लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

प्रेरण भट्ठी

सूची प्रेरण भट्ठी

प्रेरण क्वायल द्वारा एक पाइप को गर्म करके लाल किया गया है। प्रेरण कुण्डली स्वयं जल से ठण्डा की जा रही है। कुण्डली का चालक खोखली नली का बना है जिसमें जल भेजकर उसे ट्ण्डा किया जा रहा है। प्रेरण भट्ठियाँ (Induction furnaces), प्रेरण (electromagnetic induction) के सिद्धांत पर कार्य करती है। परिणामित्र की भाँति, इसमें भी दो अंशक (coil) होते हैं, प्राथमिक और द्वितीयक। प्राथमिक में वोल्टता आरोपित होने पर द्वितीयक में वोल्टता प्रेरित हो जाती है। यदि द्वितीयक का लघु परिपथन कर दिया जाए, तो प्रतिरोध कम होने पर उसमें अत्यधिक धारा प्रवाहित हो जाती है। इसी सिद्धांत पर इस भट्ठी में भी प्राथमिक कुंडली को संभरण (supply) से संबद्ध कर दिया जाता है और द्वितीयक में जो स्वयं धान के रूप में होती है, अत्यधिक धारा प्रेरित हो जाती है, जिससे थान पिघल जाता है। इस भट्ठी में भी ऊष्मा सीधे धान में ही उत्पन्न होती है और इसलिए उसका अधिकतम सीधे धान में ही उत्पन्न होती है और इसलिए उसका अधिकतम उपभोग होना संभव है। परंतु इन भट्ठियों में केवल वही धातु पिघलाई जा सकती है जो चार्ज के रूप में लघुपरिपथित द्वितीयक बन सके। इन भट्ठियों में किसी वस्तु के विशिष्ट भाग को सापेक्षतया अधिक गरम कर सकना भी संभव है। इस प्रकार ये गियर (gear) को दृढ़ (harden) करने के उपयोग में तथा ऊष्मा उपचार (heat treatment) के लिए बहुत प्रयोग की जाती है। इन भट्ठियों को, सामान्यत:, उच्च आवृत्ति (high frequency) संभरण से संभरित किया जाता है, जिससे अधिक ऊष्मा उत्पन्न हो सके। 10,000 साइकिल प्रति सेकंड की आवृत्ति का प्रयोग सामान्य है, जो साधारणतया इलेक्ट्रॉनिकी युक्तियों (electronic devices) द्वारा प्राप्त की जाती है। .

3 संबंधों: ट्राँसफार्मर, प्रेरण, विद्युत्‌ भट्ठी

ट्राँसफार्मर

---- एक छोटे ट्रांसफॉर्मर का स्वरूप ट्रान्सफार्मर या परिणामित्र एक वैद्युत मशीन है जिसमें कोई चलने या घूमने वाला अवयव नहीं होता। विद्युत उपकरणों में सम्भवतः ट्रान्सफार्मर सर्वाधिक व्यापक रूप से प्रयुक्त विद्युत साषित्र (अप्लाएन्स) है। यह किसी एक विद्युत परिपथ (circuit) से अन्य परिपथ में विद्युत प्रेरण द्वारा परस्पर जुडे हुए चालकों के माध्यम से विद्युत उर्जा स्थान्तरित करता है। ट्रांसफार्मर केवल प्रत्यावर्ती धारा या विभवान्तर के साथ कार्य कर सकता है, एकदिश (direct) के साथ नहीं। ट्रांसफॉर्मर एक-फेजी, तीन-फेजी या बहु-फेजी हो सकते है। यह सभी विद्युत मशीनों में सर्वाधिक दक्ष (एफिसिएंट) मशीन है। आधुनिक युग में परिणामित्र वैद्युत् तथा इलेक्ट्रॉनी उद्योगों का अभिन्न अंग बन गया है। किसी ट्रान्सफार्मर में एक, दो या अधिक वाइन्डिंग हो सकती हैं। दो वाइंडिंग वाले ट्रान्सफार्मर के प्राथमिक (प्राइमरी) एवं द्वितियक (सेकेण्डरी) वाइण्डिंग के फेरों (टर्न्स) की संख्या एवं उनके विभवान्तरों में निम्नलिखित सम्बन्ध होता है: \frac .

नई!!: प्रेरण भट्ठी और ट्राँसफार्मर · और देखें »

प्रेरण

वस्तुत: किसी वस्तु के भाव तथा गुण द्वारा उत्पन्न होनेवाले प्रभाव को प्रेरण (Induction) कहते हैं, जब कि दोनों वस्तुओं का संस्पर्श न हो। इस प्रकार जब कोई वस्तु दूसरी वस्तु से अलग होते हुए भी उसपर अपना प्रभाव आरोपित करती है, तब उसे प्रेरण कहा जाता है। विद्युत् इंजीनियरी में तीन प्रकार के प्रेरण प्रभाव होते हैं: 1.

नई!!: प्रेरण भट्ठी और प्रेरण · और देखें »

विद्युत्‌ भट्ठी

विद्युत्‌ भट्ठियाँ (Electric Furnace) सामान्यत: धातु खनिजों और धातुओं को पिघलाने के लिए प्रयुक्त की जाती हैं। विद्युत्‌ ऊर्जा से उत्पन्न हुई ऊष्मा विद्युतधारा के वर्ग के अनुपात में होती है। विद्युत्‌ भट्ठियाँ कोयले की भट्ठियों से अधिक ऊष्मा उत्पन्न कर सकती हैं और आकार में भी छोटी होती हैं। ये हानिकारक धुएँ अथवा गैसें नहीं उत्पन्न करतीं, परंतु इनका मुख्य लाभ इनमें सरलता से ऊष्मा नियंत्रण करने का है। धारा का परिवर्तन कर ऊष्मा का नियंत्रण बहुत सरलता से किया जाता है। इनका दूरस्थ नियंत्रण (remote control) और स्वत: चालन (automatic action) भी किया जा सकता है। इन कारणों से विद्युत्‌ भट्ठियाँ सामान्य उपयोग में आ गई हैं। विद्युत्‌ भट्ठियों के बहुत से परिष्कृत रूप अब सामान्य हो गए हैं और ज्यों ज्यों विद्युत्‌ शक्ति संभरण आर्थिक दृष्टिकोण से सस्ता होता जाता है, विद्युत्‌ भट्ठियों का प्रयोग निरंतर बढ़ता ही जाता है। .

नई!!: प्रेरण भट्ठी और विद्युत्‌ भट्ठी · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »