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व्यक्तिविवेक

सूची व्यक्तिविवेक

व्यक्तिविवेक, आचार्य महिमभट्ट द्वारा रचित भारतीय काव्यशास्त्र का ग्रन्थ है। इसमें आचार्य ने काव्यशास्त्र में प्रवर्तित 'ध्वनि सम्प्रदाय' का खण्डन किया है। यह पुस्तक विमर्शों में विभक्त है। इसमें कुल तीन विमर्श हैं। सबसे पहले शब्द खण्डन, अर्थ खण्डन तत्पश्चात व्यंजना का खण्डन करके ध्वनि को अनुमान में अन्तर्भूत किया है। इस पुस्तक के तीन भाग हैं- कारिका, वृत्ति और उदाहरण। श्रेणी:पुस्तक श्रेणी:भारतीय काव्यशास्त्र.

1 संबंध: महिमभट्ट

महिमभट्ट

महिमभट्ट संस्कृत काव्यशास्त्र के प्रमुख आचार्य हैं। ये अपने शास्त्रग्रंथ व्यक्तिविवेक के कारण प्रसिद्ध हुए। काव्यशास्त्र में ध्वनि के खण्डनकर्ता के रूप में प्रसिद्ध हैं। इनका ग्रंथ ‘व्यक्तिविवेक’ काव्य शास्त्र के इतिहास में मील का पत्थर है। .

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