लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

बादल संघनन नाभिक

सूची बादल संघनन नाभिक

उत्तरी भारत और बांग्लादेश के ऊपर एअरोसोल प्रदूषण- नासाबादल संघनन नाभिक या संघनन का नाभिक (अंग्रेजी: Cloud condensation nuclei) वो छोटे कण (आमतौर पर 0.2 μm या बादल की बूदों के आकार का 1/100 वां भाग) होते हैं जिन पर, बादल की छोटी बूंदें आपस में जुड़कर एक बड़ी बूंद का निर्माण करती हैं। जल को वाष्प से द्रव अवस्था प्राप्त करने के लिए एक गैर-गैस सतह की आवश्यकता होती है और वातावरण में, यह सतह बादल संघनन नाभिक उपलब्ध कराते हैं। जब कोई बादल संघनन नाभिक मौजूद नहीं होता तो भी, जल वाष्प को 0° सेल्सियस (32 °F) से नीचे परमशीतल किया जा सकता है ताकि बूंदों का स्वत: निर्माण हो सके (यह उपपरमाण्विक कणों का पता लगाने के लिए प्रयुक्त बादल कक्ष तकनीक का आधार है)। हिमांक से ऊपर के तापमान में बूंदों के निर्माण के लिए वायु की परमसंतृप्ता 400% के आसपास होनी चाहिए। बादल संघनन नाभिक ही मेघांकुर की अवधारणा का आधार है, जिसके अंतर्गत वर्षा करवाने के लिए वायु में मेघांकुर छोड़े जाते हैं। .

2 संबंधों: बादल कक्ष, अंग्रेज़ी भाषा

बादल कक्ष

स्पष्ट आयनीकरण विकिरण के पथ चिन्हों को दिखाता बादल कक्ष (छोटे, मोटे: α-कण; लम्बे, पतले: β-कण)। बादल कक्ष (अंग्रेजी: Cloud chamber) जिसे विल्सन कक्ष के नाम से भी जाना जाता है, का प्रयोग आयनीकरण विकिरण के कणों का पता लगाने के लिए किया जाता है। अपने सबसे बुनियादी रूप में बादल कक्ष एक बंद वातावरण होता है जिसमें परमशीतल या परमसंतृप्त जल अथवा अल्कोहल वाष्प भरी होती है। जब कोई अल्फा या बीटा कण मिश्रण से गुजरता है, तो यह वाष्प आयनीकृत हो जाती है। इस क्रिया से उत्पन्न आयन संघनन नाभिक के रूप में कार्य करते हैं और इनके चारों ओर एक धुंध इकत्र हो जाती है (क्योंकि मिश्रण संघनन के कगार पर होता है)। उच्च ऊर्जा से आवेशित अल्फा और बीटा कणों के मार्ग की दिशा में कई आयनों का उत्पादन होने के परिणामस्वरूप कई पथचिन्ह पीछे छूट जाते हैं। यह पथ कई आकार और आकृति के होते हैं, उदाहरण के लिए अल्फा कण का पथ चौड़ा और सीधा होता है, जबकि एक इलेक्ट्रॉन का पथ पतला और संघट्‍टन से हुये विक्षेपण के अधिक साक्ष्य प्रस्तुत करता है। जब किसी बादल कक्ष पर एक समान चुंबकीय क्षेत्र आरोपित किया जाता है तो लोरेंट्ज़ के बल के नियम के अनुसार धनात्मक और ऋणात्मक आवेशित कण विपरीत दिशाओं में वक्रित होते हैं। .

नई!!: बादल संघनन नाभिक और बादल कक्ष · और देखें »

अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

नई!!: बादल संघनन नाभिक और अंग्रेज़ी भाषा · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »