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होमो सेपियन्स

सूची होमो सेपियन्स

होमो सेपियन्स/आधुनिक मानव स्तनपायी सर्वाहारी प्रधान जंतुओं की एक जाति, जो बात करने, अमूर्त्त सोचने, ऊर्ध्व चलने तथा परिश्रम के साधन बनाने योग्य है। मनुष्य की तात्विक प्रवीणताएँ हैं: तापीय संसाधन के द्वारा खाना बनाना और कपडों का उपयोग। मनुष्य प्राणी जगत का सर्वाधिक विकसित जीव है। जैव विवर्तन के फलस्वरूप मनुष्य ने जीव के सर्वोत्तम गुणों को पाया है। मनुष्य अपने साथ-साथ प्राकृतिक परिवेश को भी अपने अनुकूल बनाने की क्षमता रखता है। अपने इसी गुण के कारण हम मनुष्यों नें प्रकृति के साथ काफी खिलवाड़ किया है। आधुनिक मानव अफ़्रीका में 2 लाख साल पहले, सबके पूर्वज अफ़्रीकी थे। होमो इरेक्टस के बाद विकास दो शाखाओं में विभक्त हो गया। पहली शाखा का निएंडरथल मानव में अंत हो गया और दूसरी शाखा क्रोमैग्नॉन मानव अवस्था से गुजरकर वर्तमान मनुष्य तक पहुंच पाई है। संपूर्ण मानव विकास मस्तिष्क की वृद्धि पर ही केंद्रित है। यद्यपि मस्तिष्क की वृद्धि स्तनी वर्ग के अन्य बहुत से जंतुसमूहों में भी हुई, तथापि कुछ अज्ञात कारणों से यह वृद्धि प्राइमेटों में सबसे अधिक हुई। संभवत: उनका वृक्षीय जीवन मस्तिष्क की वृद्धि के अन्य कारणों में से एक हो सकता है। .

18 संबंधों: चिंपैंजी, नरवानर गण, निअंडरथल मानव, प्राणी, बोनोबो, मानवनुमा, रज्जुकी, सुकेन्द्रिक, स्तनधारी, होमो इरेक्टस, जीनोम परियोजना, जीवाश्म, गोरिल्ला, ओरंगउटान, आनुवांशिक कोड पढ़ने की विधि, आस्ट्रेलोपिथिक्स, कार्ल लीनियस, अफ़्रीका

चिंपैंजी

चिंपैंजी जिसे आम बोलचाल की भाषा में कभी-कभी चिम्प भी कहा जाता है, पैन जीनस (वंश) के वानरों (एप) की दो वर्तमान प्रजातियों का सामान्य नाम है। कांगो नदी दोनों प्रजातियों के मूल निवास स्थान के बीच सीमा का काम करती है.

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नरवानर गण

नरवानर गण (Primate) नरवानर स्तनी वर्ग का एक गण है, जिसके अंतर्गत मानव, वानर, कपि, कूर्चमर्कट (tarsier) तथा निशाकपि या लीमर (lemur) आते हैं। .

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निअंडरथल मानव

निएंडरथल मानव का कंकाल निएंडरथल मानव होमो वंश का एक विलुप्त सदस्य है। जर्मनी में निअंडर की घाटी में इस आदिमानव की कुछ हड्डियाँ मिली है, इसलिए इसे निएंडरथल मानव का नाम दिया गया है। इसका कद अन्य मानवजातियों की अपेक्षा छोटा था। यह पश्चिम यूरोप, पश्चिम एशिया तथा अफ्रीका में रहता था। यह अब से लगभग 1,60,000 वर्ष पूर्व रहता था। इसका श्रेणीविभाजन मनुष्य की ही एक उपजाति के रूप में किया जाता है। इसका कद 4.5 से 5.5 फिट तक था। 2007 में किये गए अध्ययनों से यह पता चलता है कि इनके बालों का रंग लाल तथा त्वचा पीली थी। .

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प्राणी

प्राणी या जंतु या जानवर 'ऐनिमेलिया' (Animalia) या मेटाज़ोआ (Metazoa) जगत के बहुकोशिकीय और सुकेंद्रिक जीवों का एक मुख्य समूह है। पैदा होने के बाद जैसे-जैसे कोई प्राणी बड़ा होता है उसकी शारीरिक योजना निर्धारित रूप से विकसित होती जाती है, हालांकि कुछ प्राणी जीवन में आगे जाकर कायान्तरण (metamorphosis) की प्रकिया से गुज़रते हैं। अधिकांश जंतु गतिशील होते हैं, अर्थात अपने आप और स्वतंत्र रूप से गति कर सकते हैं। ज्यादातर जंतु परपोषी भी होते हैं, अर्थात वे जीने के लिए दूसरे जंतु पर निर्भर रहते हैं। अधिकतम ज्ञात जंतु संघ 542 करोड़ साल पहले कैम्ब्रियन विस्फोट के दौरान जीवाश्म रिकॉर्ड में समुद्री प्रजातियों के रूप में प्रकट हुए। .

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बोनोबो

बोनोबो एक विलुप्तप्राय महावानर है। आम चिंपैंजी के साथ ये मनुष्य का सबसे करीबी जीवित रिश्तेदार है। .

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मानवनुमा

ओरन्गउटान एक मानवनुमा नस्ल है मानवनुमा या होमिनिड, जिन्हें महावानर भी कहते हैं, एक ऐसे प्राणी परिवार का नाम है जिनमें कपि (एप्स) परिवार की वे सारी नस्लें शामिल हैं जो मनुष्य हों या मनुष्य जैसी हों। इनमें मनुष्य, चिम्पान्ज़ी, गोरिल्ला और ओरन्गउटान के वंश (या जॅनॅरा) आते हैं। कुछ ऐसी भी मानवनुमा नस्लें हैं जो विलुप्त हो चुकी हैं, जैसे की आस्ट्रेलोपिथिक्स। .

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रज्जुकी

रज्जुकी (संघ कॉर्डेटा) जीवों का एक समूह है जिसमें कशेरुकी (वर्टिब्रेट) और कई निकट रूप से संबंधित अकशेरुकी (इनवर्टिब्रेट) शामिल हैं। इनका इस संघ मे शामित होना इस आधार पर सिद्ध होता है कि यह जीवन चक्र मे कभी न कभी निम्न संरचनाओं को धारण करते हैं जो हैं, एक पृष्ठ‍रज्जु (नोटोकॉर्ड), एक खोखला पृष्ठीय तंत्रिका कॉर्ड, फैरेंजियल स्लिट एक एंडोस्टाइल और एक पोस्ट-एनल पूंछ। संघ कॉर्डेटा तीन उपसंघों मे विभाजित है: यूरोकॉर्डेटा, जिसका प्रतिनिधित्व ट्युनिकेट्स द्वारा किया जाता है; सेफालोकॉर्डेटा, जिसका प्रतिनिधित्व लैंसलेट्स द्वारा किया जाता है और क्रेनिएटा, जिसमे वर्टिब्रेटा शामिल हैं। हेमीकॉर्डेटा को चौथे उपसंघ के रूप मे प्रस्तुत किया जाता है पर अब इसे आम तौर पर एक अलग संघ के रूप में जाना जाता है। यूरोकॉर्डेट के लार्वा में एक नोटॉकॉर्ड और एक तंत्रिका कॉर्ड पायी जाती है पर वयस्क होने पर यह लुप्त हो जातीं हैं। सेफालोकॉर्डेट एक नोटॉकॉर्ड और एक तंत्रिका कॉर्ड पायी जाती है लेकिन कोई मस्तिष्क या विशेष संवेदना अंग नहीं होता और इनका एक बहुत ही सरल परिसंचरण तंत्र होता है। क्रेनिएट ही वह उपसंघ है जिसके सदस्यों में खोपड़ी मिलती है। इनमे वास्तविक देहगुहा पाई जाती है। इनमे जनन स्तर सदैव त्री स्तरीय पाया जाता है। सामान्यत लैंगिक जनन पाया जाता है। सामान्यत प्रत्यक्ष विकास होता है। इनमे RBC उपस्थित होती है। इनमे द्वीपार्शविय सममिती पाई जाती है। इसके जंतु अधिक विकसित होते है। श्रेणी:जीव विज्ञान *.

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सुकेन्द्रिक

कुछ युकेरियोटी जीव सुकेंद्रिक या युकेरियोट (eukaryote) एक जीव को कहा जाता है जिसकी कोशिकाओं (सेल) में झिल्लियों में बंद असरल ढाँचे हों। सुकेंद्रिक और अकेंद्रिक (प्रोकेरियोट) कोशिकाओं में सबसे बड़ा अंतर यह होता है कि सुकेंद्रिक कोशिकाओं में एक झिल्ली से घिरा हुआ केन्द्रक (न्यूक्लियस) होता है जिसके अन्दर आनुवंशिक (जेनेटिक) सामान होता है। जीवविज्ञान में सुकेंद्रिक कोशिकाओं वाले जीवों के टैक्सोन को 'सुकेंद्रिक' या 'युकेरियोटी' (eukaryota) कहते हैं।, Mary K. Campbell, Shawn O. Farrell, pp.

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स्तनधारी

यह प्राणी जगत का एक समूह है, जो अपने नवजात को दूध पिलाते हैं जो इनकी (मादाओं के) स्तन ग्रंथियों से निकलता है। यह कशेरुकी होते हैं और इनकी विशेषताओं में इनके शरीर में बाल, कान के मध्य भाग में तीन हड्डियाँ तथा यह नियततापी प्राणी हैं। स्तनधारियों का आकार २९-३३ से.मी.

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होमो इरेक्टस

होमो इरेक्टस (जिसका अर्थ है "सीधा आदमी") होमिनिड की एक विलुप्त प्रजाति है जो प्लीस्तोसीन भूवैज्ञानिक युग के अधिकतर समय के दौरान रहता था। इसका प्रारंभिक जीवाश्म सबूत 19 लाख साल पहले और सबसे हाल का 70,000 साल पहले का है। यह आम तौर पर माना जाता है कि होमो इरेक्टस की उत्पत्ति अफ्रीका में हुई और वहां से वह फैला है, पलायन करते हुए पूरे यूरेशिया में सुदूर जॉर्जिया, भारत, श्रीलंका, चीन और इंडोनेशिया तक। होमो इरेक्टस के वर्गीकरण, वंश, और उसकी संतान के ऊपर बहस अभी भी जारी है। .

