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प्रकाश संश्लेषण क्रिया विधि : विभिन्न मत

सूची प्रकाश संश्लेषण क्रिया विधि : विभिन्न मत

प्रकाश संश्लेषण की क्रिया केवल हरे पौधों से होती है और समीकरण अत्यन्त साधारण है, फिर भी किसी प्रकार CO2 पानी जैसे तरल पदार्थ, कार्बोहाइड्रेट्स जैसे तरल पदार्थों का निर्माण करते हैं यह एक विवादग्रस्त प्रश्न है। समय-समय पर विभिन्न पादप कार्यिकी विशेषज्ञों ने इस क्रिया को समझने के लिये विभिन्न मत प्रकट किये हैं। कुछ प्रमुख मत निम्न हैं:- प्रकाश संश्लेषण, जल को तोडकर O2 निकालता है एवं CO2 को शर्करा (sugar) के रूप में बदल देता है। बैयर का मत - बैयर के मतानुसार कार्बन डाई-आक्साइड पानी से संयोग कर पहले फार्मल्डिहाइड बनता है जो शीघ्र ही पुरुभाजन की क्रिया द्वारा कार्बोहाइड्रेट्स में परिवर्तित हो जाते हैं। इन्होंने इस क्रिया को निम्न प्रकार से दर्शाया- CO2+H2O→H2CO3H2CO3+H2O→ H2O2+HCOOHHCOOH+H2O→HCHO+H2O CO2+H2O→HCHO+O2HCHO→C6H12O6 यह मत आधुनिक रूप से पूर्ण रूप से अमान्य है तथा इसका केवल ऐतिहासिक महत्व है। विल्सटेटर तथा स्टाल का मत- विल्सटेटर तथा स्टाल के मतानुसार कार्बन-डाई-आक्साइड पानी में घुलकर कार्बोनिक एसिड बनाती है। इस कार्बोनिक एसिड पर क्लोरोफिल क्रिया कर क्लोरोफिल बाइकार्बोनेट बनता है: CO2+H2O→H2CO3H2CO3+क्लोरोफिल→क्लोरोफिल बाइकार्बोनेटइसके पश्चात क्लोरोफिल बाइकार्बोनेट सूर्य से प्रकाश प्राप्त कर क्लोरोफिल फार्मेल्डिहाइड पर आक्साइड में परिवर्तित हो जाता है। इसके पश्चात इस क्लोरोफिल फार्मेल्डिहाइड पर आक्साइड पर प्ररसीय विकरों की क्रिया होने के कारण यह फिर क्लोरोफिल व फार्मेल्डिहाइड में बदल जाता है। इसके पश्चात यह फार्मेल्डिहाइड पूरूभाजन के फलस्वरूप ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाता है। यह मत भी आधुनिक काल में अमान्य है तथा केवल ऐतिहासिक महत्व का रह गया है। आधुनिक मत - पौधों में प्रकाश संश्लेषण क्रिया से यह स्पष्ट है कि इसमें यह CO2 व पानी के मध्य एक आक्सीकरण अवकरण विधि है। इसमें पानी आक्सीकरण होकर O2 को स्वन्त्र कर हाइड्रोजन को कार्बन-डाइ-आक्साइड पर भेज देता है। इस क्रिया अपेक्षा अधिक तेजी से होती है। श्रेणी:प्रकाश संश्लेषण.

1 संबंध: प्रकाश-संश्लेषण

प्रकाश-संश्लेषण

हरी पत्तियाँ, प्रकाश संश्लेषण के लिये प्रधान अंग हैं। सजीव कोशिकाओं के द्वारा प्रकाशीय उर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया को प्रकाश संश्लेषण (फोटोसिन्थेसिस) कहते है। प्रकाश संश्लेषण वह क्रिया है जिसमें पौधे अपने हरे रंग वाले अंगो जैसे पत्ती, द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु से कार्बनडाइऑक्साइड तथा भूमि से जल लेकर जटिल कार्बनिक खाद्य पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं तथा आक्सीजन गैस (O2) बाहर निकालते हैं। प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में पौधों की हरी पत्तियों की कोंशिकाओं के अन्दर कार्बन डाइआक्साइड और पानी के संयोग से पहले साधारण कार्बोहाइड्रेट और बाद में जटिल काबोहाइड्रेट का निर्माण होता है। इस प्रक्रिया में आक्सीजन एवं ऊर्जा से भरपूर कार्बोहाइड्रेट (सूक्रोज, ग्लूकोज, स्टार्च (मंड) आदि) का निर्माण होता है तथा आक्सीजन गैस बाहर निकलती है। जल, कार्बनडाइऑक्साइड, सूर्य का प्रकाश तथा क्लोरोफिल (पर्णहरित) को प्रकाश संश्लेषण का अवयव कहते हैं। इसमें से जल तथा कार्बनडाइऑक्साइड को प्रकाश संश्लेषण का कच्चा माल कहा जाता है। प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया सबसे महत्वपूर्ण जैवरासायनिक अभिक्रियाओं में से एक है। सीधे या परोक्ष रूप से दुनिया के सभी सजीव इस पर आश्रित हैं। प्रकाश संश्वेषण करने वाले सजीवों को स्वपोषी कहते हैं। .

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