लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

साइकोसलैब

सूची साइकोसलैब

साइकोसलैब (ScicosLab), साईलैब का परिवर्धित संस्करण है। इसमें GTK+ नामक साइकोस का नवीनतम् स्थिर संस्करण तथा मैक्सप्लस (Maxplus) नामक बीजगणित का टूलबक्सा सम्मिलित है। यह एक मुक्तस्रोत सॉफ्टवेयर है जो विभिन्न तन्त्रों के सिमुलेशन के लिये उपयोगी है। .

4 संबंधों: बीजगणित, मुक्त स्रोत, साईलैब, सिमुलेशन

बीजगणित

बीजगणित (संस्कृत ग्रन्थ) भी देखें। ---- आर्यभट बीजगणित (algebra) गणित की वह शाखा जिसमें संख्याओं के स्थान पर चिन्हों का प्रयोग किया जाता है। बीजगणित चर तथा अचर राशियों के समीकरण को हल करने तथा चर राशियों के मान निकालने पर आधारित है। बीजगणित के विकास के फलस्वरूप निर्देशांक ज्यामिति व कैलकुलस का विकास हुआ जिससे गणित की उपयोगिता बहुत बढ़ गयी। इससे विज्ञान और तकनीकी के विकास को गति मिली। महान गणितज्ञ भास्कराचार्य द्वितीय ने कहा है - अर्थात् मंदबुद्धि के लोग व्यक्ति गणित (अंकगणित) की सहायता से जो प्रश्न हल नहीं कर पाते हैं, वे प्रश्न अव्यक्त गणित (बीजगणित) की सहायता से हल कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में, बीजगणित से अंकगणित की कठिन समस्याओं का हल सरल हो जाता है। बीजगणित से साधारणतः तात्पर्य उस विज्ञान से होता है, जिसमें संख्याओं को अक्षरों द्वारा निरूपित किया जाता है। परंतु संक्रिया चिह्न वही रहते हैं, जिनका प्रयोग अंकगणित में होता है। मान लें कि हमें लिखना है कि किसी आयत का क्षेत्रफल उसकी लंबाई तथा चौड़ाई के गुणनफल के समान होता है तो हम इस तथ्य को निमन प्रकार निरूपित करेंगे— बीजगणिति के आधुनिक संकेतवाद का विकास कुछ शताब्दी पूर्व ही प्रारंभ हुआ है; परंतु समीकरणों के साधन की समस्या बहुत पुरानी है। ईसा से 2000 वर्ष पूर्व लोग अटकल लगाकर समीकरणों को हल करते थे। ईसा से 300 वर्ष पूर्व तक हमारे पूर्वज समीकरणों को शब्दों में लिखने लगे थे और ज्यामिति विधि द्वारा उनके हल ज्ञात कर लेते थे। .

नई!!: साइकोसलैब और बीजगणित · और देखें »

मुक्त स्रोत

फ्री एवं मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर का सैद्धांतिक आरेख मुक्त स्रोत (अंग्रेज़ी:ओपन सोर्स) किसी भी सामग्री के उत्पादन, विस्तार एवं विकास की वह प्रक्रिया है जिसमें उत्पादन की प्रक्रिया पूरी तरह से खुली व्यवस्था होती है। इसमें स्रोत को प्रकाशित किया एवं बढ़ावा दिया जाता है। इस विचारधारा के आरंभ के समय यह केवल कंप्यूटर सॉफ्टवेयर तक ही सीमित थी, जिसके अंतरगत विभिन्न सॉफ्टवेयर के सोर्स कोड को निःशुल्क वितरित किया जाता था और इस प्रकार उपयोक्ता की पहुंच सॉफ्टवेयर के सोर्स कोड तक होती थी। इसके अंतर्गत उपयोक्ताओं को किसी भी अनुप्रयोग के विकास की प्रक्रिया में भाग लेने, इसे बदलने व इसमें किसी भी प्रकार का सुधार कर फिर स्वयं वितरित करने का अधिकार भी मिलता था। इस प्रकार उसे कोई भी व्यक्ति अपनी सुविधानुसार नये और परिवर्तित सॉफ्टवेयर को बनाने के लिये प्रयोग करने हेतु मुक्त होता था। इसके किसी प्रकार के प्रयोग पर कोई निषेध नहीं होता है।।हिन्दुस्तान लाइव।५ नवंबर, २००९ इस तरह से ओपन सोर्स केवल सोफ्टवेयर तक सीमित न रहकर हर प्रकार की रचना तक पहुंच गया है, जैसे लेख, चित्र, संगीत और चलचित्र आदि।। सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क केन्द्र। सॉफ्टवेयर उद्योग में मुक्त स्रोत का विचार सर्वप्रथम १९९० के दशक में आया था, जब कई कंपनियों ने अपने सॉफ्टवेयर, प्रचालन तंत्र आदि मुक्त स्रोत रूप में जारी किये थे। इसका आरंभ लाइनेक्स से हुआ था। पहली बार वृहत स्तर पर १९९८ में दिखा जब नेविगेटर (मोज़िला) का सोर्स कोड जारी किया। इसके कई स्तर होते हैं। कई कंपनियां मुक्त स्रोत को जारी करते समय उसके साथ कुछ कुछ प्रतिबंध या शर्तें आदि लगा देती हैं ताकि उसका दुरुपयोग न हो सके। मुक्त स्रोत का मुख्य लाभ होता है कि उपभोक्ता के पास इसका सोर्स कोर्ड उपलब्ध होने के कारण वह इसका प्रयोग अपनी इच्छा और आवश्यकतानुसार कर सकता है। एप्पल आदि कई कंपनियां अपनी तकनीकों को मुक्त स्रोत लाइसेंस के द्वारा जारी करती हैं जिसके ऐवज में उपभोक्ताओं से वो पैसे लेती हैं। लगभग एक वर्ष पूर्व बाजार में गूगल फोन आया था जिसमें एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया था। इसका प्रचालन तंत्र भी मुक्त स्रोत ही था और जिसमें डेवलपर परिवर्तन करके इसके प्रकार्यों और कुछ सुविधाओं को को बढ़ा और घटा भी सकते थे, जैसे फोन के मीडिया प्लेयर में इच्छानुसार परिवर्तन करना संभव था। मुक्त स्रोत के पीछे का उद्देश्य है, कि किसी भी उत्पाद के बारे में विकास और उसमें निहित त्रुटियां और कमियां जितनी अधिक और जल्दी उपयोक्ता बता सकते हैं, उतना अधिक उसके निर्माता नहीं कर सकते हैं। निर्मातागण मात्र सीमित दिशा में ही सोच सकते हैं, किन्तु बड़ी संख्या में उपयोक्ता असीमित आयामों सहित विकास कर सकते हैं, जिनको अध्ययन कर बाद में निर्माताओं का विकास अनुभाग नया और उत्कृष्ट वर्ज़न निकाल सकते हैं। लिनक्स, विकिपीडिया, फेडोरा, फ़ायरफ़ॉक्स आदि की सफलता ने मुक्त स्रोत की विचारधारा को मुख्यधारा में ला दिया है।। दैट्स हिन्दी।२६ मई, २००९। राजेश रंजन। वर्तमान युग में ये प्रणाली सॉफ्टवेयरों के अलावा बहुत जगह प्रयोग की जाने लगी है। इसका एक जीवंत उदाहरण है विकिपीडिया। इसे कोई भी कभी और कहीं भी संपादित कर सकता है। जिसका अध्ययन कर प्रबंधकवर्ग संशोधित संस्करण निकालते रहते हैं और ध्वंसकारी बदलाव वापस करते रहते हैं। .

नई!!: साइकोसलैब और मुक्त स्रोत · और देखें »

साईलैब

साईलैब (Scilab) एक मुक्तस्रोत आंकिक विश्लेषण का सॉफ्टवेयर पैकेज है। इसे सन १९९० से ही इन्स्टिट्यूट नेशनल डी रिसर्च एन इन्फार्मेटिक एट एन आटोमेटिक (INRIA) एवं इकोल नेशनल डेस पॉन्ट्स एट चौसेस (ENPC) के अनुसंधानकर्ताओं ने विकसित किया है। सन २००३ में साईलैब कॉन्सोर्सिअम की स्थापना के पश्चात से ही इसकी देख-रेख एवं विकास INRIA द्वारा की जा रही है। साइलैब वास्तव में एक उच्च-स्तर की प्रोग्रामन भाषा है। इसका अर्थ यह है कि कुछ ही लाइन के कोड लिखने पर भी बड़ी-बड़ी गणनाएँ हो जाती हैं। साइलैब सभी मूल डेटा के प्रकारों (primitive data types) को उनके तुल्य एक मैट्रिक्स के रूप में बदलकर काम करता है। जहाँ तक काम का प्रश्न है, यह मैटलैब (MATLAB) जैसा ही है किन्तु यह बिना मूल्य के ही डाउनलोड किया जा सकता है। इसका सिन्टैक्स भी मैटलैब जैसा ही है। किन्तु ऐसा नहीं है कि साईलैब का सभी कोड ज्यों का त्यों मैटलैब में या मैटलैब के सारे कोड साईलैब में पूरी तरह से चल जायेंगे। साईलैब में एक परिवर्तक (कन्वर्टर) की सुविधा भी है जो मैटलैब के स्रोत-कोड को साईलैब के स्रोत-कोड में बदल देता है। सामान्य गणितीय कार्यों के अलावा यह सॉफ्टवेयर, संकेत प्रसंस्करण, सांख्यिकीय विश्लेषण, छवि सुधार तथा नियंत्रण तंत्रों की डिजाइन आदि में बहुत उपयोगी है। साईलैब में एक पैकेज और भी है जिसका नाम एक्स्कॉस (Xcos) है जो साईकॉस (SciCos) का ही एक रूप है। साईकॉस, मैटलैब के साथ आने वाले सिमूलिंक जैसा है जो ग्राफीय ब्लॉक आरेखों का उपयोग करके सतत व डिस्क्रीट गतिक तंत्रों को मॉडल करने व सिमुलेट करने में सहायता करता है। चलते समय साइलैब का एक स्क्रीन-शॉट .

नई!!: साइकोसलैब और साईलैब · और देखें »

सिमुलेशन

द्वितीय विश्व युद्ध में प्रयुक्त लकड़ी का यांत्रिक घोड़ा (सिमुलेटर) किसी वास्तविक चीज, प्रक्रम (प्रॉसेस) या कार्यकलाप का किसी अन्य विधि से अनुकरण (नकल) करना अनुकार या सिमुलेशन (simulation) कहलाता है। कम्प्यूटरों के कारण सिमुलेशन का कार्य बहुत आम हो गया है। .

नई!!: साइकोसलैब और सिमुलेशन · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »