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मिट्टी के प्रकार

सूची मिट्टी के प्रकार

विभिन्न प्रकार की मृदा कणों (texture) के आधार पर मिट्टी को कई वर्गों में बांटा जा सकता है। मिट्टी के किसी नमूने में उपस्थित विभिन्न खनिज-कणों के आकार के आधार बनाकर यह वर्गीकरण किया जाता है। मिट्टी के मुख्य घटक हैं- महीन पिसे हुए शैल-कण, मृत्तिका (क्ले), जैविक पदार्थ (जैसे विघटित रूप में पौधों के भाग)आदि। .

6 संबंधों: चूना पत्थर, मृत्तिका, लैटेराइट मृदा, शैल, जलवायु, जलोढ़क

चूना पत्थर

thumb चूना पत्थर (Limestone) एक अवसादी चट्टान है जो, मुख्य रूप से कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) के विभिन्न क्रिस्टलीय रूपों जैसे कि खनिज केल्साइट और/या एरेगोनाइट से मिलकर बनी होती है। चूना पत्थर वस्तुत: कैलसियम कार्बोनेट है, पर इसमें सिलिका, ऐल्यूमिना और लोहे इत्यादि सदृश अपद्रव्य अंतर्मिश्रित रहते हैं। गृहनिर्माण के लिये चूनापत्थर बहुत अच्छा होता है और भारत के विभिन्न भागों की स्तरित चट्टानों से सुविधापूर्वक यह उत्खनित होता है। चूना पत्थर अनेक किस्मों में उपलब्ध है। यह रंग, विन्यास, कठोरता और टिकाऊपन में विभिन्न गुणों का होता है। सघन कणवाले गहन ओर मणिभीय पत्थर गृहनिर्माण के लिये उत्कृष्ट होते हैं। ये कार्यसाधक, दृढ़ और टिकाऊ होते हैं। चूना पत्थर पर तनु अम्ल की क्रिया बड़ी सरलता से होती है, अत: औद्योगिक नगरों के निकट गृहनिर्माण के लिये यह पत्थर ठीक नहीं होता। बनावट और अन्य गुणों की विभिन्नता के कारण चूना पत्थर की दृढ़ता विभिन्न होती है। इसलिये गृहनिर्माण के पूर्व पत्थर की परीक्षा कर लेनी चाहिए। बहुत बड़ी मात्रा में चूना पत्थर का चूने के निर्माण में उपयोग होता है। १०० किलोग्राम चूने के पत्थर से लगभग ६५ किलोग्राम चूना प्राप्त होता है। शुद्ध चूना पत्थर या खड़िया से, जिसमें छ: प्रतिशत से अधिक सिलिका, ऐल्यूमिना तथा अन्य अपद्रव्य न हों, उत्कृष्ट चूना प्राप्त होता है। चार से सात प्रतिशत संयुक्त सिलिका ऐल्यूमिना वाले मिट्टीयुक्त चूना पत्थर से मध्यम श्रेणी का जलचूना और ११-२५ प्रतिशत संयुक्त सिलिकावाले चूनापत्थर से सर्वोत्कृष्ट श्रेणी का जलचूना प्राप्त होता है। .

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मृत्तिका

मृत्तिका निर्माण कार्य वाली जगह पर मृत्तिका मृत्तिका (Clay) एक व्यापक शब्द है। प्रायः २ माइक्रॉन से छोटे व्यास वाले कणों वाले अवसादी शैलों को 'मृत्तिका' कहते हैं। यह मुख्यतः अलमुनियम के सिलिकेट एवं अन्य बहुसिलिकेट (पॉलीसिलिकेट) का मिश्रण है। मृत्तिका जिन मुख्य खनिजों से बनी होती है उन्हें 'मृत्तिका खनिज' कहते हैं। भूतकनीकी दृष्टि से मृत्तिका उन मृत्तिका खनिजों को कहते हैं जिनके कणों का आकार ४ माइक्रॉन से छोटा होता है। (४ माइक्रॉन से लेकर ५० माइक्रॉन तक के आकार वाले अवसादी शैलों को गाद तथा ५० माइक्रॉन से बड़े कण-आकार वाले अवसादी शैलों को बालू कहते हैं।) मृत्तिका मुख्यतः भूरे रंग (grey) की होती है किन्तु अन्य रंगों (सफेद, पीली, लाल आदि) की भी मृत्तिका पायी जाती है। यह नदियों के किनारों पर देखने को मिल सकती है। .