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जीनोम परियोजना

जीनोमिक्स का चित्रण जीनोम परियोजना वह वैज्ञानिक परियोजना है, जिसका लक्ष्य किसी प्राणी के संपूर्ण जीनोम अनुक्रम का पता करना है। जीन हमारे जीवन की कुंजी है। हम वैसे ही दिखते या करते हैं, जो काफी अंश तक हमारे देह में छिपे सूक्ष्म जीन तय करते हैं। यही नहीं, जीन मानव इतिहास और भविष्य की ओर भी संकेत करते हैं। जीन वैज्ञानिकों का मानना है, कि यदि एक बार मानव जाति के समस्त जीनों की संरचना का पता लग जये, तो मनुष्य की जीन-कुण्डली के आधार पर, उसके जीवन की समस्त जैविक घटनाओं और दैहिक लक्षणों की भविष्यवाणी करना संभव हो जायेगा। यद्यपि यह कोई आसान काम नहीं है, क्योंकि मानव शरीर में हजारों लाखों जीवित कोशिकएं होतीं हैं। जीनों के इस विशाल समूह को जीनोम कहते हैं। आज से लगभग 136 वर्ष पूर्व, बोहेमियन भिक्षुक ग्रेगर जॉन मेंडल ने मटर के दानों पर किये अपने प्रयोगों को प्रकाशित किया था, जिसमें अनुवांशिकी के अध्ययन का एक नया युग आरंभ हुआ था। इन्हीं लेखों से कालांतर में आनुवांशिकी के नियम बनाए गए। उन्होंने इसमें एक नयी अनुवांशिकीय इकाई का नाम जीन रखा, तथा इसके पृथक होने के नियमों का गठन किया। थॉमस हंट मॉर्गन ने १९१० में ड्रोसोफिला (फलमक्खी) के ऊपर शोधकार्य करते हुए, यह सिद्ध किया, कि जीन गुणसूत्र में, एक सीधी पंक्ति में सजे हुए रहते हैं, तथा कौन सा जीन गुणसूत्र में किस जगह पर है, इसका भी पता लगाया जा सकता है। हर्मन मुलर ने १९२६ में खोज की, कि ड्रोसोफिला के जीन में एक्सरे से अनुवांशिकीय परिवर्तन हो जाता है, जिसे उत्परिवर्तन भी कहते हैं। सन १९४४ में यह प्रमाणित हुआ कि प्रोटीन नहीं, वरन डी एन ए ही जीन होता है। सन १९५३ में वॉटसन और क्रिक ने डी एन ए की संरचना का पता लगाया और बतया, कि यह दो तंतुओं से बना हुआ घुमावदार सीढ़ीनुमा, या दोहरी कुंडलिनी के आकार का होता है। .

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जीवाश्म

एक जीवाश्म मछली पृथ्वी पर किसी समय जीवित रहने वाले अति प्राचीन सजीवों के परिरक्षित अवशेषों या उनके द्वारा चट्टानों में छोड़ी गई छापों को जो पृथ्वी की सतहों या चट्टानों की परतों में सुरक्षित पाये जाते हैं उन्हें जीवाश्म (जीव + अश्म .

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गोरिल्ला

खोपड़ी का यौन द्विरूपता गोरिल्ला मानवनुमा परिवार का सबसे बड़ा सदस्य है। यह एक शाकाहारी पशु है। गोरिल्ला मध्य अफ़्रीका में पाया जाता है। गोरिल्ला का डी एन ए मनुष्य से ९८-९९% मेल खाता है। .

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ओरंगउटान

एक हँसता हुआ बोर्नियाई ओरंगउटान ओरंगउटान एशिया में वर्तमान युग में पाया जाने वाला अकेला मानवनुमा (बड़े अकार का मानवनुमा कपि) है। यह सभी वृक्षवासी जानवरों में आकार में सबसे बड़े हैं और इनकी भुजाएँ सभी अन्य महाकपियों से (जैसे की चिम्पान्ज़ी, मनुष्य, गोरीला) लम्बी होती हैं। यह काफ़ी बुद्धिमान होते हैं और भिन्न प्रकार के औज़ार इस्तेमाल करते हैं। हर रात को यह डंडियों और पत्तों से अपने लिए एक शय्या-सी भी तैयार करते हैं। जहाँ अन्य महाकपियों के बाल ख़ाकी या काले होते हैं, वहाँ ओरंगउटानों के बाल लाल-से रंग के होते हैं। ओरंगउटान इंडोनीशिया और मलेयशिया के जंगलों में पाए जाते हैं। इनकी दो उपजातियाँ हैं - बोर्नियाई ओरंगउटान (वैज्ञानिक नाम: पोंगो पिग्मेयस, Pongo pygmaeus) और सुमात्राई ओरंगउटान (वैज्ञानिक नाम: पोंगो ऐबेलाए, Pongo abelii)। सुमात्राई ओरंगउटान अब बहुत कम बचे हैं और इनकी नस्ल लुप्त होने का बड़ा ख़तरा है। ओरंगउटान की और भी जातियाँ हुआ करती थीं लेकिन वे अब ख़त्म हो चुकी हैं, जिन में से एक शिवापिथेकस नामक नस्ल भारत की शिवालिक पहाड़ियों में वास करती थी। .

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आनुवांशिक कोड पढ़ने की विधि

डी एन ए संरचना प्रकृति हमारा जेनेटिकल, अर्थात आनुवंशिक कोड केवल चार अक्षरों वाली वर्णमाला में लिखती है। ये चार अक्षर हैं अंग्रेज़ी के AGCT.

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आस्ट्रेलोपिथिक्स

आस्ट्रेलोपिथिक्स आस्ट्रेलोपिथिक्स मध्य अफ्रीका में निवास करनेवाला बानर मानव था। यह होमोनिड्स से मिलता जुलता था। यह लगभग चालीस लाख वर्ष पूर्व से बीस लाख पूर्व तक पाया जाता था। .

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कार्ल लीनियस

कार्ल लीनियस (लैटिन: Carolus Linnaeus) या कार्ल वॉन लिने (२३ मई १७०७ - १० जनवरी १७७८) एक स्वीडिश वनस्पतिशास्त्री, चिकित्सक और जीव विज्ञानी थे, जिन्होने द्विपद नामकरण की आधुनिक अवधारणा की नींव रखी थी। इन्हें आधुनिक वर्गिकी (वर्गीकरण) के पिता के रूप में जाना जाता है साथ ही यह आधुनिक पारिस्थितिकी के प्रणेताओं मे से भी एक हैं। .

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अफ़्रीका

अफ़्रीका वा कालद्वीप, एशिया के बाद विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह 37°14' उत्तरी अक्षांश से 34°50' दक्षिणी अक्षांश एवं 17°33' पश्चिमी देशान्तर से 51°23' पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। अफ्रीका के उत्तर में भूमध्यसागर एवं यूरोप महाद्वीप, पश्चिम में अंध महासागर, दक्षिण में दक्षिण महासागर तथा पूर्व में अरब सागर एवं हिन्द महासागर हैं। पूर्व में स्वेज भूडमरूमध्य इसे एशिया से जोड़ता है तथा स्वेज नहर इसे एशिया से अलग करती है। जिब्राल्टर जलडमरूमध्य इसे उत्तर में यूरोप महाद्वीप से अलग करता है। इस महाद्वीप में विशाल मरुस्थल, अत्यन्त घने वन, विस्तृत घास के मैदान, बड़ी-बड़ी नदियाँ व झीलें तथा विचित्र जंगली जानवर हैं। मुख्य मध्याह्न रेखा (0°) अफ्रीका महाद्वीप के घाना देश की राजधानी अक्रा शहर से होकर गुजरती है। यहाँ सेरेनगेती और क्रुजर राष्‍ट्रीय उद्यान है तो जलप्रपात और वर्षावन भी हैं। एक ओर सहारा मरुस्‍थल है तो दूसरी ओर किलिमंजारो पर्वत भी है और सुषुप्‍त ज्वालामुखी भी है। युगांडा, तंजानिया और केन्या की सीमा पर स्थित विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी तथा सम्पूर्ण पृथ्वी पर मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झीलहै। यह झील दुनिया की सबसे लम्बी नदी नील के पानी का स्रोत भी है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसी महाद्वीप में सबसे पहले मानव का जन्म व विकास हुआ और यहीं से जाकर वे दूसरे महाद्वीपों में बसे, इसलिए इसे मानव सभ्‍यता की जन्‍मभूमि माना जाता है। यहाँ विश्व की दो प्राचीन सभ्यताओं (मिस्र एवं कार्थेज) का भी विकास हुआ था। अफ्रीका के बहुत से देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए हैं एवं सभी अपने आर्थिक विकास में लगे हुए हैं। अफ़्रीका अपनी बहुरंगी संस्कृति और जमीन से जुड़े साहित्य के कारण भी विश्व में जाना जाता है। .

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