बद्रीनाथ भगवान की आरती बद्रीनाथ मंदिर में जो आरती होती है उसे एक मुस्लिम भक्त ने सन 1865 में लिखा था। फखरुद्दीन नामक भक्त ने यह आरती तब लिखी थी जब उनकी आयु केवल 18 वर्ष ही थी। यह आरती निम्न है - पवन मंद सुगंध शीतल हेम मंदिर शोभितम | निकट गंगा बहत निर्मल श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम || शेष सुमिरन करत निशदिन,ध्यान धारत महेश्वरम | श्री वेद ब्रह्मा करत स्तुति श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम || सिद्ध मुनिजन करत जय जय, श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम || शक्ति गौरी गणेश शारद, नारद मुनि उच्चारणं | योग ध्यान अपार लीला,श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम || यक्ष किन्नर करत कौतुक,गान गन्धर्व प्रकाशितम | श्री लक्ष्मी कमला,चंवर डोले, श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम || कैलाश में देव निरंजन,शैल शिखर महेश्वरम | राजा युधिष्ठर करत स्तुति, श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम || श्री बद्रीनाथ जी की परम स्तुति,यह पढ़त पाप विनाशनम | कोटि तीर्थ सुपुण्य सुन्दर,सहज अति फलदायकम ||.
0 संबंधों।