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लोक प्रशासन की प्रकृति

सूची लोक प्रशासन की प्रकृति

जिस प्रकार लोक प्रशासन की परिभाषा में कई दृष्टिकोण दिखाई देते हैं, उसी प्रकार इसकी प्रकृति के विषय में भी दो तरह के दृष्टिकोण हैं। प्रथम, व्यापक दृष्टिकोण जिसे 'पूर्ण विचार' अथवा 'एकीकृत विचार' कहा जाता है और दूसरा संकुचित दृष्टिकोण जिसे 'प्रबन्धकीय विचार' कहा जाता है। .

8 संबंधों: टकसाल, प्रयोगशाला, प्लूटोनियम, लोक प्रशासन, लोकनीति, विज्ञान, कला, कार्यकारिणी (सरकार)

टकसाल

टकसाल (Mint) उस कारखाने को कहते हैं जहाँ देश की सरकार द्वारा, या उसके दिए अधिकार से, मुद्राओं का निर्माण होता है। भारत में टकसालें कलकत्ता, मुंबई, हैदराबाद और नोएडा, उ॰प्र॰ में हैं। .

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प्रयोगशाला

उन्नीसवीं शताब्दी के भौतिकशास्त्री एवं रसायनज्ञ माइकल फैराडे अपनी प्रयोगशाला में जैव रसायन प्रयोगशाला प्रयोगशाला एक ऐसी सुविधा (कक्ष, भवन या स्थान) को कहते हैं, जो वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रयोग एवं मापन के लिए आवश्यक माहौल प्रदान करता है। .

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प्लूटोनियम

प्लूटोनियम एक दुर्लभ ट्रांसयूरेनिक रेडियोधर्मी तत्त्व है। इसका रासायनिक प्रतीक Pu और परमाणु भार ९४ होता है। प्लूटोनियम के छः अपरूप होते हैं। यह एक ऐक्टिनाइड तत्त्व है जो दिखने में रुपहले श्वेत (सिल्वर व्हाइट) रंग का होता है। प्लूटोनियम-२३८ का अर्धायु काल ८७.७४ वर्ष होता है।। हिन्दुस्तान लाइव। १० दिसम्बर २००९ प्लूटोनियम-२३९, प्लूटोनियम का एक महत्वपूर्ण समस्थानिक है जिसकी अर्धायु काल २४,१०० वर्ष होता है। प्लूटोनियम-२४४, प्लूटोनियम का सर्वाधिक स्थाई समस्थानिक होता है। इसका अर्धायु काल ८ करोड़ वर्ष होता है। .

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लोक प्रशासन

लोक प्रशासन (Public administration) मोटे तौर पर शासकीय नीति (government policy) के विभिन्न पहलुओं का विकास, उन पर अमल एवं उनका अध्ययन है। प्रशासन का वह भाग जो सामान्य जनता के लाभ के लिये होता है, लोकप्रशासन कहलाता है। लोकप्रशासन का संबंध सामान्य नीतियों अथवा सार्वजनिक नीतियों से होता है। एक अनुशासन के रूप में इसका अर्थ वह जनसेवा है जिसे 'सरकार' कहे जाने वाले व्यक्तियों का एक संगठन करता है। इसका प्रमुख उद्देश्य और अस्तित्व का आधार 'सेवा' है। इस प्रकार की सेवा उठाने के लिए सरकार को जन का वित्तीय बोझ करों और महसूलों के रूप में राजस्व वसूल कर संसाधन जुटाने पड़ते हैं। जिनकी कुछ आय है उनसे कुछ लेकर सेवाओं के माध्यम से उसका समतापूर्ण वितरण करना इसका उद्देश्य है। किसी भी देश में लोक प्रशासन के उद्देश्य वहां की संस्थाओं, प्रक्रियाओं, कार्मिक-राजनीतिक व्यवस्था की संरचनाओं तथा उस देश के संविधान में व्यक्त शासन के सिद्धातों पर निर्भर होते हैं। प्रतिनिधित्व, उत्तरदायित्व, औचित्य और समता की दृष्टि से शासन का स्वरूप महत्व रखता है, लेकिन सरकार एक अच्छे प्रशासन के माध्यम से इन्हें साकार करने का प्रयास करती है। .

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लोकनीति

लोकनीति अथवा 'सार्वजनिक नीति' (Public policy) वह नीति है जिसके अनुसार राज्य के प्रशासनिक कार्यपालक अपना कार्य करते हैं। बहुत से विचारकों का मत है कि लोक प्रशासन, लोकनीति को लागू करने और उसकी पूर्ति के लिये लागू की गयी गतिविधियों का योग है। सावर्जनिक नीति का अध्ययन अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों में प्रमुखता से किया जाता है। सार्वजनिक नीति सामान्यतया अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, शिक्षा, तकनीकी एवं सामाजिक नीतियों जैसे सामान्य शीर्षकों में वर्गीकृत की जाती है। हम सब अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन में असंख्य सार्वजनिक नीतियों से अत्यन्त प्रभावित हैं। सार्वजनिक नीति की पहुँच व्यापक है, अत्यावश्यक से नगण्य तक। सार्वजनिक नीतियाँ आज प्रतिरक्षा, पर्यावरण सरंक्षण, चिकित्सकीय देखभाल एवं स्वास्थ्य, शिक्षा, गृह निर्माण, कराधान, महँगाई, विज्ञान और तकनीकी इत्यादि मूलभूत क्षेत्रों से संबंधित है। सार्वजनिक नीतियां सूक्ष्म स्तर से वृहत स्तर तक अनेक पक्षों के साथ व्यवहार करती है। इसका संबंध चाहे आन्तरिक घरेलू पक्षों से हो या बाह्य विदेशी मामले से। घरेलू क्षेत्र में, सार्वजनिक नीतियां सूक्ष्म स्तर के किसी विशिष्ट गाँव पर ध्यान केन्द्रित कर सकती है या किसी विशिष्ट खण्ड या समुदाय से संबंधित हो सकती है। इसी तरह सार्वजनिक नीतियाँ स्थानीय, राज्य या राष्ट्रीय सरकार से संबंधित हो सकती है। सार्वजनिक नीति विदेशी मामले, शिक्षा, प्रतिरक्षा, कृषि, गृह निर्माण, शहरी विकास, सिंचाई आदि से जुड़ी हो सकती है। सार्वजनिक नीतियों का विस्तार अत्यन्त नगण्य पक्ष से लेकर अत्यन्त महत्त्वपूर्ण पक्ष तक हो सकता है। इसमें किसी राष्ट्रीय नेता की स्मृति में राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने और इसके तहत सैकड़ों करोड़ रूपये की मजदूरी देना भी सम्मिलित है। आधुनिक मनुष्य का जन्म सरकार द्वारा प्रदत्त वित्तय सहायता वाले चिकित्सालय में होता है। वह अपनी शिक्षा राज्य सहायता प्राप्त विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में प्राप्त करता है, अपने समय का काफी हिस्सा राज्य द्वारा निर्मित परिवहन सुविधाओं से यात्रा करते हुए गुजारता है, डाक घर या अर्द्ध राजकीय दूरभाष प्रणाली का उपयोग संचार हेतु करता है, राज्य द्वारा व्यवस्था किये पेय जल के पीता है, अपने कूड़े-कचरे का निपटान सावर्जनिक स्वच्छता प्रणाली के माध्यम से करता है, सार्वजनिक पस्तकालय से पुस्तकें पढ़ता है, सार्वजनिक पार्कों में पिकनिक मनाता है तथा सार्वजनिक पुलिस, अग्निशमन एवं स्वास्थ्य प्रणाली से लाभान्वित होता है। अन्ततोगत्वा, उसकी मृत्यु चिकित्सालय में होती है, और हो सकता है कि उसको सार्वजनिक शमशान में दफनाया जाये। मनुष्य कितना ही रूढ़िवादी क्यों न हो, वह अपना दिन प्रतिदिन का जीवन उपर्युक्त या अन्य कई सार्वजनिक सेवाओं के संबंध में सरकार के निर्णय से बंधा हुआ पाता है। लोक प्रशासन का राजनीति विज्ञान के समानान्तर अध्ययन के एक क्षेत्र के रूप में प्रादुर्भाव होने तथा एक अलग शैक्षणिक विभाग के रूप में उभरने के साथ ही, 1960 के दशक में सार्वजनिक नीति को राजनीति विज्ञान के अंतर्गत अध्ययन के एक उपक्षेत्र के नाते मान्यता मिली। ‘सार्वजनिक नीति‘ सावर्जनिक मामलों के प्रति सरकार के रूख का सैद्धान्तिक अध्ययन करती है। राजनीति विज्ञान का बल सिद्धान्त पर, तथा साजर्वनिक नीति का बल उसके अनुप्रयोग पर होता है। .

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विज्ञान

संक्षेप में, प्रकृति के क्रमबद्ध ज्ञान को विज्ञान (Science) कहते हैं। विज्ञान वह व्यवस्थित ज्ञान या विद्या है जो विचार, अवलोकन, अध्ययन और प्रयोग से मिलती है, जो किसी अध्ययन के विषय की प्रकृति या सिद्धान्तों को जानने के लिये किये जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिये भी करते हैं, जो तथ्य, सिद्धान्त और तरीकों को प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करती है। इस प्रकार कह सकते हैं कि किसी भी विषय के क्रमबद्ध ज्ञान को विज्ञान कह सकते है। ऐसा कहा जाता है कि विज्ञान के 'ज्ञान-भण्डार' के बजाय वैज्ञानिक विधि विज्ञान की असली कसौटी है। .

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कला

राजा रवि वर्मा द्वारा चित्रित 'गोपिका' कला (आर्ट) शब्द इतना व्यापक है कि विभिन्न विद्वानों की परिभाषाएँ केवल एक विशेष पक्ष को छूकर रह जाती हैं। कला का अर्थ अभी तक निश्चित नहीं हो पाया है, यद्यपि इसकी हजारों परिभाषाएँ की गयी हैं। भारतीय परम्परा के अनुसार कला उन सारी क्रियाओं को कहते हैं जिनमें कौशल अपेक्षित हो। यूरोपीय शास्त्रियों ने भी कला में कौशल को महत्त्वपूर्ण माना है। कला एक प्रकार का कृत्रिम निर्माण है जिसमे शारीरिक और मानसिक कौशलों का प्रयोग होता है। .

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कार्यकारिणी (सरकार)

कार्यकारिणी (Executive) सरकार का वह अंग होती हैं जो राज्य के शासन का अधिकार रखती हैं और उसकी ज़िम्मेदारी उठाती हैं। कार्यकारिणी क़ानून को कार्यान्वित करती हैं और उसे लागू करती हैं। अध्यक्षीय प्रणाली में, कार्यकारिणी का प्रमुख दोनों, राज्य का प्रमुख और सरकार का प्रमुख होता हैं। संसदीय प्रणाली में, एक कैबिनेट मंत्री जो विधायिका को उत्तरदायी होता हैं, वह सरकार का प्रमुख होता हैं, जबकि राज्य का प्रमुख आम तौर पर एक औपचारिक राजा अथवा राष्ट्रपति होता हैं। .

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