12 संबंधों: ऍचटीऍमऍल, एक्स॰एम॰एल॰, तन्त्र, परियोजना प्रबन्धन, पीएचपी, यान्त्रिक अनुवाद, शब्दावली विज्ञान, शब्दकोश, सी++, वर्तनी जाँचक, अनुवाद, अनुवाद स्मृति।
ऍचटीऍमऍल
(HTML), HyperText Markup Language का संक्षिप्त रूप है। यह वेब पृष्ठों के लिये एक प्रमुख मार्कअप भाषा है। यह किसी द्स्तावेज में टैक्स्ट आधारित जानकारी की संरचना को निर्धारित करने का साधन है। इसके लिये यह टैक्स्ट विशेष को लिंक, हैडिंग, पैराग्राफ, सूची आदि के रूप में नोट करती है तथा इसमें इंटरैक्टिव फॉर्म, संलग्न चित्र, तथा अन्य ऑबजॅक्ट जोडती है। ऍचटीऍमऍल टैग्स के रूप में लिखी जाती है जो कि एंगल ब्रैकेट ("") के द्वारा घिरी होती है। ऍचटीऍमऍल कुछ हद तक किसी दस्तावेज के दृश्य रूप आदि को भी निर्धारित कर सकती है तथा इसमें स्क्रिप्टिंग भाषा कोड जैसे जावास्क्रिप्ट, पीऍचपी आदि भी संलग्न किया जा सकता है। HTML का प्रयोग किसी वेबसाइट के ढांचे को तैयार करने के लिए किया जाता है और यही एक मैं भाषा है जिसकी मदद से सभी वेबसाइट भी चलती है .
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एक्स॰एम॰एल॰
thumbएक्स॰एम॰एल॰ (Extensible Markup Language या XML) एक सामान्य उपयोग की मार्कअप भाषा है। अधिक सूक्ष्म रूप में कहें तो यह सामान्य उपयोग की विनिर्देश यानि स्पेसिफिकेशन है जो स्वानुकूल मार्कअप भाषा की रचना करने के काम आती है। एक्सटेंसिबल इसलिये क्योंकि ये प्रयोक्ताओं को अपने टैग बनाने की अनुमति देता है। क्षमल का मूल उद्देश्य है अलहदा सूचना निकायों के बीच, विशेषकर इंटरनेट द्वारा, संरचित यानी स्ट्रक्चर्ड सूचना के आदान प्रदान के लिये सुविधा प्रदान करना।;उदाहरण एक छोटी सी XML फाइल का एक उदाहरण नीचे दिया है। .
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तन्त्र
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित तंत्र या प्रणाली या सिस्टम के बारे में तंत्र (सिस्टम) देखें। ---- तन्त्र कलाएं (ऊपर से, दक्षिणावर्त): हिन्दू तांत्रिक देवता, बौद्ध तान्त्रिक देवता, जैन तान्त्रिक चित्र, कुण्डलिनी चक्र, एक यंत्र एवं ११वीं शताब्दी का सैछो (तेन्दाई तंत्र परम्परा का संस्थापक तन्त्र, परम्परा से जुड़े हुए आगम ग्रन्थ हैं। तन्त्र शब्द के अर्थ बहुत विस्तृत है। तन्त्र-परम्परा एक हिन्दू एवं बौद्ध परम्परा तो है ही, जैन धर्म, सिख धर्म, तिब्बत की बोन परम्परा, दाओ-परम्परा तथा जापान की शिन्तो परम्परा में पायी जाती है। भारतीय परम्परा में किसी भी व्यवस्थित ग्रन्थ, सिद्धान्त, विधि, उपकरण, तकनीक या कार्यप्रणाली को भी तन्त्र कहते हैं। हिन्दू परम्परा में तन्त्र मुख्यतः शाक्त सम्प्रदाय से जुड़ा हुआ है, उसके बाद शैव सम्प्रदाय से, और कुछ सीमा तक वैष्णव परम्परा से भी। शैव परम्परा में तन्त्र ग्रन्थों के वक्ता साधारणतयः शिवजी होते हैं। बौद्ध धर्म का वज्रयान सम्प्रदाय अपने तन्त्र-सम्बन्धी विचारों, कर्मकाण्डों और साहित्य के लिये प्रसिद्ध है। तन्त्र का शाब्दिक उद्भव इस प्रकार माना जाता है - “तनोति त्रायति तन्त्र”। जिससे अभिप्राय है – तनना, विस्तार, फैलाव इस प्रकार इससे त्राण होना तन्त्र है। हिन्दू, बौद्ध तथा जैन दर्शनों में तन्त्र परम्परायें मिलती हैं। यहाँ पर तन्त्र साधना से अभिप्राय "गुह्य या गूढ़ साधनाओं" से किया जाता रहा है। तन्त्रों को वेदों के काल के बाद की रचना माना जाता है जिसका विकास प्रथम सहस्राब्दी के मध्य के आसपास हुआ। साहित्यक रूप में जिस प्रकार पुराण ग्रन्थ मध्ययुग की दार्शनिक-धार्मिक रचनायें माने जाते हैं उसी प्रकार तन्त्रों में प्राचीन-अख्यान, कथानक आदि का समावेश होता है। अपनी विषयवस्तु की दृष्टि से ये धर्म, दर्शन, सृष्टिरचना शास्त्र, प्राचीन विज्ञान आदि के इनसाक्लोपीडिया भी कहे जा सकते हैं। यूरोपीय विद्वानों ने अपने उपनिवीशवादी लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए तन्त्र को 'गूढ़ साधना' (esoteric practice) या 'साम्प्रदायिक कर्मकाण्ड' बताकर भटकाने की कोशिश की है। वैसे तो तन्त्र ग्रन्थों की संख्या हजारों में है, किन्तु मुख्य-मुख्य तन्त्र 64 कहे गये हैं। तन्त्र का प्रभाव विश्व स्तर पर है। इसका प्रमाण हिन्दू, बौद्ध, जैन, तिब्बती आदि धर्मों की तन्त्र-साधना के ग्रन्थ हैं। भारत में प्राचीन काल से ही बंगाल, बिहार और राजस्थान तन्त्र के गढ़ रहे हैं। .
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परियोजना प्रबन्धन
परियोजना प्रबन्धन, किसी परियोजना के किसी विशिष्ट लक्ष्य की प्राप्ति हेतु योजना बनाने, संगठित करने एवं संसाधनों की व्यवस्था करने की विधा का नाम है। .
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पीएचपी
पीएचपी (PHP) नेट पर वेब साईट बनाने की एक भाषा है। इस को आसानी से HTML के साथ जोड़ किसी भी पेज़ को डायनामिक बनाया जा सकता है। यह एक सर्वर साइड स्क्रिप्टिंग भाषा है। .
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यान्त्रिक अनुवाद
कम्प्यूटर साफ्टवेयर की सहायता से एक प्राकृतिक भाषा के टेक्स्ट या कही गयी बात (स्पीच) को दूसरी प्राकृतिक भाषा के टेक्स्ट या वाक में अनुवाद करने को मशीनी अनुवाद या यांत्रिक अनुवाद कहते हैं। .
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शब्दावली विज्ञान
शब्दावली विज्ञान (Terminology), पारिभाषिक शब्दों तथा उनके उपयोग के अध्ययन की विद्या है। पारिभाषिक शब्द (टर्म) उन शब्दों, सामासिक-शब्दों या बहु-शाब्दिक-अभिव्यक्तियों को कहते हैं जिनका उपयोग विशिष्ट सन्दर्भ में विशिष्ट अर्थ रखता है। ये 'विशिष्ट अर्थ' उन शब्दों के 'सामान्य उपयोग के अर्थ' से बहुत अलग हो सकते हैं। उदाहरण के लिये साधारण अर्थ में 'कार्य' का मतलब कोई भी काम करना -जैसे खाना खाना, हँसना, चलना, पढ़ना आदि है, किन्तु भौतिकी में बल और उस बल के कारण उसकी दिशा में हुए विस्थापन के गुणनफल को कार्य कहते हैं। शब्दावली विज्ञान वह विधा (डिसिप्लिन) है जो पारिभाषिक शब्दों के विकास तथा अन्य पहलुओं का अध्ययन करती है। किन्तु ध्यान देने योग्य है कि शब्दावली विज्ञान, कोशरचना से भिन्न है क्योंकि शब्दावली विज्ञान में अवधारणाओं तथा अवधारणाओं के समुदाय का भी अध्ययन सम्मिलित है। .
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शब्दकोश
शब्दकोश (अन्य वर्तनी:शब्दकोष) एक बडी सूची या ऐसा ग्रंथ जिसमें शब्दों की वर्तनी, उनकी व्युत्पत्ति, व्याकरणनिर्देश, अर्थ, परिभाषा, प्रयोग और पदार्थ आदि का सन्निवेश हो। शब्दकोश एकभाषीय हो सकते हैं, द्विभाषिक हो सकते हैं या बहुभाषिक हो सकते हैं। अधिकतर शब्दकोशों में शब्दों के उच्चारण के लिये भी व्यवस्था होती है, जैसे - अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि में, देवनागरी में या आडियो संचिका के रूप में। कुछ शब्दकोशों में चित्रों का सहारा भी लिया जाता है। अलग-अलग कार्य-क्षेत्रों के लिये अलग-अलग शब्दकोश हो सकते हैं; जैसे - विज्ञान शब्दकोश, चिकित्सा शब्दकोश, विधिक (कानूनी) शब्दकोश, गणित का शब्दकोश आदि। सभ्यता और संस्कृति के उदय से ही मानव जान गया था कि भाव के सही संप्रेषण के लिए सही अभिव्यक्ति आवश्यक है। सही अभिव्यक्ति के लिए सही शब्द का चयन आवश्यक है। सही शब्द के चयन के लिए शब्दों के संकलन आवश्यक हैं। शब्दों और भाषा के मानकीकरण की आवश्यकता समझ कर आरंभिक लिपियों के उदय से बहुत पहले ही आदमी ने शब्दों का लेखाजोखा रखना शुरू कर दिया था। इस के लिए उस ने कोश बनाना शुरू किया। कोश में शब्दों को इकट्ठा किया जाता है। .
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सी++
सी++ (C++; उच्चारण: सी प्लस-प्लस) एक स्थैतिक टाइप, स्वतंत्र-प्रपत्र, बहु-प्रतिमान संकलित, सामान्य प्रयोजन प्रोग्रामिंग भाषा है। यह एक मध्यस्तरीय भाषा के रूप में जानी जाती है, क्योंकि यह दोनों उच्च स्तर और निम्न स्तर की भाषा सुविधाओं का एक संयोजन है। यह जार्न स्तार्स्तप द्वारा विकसित सी भाषा की वृद्धि के रूप में बेल लेबोरेटरीज में 1979 में शुरू किया गया था। इस भाषा का मूल नाम सी विथ क्लासेस था, जिसे १९८३ में बदल कर सी++ कर दिया गया। यह एक आब्जेक्ट उन्मुखी (ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड) भाषा है। .
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वर्तनी जाँचक
वर्तनी जाँचक या शब्द शोधक ऐसा कम्प्यूटर प्रोग्राम है, जो स्वयं या किसी अन्य प्रोग्राम से जुड़कर किसी भाषा में लिखे पाठ या शब्दों की वर्तनी (अक्षर और मात्रा) की जाँच करता है और जो शब्द गलत हों उनके लिये शुद्ध वर्तनी वाले वैकल्पिक शब्द प्रस्तुत करता है। आजकल लगभग सभी प्रमुख भाषाओं के लिये ऐसे अनेकों प्रोग्राम उपलब्ध हो गये हैं। .
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अनुवाद
किसी भाषा में कही या लिखी गयी बात का किसी दूसरी भाषा में सार्थक परिवर्तन अनुवाद (Translation) कहलाता है। अनुवाद का कार्य बहुत पुराने समय से होता आया है। संस्कृत में 'अनुवाद' शब्द का उपयोग शिष्य द्वारा गुरु की बात के दुहराए जाने, पुनः कथन, समर्थन के लिए प्रयुक्त कथन, आवृत्ति जैसे कई संदर्भों में किया गया है। संस्कृत के ’वद्‘ धातु से ’अनुवाद‘ शब्द का निर्माण हुआ है। ’वद्‘ का अर्थ है बोलना। ’वद्‘ धातु में 'अ' प्रत्यय जोड़ देने पर भाववाचक संज्ञा में इसका परिवर्तित रूप है 'वाद' जिसका अर्थ है- 'कहने की क्रिया' या 'कही हुई बात'। 'वाद' में 'अनु' उपसर्ग उपसर्ग जोड़कर 'अनुवाद' शब्द बना है, जिसका अर्थ है, प्राप्त कथन को पुनः कहना। इसका प्रयोग पहली बार मोनियर विलियम्स ने अँग्रेजी शब्द टांंसलेशन (translation) के पर्याय के रूप में किया। इसके बाद ही 'अनुवाद' शब्द का प्रयोग एक भाषा में किसी के द्वारा प्रस्तुत की गई सामग्री की दूसरी भाषा में पुनः प्रस्तुति के संदर्भ में किया गया। वास्तव में अनुवाद भाषा के इन्द्रधनुषी रूप की पहचान का समर्थतम मार्ग है। अनुवाद की अनिवार्यता को किसी भाषा की समृद्धि का शोर मचा कर टाला नहीं जा सकता और न अनुवाद की बहुकोणीय उपयोगिता से इन्कार किया जा सकता है। ज्त्।छैस्।ज्प्व्छ के पर्यायस्वरूप ’अनुवाद‘ शब्द का स्वीकृत अर्थ है, एक भाषा की विचार सामग्री को दूसरी भाषा में पहुँचना। अनुवाद के लिए हिंदी में 'उल्था' का प्रचलन भी है।अँग्रेजी में TRANSLATION के साथ ही TRANSCRIPTION का प्रचलन भी है, जिसे हिंदी में 'लिप्यन्तरण' कहा जाता है। अनुवाद और लिप्यंतरण का अंतर इस उदाहरण से स्पष्ट है- इससे स्पष्ट है कि 'अनुवाद' में हिंदी वाक्य को अँग्रेजी में प्रस्तुत किया गया है जबकि लिप्यंतरण में नागरी लिपि में लिखी गयी बात को मात्र रोमन लिपि में रख दिया गया है। अनुवाद के लिए 'भाषांतर' और 'रूपांतर' का प्रयोग भी किया जाता रहा है। लेकिन अब इन दोनों ही शब्दों के नए अर्थ और उपयोग प्रचलित हैं। 'भाषांतर' और 'रूपांतर' का प्रयोग अँग्रेजी के INTERPRETATION शब्द के पर्याय-स्वरूप होता है, जिसका अर्थ है दो व्यक्तियों के बीच भाषिक संपर्क स्थापित करना। कन्नडभाषी व्यक्ति और असमियाभाषी व्यक्ति के बीच की भाषिक दूरी को भाषांतरण के द्वारा ही दूर किया जाता है। 'रूपांतर' शब्द इन दिनों प्रायः किसी एक विधा की रचना की अन्य विधा में प्रस्तुति के लिए प्रयुक्त है। जैस, प्रेमचन्द के उपन्यास 'गोदान' का रूपांतरण 'होरी' नाटक के रूप में किया गया है। किसी भाषा में अभिव्यक्त विचारों को दूसरी भाषा में यथावत् प्रस्तुत करना अनुवाद है। इस विशेष अर्थ में ही 'अनुवाद' शब्द का अभिप्राय सुनिश्चित है। जिस भाषा से अनुवाद किया जाता है, वह मूलभाषा या स्रोतभाषा है। उससे जिस नई भाषा में अनुवाद करना है, वह 'प्रस्तुत भाषा' या 'लक्ष्य भाषा' है। इस तरह, स्रोत भाषा में प्रस्तुत भाव या विचार को बिना किसी परिवर्तन के लक्ष्यभाषा में प्रस्तुत करना ही अनुवाद है।ज .
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अनुवाद स्मृति
अनुवाद स्मृति (translation memory, or TM) एक डेटाबेस है जिसमें स्रोत भाषा के किसी खण्ड (वाक्यांश, वाक्य, मुहावरा, अनुच्छेद आदि) के संगत लक्ष्य भाषा का खण्ड भण्डारित रहता है। स्रोत भाषा एवं लक्ष्य भाषा के ये युग्म पहले से मानव अनुवादकों द्वारा तैयार किये गये होते हैं। अनुवाद स्मृति में शब्द और उसका अनुवाद नहीं भण्डारित किया जाता बल्कि ये अनुवाद शब्दावली में दिये गये होते हैं। अनुवाद-स्मृति का उपयोग मानव अनुवादकों की सहायता करने के लिये किया जाता है। अनुवाद-स्मृति का प्रयोग आमतौर पर कम्प्यूटर सहायित अनुवाद (CAT), शब्द संसाधक प्रोग्रामों, शब्दावली-प्रबन्धन प्रणालियों, बहुभाषी शब्दकोशों तथा 'कच्चे' मशीनी अनुवाद के साथ मिलकर किया जाता है (न कि अकेले)।;उदाहरण अनुवाद-स्मृति में "Don't loose temper" के लिये "क्रोधित मत हो" तथा "Do come tomorrow" के लिये "कल जरूर आना" संचित किया जा सकता है। किसी बड़े टेक्स्ट (पाठ) का अनुवाद करते समय मशीन देखती है कि इसका कोई अंश (या उससे मिलता-जुलता खण्ड) अनुवाद-स्मृति में मौजूद है या नहीं। यदि है तो यह स्मृति से ले लिया जाता है और माना जाता है कि अनुवाद शत-प्रतिशत शुद्ध हो गया। जो खण्ड स्मृति में नहीं पाये जाते उन्हें अन्य विधि का सहारा लेते हुए अनुवाद किया जाता है। वे प्रोग्राम जो 'अनुवाद स्मृति' फाइल के निर्माण, उसको व्यवस्थित करने, उसमें नये अनुवाद-युग्म जोडने, अनुवाद-युग्म हटाने, एक प्रकार की अनुवाद-स्मृति फाइल को दूसरे प्रकार में बदलने आदि का कार्य करते हैं उन्हें अनुवाद स्मृति प्रबन्धक (translation memory managers या TMM) कहते हैं। .