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लैटेराइट मृदा

भारत के अंगदिपुरम में लैटेराइट की खुली खान लैटेराइट मृदा या 'लैटेराइट मिट्टी'(Laterite) का निर्माण ऐसे भागों में हुआ है, जहाँ शुष्क व तर मौसम बार-बारी से होता है। यह लेटेराइट चट्टानों की टूट-फूट से बनती है। यह मिट्टी चौरस उच्च भूमियों पर मिलती है। इस मिट्टी में लोहा, ऐल्युमिनियम और चूना अधिक होता है। गहरी लेटेराइट मिट्टी में लोहा ऑक्साइड और पोटाश की मात्रा अधिक होती है। लौह आक्साइड की उपस्थिति के कारण प्रायः सभी लैटराइट मृदाएँ जंग के रंग की या लालापन लिए हुए होती हैं। लैटराइट मिट्टी चावल, कपास, गेहूँ, दाल, मोटे अनाज, सिनकोना, चाय, कहवा आदि फसलों के लिए उपयोगी है। लैटराइट मिट्टी वाले क्षेत्र अधिकांशतः कर्क रेखा तथा मकर रेखा के बीच में स्थित हैं। भारत में लैटेराइट मिट्टी तमिलनाडु के पहाड़ी भागों और निचले क्षेत्रों, कर्नाटक के कुर्ग जिले, केरल राज्य के चौडे समुद्री तट, महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले, पश्चिमी बंगाल के बेसाइट और ग्रेनाइट पहाड़ियों के बीच तथा उड़ीसा के पठार के ऊपरी भागों में मिलती है। .

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शैल

कलराडो स्प्रिंग्स कंपनी का गार्डेन ऑफ् गॉड्स में स्थित ''संतुलित शैल'' कोस्टा रिका के ओरोसी के निकट की चट्टानें पृथ्वी की ऊपरी परत या भू-पटल (क्रस्ट) में मिलने वाले पदार्थ चाहे वे ग्रेनाइट तथा बालुका पत्थर की भांति कठोर प्रकृति के हो या चाक या रेत की भांति कोमल; चाक एवं लाइमस्टोन की भांति प्रवेश्य हों या स्लेट की भांति अप्रवेश्य हों, चट्टान अथवा शैल (रॉक) कहे जाते हैं। इनकी रचना विभिन्न प्रकार के खनिजों का सम्मिश्रण हैं। चट्टान कई बार केवल एक ही खनिज द्वारा निर्मित होती है, किन्तु सामान्यतः यह दो या अधिक खनिजों का योग होती हैं। पृथ्वी की पपड़ी या भू-पृष्ठ का निर्माण लगभग २,००० खनिजों से हुआ है, परन्तु मुख्य रूप से केवल २० खनिज ही भू-पटल निर्माण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। भू-पटल की संरचना में ऑक्सीजन ४६.६%, सिलिकन २७.७%, एल्यूमिनियम ८.१ %, लोहा ५%, कैल्सियम ३.६%, सोडियम २.८%, पौटैशियम २.६% तथा मैग्नेशियम २.१% भाग का निर्माण करते हैं। .

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जलवायु

जलवायु प्रदेशों का वितरण जलवायु किसी स्थान के वातावरण की दशा को व्पक्त करने के लिये प्रयोग किया जाता है। यह शब्द मौसम के काफी करीब है। पर जलवायु और मौसम में कुछ अन्तर है। जलवायु बड़े भूखंडो के लिये बड़े कालखंड के लिये ही प्रयुक्त होता है जबकि मौसम अपेक्षाकृत छोटे कालखंड के लिये छोटे स्थान के लिये प्रयुक्त होता है। उदाहरणार्थ - आज से तीस हजार साल पहले पृथ्वी की जलवायु आज का अपेक्षा गर्म थी। पर, आज से तीस हजार साल पहले पृथ्वी का मौसम आज की अपेक्षा गर्म था कहना ग़लत होगा। .

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जलोढ़क

जलोढ़: नदी जल द्वारा अपने मार्ग में जमा की गई मिट्टी जलोढ़क, अथवा अलूवियम उस मृदा को कहा जाता है, जो बहते हुए जल द्वारा बहाकर लाया तथा कहीं अन्यत्र जमा किया गया हो। यह भुरभुरा अथवा ढीला होता है अर्थात् इसके कण आपस में सख्ती से बंधकर कोई 'ठोस' शैल नहीं बनाते। जलोढ़क से भरी मिट्टी को जलोढ़ मृदा या जलोढ़ मिट्टी कहा जाता है। जलोढ़ मिट्टी प्रायः विभिन्न प्रकार के पदार्थों से मिलकर बनी होती है जिसमें गाद (सिल्ट) तथा मृत्तिका के महीन कण तथा बालू तथा बजरी के अपेक्षाकृत बड़े कण भी होते हैं। .

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