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वाह जनाब

सूची वाह जनाब

वाह जनाब 1984 में दूरदर्शन पर प्रसारित एक लोकप्रिय धारावाहिक था। चन्न परदेसी नामक लोकप्रिय पंजाबी फिल्म से प्रसिद्ध होनेवाले चित्रार्थ ने इस धारावाहिक को निर्देशित किया था। फिल्म तथा टीवी अभिनेता व सूत्रधार शेखर सुमन का टीवी पर यह पहला कार्यक्रम था। इसमें उन्होंने हमेशा पान चबाते रहने वाले लखनवी छोटे नवाब का किरदार निभाया था। इस धारावाहिक में किरन जुनेजा और शेखर के लंगोटिया यार के रूप में शैलेंद्र गोयल ने मुख्य भूमिकायें निभाईं थीं। इस धारावाहिक के लेखक थे शरद जोशी जिन्होंने इसे रतन नाथ के उपन्यास फसाना-ए-आज़ाद को आधारित कर लिखा। .

9 संबंधों: टेलिविज़न और रेडियो धारावाहिक, दूरदर्शन, पंजाबी, फ़िल्म, रतन नाथ धर सरशार, शरद जोशी, शेखर सुमन, किरन जुनेजा, १९८४

टेलिविज़न और रेडियो धारावाहिक

१९५६ में अमेरिकी टेलिविज़न पर चल रहे 'वैलियंट लेडी' (बहादुर महिला) धारावाहिक का एक दृश्य टेलिविज़न धारावाहिक या रेडियो धारावाहिक ऐसी नाटकीय कथा को कहते हैं जिसे किश्तों में विभाजित कर के उन किश्तों को टेलिविज़न या रेडियो पर एक-एक करके दैनिक, साप्ताहिक, मासिक या किसी अन्य क्रम के अनुसार प्रस्तुत किया जाता है। इन्हें अंग्रेज़ी व कई अन्य भाषाओं में साबुन नाटक या सोप ऑपेरा (soap opera) कहा जाता है क्योंकि ऐसे रेडियो धारावाहिकों को शुरू में प्रॉक्टर एंड गैम्बल, कोलगेट-पामोलिव और लीवर ब्रदर्स जैसी साबुन बनाने वाली कम्पनियों के सौजन्य से पेश किया जाता था।, A. Lopez, pp.

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दूरदर्शन

दूरदर्शन या टेलीविजन (या संक्षेप में, टीवी) एक ऐसी दूरसंचार प्रणाली है जिसके द्वारा चलचित्र व ध्वनि को दो स्थानों के बीच प्रसारित व प्राप्त किया जा सके। यह शब्द दूरदर्शन सेट, दूरदर्शन कार्यक्रम तथा प्रसारण के लिये भी प्रयुक्त होता है। दूरदर्शन का अंग्रेजी शब्द 'टेलिविज़न' लैटिन तथा यूनानी शब्दों से बनाया गया है जिसका अर्थ होता है दूर दृष्टि (यूनानी - टेली .

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पंजाबी

पंजाबी का इनमें से मतलब हो सकता: संस्कृति में.

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फ़िल्म

फ़िल्म, चलचित्र अथवा सिनेमा में चित्रों को इस तरह एक के बाद एक प्रदर्शित किया जाता है जिससे गति का आभास होता है। फ़िल्में अकसर विडियो कैमरे से रिकार्ड करके बनाई जाती हैं, या फ़िर एनिमेशन विधियों या स्पैशल इफैक्ट्स का प्रयोग करके। आज ये मनोरंजन का महत्त्वपूर्ण साधन हैं लेकिन इनका प्रयोग कला-अभिव्यक्ति और शिक्षा के लिए भी होता है। भारत विश्व में सबसे अधिक फ़िल्में बनाता है। फ़िल्म उद्योग का मुख्य केन्द्र मुंबई है, जिसे अमरीका के फ़िल्मोत्पादन केन्द्र हॉलीवुड के नाम पर बॉलीवुड कहा जाता है। भारतीय फिल्मे विदेशो में भी देखी जाती है .

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रतन नाथ धर सरशार

रतन नाथ धर सरशार (जन्म - १८४६ - मृत्यु १९०३) उर्दू के प्रसिद्ध उपन्यासकार थे। इनके लेखन के प्रसंशकों में हिंदी और उर्दू के प्रसिद्ध उपन्यासकार प्रेमचंद भी शामिल थे। उनके द्वारा रचित उपन्यास फसाना-ए-आज़ाद का प्रकाशन १८७८ से १८८५ के मध्य धारावाहिक रूप से उनके अखबार अवध अखबार में हुआ। इस नॉवेल का हिन्दी अनुवाद प्रेमचंद ने आजाद कथा नाम से प्रकाशित किया और इसको आधार बनाकर शरद जोशी ने ८० के दशक में दूरदर्शन पर प्रसारित धारावाहिक वाह जनाब की भी रचना की। .

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शरद जोशी

कोई विवरण नहीं।

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शेखर सुमन

शेखर सुमन (जन्म: 14 जून, 1960) एक हिन्दी फिल्म अभिनेता एवं दूरदर्शन कलाकार हैं। .

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किरन जुनेजा

किरन जुनेजा भारतीय सिनेमा की एक अभिनेत्री हैं। .

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१९८४

१९८४ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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