जिस कालखंड में बाल गंगाधर तिलक, विष्णु शास्त्री चिपलूनकर जैसे दिग्गज, पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत थे, उन्हीं दिनों महाराष्ट्र से सैंकड़ों मील दूर एक युवक के ह्रदय में इन महान व्यक्तियों का ध्येयवाद और आदर्श कुलांचे मार रहा था। उस युवक का नाम था रघुनाथ विष्णुपंत शिरढोणकर.सन १९३१ में मात्र बाईस वर्ष की आयु में र.वि.
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