .

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मिथुन चक्रवर्ती

मिथुन चक्रवर्ती (মিঠুন চক্রবর্তী) (बचपन का नाम गौरांग चक्रवर्ती) का जन्म जून 16, 1952 को हुआ। ये भारत के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त कर चुके एक किवदंती फिल्म अभिनेता, सामाजिक कार्यकर्ता, उद्यमी और राज्यसभा के सांसद हैं। मिथुन ने अपने अभिनय की शुरुआत कला फिल्म मृगया (1976) से की, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए पहला राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त हुआ। 1980 के दशक के अपने सुनहरे दौर में एक डांसिंग स्टार के रूप में उनके बहुत सारे प्रसंशक बने और खुद को उन्होंने भारत के सबसे लोकप्रिय प्रमुख अभिनेता के रूप में स्थापित किया, विशेष रूप से 1982 में बहुत बड़ी हिट फिल्म डिस्को डांसर में स्ट्रीट डांसर जिमी की भूमिका ने उन्हें लोकप्रिय बनाया। कुल मिलाकर बॉलीवुड की 350 से अधिक फिल्मों में अभिनय के अलावा उन्होंने बांग्ला, उड़िया और भोजपुरी में भी बहुत सारी फिल्में की। मिथुन मोनार्क ग्रुप के मालिक भी हैं जो होस्पिटालिटी सेक्टर में कार्यरत है। .

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मौसमी चटर्जी

मौसमी चटर्जी एक हिन्दी फिल्म अभिनेत्री हैं। .

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राजेश खन्ना

राजेश खन्ना (जन्म: 29 दिसम्बर 1942 - मृत्यु: 18 जुलाई 2012) एक भारतीय बॉलीवुड अभिनेता, निर्देशक व निर्माता थे। उन्होंने कई हिन्दी फ़िल्में बनायीं और राजनीति में भी प्रवेश किया। वे नई दिल्ली लोक सभा सीट से पाँच वर्ष 1991-96 तक कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे। बाद में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया। उन्होंने कुल 180 फ़िल्मों और 163 फीचर फ़िल्मों में काम किया, 128 फ़िल्मों में मुख्य भूमिका निभायी, 22 में दोहरी भूमिका के अतिरिक्त 17 छोटी फ़िल्मों में भी काम किया। व तीन साल 1969-71 के अंदर १५ solo हिट फ़िल्मों में अभिनय करके बॉलीवुड का सुपरस्टार कहे जाने लगे। उन्हें फ़िल्मों में सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिये तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार मिला और १४ बार मनोनीत किया गया। बंगाल फ़िल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा हिन्दी फ़िल्मों के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी अधिकतम चार बार उनके ही नाम रहा और २५ बार मनोनीत किया गया। 2005 में उन्हें फ़िल्मफेयर का लाइफटाइम अचीवमेण्ट अवार्ड दिया गया। राजेश खन्ना हिन्दी सिनेमा के पहले सुपर स्टार थे। 1966 में उन्होंने आखिरी खत नामक फ़िल्म से अपने अभिनय की शुरुआत की। राज़, बहारों के सपने, आखिरी खत - उनकी लगातार तीन कामयाब फ़िल्में रहीं और बहारों के सपने पूर्णतः असफल हुई। उन्होंने 1966-1991 में 74 स्वर्ण जयंती फ़िल्में की। (golden jubilee hits)। उन्होंने 1966-1991 में 22 रजत जयंती फ़िल्में किया। उन्होंने 1966-1996 में 9 सामान्य हित्त फ़िल्म किया। उन्होंने 1966-2013 में 163 फ़िल्म किया और 105 हिट रहे। .

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रेखा

भानुरेखा गणेशन उर्फ़ रेखा (जन्म: 10 अक्टूबर, 1954) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। प्रतिभाशाली रेखा को हिन्दी फ़िल्मों की सबसे अच्छी अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है। वैसे तो रेखा ने अपने फ़िल्मी जीवन की शुरुआत बतौर एक बाल कलाकार तेलुगु फ़िल्म रंगुला रत्नम से कर दी थी, लेकिन हिन्दी सिनेमा में उनकी प्रविष्टि १९७० की फ़िल्म सावन भादों से हुई। 2010 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। .

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शाहरुख़ ख़ान

शाहरुख़ ख़ान (उच्चारण; जन्म 2 नवम्बर 1965), जिन्हें अक्सर शाहरुख खान के रूप में श्रेय दिया जाता है और अनौपचारिक रूप में एसआरके नाम से सन्दर्भित किया जाता, एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता है। अक्सर मीडिया में इन्हें "बॉलीवुड का बादशाह", "किंग खान", "रोमांस किंग" और किंग ऑफ़ बॉलीवुड नामों से पुकारा जाता है। खान ने रोमैंटिक नाटकों से लेकर ऐक्शन थ्रिलर जैसी शैलियों में 75 हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय किया है। फिल्म उद्योग में उनके योगदान के लिये उन्होंने तीस नामांकनों में से चौदह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीते हैं। वे और दिलीप कुमार ही ऐसे दो अभिनेता हैं जिन्होंने साथ फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार आठ बार जीता है। 2005 में भारत सरकार ने उन्हें भारतीय सिनेमा के प्रति उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया। अर्थशास्त्र में उपाधी ग्रहण करने के बाद इन्होने अपने करियर की शुरुआत १९८० में रंगमंचों व कई टेलिविज़न धारावाहिकों से की और १९९२ में व्यापारिक दृष्टी से सफल फ़िल्म दीवाना से फ़िल्म क्षेत्र में कदम रखा। इस फ़िल्म के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर प्रथम अभिनय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके पश्च्यात उन्होंने कई फ़िल्मों में नकारात्मक भूमिकाएं अदा की जिनमे डर (१९९३), बाज़ीगर (१९९३) और अंजाम (१९९४) शामिल है। वे कई प्रकार की भूमिकाओं में दिखे व भिन्न-भिन्न प्रकार की फ़िल्मों में कार्य किया जिनमे रोमांस फ़िल्में, हास्य फ़िल्में, खेल फ़िल्में व ऐतिहासिक ड्रामा शामिल है। उनके द्वारा अभिनीत ग्यारह फ़िल्मों ने विश्वभर में १ बिलियन का व्यवसाय किया है। खान की कुछ फ़िल्में जैसे दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे (१९९५), कुछ कुछ होता है (१९९८), ''देवदास'' (२००२), ''चक दे! इंडिया'' (२००७), ओम शांति ओम (२००७), रब ने बना दी जोड़ी (२००८) और रा.वन (२०११) अबतक की सबसे बड़ी हीट फ़िल्मों में रही है और कभी खुशी कभी ग़म (२००१), कल हो ना हो (२००३), वीर ज़ारा (२००६)। वेल्थ रिसर्च फर्म वैल्थ एक्स के मुताबिक किंग खान पहले सबसे अमीर भारतीय अभिनेता बन गए हैं। फर्म ने अभिनेता की कुल संपत्ति 3660 करोड़ रूपए आंकी थी लेकिन अब 4000 करोङ बताई जाती है। .

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श्याम बेनेगल

श्याम बेनेगल (जन्म 14 दिसंबर, 1934) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध निर्देशक हैं। अंकुर, निशांत, मंथन और भूमिका जैसी फिल्मों के लिये चर्चित बेनेगल समानांतर सिनेमा के अग्रणी निर्देशकों में शुमार किये जाते हैं। श्याम को 1976 में पद्मश्री और 1961 में पद्मभूषण सम्मान दिये गये। 2007 में वे अपने योगदान के लिये भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाज़े गये। सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फीचर फिल्म के लिये राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पाँच बार जीतने वाले वे एकमात्र फिल्म निर्देशक हैं। श्याम बेनेगल को भारत सरकार द्वारा सन १९९१ में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये महाराष्ट्र से हैं। .

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सनी देओल

अजय सिंह देओल (जन्म: 19 अक्टूबर, 1956) हिन्दी फ़िल्मों के एक भारतीय अभिनेता हैं। वह बीते जमाने के मशहूर बॉलीवुड अभिनेता धर्मेन्द्र के पुत्र है। तथा इनकी माता का नाम प्रकाश कौर तथा हेमा मालिनी इनकी सौतेली मां है। सनी देओल के भाई का नाम बॉबी देओल है। .

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सलमान ख़ान

अब्दुल रशीद सलीम सलमान खान (سلمان خان. उच्चारण:, जन्म: २७ दिसम्बर १९६५) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता हैं, जो बॉलीवुड की फिल्मों में दिखाई देते हैं। इन्होंने सन १९८८ में अभिनय की दुनिया में अपनी पहली फिल्म बीवी हो तो ऐसी से शुरूआत की। सलमान को अपनी पहली बड़ी व्यावसायिक सफलता १९८९ में रिलीज़ हुई मैंने प्यार किया से मिली, जिसके लिए इन्हें फिल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ नवीन पुरूष अभिनेता पुरस्कार भी दिया गया। वे बॉलीवुड की कुछ सफल फिल्मों में स्टार कलाकार की भूमिका करते रहे, जैसे साजन (१९९१), हम आपके हैं कौन (१९९४) व बीवी नं. १ (१९९९) और ये ऐसी फिल्में थीं जिन्होंने उनके करियर में पाँच अलग सालों में सबसे अधिक कमाई की। १९९९ में खान ने १९९८ की फिल्म कुछ कुछ होता है में उनकी अतिथि-भूमिका के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार जीता और तब से इन्होंने कई आलोचनात्मक और व्यावसायिक फिल्मों में स्टार के रूप में सफलता प्राप्त की है, जिनमें हम दिल दे चुके सनम (१९९९), तेरे नाम (२००३), नो एन्ट्री (२००५) और पार्टनर (२००७) शामिल हैं। २०१७ में टाईगर जिंदा ने कमाई के मामले मे नया इतिहास बनाया इस तरह खान ने खुद को हिंदी सिनेमा के प्रमुख अभिनेताओं में सबसे महान अभिनेता की छवि बनाई। बाद में बनी फ़िल्में, वांटेड (२००९), दबंग (२०१०), रेड्डी (२०११) और बॉडीगार्ड (२०११) उनकी हिन्दी सिने जगत में सर्वाधिक कमाई वाली फ़िल्में रही। किक (२०१४ फिल्म) सलमान की पहली फिल्म है जो 200 करोड़ के क्लब में शामिल हुई है। किक सलमान की सातवीं फिल्म है जो 100 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस कर चुकी है। इससे पहले 6 फिल्में 100 करोड़ क्लब में शामिल हो चुकी हैं एक था टाइगर - 198 करोड़, दबंग-2 - 158 करोड़, बॉडीगार्ड - 142 करोड़, दबंग - 145 करोड़, Ready (2011 film) - 120 करोड़, जय हो (फ़िल्म) - 111 करोड़ है। (मुख्य सूचना सलमान खान एक भारतीय अभिनेता के साथ एक गायक भी है. जिन्होंने कई सुरीली आवाजो में गाने भी गाए हैं।) .

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संजय दत्त

संजय दत्त (जन्म २९ जुलाई १९५९) एक भारतीय अभिनेता और फ़िल्म निर्माता हैं जिन्हें हिन्दी सिनेमा में उनके काम के लिए जाना जाता है। वो थोड़े-बहुत राजनीति से भी जुड़े हुए हैं और १९९३ में हुए मुम्बई बम हमलों के मामले में कुख्यात भी हैं। दत्त प्रसिद्ध फ़िल्म कलाकार एवं राजनीतिज्ञ सुनील दत्त एवं अभिनेत्री नर्गिस के पुत्र हैं। उन्होंने हिन्दी फ़िल्मों में सन् १९८१ में काम करना आरम्भ किया। उसके बाद उन्होंने कई प्रसिद्ध हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय किया। उन्होंने फ़िल्मों में प्रेमी, हास्य जैसे अभिनय भी किये और अपराधी, ठग और पुलिस अधिकारी का अभिनय भी किया जिसके लिए अपने प्रशंसकों और फ़िल्म समालोचकों से अभूतपूर्व प्रशंसा प्राप्त की। दत्त को अप्रैल १९९३ में आतंकवादियों की सहायता करना, नौ मिमी पिस्टल को अवैध तरिके से अपने घर पर रखने और एके-छप्पन रायफल रखने के आरोप में आतंकवादी तथा विघटनकारी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (टाडा) के तहत गिरफ्तार किया गया। १८ माह जेल की सजा काटने के बाद, उन्हें अप्रैल १९९५ में जमानत मिल गई। जुलाई २००७ में उन्हें छः वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। भारत के सर्वोच्य न्यायालय ने २१ मार्च २०१३ के अपने एक निर्णय में उन्हें १९९३ के मुम्बई बम विस्फोट मामले में पाँच वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। .

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संजय लीला भंसाली

संजय लीला भंसाली (जन्मः २४ फ़रवरी १९६४) हिन्दी फिल्म उद्योग बॉलीवुड के एक निर्देशक हैं। वह भारतीय फिल्म और टेलिविज़न संस्थान के छात्र रह चुके हैं। 1942: ए लव स्टोरी फिल्म से उन्होने, अपनी मां को श्रद्धांजली देने के लिये, अपने नाम मे "लीला" लिखना शुरू किया। इन्होंने २०१८ में प्रदर्शित हुई पद्मावत का भी निर्देशन किया जिस पर बहुत विवाद हुआ था। .

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सुनील शेट्टी

सुनील शेट्टी (जन्म: 11 अगस्त, 1961) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं।i .

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सोनम कपूर

सोनम कपूर जिनका जन्म भारत में महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में 9 जून 1985 को हुआ था, भारतीय अभिनेत्री हैं जो बॉलीवुड की फिल्मों में दिखाई देती हैं। .

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हिन्दी सिनेमा

हिन्दी सिनेमा, जिसे बॉलीवुड के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दी भाषा में फ़िल्म बनाने का उद्योग है। बॉलीवुड नाम अंग्रेज़ी सिनेमा उद्योग हॉलिवुड के तर्ज़ पर रखा गया है। हिन्दी फ़िल्म उद्योग मुख्यतः मुम्बई शहर में बसा है। ये फ़िल्में हिन्दुस्तान, पाकिस्तान और दुनिया के कई देशों के लोगों के दिलों की धड़कन हैं। हर फ़िल्म में कई संगीतमय गाने होते हैं। इन फ़िल्मों में हिन्दी की "हिन्दुस्तानी" शैली का चलन है। हिन्दी और उर्दू (खड़ीबोली) के साथ साथ अवधी, बम्बईया हिन्दी, भोजपुरी, राजस्थानी जैसी बोलियाँ भी संवाद और गानों में उपयुक्त होते हैं। प्यार, देशभक्ति, परिवार, अपराध, भय, इत्यादि मुख्य विषय होते हैं। ज़्यादातर गाने उर्दू शायरी पर आधारित होते हैं।भारत में सबसे बड़ी फिल्म निर्माताओं में से एक, शुद्ध बॉक्स ऑफिस राजस्व का 43% का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि तमिल और तेलुगू सिनेमा 36% का प्रतिनिधित्व करते हैं,क्षेत्रीय सिनेमा के बाकी 2014 के रूप में 21% का गठन है। बॉलीवुड भी दुनिया में फिल्म निर्माण के सबसे बड़े केंद्रों में से एक है। बॉलीवुड कार्यरत लोगों की संख्या और निर्मित फिल्मों की संख्या के मामले में दुनिया में सबसे बड़ी फिल्म उद्योगों में से एक है।Matusitz, जे, और पायानो, पी के अनुसार, वर्ष 2011 में 3.5 अरब से अधिक टिकट ग्लोब जो तुलना में हॉलीवुड 900,000 से अधिक टिकट है भर में बेच दिया गया था। बॉलीवुड 1969 में भारतीय सिनेमा में निर्मित फिल्मों की कुल के बाहर 2014 में 252 फिल्मों का निर्माण। .

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हिमेश रेशमिया

हिमेश रेशमिया (जन्म: 23 जुलाई 1973) एक गायक, संगीतकार, गीतकार, अभिनेता तथा फिल्म निर्माता हैं, जो प्रमुखतः हिन्दी फ़िल्मों में कार्यरत हैं। वर्ष 1998 में आयी प्यार किया तो डरना क्या से बॉलीवुड फिल्मों में एक संगीतकार के रूप में पदार्पण करने वाले हिमेश ने अगले कुछ वर्षों में हेलो ब्रदर (1999), कुरुक्षेत्र (2000), जोड़ी नम्बर वन (2001) और हमराज़ (2002) जैसी फिल्मों में संगीत दिया; हमराज़ के लिए उन्हें उनका पहला फ़िल्मफेयर नामांकन मिला था। इसके बाद 2003 में उन्होंने तेरे नाम फिल्म में संगीत दिया, जिसकी संगीत एल्बम उस वर्ष की सर्वाधिक बिकने वाली एल्बम थी, और इसके लिए उन्हें फ़िल्मफेयर, स्क्रीन तथा स्टार गिल्ड समेत कई पुरस्कारों के लिए नामांकन प्राप्त हुए। तेरे नाम ने उन्हें बॉलीवुड में एक सफल संगीतकार के रूप में स्थापित किया, और फिर 2004 में उन्होंने रन, टार्ज़न, ऐतराज़ और दिल मांगे मोर जैसी फिल्मों में संगीत दिया। .

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हेमा मालिनी

हेमा मालिनी हेमा मालिनी हिन्दी फ़िल्मजगत की प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। इन्होंने अपने फ़िल्म कैरियर की शुरुआत राज कपूर के साथ फ़िल्मसपनों का सौदागर से की। 1981 में इन्होंने अभिनेता धर्मेन्द्र से विवाह किया। ये अब भी फ़िल्मों में सक्रिय हैं। ये भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से राज्यसभा की सांसद चुनी गईं हैं। हेमा मालिनी वर्तमान में मथुरा (उत्तर प्रदेश) से लोकसभा की सांसद हे प्रसिद्ध अभिनेत्री और नृत्यांगना हेमा मालिनी बालीवुड की उन गिनी, चुनी अभिनेत्रियों में शामिल हैं, जिनमें सौंदर्य और अभिनय का अनूठा संगम देखने को मिलता है। लगभग चार दशक के कैरियर में उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया लेकिन कैरियर के शुरुआती दौर में उन्हें वह दिन भी देखना पड़ा था। जब एक निर्माता-निर्देशक ने उन्हें यहां तक कह दिया था कि उनमें स्टार अपील नहीं है। (ड्रीमगर्ल) हेमा मालिनी ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा ही था तब एक तमिल निर्देशक श्रीधर ने उन्हें अपनी फिल्म में काम देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि उनमें स्टार अपील नहीं है। बाद में सत्तर के दशक में इसी निर्माता-निर्देशक ने उनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए उन्हें लेकर 1973 में (गहरी चाल) फिल्म का निर्माण किया। हेमा मालिनी फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए 1968 तक संघर्ष करती रहीं लेकिन उन्हें काम नहीं मिला। वह साल उनके सिने कैरियर का सुनहरा वर्ष साबित हुआ जब उन्हें सुप्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक और अभिनेता राजकपूर की फिल्म (सपनों का सौदागर) में पहली बार नायिका के रूप में काम करने का मौका मिला। फिल्म के प्रचार के दौरान हेमा मालिनी को। ड्रीम गर्ल.

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जॉन अब्राहम

जॉन अब्राहम (जन्म 17 दिसम्बर 1972) एक भारतीय अभिनेता और पूर्व मॉडल हैं जो बॉलीवुड की फिल्मों में दिखाई देते हैं। कई विज्ञापनों और कंपनियों के लिए मॉडलिंग करने के बाद, अब्राहम ने जिस्म (2003) से अपना फ़िल्मी सफ़र प्रारंभ किया, जिसने उन्हें फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ नवागत पुरस्कार नामांकन दिलाया। इसके बाद उन्हें अपनी पहली व्यावसायिक सफलता धूम (2004) के द्वारा मिली उन्हें नकारात्मक भूमिका के लिए दो फ़िल्म फेयर नामांकन प्राप्त हुए, धूम और फिर जिंदा (2006) में बाद में वह एक बड़ी महत्वपूर्ण सफल फिल्म वाटर (2005) में दिखाई दिए। 2007 में फ़िल्म बाबुल के लिए उनका नामांकन फ़िल्म फेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक की श्रेणी में किया गया। .

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गोविन्दा

गोविन्दा (जन्म: 21 दिसंबर, 1958) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। उनके नाम बॉलीवुड में एक वर्ष में सबसे अधिक फिल्‍म देने का रिकार्ड दर्ज है इनके पास बॉलीवुड के हर विभाग में न० १ का तमगा हासिल है गोविन्दा .

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ओम पुरी

ओम पुरी हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। इनका जन्म 18 अक्टूबर 1950 में अम्बाला, पंजाब (अब हरियाणा) में हुआ। इन्होने ब्रिटिश तथा अमेरिकी सिनेमा में भी योगदान किया है। ये पद्मश्री पुरस्कार विजेता भी हैं, जोकि भारत के नागरिक पुरस्कारों के पदानुक्रम में चौथा पुरस्कार है। दिल का दौरा पड़ने के कारण 6 जनवरी 2017 को 66 साल की उम्र में इनका निधन हो गया। - नवभारत टाइम्स - 6 जनवरी 2016 .

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करण जौहर

करण जौहर करण जौहर (जन्म: 25 मई, 1975) हिन्दी एक प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्देशक, उत्पादक, चलचित्र लेखक, कॉस्ट़्यूम दिज़ाइनर, अभिनेता और टिवि होस्ट है। वह हिरू जौहर और यश जौहर के पुत्र है। वह धर्मा प्रोडक्शन्स कम्पनी के मुखिया भी है। वह भारत और विश्व के सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले फिल्मो का उत्पादन करने के लिये प्रसिद्ध है। इनमे से चार फिल्मे, जिनमे शाहरुख खान अभिनेता के पात्र मे मौजूद है, विदेशी फिल्म उद्योग मे भारत के सबसे ज़्यादा कमाने वाले उत्पादन मे से है। इन फिल्मो कि कामयाबी के कारण, करण जोहर को भारतीय सिनेमा का पश्चिम अनुभूति मे बदलाव लाने के लिए श्रेय दिया गया है। आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्देशित 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे' नामक फिल्म मे अभिनेता के पात्र मे करण जोहर ने फिल्मो मे शुरुआत किया था। उन्होंने बाद मे बेहद सफल रोमानी कॉमेडी, कुछ कुछ होता है के साथ अपने निर्देशन जीविका की शुरुआत की। इस फिल्म से उसे सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिये और सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिये फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया। उनकी दूसरी फिल्मे परिवारिक नाटक, कभी खुशी कभी ग़म (२००१) और रोमांटिक नाटक, कभी अलविदा ना कहना (२००६) थे। कभी अलविदा ना कहना (2006) व्यभिचार के विषय के साथ जुडा हुआ एक फिल्म था। दोनों ही फिल्मों ने भारत और विदेशों में प्रमुख वित्तीय सफलताए प्राप्त की। इस प्रकार जौहर ने बॉलीवुड के सबसे सफल फिल्म निर्माताओं के तालिका में खुद को स्थापित कर लिया। उनकी चौथी फिल्म माइ नेम इज़ ख़ान (२०१०) को सकारात्मक समीक्षा मिली और उस फिल्म ने दुनिया भर मे २०० करोड़ रुपये कमाए। इन सब के कारण्, वह खुद को भारतीय सिनेमा में सबसे सफल निर्देशक और निर्माता के रूप में स्थापित किया है। यही सूचना के कारण उन्होने अपनी पहली फिल्म कुछ कुछ होता है बनाई। करण जौहर एक कुशल निर्देशक के रूप मे जाने जाते है। .

