8 संबंधों: परिसम्पत्ति, प्रभावी बाजार परिकल्पना, पोर्टफोलियो (वित्त), बीटा (वित्त), वित्त, व्यवस्थात्मक जोखिम (वित्त), कम जोखिम, उपभोग आधारित पूंजी परिसंपत्ति कीमत निर्धारण मॉडल।
परिसम्पत्ति
वित्तीय लेखांकन में, परिसम्पत्ति (asset) एक आर्थिक संसाधन है। हर मूर्त या अमूर्त वस्तु जिसका मूल्योत्पादन के लिए स्वामी बना जा सके या नियन्त्रण किया जा सके और जिसके पास धनात्मक आर्थिक मूल्य हो, परिसम्पत्ति मानी जाती है। सरल शब्दों में, परिसम्पत्तियाँ स्वामित्व के मूल्य का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो कैश में रूपान्तरित किये जा सकें (यद्यपि, कैश स्वयं एक परिसम्पत्ति मानी जाती है)। परिसम्पत्ति से आशय उद्यम के आर्थिक स्रोत से है जिन्हें मुद्रा में व्यक्त किया जा सकता है, जिनका मूल्य होता है और जिनका उपयोग व्यापर के संचालन व आय अर्जन के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, मशीन, भूमि, भवन, ट्रक, आदि। .
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प्रभावी बाजार परिकल्पना
प्रभावी-बाजार परिकल्पना (Efficient market hypothesis ईएमएच) अथवा संयुक्त परिकल्पना समस्या वित्तीय बाजारों के कम नियंत्रण का सैद्धान्तिक आधार है। .
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पोर्टफोलियो (वित्त)
वित्त में, पोर्टफोलियो किसी संस्था या व्यक्ति द्वारा किये गए निवेशों का एक उचित संयोजन या संग्रह होता है। पोर्टफोलियो रखना, निवेश व जोखिम को सीमित करने की रणनीति का एक भाग है, जिसे विवधीकरण भी कहते हैं। कई संपत्तियों का अधिकार रखने पर, कुछ निश्चित प्रकार के जोखिमों (कुछ खास विशिष्ट जोखिम में) को कम किया जा सकता है। पोर्टफोलियो की संपत्ति में निम्न को शामिल किया जा सकता है, बैंक खाता; स्टॉक, बांड, विकल्प, अधिकार पत्र, स्वर्ण प्रमाणीकरण, अचल संपत्ति, भावी अनुबंध, उत्पादन इकाइयां या अन्य कोई वस्तु जिससे अपने मूल्य को बरकरार रखने की अपेक्षा की जा सकती है। एक निवेश पोर्टफोलियो बनाने के लिए एक वित्तीय संस्था आदर्श रूप से अपना स्वयं का निवेश विश्लेषण संचालित करेगी, जबकि एक निजी व्यक्ति, पोर्टफोलियो प्रबंधन की सुविधा प्रदान करने वाले वित्तीय सलाहकार या वित्तीय संस्था की सुविधा ले सकता है। .
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बीटा (वित्त)
वित्त क्षेत्र में बीटा(\beta_~~) का उपयोग किसी 'परिसंपत्ति के प्रत्याशित अतिरिक्त प्रतिफल' की 'बाजार के प्रत्याशित अतिरिक्त प्रतिफल' के प्रति संवेदनशीलता को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। .
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वित्त
सरल रूप में वित्त (Finance) की परिभाषा 'धन या कोश (फण्ड) के प्रबन्धन' के रूप में की जाती है। किन्तु आधुनिक वित्त अनेकों वाणिज्यिक कार्यविधियों का एक समूह है। चूंकि व्यक्ति, व्यापार संस्थान तथा सरकार सभी के काम करने के लिये वित्त अत्यावश्यक है, इसलिये वित्त के क्षेत्र को भी तीन प्रकार से विभाजित किया जाता है-.
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व्यवस्थात्मक जोखिम (वित्त)
व्यवस्थात्मक जोखिम वित्त की अवधारणा है जिसका अर्थ है ऐसा जोखिम जो कि संपूर्ण व्यवस्था में ही व्याप्त हो तथा विशाखन (विभिन्न विकल्पों में निवेश) करने से भी उससे बचा नहीं जा सकता। ब्याज दरें, मंदी, युद्ध आदि एसे जोखिमों के कुछ उदाहरण हैं। .
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कम जोखिम
कम जोखिम (Downside risk) हानियों से सम्बंधित वित्तीय जोखिम है। यह वास्तविक भुगतान और खुदरा मूल्य में अन्तर (जब वास्तविक भुगतान कम हो) अथवा भुगतान में अनियमितता है। .
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उपभोग आधारित पूंजी परिसंपत्ति कीमत निर्धारण मॉडल
उपभोग आधारित पूँजी परिसंपत्ति कीमत निर्धारण मॉडल (consumption-based capital asset pricing model सीसीएपीएम) पूँजीगत परिसम्पत्ति कीमत निर्धारण के लिए उपयुक्त अर्थशास्त्र और वित्त के सम्बंध में काम में लिया जाने वाला व्यंजक है। r.
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यहां पुनर्निर्देश करता है:
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