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साहित्य अकादमी पुरस्कार गुजराती

सूची साहित्य अकादमी पुरस्कार गुजराती

साहित्य अकादमी पुरस्कार एक साहित्यिक सम्मान है जो कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं और गुजराती भाषा इन में से एक भाषा हैं। .

132 संबंधों: चिनु मोदी, चिन्तयामि मनसा, चंद्रकांत टोपीवाला, चंद्रकांत टी. शेठ, टोळा आवाज़ घोंघाट, एच. सी. भायाणी, एन. के. पंड्या उषनस, डोलाराय आर. मांकड, तत्त्वमसि, तारतम्य, ताराशंकर बंद्योपाध्याय, दर्शन अने चिंतन, दामोदर माऊज़ो, देवोनी घाटी, धु्रव प्रबोधराय भट्ट, धूँधभरी खींण, धूलमणि पगलियो, धीरूबेन पटेल, धीरेन्द्र महेता, नाट्य गठरियाँ, नारायण देसाई, निरंजन भगत, नगीनदास पारीख, नैवेद्य, पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे, प्रियकांत मणियार, पी. बी. पंडित, फटफटियुं, बिन्दु भट्ट, बृहत–पिंगल, भारतीय साहित्य अकादमी, भालचंद्र नेमाडे, भगवती कुमार शर्मा, भोलाभाई पटेल, मनुभाई पाँचोली, महादेव देसाईं, महादेव भाईनी डायरी, मोहन परमार, रचना अने संरचना, रतिलाल अनिल, रबीन्द्रनाथ ठाकुर, रमणलाल जोशी, रमेश पारीख, रसिक शाह, रसिकलाल सी. पारीख, रामनारायण पाठक, राजेन्द्र शाह, राजेन्द्र शुक्ल, रघुवीर चौधरी, लाभशंकर ठाकर, ..., लिलेरो ढल, लक्ष्मण माने, शर्विलक, शांत कोलाहल, शिरीष जे. पंचाल, शिवाजी सावंत, सात पगलां आकाशमां, साहित्य अकादमी पुरस्कार, साक्रेटीज़, साक्षीभास्य, सुमन शाह, सुरेश दलाल, सुरेश जोशी, सुखलालजी सांघवी, सुंदरम (त्रिभुवन दास पी. लुहार), स्टेच्यू, स्वामी आनन्द, सौन्दर्यनी नदी नर्मदा, सी. सी. मेहता, सीतांशु यशश्चंद्र, सीताकांत महापात्र, हयाती, हरीन्द्र दवे, हिमांशी शेलत, जटायु, जयदेव, जयंत पाठक, जयंत कोठारी, जगदीश जोशी, जोसेफ़ मेकवान, जी. ए. कुलकर्णी, जीवन–व्यवस्था, वमल ना वन, वर्षा एम. अडालजा, वात आपणा विवेचननी, वांक–देखां विवेचनो, वितान सुद बीज, विवेचननी प्रक्रिया, व्यक्ति आणि वल्ली, वी. आर. त्रिवेदी, वीनेश अंताणी, वीरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य, खारां ज़रण, गिरीश कर्नाड, गजल संहिता, गुजराती भाषा, गुजराती भाषानूं ध्वनि स्वरूप अने ध्वनि परिवर्तन, गुजराती साहित्य पूर्वार्ध–उत्तरार्ध, गीतगोविन्द, आटानो सूरज, आगंतुक, आंगळियात, इयारुइंगम, कार्मेलिन, काका कालेलकर, कविनी श्रद्धा, कुलकथाओ, कुंदनिका कापडीआ, कूवो, अणसार, अनिल जोशी, अनंतराय एम. रावल, अनुनय, अभिनवानो रसविचार, अमृतलाल वेगड, अश्वत्थ, अश्विन महेता, अशोकपुरी गोस्वामी, असूर्यलोक, अवलोकन, अखंड ज़ालर बागे, अखेपातर, अग्निकुंडमां उगेलुं गुलाब, अंचळो, अंते आरंभ, अंधारी गलीमां सफ़ेद टपकां, उपरा, उपरवास कथात्रयी, उपायन, उमाशंकर जोशी, छबि भीतरनी, छावणी सूचकांक विस्तार (82 अधिक) »

चिनु मोदी

चिनु मोदी गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता-संग्रह खारां ज़रण के लिये उन्हें सन् 2013 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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चिन्तयामि मनसा

चिन्तयामि मनसा गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार सुरेश जोशी द्वारा रचित एक निबंध–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1983 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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चंद्रकांत टोपीवाला

चंद्रकांत टोपीवाला गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना साक्षीभास्य के लिये उन्हें सन् 2012 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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चंद्रकांत टी. शेठ

चंद्रकांत टी.

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टोळा आवाज़ घोंघाट

टोळा आवाज़ घोंघाट गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार लाभशंकर ठाकर द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1991 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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एच. सी. भायाणी

एच.

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एन. के. पंड्या उषनस

एन.

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डोलाराय आर. मांकड

डोलाराय आर.

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तत्त्वमसि

तत्त्वमसि (तत् त्वम् असि) भारत के पुरातन हिंदू शास्त्रों व उपनिषदों में वर्णित चार महावाक्यों में से एक है, जिसका शाब्दिक अर्थ है - "वह तुम ही हो"। .

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तारतम्य

तारतम्य गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार अनंतराय एम. रावल द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1974 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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ताराशंकर बंद्योपाध्याय

ताराशंकर बंद्योपाध्याय बंगाली भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास आरोग्य निकेतन के लिये उन्हें सन् 1956 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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दर्शन अने चिंतन

दर्शन अने चिंतन गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार पंडित सुखलाल द्वारा रचित एक दार्शनिक निबंध है जिसके लिये उन्हें सन् 1958 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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दामोदर माऊज़ो

दामोदर माऊज़ो (जन्म: १ अगस्त १९४४) गोवा के उपन्यासकार, कथाकार, आलोचक और निबन्धकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास कार्मेलिन के लिये उन्हें सन् १९८३ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (कोंकणी) से सम्मानित किया गया। .

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देवोनी घाटी

देवोनी घाटी गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार भोलाभाई पटेल द्वारा रचित एक यात्रा–वृत्तांत है जिसके लिये उन्हें सन् 1992 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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धु्रव प्रबोधराय भट्ट

धु्रव प्रबोधराय भट्ट गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास तत्त्वमसि के लिये उन्हें सन् 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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धूँधभरी खींण

धूँधभरी खींण गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार वीनेश अंताणी द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2000 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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धूलमणि पगलियो

धूलमणि पगलियो गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार चंद्रकांत टी. शेठ द्वारा रचित एक संस्मरण है जिसके लिये उन्हें सन् 1986 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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धीरूबेन पटेल

धीरूबेन पटेल गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास आगंतुक के लिये उन्हें सन् 2001 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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धीरेन्द्र महेता

धीरेन्द्र महेता गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास छावणी के लिये उन्हें सन् 2010 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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नाट्य गठरियाँ

नाट्य गठरियाँ गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार सी. सी. मेहता द्वारा रचित एक यात्रा–वृत्तांत है जिसके लिये उन्हें सन् 1971 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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नारायण देसाई

नारायण देसाई (24 दिसम्बर 1924 - 15 मार्च 2015) एक प्रख्यात गाँधीवादी थे। वे गाँधीजी के निजी सचिव और उनके जीवनीकार महादेव देसाई के पुत्र थे। नारायण देसाई भूदान आंदोलन और सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन से जुड़े रहे थे और उन्हें "गाँधी कथा" के लिये जाना जाता है जो उन्होंने 2004 में शुरू की थी। .

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निरंजन भगत

निरंजन भगत एक गुजराती कवि और टिप्पणीकार है। इनके द्वारा रचित एक समालोचना गुजराती साहित्य पूर्वार्ध–उत्तरार्ध के लिये उन्हें सन् १९९९ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (गुजराती) से सम्मानित किया गया। .

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नगीनदास पारीख

नगीनदास पारीख गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना अभिनवानो रसविचार के लिये उन्हें सन् 1970 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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नैवेद्य

नैवेद्य ईश्वर को चढ़ाये जाने वाले पदार्थ को कहते हैं। चढ़ाने के बाद जो भक्त ले जाता है उसे प्रसाद कहते हैं।.

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पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे

पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे पुरुषोत्तम लक्षमण देशपांडे (८ नवम्बर १९१९ – १२ जून २०००) लोकप्रिय मराठी लेखक, नाटककार, हास्यकार, अभिनेता, कथाकार व पटकथाकार, फिल्म निर्देशक और संगीतकार एवं गायक थे। उन्हें "महाराष्ट्राचे लाडके व्यक्तिमत्त्व" (महाराष्ट्र का लाड़ला व्यक्तित्व) कहा जाता है। महाराष्ट्र में उन्हें प्रेम से पु.

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प्रियकांत मणियार

प्रियकांत मणियार गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह लिलेरो ढल के लिये उन्हें सन् 1982 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित(मरणोपरांत) किया गया। .

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पी. बी. पंडित

पी.

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फटफटियुं

फटफटियुं गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार सुमन शाह द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2008 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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बिन्दु भट्ट

बिन्दु भट्ट गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास अखेपातर के लिये उन्हें सन् 2003 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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बृहत–पिंगल

बृहत–पिंगल गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार रामनारायण पाठक द्वारा रचित एक छंद शास्त्र है जिसके लिये उन्हें सन् 1956 में गुजराती भाषा के लिए मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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भारतीय साहित्य अकादमी

भारत की साहित्य अकादमी भारतीय साहित्य के विकास के लिये सक्रिय कार्य करने वाली राष्ट्रीय संस्था है। इसका गठन १२ मार्च १९५४ को भारत सरकार द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य उच्च साहित्यिक मानदंड स्थापित करना, भारतीय भाषाओं और भारत में होनेवाली साहित्यिक गतिविधियों का पोषण और समन्वय करना है। .