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करीना कपूर

करीना कपूर (जन्म: २१ सितम्बर १९८०) बॉलीवुड फिल्मों में काम करने वाली एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं। कपूर फ़िल्म परिवार में जन्मी करीना ने अभिनय की शुरुआत साल २००० में रिलीज़ हुई फ़िल्म रिफ्युज़ी के साथ की। इस फ़िल्म में अपने अभिनय के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल डेब्यू यानि उस साल अपने अभिनय जीवन की शुरुआत करने वाली अभिनेत्रियों में से सर्वश्रेष्ठ अभिनत्री का पुरस्कार भी मिला। साल २००१ में, अपनी दूसरी फ़िल्म मुझे कुछ कहना है रिलीज़ होने के साथ ही, कपूर को अपनी पहली व्यावसायिक सफलता मिली। इसके बाद इसी साल आई करन जौहर की नाटक से भरपूर फ़िल्म कभी खुशी कभी ग़म में भी करीना नज़र आयीं। ये फ़िल्म उस साल विदेशों में सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली भारतीय फ़िल्म बन गई और साथ ही करीना के लिए ये तब तक की सबसे बड़ी व्यावसायिक सफलता थी। २००२ और २००३ में लगातार कई फिल्मों की असफलता और एक जैसी भूमिकाएं करने की वजह से करीना को समीक्षालों से काफ़ी नकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलीं, उसके बाद करीना ने एक जैसी भूमिकाओं या टाईपकास्ट (typecast) से बचने के लिए ज्यादा मेहनत वाली और कठिन भूमिकाएं लेना शुरू कर दिया। फ़िल्म चमेली (Chameli) में देह व्यापार करने वाली एक लड़की की भूमिका ने उनके करियर की दिशा बदल दी। इस फ़िल्म में अपने अभिनय के लिए उन्हें फ़िल्मफेयर स्पेशल परफोर्मेंस अवार्ड या फ़िल्मफेयर विशिष्ट प्रदर्शन पुरस्कार (Filmfare Special Performance Award) भी मिला। इसके बाद, फ़िल्म समीक्षकों द्वारा बहुप्रशंसित फिल्मों देव और ओंकारा में अभिनय के लिए उन्हें फिल्मफेयर समारोह में आलोचकों की दृष्टि से दो सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार (Critics Awards for Best Actress) भी मिले। २००४ और २००६ के बीच अभिनय के क्षेत्र में इतनी अलग-अलग तरह की भूमिकाएं करने के बाद उन्हें बहुमुखी प्रतिभा की धनी अभिनेत्री के रूप में जाना जाने लगा। वर्ष २००७ में, कपूर ने व्यावसायिक दृष्टि से बेहद सफल रही कॉमेडी-रोमांस फ़िल्म जब वी मेट में अपने प्रदर्शन के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार जीता.बॉक्स ऑफिस पर कमाई करने के मामले में भले ही उनकी फिल्मों का प्रदर्शन काफी अलग अलग रहा हो लेकिन करीना ख़ुद को हिन्दी फ़िल्म उद्योग में आज कल की अग्रणी फ़िल्म अभिनेत्री के रूप में स्थापित करने में सफल रही हैं। .

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काजोल देवगन

(बांग्ला: কাজল দেবগন Kajol Debgon, काजोल हिंदी फ़िल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं जिनका जन्म 5 अगस्त 1974 को हुआ था। उनकी माँ तनुजा अभिनेत्री थी और नानी शोभना समर्थ भी अभिनेत्री थीं। उनकी छोटी बहिन तनिषा भी अब फिल्मों मैं काम कर रही हैं। उनके पिता का नाम शोमू मुखर्जी है। वे फिल्में बनाते थे। काजोल ने अपना फिल्मी सफ़र फिल्म बेखुदी से शुरू किया जिसमें उनके पात्र का नाम राधिका था। वह फिल्म तो नहीं चली पर उनकी बाद की फिल्में बहुत प्रसिद्ध हुईं। जैसे कि बाज़ीगर और दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे। उहोंने अपने सहकर्मी और प्रेमी, अजय देवगन से २४ फरवरी 1999 को विवाह किया था। उनकी एक छोटी बेटी है जिसका नाम न्यसा है। उनके नाम कुल ६ फिल्मफेयर और उनमें से ५ सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार हैं जो की एक कीर्तिमान है। वह यह कीर्तिमान अपनी मौसी नूतन के साथ साझा करती हैं। .

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कैटरीना कैफ़

कैटरीना कैफ़ (जन्म: 16 जुलाई 1983) एक ब्रितानी भारतीय अभिनेत्री और मॉडल हैं जो मुख्य रूप से हिंदी फिल्म जगत में काम करती हैं, हालांकि उन्होनें कुछ तेलुगू और मलयालम फिल्मों में भी काम किया है। भारत की सबसे अधिक पारिश्रमिक पाने वाली अभिनेत्रियों में से एक होने के साथ-साथ, कैटरीना को सबसे आकर्षक हस्तियों में से एक के रूप में मीडिया में उद्धृत किया जाता है। एक सफल मॉडलिंग कैरियर के बाद, 2003 में कैटरीना ने व्यावसायिक रूप से असफल फ़िल्म बूम में एक भूमिका के साथ अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। फलस्वरूप वह एक तेलुगू हिट फिल्म, रोमांटिक कॉमेडी मल्लीस्वारी में दिखाई दी। कैफ ने बाद में रोमांटिक कॉमेडी ''मैंने प्यार क्यूँ किया'' और नमस्ते लंदन के साथ बॉलीवुड में व्यावसायिक सफलता अर्जित की, जिनमें से बाद वाली के लिये उनके अभिनय की प्रशंसा हुई। इसके बाद उनकी कुछ और सफल फ़िल्में आईं जैसे ''पार्टनर'', ''वेलकम'', सिंह इज़ किंग। 2009 में आई फ़िल्म ''न्यू यॉर्क'' जिसके लिये उन्हें फिल्मफेयर में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार का नामांकन मिला, ने उनके करियर को नया मोड़ दिया। वह बाद में ''राजनीति'', ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा, मेरे ब्रदर की दुल्हन और एक था टाइगर जैसी हिट फिल्मों में और अधिक प्रमुख भूमिकाओं में दिखीं। वो धूम 3 में संक्षिप्त भूमिका में दिखीं जिसने भारतीय फ़िल्मों में सबसे ज़्यादा कमाई की थी। अपने अभिनय कौशल के लिए समीक्षकों से मिश्रित समीक्षाएँ प्राप्त करने के बावजूद, उन्होनें अपने आप को हिंदी फिल्मों में व्यावसायिक रूप से एक सफल अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया है। अभिनय के अलावा, कैटरीना स्टेज शो और अवार्ड कार्यक्रमों में भाग लेती हैं। वह विशेष रूप से अपने निजी जीवन के बारे में संरक्षित रहने के लिए जानी जाती हैं, जो व्यापक रूप से मीडिया जांच का विषय रहा हैं। .

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अनिल कपूर

अनिल कपूर (जन्म: 24 दिसंबर, 1959) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। .

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अनुपम खेर

अनुपम खेर हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। वह किरन खेर के पति हैं। 2004 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया। .

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अभिषेक बच्चन

अभिषेक बच्चन (जन्म: ५ फ़रवरी १९७६, मुंबई), एक भारतीय हिन्दी फिल्मो के अभिनेता हैं। वह भारतीय अभिनेता अमिताभ बच्चन और जया बच्चन के बेटे हैं। उनकी पत्नी पूर्व मिस वर्ल्ड एवं अभिनेत्री ऐश्वर्या राय हैं। बच्चन ने अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत जे पि दत्ता की रिफ्यूजी (२०००) से की.

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अमिताभ बच्चन

अमिताभ बच्चन (जन्म-११ अक्टूबर, १९४२) बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता हैं। १९७० के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की और तब से भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रमुख व्यक्तित्व बन गए हैं। बच्चन ने अपने करियर में कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और बारह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार शामिल हैं। उनके नाम सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फ़िल्मफेयर अवार्ड का रिकार्ड है। अभिनय के अलावा बच्चन ने पार्श्वगायक, फ़िल्म निर्माता और टीवी प्रस्तोता और भारतीय संसद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में १९८४ से १९८७ तक भूमिका की हैं। इन्होंने प्रसिद्द टी.वी.

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अर्जुन रामपाल

अर्जुन रामपाल Arjun Rampal, (जन्म 26 नवम्बर 1972), एक भारतीय अभिनेता हैं, जो बॉलीवुड की फ़िल्मों में दिखाई देते हैं, साथ ही वे एक मॉडल हैं। .

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अजय देवगन

अजय देवगन (जन्म: 2 अप्रैल, 1969) भारतीय हिन्दी फ़िल्म उद्योग बॉलीवुड के एक जाने माने अभिनेता, फिल्म निर्माता और निर्देशक हैं। उन्होने अपना फ़िल्मी सफर वर्ष १९९१ की फ़िल्म फूल और काँटे से शुरु किया। १९९९ में उन्हे महेश भट्ट निर्देशित फ़िल्म जख्म और २००२ में राजकुमार संतोषी निर्देशित फ़िल्म द लेजेंड ऑफ भगत सिंह के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। .

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अक्षय खन्ना

अक्षय खन्ना एक हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं। यह सत्तर – अस्सी के दशक के मशहूर अभिनेता विनोद खन्ना के पुत्र है और इनके बड़े भाई राहुल खन्ना एक प्रसिद्ध वी जे हैं। .

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अक्षय कुमार

अक्षय कुमार (ਅਕਸ਼ੈ ਕੁਮਾਰ, जन्म: राजीव हरी ओम भाटिया, ९ सितम्बर, १९६७) एक भारतीय बॉलीवुड फ़िल्म अभिनेता हैं। वे 100 से अधिक हिन्दी फिल्मों में काम कर चुके हैं। 90 के दशक में, हिट एक्शन फिल्मों जैसे खिलाड़ी (१९९२), मोहरा (१९९४) और सबसे बड़ा खिलाड़ी (१९९५) में अभिनय करने के कारण, कुमार को बॉलीवुड का एक्शन हीरो की संज्ञा दी जाती थी और विशेषतः वे "खिलाड़ी श्रृंखला" के लिए जाने जाते थे। फिर भी, वह रोमांटिक फिल्मों जैसे ये दिल्लगी (१९९४) और धड़कन (२०००) में अपने अभिनय के लिए सम्मानित किए गए और साथ ही साथ ड्रामेटिक फिल्मों जैसे एक रिश्ता (२००१) में अपनी अभिनय क्षमता को दिखाया। 2002 में उन्हें अपना पहला फ़िल्मफेयर पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ खलनायक फ़िल्म अजनबी (2001) में अभिनय के लिए दिया गया। अपनी एक सी छवि को बदलने के इच्छुक अक्षय कुमार ने ज्यादातर कोमेडी फिल्में की। फ़िल्म हेरा फेरी (2002), मुझसे शादी करोगी (2004), गरम मसाला (2005) और जान-ए-मन (२००६) में हास्य अभिनय के लिए फ़िल्म समीक्षकों द्वारा उनकी प्रशंसा की गई। 2007 में वे सफलता की ऊचाईयों को छूने लगे, जब उनके द्वारा अभिनीत चार लगातार कामर्सियल फिल्में हिट हुई। इस तरह से, उन्होंने अपने आपको हिन्दी फ़िल्म उद्योग में एक प्रमुख अभिनेता के रूप में स्थापित किया। वे मार्शल आर्ट्स (सामरिक कला) की शिक्षा बेंगकोक में प्राप्त करके आए और वहां एक रसोइया की नौकरी भी करते थे। वे फिर मुंबई वापस आ गए, जहाँ वे मार्सल आर्ट्स की शिक्षा देने लगे। उनका एक विद्यार्थी जो एक फोटोग्राफर था, उसने उन्हें मॉडलिंग करने कहा। उस विद्यार्थी ने उन्हें एक छोटी कंपनी में एक मॉडलिंग असयांमेंट दिया। उन्हें कैमरे के सामने पोज देने के लिए, दो घंटे के 5,000 रुपये मिलते था। पहले की तनख्वाह 4000 रुपये प्रति महीने की तुलना में यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारण था कि वे क्यों मॉडल बने। मॉडलिंग करने के दो महीने बाद, कुमार को प्रमोद चक्रवर्ती ने अंततः अपनी फ़िल्म दीदार में अभिनय करने का मौका दिया। .

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ऋतिक रोशन

हृथिक रोशन (हिन्दी: ऋतिक रोशन, उच्चारण: /10 जनवरी 1974 जन्म) एक भारतीय अभिनेता है जो बॉलीवुड में काम कर रहे हैं।इनका जन्म एक कायस्थ परिवार में हुआ था। सन 1980 में हृतिक रोशन ने एक बालकलाकार के रूप में फिल्मोमें पदर्पण होनेके बाद फिल्म कहो ना प्यार है (2000) में प्रमुख भूमिका निभाई.

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ऋषि कपूर

ऋषि कपूर (जन्म: 4 सितंबर, 1952) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। ऋषि कपूर एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता, फ़िल्म निर्माता और निर्देशक है। वह एक बाल कलाकार के रूप मे काम कर चुके है। उन्हें बॉबी के लिए 1974 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार और साथ ही 2008 में फ़िल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चूका है। उन्होंने उनकी पहली फ़िल्म में शानदार भूमिका के लिए 1971 में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त किया। .

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2010 की बॉलीवुड फिल्में और हिन्दी सिनेमा के बीच तुलना

2010 की बॉलीवुड फिल्में 361 संबंध है और हिन्दी सिनेमा 162 है। वे आम 43 में है, समानता सूचकांक 8.22% है = 43 / (361 + 162)।

संदर्भ

यह लेख 2010 की बॉलीवुड फिल्में और हिन्दी सिनेमा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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