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भालचंद्र नेमाडे

भालचंद्र नेमाडे (जन्म-१९३८) भारतीय मराठी लेखक, उपन्यासकार, कवि, समीक्षक तथा शिक्षाविद हैं। १९६३ में केवल २५ वर्ष की आयु में प्रकाशित 'कोसला' नामक उपन्यास से उन्हें अपार सफलता मिली। सन १९९१ में उनकी टीकास्वयंवर इस कृति के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें वर्ष २०१४ का प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जाएगा।श्री नेमाडे की प्रमुख कृतियों में 'कोसला' और 'हिन्‍दू' उपन्‍यास शामिल हैं। उनके साहित्य में 'देशीवाद' (स्वदेशीकरण) पर बल दिया गया है। वह 60के दशक के लघु पत्रिका आंदोलन के प्रमुख हस्ताक्षर थे। प्राध्यापक भालचंद्र नेमाडे मराठी के प्रसिध्द लेखक वी.स. खांडेकर, वि.वा.

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भगवती कुमार शर्मा

भगवती कुमार शर्मा गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास असूर्यलोक के लिये उन्हें सन् 1988 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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भोलाभाई पटेल

भोलाभाई पटेल गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक यात्रा–वृत्तांत देवोनी घाटी के लिये उन्हें सन् 1992 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मनुभाई पाँचोली

मनुभाई पाँचोली सरस्वती सम्मान से सम्मानित साहित्यकार हैं। ये अपने उपनाम दर्शक़ से भी जाने जाते है। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास साक्रेटीज़ के लिये उन्हें सन् १९७५ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (गुजराती) से सम्मानित किया गया। .

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महादेव देसाईं

महादेव देसाईं (गुजराती: મહાદેવ દેસાઈ) (१ जनवरी १८९२ - १५ अगस्त १९४२) भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी एवं राष्ट्रवादी लेखक थे। किन्तु उनकी प्रसिद्धि इस कारण से ज्यादा है कि वे लम्बे समय (लगभग २५ वर्ष) तक गांधीजी के निज सचिव रहे। .

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महादेव भाईनी डायरी

महादेव भाईनी डायरी गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार *महादेव देसाई द्वारा रचित एक संस्मरण है जिसके लिये उन्हें सन् 1955 में गुजराती भाषा के लिए मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मोहन परमार

मोहन परमार गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह अंचळो के लिये उन्हें सन् 2011 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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रचना अने संरचना

रचना अने संरचना गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार एच. सी. भायाणी द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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रतिलाल अनिल

रतिलाल अनिल गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक निबंध–संग्रह आटानो सूरज के लिये उन्हें सन् 2006 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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रबीन्द्रनाथ ठाकुर

रवीन्द्रनाथ ठाकुर (बंगाली: রবীন্দ্রনাথ ঠাকুর रोबिन्द्रोनाथ ठाकुर) (७ मई, १८६१ – ७ अगस्त, १९४१) को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। वे विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबल पुरस्कार विजेता हैं। बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगदृष्टा थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति हैं। वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं - भारत का राष्ट्र-गान जन गण मन और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान आमार सोनार बाँग्ला गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं। .

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रमणलाल जोशी

रमणलाल जोशी गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना विवेचननी प्रक्रिया के लिये उन्हें सन् 1984 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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रमेश पारीख

रमेश पारीख गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह वितान सुद बीज के लिये उन्हें सन् 1994 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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रसिक शाह

रसिक शाह गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक निबंध अंते आरंभ के लिये उन्हें सन् 2015 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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रसिकलाल सी. पारीख

रसिकलाल सी.

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रामनारायण पाठक

रामनारायण पाठक गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक छंद शास्त्र बृहत–पिंगल के लिये उन्हें सन् 1956 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित(मरणोपरांत) किया गया। .

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राजेन्द्र शाह

राजेन्द्र केशवलाल शाह (રાજેન્દ્ર કેશવલાલ શાહ; २८ जनवरी १९१३, कपाड़वनज, भारत - २ जनवरी २०१०) एक गुजराती भाषा के साहित्यकार थे। उन्होंने गुजराती में २० से अधिक काव्य और गीतों के संकलन रचे हैं, ज़्यादातर प्रकृति की सुंदरता और जनजाति और मछुआरों की रोज़मर्रा की ज़िन्दगी के विषयों पर। संस्कृत छंदों में रची उनकी कविताओं पर रविन्द्रनाथ टगोर की कृतियों का गहरा असर रहा है। उनके अनेक पेशों में उन्होंने बम्बई में प्रिंटिंग प्रेस भी चलाया है, जहाँ से उन्होंने कविलोक नाम की कविता पत्रिका छापी। हर रविवार सुबह उनके प्रेस में कवि आया करते थे, जो अपने आप में एक अहम प्रथा बन गयी। काव्यों के अलावा शाह ने गुजराती में कई अनुवाद भी किए हैं, जिनमें से कुछ: टगोर का कविता संकलन बलाक, जयदेव रचित गीतगोविन्द, अंग्रेज़ी कवि कॉलरिज की द राइम ऑफ़ द एन्शियंट मेरिनर और इटली के दांते की प्रसिद्ध कृति डिवाइन कॉमेडी हैं। शाह को वर्ष २००१ के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। निर्णायकों का कहना था, "इनके जज़बातों की तीव्रता और इनके काव्यों के रूप और अभिव्यक्ति में नयापन इन्हें एक ख़ास और मह्त्वपूर्ण कवि बतलाता है। इनकी कविता की आद्यात्मिकता कबीर और नरसी मेहता जैसे मध्यकालीन महान कवियों की परम्परा में है।" .

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राजेन्द्र शुक्ल

राजेन्द्र शुक्ल गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह गजल संहिता के लिये उन्हें सन् 2007 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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रघुवीर चौधरी

रघुवीर चौधरी रघुवीर चौधरी (पटेल) गुजराती के प्रसिद्ध उपन्यासकार, कवि एवं आलोचक हैं। वे अनेक समाचारपत्रों में स्तम्भलेखक भी रहे हैं। उन्होने गुजरात विश्वविद्यालय में अध्यापन किया और वहाँ से १९९८ में सेवानिवृत्त हुए। गुजराती के अलावा उन्होने हिन्दी में भी लेखन कार्य किया है। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास उपरवास कथात्रयी के लिये उन्हें सन् १९७७ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (गुजराती) से सम्मानित किया गया। .

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लाभशंकर ठाकर

लाभशंकर ठाकर गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह टोळा आवाज़ घोंघाट के लिये उन्हें सन् 1991 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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लिलेरो ढल

लिलेरो ढल गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार *प्रियकांत मणियार द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1982 में गुजराती भाषा के लिए मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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लक्ष्मण माने

लक्ष्मण माने मराठी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक जीवनी उपरा के लिये उन्हें सन् 1981 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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शर्विलक

शर्विलक गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार रसिकलाल सी. पारीख द्वारा रचित एक नाटक है जिसके लिये उन्हें सन् 1960 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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शांत कोलाहल

शांत कोलाहल गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार राजेन्द्र शाह द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1963 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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शिरीष जे. पंचाल

शिरीष जे.

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शिवाजी सावंत

एक मुर्धन्य साहित्यकार: महाराष्ट्र में जन्म एवम कई उच्च कोटि के ग्र्न्थो का स्र्जन: भारतीय ज्ञानपीठ परिषद द्वारा सम्मानित्.

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सात पगलां आकाशमां

सात पगलां आकाशमां गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार कुंदनिका कापडीआ द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1985 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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साहित्य अकादमी पुरस्कार

साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत में एक साहित्यिक सम्मान है, जो साहित्य अकादमी प्रतिवर्ष भारत की अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त प्रमुख भाषाओं में से प्रत्येक में प्रकाशित सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक कृति को पुरस्कार प्रदान करती है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल २२ भारतीय भाषाओं के अलावा ये राजस्थानी और अंग्रेज़ी भाषा; याने कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं। पहली बार ये पुरस्कार सन् 1955 में दिए गए। पुरस्कार की स्थापना के समय पुरस्कार राशि 5,000/- रुपए थी, जो सन् 1983 में ब़ढा कर 10,000/- रुपए कर दी गई और सन् 1988 में ब़ढा कर इसे 25,000/- रुपए कर दिया गया। सन् 2001 से यह राशि 40,000/- रुपए की गई थी। सन् 2003 से यह राशि 50,000/- रुपए कर दी गई है। .

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साक्रेटीज़

साक्रेटीज़ गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार मनुभाई पंचोली दर्शक़ द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1975 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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साक्षीभास्य

साक्षीभास्य गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार चंद्रकांत टोपीवाला द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 2012 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सुमन शाह

सुमन शाह गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह फटफटियुं के लिये उन्हें सन् 2008 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सुरेश दलाल

सुरेश दलाल गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह अखंड ज़ालर बागे के लिये उन्हें सन् 2005 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सुरेश जोशी

सुरेश जोशी गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक निबंध–संग्रह चिन्तयामि मनसा के लिये उन्हें सन् 1983 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सुखलालजी सांघवी

पण्डित सुखलाल संघवी (1880–1978) जैन विद्वान एवं दार्शनिक थे। वे जैन धर्म के स्थानकवासी सम्प्रदाय से सम्बन्धित थे। Preface p. vi इनके द्वारा रचित एक दार्शनिक निबंध दर्शन अने चिंतन के लिये उन्हें सन् १९५८ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (गुजराती) से सम्मानित किया गया। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७४ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। सोलह वर्ष की अल्पायु में ही चेचक के कारण सुखलालजी की आँखें चलीं गयीं। इसके बावजूद भी उन्होने अपने दृढ संकल्प और लगन से जैन न्याय में विद्वता प्राप्त की और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर नियुक्त हुए। पॉल दुंदास (Paul Dundas) उनको जैन दर्शन के सर्वश्रेष्ठ आधुनिक व्याख्याताओं में एक मानते हैं। .

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सुंदरम (त्रिभुवन दास पी. लुहार)

सुंदरम (त्रिभुवन दास पी. लुहार) गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक साहित्य–समीक्षा अवलोकन के लिये उन्हें सन् 1968 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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स्टेच्यू

स्टेच्यू गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार अनिल जोशी द्वारा रचित एक निबंध–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1990 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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स्वामी आनन्द

स्वामी आनन्द (1887 - 1976) एक सन्त, गाँधीवादी कार्यकर्ता तथा गुजराती लेखक थे। वे नवजीवन और यंग इण्डिया आदि गांधी के प्रकाशनों के प्रबन्धक थे। इनके द्वारा रचित एक रेखाचित्र कुलकथाओ के लिये उन्हें सन् १९६९ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (गुजराती) से सम्मानित किया गया। .

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सौन्दर्यनी नदी नर्मदा

सौन्दर्यनी नदी नर्मदा गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार अमृतलाल वेगड द्वारा रचित एक यात्रा–वृत्तांत है जिसके लिये उन्हें सन् 2004 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सी. सी. मेहता

सी.

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सीतांशु यशश्चंद्र

सीतांशु यशश्चंद्र गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह जटायु के लिये उन्हें सन् 1987 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सीताकांत महापात्र

ओड़िया के प्रसिद्ध कवि सीताकान्त महापात्र सीताकांत महापात्र (जन्म: १७ सितम्बर १९३७) उड़िया साहित्यकार हैं। इन्हें 1993 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें सन २००३ में भारत सरकार द्वारा साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। सीताकान्त की कविता का काव्य संसार यथार्थ और अनुभूति के सोलेन सम्मिश्रम से निर्मित हुआ है। उनकी कविताओं का सांस्कृतिक धरातल उनके अनुभव की उपज है। अतीत के जिस झरोखे से वे गांव की पगडंडी, तालाब, नदी, घर मन्दिर, सूर्योदय, ढलती शाम व मानवीय संबंधों इत्यादि का अवलोकन करते हुए सहजता से अपनी कविता में अभिव्यक्ति करते हैं, वह अनायास ही पाठकों को अपने में बांध लेती हैं। .

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हयाती

हयाती गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हरीन्द्र दवे द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1978 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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हरीन्द्र दवे

हरीन्द्र दवे गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह हयाती के लिये उन्हें सन् 1978 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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हिमांशी शेलत

हिमांशी शेलत गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह अंधारी गलीमां सफ़ेद टपकां के लिये उन्हें सन् 1996 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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जटायु

Killing of Jatayu Bird Painting by Balasaheb Pant Pratinidhi राजा रवि वर्मा द्वारा चित्रित सीता, रावण तथा जटायु जटायु रामायण का एक प्रसिद्ध पात्र है। जब रावण सीता का हरण करके लंका ले जा रहा था तो जटायु ने सीता को रावण से छुड़ाने का प्रयत्न किया था। इससे क्रोधित होकर रावण ने उसके पंख काट दिये थे जिससे वह भूमि पर जा गिरा। जब राम और लक्ष्मण सीता को खोजते-खोजते वहाँ पहुँचे तो जटायु से ही सीता हरण का पूरा विवरण उन्हें पता चला। श्रेणी:रामायण के पात्र.

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जयदेव

भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ जयदेव के लिए देखें, जयदेव (गणितज्ञ) ---- बसोहली चित्र (1730 ई) गीत गोविन्द जयदेव (१२०० ईस्वी के आसपास) संस्कृत के महाकवि हैं जिन्होंने गीत गोविंद और रतिमंजरी की रचना की। जयदेव, उत्कल राज्य यानि ओडिशा के गजपति राजाओं के समकालीन थे। जयदेव एक वैष्णव भक्त और संत के रूप में सम्मानित थे। उनकी कृति ‘गीत गोविन्द’ को श्रीमद्‌भागवत के बाद राधाकृष्ण की लीला की अनुपम साहित्य-अभिव्यक्ति माना गया है। संस्कृत कवियों की परंपरा में भी वह अंतिम कवि थे, जिन्होंने ‘गीत गोविन्द’ के रूप में संस्कृत भाषा के मधुरतम गीतों की रचना की। कहा गया है कि जयदेव ने दिव्य रस के स्वरूप राधाकृष्ण की रमणलीला का स्तवन कर आत्मशांति की सिद्धि की। भक्ति विजय के रचयिता संत महीपति ने जयदेव को श्रीमद्‌भागवतकार व्यास का अवतार माना है। .

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जयंत पाठक

जयंत पाठक गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह अनुनय के लिये उन्हें सन् 1980 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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जयंत कोठारी

जयंत कोठारी गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना वांक–देखां विवेचनो के लिये उन्हें सन् 1998 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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जगदीश जोशी

जगदीश जोशी गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह वमल ना वन के लिये उन्हें सन् 1979 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित(मरणोपरांत) किया गया। .

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जोसेफ़ मेकवान

जोसेफ़ मेकवान गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास आंगळियात के लिये उन्हें सन् 1989 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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जी. ए. कुलकर्णी

जी.

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जीवन–व्यवस्था

जीवन–व्यवस्था गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार काकासाहेब कालेलकर द्वारा रचित एक निबंध–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1965 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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वमल ना वन

वमल ना वन गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार *जगदीश जोशी द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1979 में गुजराती भाषा के लिए मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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वर्षा एम. अडालजा

वर्षा एम.

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वात आपणा विवेचननी

वात आपणा विवेचननी गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार शिरीष जे. पंचाल द्वारा रचित एक समालोचनात्मक अध्ययन है जिसके लिये उन्हें सन् 2009 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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वांक–देखां विवेचनो

वांक–देखां विवेचनो गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार जयंत कोठारी द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1998 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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वितान सुद बीज

वितान सुद बीज गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार रमेश पारीख द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1994 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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विवेचननी प्रक्रिया

विवेचननी प्रक्रिया गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार रमणलाल जोशी द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1984 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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व्यक्ति आणि वल्ली

व्यक्ति आणि वल्ली मराठी भाषा के विख्यात साहित्यकार पी.एस. देशपाण्डे द्वारा रचित एक रेखाचित्र–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1965 में मराठी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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वी. आर. त्रिवेदी

वी.

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वीनेश अंताणी

वीनेश अंताणी गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास धूँधभरी खींण के लिये उन्हें सन् 2000 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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वीरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य

वीरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य (१ अप्रैल, १९२४ - ६ अगस्त, १९९७) असमिया साहित्यकार थे। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास इयारुइंगम के लिये उन्हें सन् १९६१ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (असमिया) से सम्मानित किया गया। इन्हें १९७९ में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। समाजवादी विचारों से प्रेरित श्री भट्टाचार्य कहानीकार, कवि, निबंधकार और पत्रकार थे। वे साहित्य अकादमी, दिल्ली और असम साहित्य सभा के अध्यक्ष रहे। उन्होंने १९५० में संपादित असमी पत्रिका रामधेनु का संपादन कर असमिया साहित्य को नया मोड़ दिया। इनके चर्चित उपन्यासों इयारूंगम, मृत्युंजय, राजपथे, रिंगियाई, आई, प्रितपद, शतघ्नी, कालर हुमुनियाहहैं। इनके दो कहानी संग्रह भी प्रकाशित हुए, कलंग आजियो बोइ और सातसरी। .

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खारां ज़रण

खारां ज़रण गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार चिनु मोदी द्वारा रचित एक कविता-संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2013 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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गिरीश कर्नाड

गिरीश कार्नाड (जन्म 19 मई, 1938 माथेरान, महाराष्ट्र) भारत के जाने माने समकालीन लेखक, अभिनेता, फ़िल्म निर्देशक और नाटककार हैं। कन्नड़ और अंग्रेजी भाषा दोनों में इनकी लेखनी समानाधिकार से चलती है। 1998 में ज्ञानपीठ सहित पद्मश्री व पद्मभूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों के विजेता कार्नाड द्वारा रचित तुगलक, हयवदन, तलेदंड, नागमंडल व ययाति जैसे नाटक अत्यंत लोकप्रिय हुये और भारत की अनेकों भाषाओं में इनका अनुवाद व मंचन हुआ है। प्रमुख भारतीय निदेशको - इब्राहीम अलकाजी, प्रसन्ना, अरविन्द गौड़ और बी.वी. कारंत ने इनका अलग- अलग तरीके से प्रभावी व यादगार निर्देशन किया हैं। .

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गजल संहिता

गजल संहिता गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार राजेन्द्र शुक्ल द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2007 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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गुजराती भाषा

गुजराती भारत की एक भाषा है जो गुजरात राज्य, दीव और मुंबई में बोली जाती है। गुजराती साहित्य भारतीय भाषाओं के सबसे अधिक समृद्ध साहित्य में से है। भारत की दूसरी भाषाओं की तरह गुजराती भाषा का जन्म संस्कृत भाषा से हुआ है। वहीं इसके कई शब्द ब्रजभाषा के हैं ऐसा भी माना जाता है की इसका जन्म ब्रजभाषा में से भी हुआ अर्थात संस्कृत और ब्रजभाषा के मिले जुले शब्दों से गुजरातीे भाषा का जन्म हुआ। दूसरे राज्य एवं विदेशों में भी गुजराती बोलने वाले लोग निवास करते हैं। जिन में पाकिस्तान, अमेरिका, यु.के., केन्या, सिंगापुर, अफ्रिका, ऑस्ट्रेलीया मुख्य है। भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की मातृभाषा गुजराती थी। गुजराती बोलने वाले भारत के दूसरे महानुभावों में पाकिस्तान के राष्ट्रपिता मुहम्मद अली जिन्ना, महर्षि दयानंद सरस्वती, मोरारजी देसाई, नरेन्द्र मोदी, धीरु भाई अंबानी भी सम्मिलित है। .

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गुजराती भाषानूं ध्वनि स्वरूप अने ध्वनि परिवर्तन

गुजराती भाषानूं ध्वनि स्वरूप अने ध्वनि परिवर्तन गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार पी. बी. पंडित द्वारा रचित एक भाषाशास्त्रीय अध्ययन है जिसके लिये उन्हें सन् 1967 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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गुजराती साहित्य पूर्वार्ध–उत्तरार्ध

गुजराती साहित्य पूर्वार्ध–उत्तरार्ध गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार निरंजन एन. भगत द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1999 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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गीतगोविन्द

गीतगोविन्द की पाण्डुलिपि (१५५० ई) गीतगोविन्द (ଗୀତ ଗୋବିନ୍ଦ) जयदेव की काव्य रचना है। गीतगोविन्द में श्रीकृष्ण की गोपिकाओं के साथ रासलीला, राधाविषाद वर्णन, कृष्ण के लिए व्याकुलता, उपालम्भ वचन, कृष्ण की राधा के लिए उत्कंठा, राधा की सखी द्वारा राधा के विरह संताप का वर्णन है। जयदेव का जन्म ओडिशा में भुवनेश्वर के पास केन्दुबिल्व नामक ग्राम में हुआ था। वे बंगाल के सेनवंश के अन्तिम नरेश लक्ष्मणसेन के आश्रित महाकवि थे। लक्ष्मणसेन के एक शिलालेख पर १११६ ई० की तिथि है अतः जयदेव ने इसी समय में गीतगोविन्द की रचना की होगी। ‘श्री गीतगोविन्द’ साहित्य जगत में एक अनुपम कृति है। इसकी मनोरम रचना शैली, भावप्रवणता, सुमधुर राग-रागिणी, धार्मिक तात्पर्यता तथा सुमधुर कोमल-कान्त-पदावली साहित्यिक रस पिपासुओं को अपूर्व आनन्द प्रदान करती हैं। अतः डॉ॰ ए॰ बी॰ कीथ ने अपने ‘संस्कृत साहित्य के इतिहास’ में इसे ‘अप्रतिम काव्य’ माना है। सन् 1784 में विलियम जोन्स द्वारा लिखित (1799 में प्रकाशित) ‘ऑन द म्यूजिकल मोड्स ऑफ द हिन्दूज’ (एसियाटिक रिसर्चेज, खंड-3) पुस्तक में गीतगोविन्द को 'पास्टोरल ड्रामा' अर्थात् ‘गोपनाट्य’ के रूप में माना गया है। उसके बाद सन् 1837 में फ्रेंच विद्वान् एडविन आरनोल्ड तार्सन ने इसे ‘लिरिकल ड्रामा’ या ‘गीतिनाट्य’ कहा है। वान श्रोडर ने ‘यात्रा प्रबन्ध’ तथा पिशाल लेवी ने ‘मेलो ड्रामा’, इन्साइक्लोपिडिया ब्रिटानिका (खण्ड-5) में गीतगोविन्द को ‘धर्मनाटक’ कहा गया है। इसी तरह अनेक विद्वानों ने अपने-अपने ढंग से इसके सम्बन्ध में विचार व्यक्त किया है। जर्मन कवि गेटे महोदय ने अभिज्ञानशाकुन्तलम् और मेघदूतम् के समान ही गीतगोविन्द की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। गीतगोविन्द काव्य में जयदेव ने जगदीश का ही जगन्नाथ, दशावतारी, हरि, मुरारी, मधुरिपु, केशव, माधव, कृष्ण इत्यादि नामों से उल्लेख किया है। यह 24 प्रबन्ध (12 सर्ग) तथा 72 श्लोकों (सर्वांगसुन्दरी टीका में 77 श्लोक) युक्त परिपूर्ण ग्रन्थ है जिसमें राधा-कृष्ण के मिलन-विरह तथा पुनर्मिलन को कोमल तथा लालित्यपूर्ण पदों द्वारा बाँधा गया है। किन्तु नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित ‘हस्तलिखित संस्कृत ग्रन्थ सूची, भाग-इ’ में गीतगोविन्द का 13वाँ सर्ग भी उपलब्ध है। परन्तु यह मातृका अर्वाचीन प्रतीत होती है। गीतगोविन्द वैष्णव सम्प्रदाय में अत्यधिक आदृत है। अतः 13वीं शताब्दी के मध्य से ही श्री जगन्नाथ मन्दिर में इसे नित्य सेवा के रूप में अंगीकार किया जाता रहा है। इस गीतिकाव्य के प्रत्येक प्रबन्ध में कवि ने काव्यफल स्वरूप सुखद, यशस्वी, पुण्यरूप, मोक्षद आदि शब्दों का प्रयोग करके इसके धार्मिक तथा दार्शनिक काव्य होने का भी परिचय दिया है। शृंगार रस वर्णन में जयदेव कालिदास की परम्परा में आते हैं। गीतगोविन्द का रास वर्णन श्रीमद्भागवत के वर्णन से साम्य रखता है; तथा श्रीमद्भागवत के स्कन्ध 10, अध्याय 40 में (10-40-17/22) अक्रूर स्तुति में जो दशावतार का वर्णन है, गीतगोविन्द के प्रथम सर्ग के स्तुति वर्णन से साम्य रखता है। आगे चलकर गीतगोविन्द के अनेक ‘अनुकृति’ काव्य रचे गये। अतः जयदेव ने स्वयं १२वें सर्ग में लिखा है - कुम्भकर्ण प्रणीत ‘रसिकप्रिया’ टीका आदि में इसकी पुष्टि की गयी है। .

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आटानो सूरज

आटानो सूरज गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार रतिलाल अनिल द्वारा रचित एक निबंध–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2006 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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आगंतुक

आगंतुक गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार धीरूबेन पटेल द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2001 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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आंगळियात

आंगळियात गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार जोसेफ़ मेकवान द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1989 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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इयारुइंगम

इयारुइंगम असमिया भाषा के विख्यात साहित्यकार बीरेन्द्रकुमार भट्टाचार्य द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1961 में असमिया भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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कार्मेलिन

कार्मेलिन कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार दामोदर मावज़ो द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1983 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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काका कालेलकर

काका कालेलकर (1885 - 21 अगस्त 1981) के नाम से विख्यात दत्तात्रेय बालकृष्ण कालेलकर भारत के प्रसिद्ध शिक्षाशास्त्री, पत्रकार और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। काकासाहेब कालेलकर ने गुजराती और हिन्दी में साहित्यरचना की। उन्होने हिन्दी की महान सेवा की। उनके द्वारा रचित जीवन–व्यवस्था नामक निबन्ध–संग्रह के लिये उन्हें सन् 1965 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे साबरमती आश्रम के सदस्य थे और अहमदाबाद में गुजरात विद्यापीठ की स्थापना में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया। गांधी जी के निकटतम सहयोगी होने का कारण ही वे 'काका' के नाम से जाने गए। वे सर्वोदय पत्रिका के संपादक भी रहे। 1930 में पूना का यरवदा जेल में गांधी जी के साथ उन्होंने महत्वपूर्ण समय बिताया। .

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कविनी श्रद्धा

कविनी श्रद्धा गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार उमाशंकर जोशी द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1973 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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कुलकथाओ

कुलकथाओ गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार स्वामी आनंद द्वारा रचित एक रेखाचित्र है जिसके लिये उन्हें सन् 1969 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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कुंदनिका कापडीआ

कुंदनिका कापडीआ गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास सात पगलां आकाशमां के लिये उन्हें सन् 1985 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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कूवो

कूवो गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार अशोकपुरी गोस्वामी द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1997 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अणसार

अणसार गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार वर्षा एम. अडालजा द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1995 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अनिल जोशी

अनिल जोशी भारत के पंजाब राज्य की अमृतसर उत्तर सीट से भाजपा के विधायक हैं। 2012 के चुनावों में वे अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 16980 वोटों के अंतर से हराकर निर्वाचित हुए। .

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अनंतराय एम. रावल

अनंतराय एम.

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अनुनय

कोई भी ऐसा सम्प्रेसन जो श्रोता की मनोवृत्ति में परिवर्तन करना चाहता है, अनुनयन कहलाता है उदाहरण- किसी पार्टी का श्लोगन जैसे "अच्छे दिन आने वाले हैं" .

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अभिनवानो रसविचार

अभिनवानो रसविचार गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार नगीनदास पारीख द्वारा रचित एक समालोचना है जिसके लिये उन्हें सन् 1970 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अमृतलाल वेगड

अमृतलाल वेगड गुजराती भाषा तथा हिन्दी भाषा के विख्यात साहित्यकार साथ ही ये जानेमाने चित्रकार भी हैं। इनके द्वारा रचित एक यात्रा–वृत्तांत सौन्दर्यनी नदी नर्मदा के लिये उन्हें सन् 2004 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अश्वत्थ

अंगूठाकार अश्वत्थ, पीपल का संस्कृत नाम है। हिन्दू लोग इसे पवित्र वृक्ष मानते हैं। हिन्दू धर्मग्रन्थों में इसका बहुत उल्लेख मिलता है। ऋग्वेद में इसे पीपल कहा गया है। बौद्ध ग्रन्थ इसे 'बोधि वृक्ष' कहते हैं। .

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अश्विन महेता

अश्विन महेता गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक निबंध छबि भीतरनी के लिये उन्हें सन् 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित(मरणोपरांत) किया गया। .

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अशोकपुरी गोस्वामी

अशोकपुरी गोस्वामी गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास कूवो के लिये उन्हें सन् 1997 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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असूर्यलोक

असूर्यलोक गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार भगवती कुमार शर्मा द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1988 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अवलोकन

अवलोकन एक हिन्दी शब्द है। .

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अखंड ज़ालर बागे

अखंड ज़ालर बागे गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार सुरेश दलाल द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2005 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अखेपातर

अखेपातर गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार बिन्दु भट्ट द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2003 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अग्निकुंडमां उगेलुं गुलाब

अग्निकुंडमां उगेलुं गुलाब गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार नारायण देसाई द्वारा रचित एक जीवनी है जिसके लिये उन्हें सन् 1993 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अंचळो

अंचळो गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार मोहन परमार द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2011 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अंते आरंभ

अंते आरंभ गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार रसिक शाह द्वारा रचित एक निबंध है जिसके लिये उन्हें सन् 2015 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अंधारी गलीमां सफ़ेद टपकां

अंधारी गलीमां सफ़ेद टपकां गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार हिमांशी शेलत द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1996 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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उपरा

उपरा मराठी भाषा के विख्यात साहित्यकार लक्ष्मण माने द्वारा रचित एक जीवनी है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में मराठी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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उपरवास कथात्रयी

उपरवास कथात्रयी गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार रघुवीर चौधुरी द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1977 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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उपायन

उपायन गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार वी. आर. त्रिवेदी द्वारा रचित एक समालोचनात्मक लेखन है जिसके लिये उन्हें सन् 1962 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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उमाशंकर जोशी

उमाशंकर जोशी एक गुजराती साहित्यकार हैं। इन्हें 1967 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इनके द्वारा रचित एक समालोचना कविनी श्रद्धा के लिये उन्हें सन् १९७३ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (गुजराती) से सम्मानित किया गया। .

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छबि भीतरनी

छबि भीतरनी गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार अश्विन महेता द्वारा रचित एक निबंध है जिसके लिये उन्हें सन् 2014 में गुजराती भाषा के लिए मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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छावणी

छावणी गुजराती भाषा के विख्यात साहित्यकार धीरेन्द्र महेता द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2010 में गुजराती भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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