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पोतनिर्माण

सूची पोतनिर्माण

१९४३ में एक अमेरिकी जलपोत का निर्माण पोतनिर्माण (Shipbuilding) से आशय जलयानों एवं अन्य तैरने वाले यानों के विनिर्माण से है। पोतनिर्माण का कार्य पोत प्रांगण (शिपयार्ड) में किया जाता है जहाँ इस कार्य के लिये आवश्यक सुविधायें होतीं हैं। पोतनिर्माण का कार्य प्रागैतिहासिक काल से ही होता चला आ रहा है। व्यापारिक एवं सैनिक दोनों प्रकार के पोतों का निर्माण तथा रखरखाव नौइंजीनियरी (naval engineering) कहलाते हैं। नौका का निर्माण भी पोतनिर्माण जैसा ही है, इसे 'नौकानिर्माण' कहते हैं। जलपोतों की आयु समाप्त हो जाने पर उन्हें तोड़कर उनके विभिन्न भाग अलग-अलग करके अन्य कार्यों में प्रयोग कर लिये जाते हैं। .

7 संबंधों: डॉकयार्ड, नाव, नौइंजीनियरी, भारती शिपयार्ड लिमिटेड, हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, जलयान, विनिर्माण

डॉकयार्ड

जर्मनी का एक डॉकयार्ड गोलाबारूद, ईंधन और माल की पूर्ति, कर्मिकों की व्यक्तिगत आवश्यकताओं की व्यवस्था और जहाजों की मरम्मत करने के लिए प्रत्येक नौसेना के वास्ते स्थायी डॉकयार्ड तथा अड्डों का होना परमावश्यक है। व्यापारी बेड़ों के लिए भी ऐसे अड्डे आवश्यक हैं, यद्यपि उन्हें विश्व के सभी बड़े व्यापारी बंदरगाह और मरम्मती अड्डों की सेवा उपलब्ध हो सकती है। किंतु आधुनिक अर्थों में डॉकयार्ड रणपोतों का निर्माण और देखभाल करनेवाली राष्ट्रीय संस्था है। डॉकयार्ड में रणपोत का निर्माण, साजसज्जा और उसे डॉक में ले जाने की सारी सुविधाएँ होती हैं। यहाँ गोलाबारूद और शस्त्रास्त्रों के निर्माण तथा उनकी पूर्ति की ओर कर्मिकों के लिए बिसातबान, आहार, प्रशिक्षण, चिकित्सा आदि की व्यवस्थाएँ होती हैं। पूर्ण रूप से सुसज्जित डॉकयार्ड कम ही होते हैं और उनमें भी कुछ ही डॉकों में रणपोतों का वास्तविक निर्माण होता है। प्राय: सभी राजकीय डॉकयार्ड नए जहाजों को सुसज्जित करने, युद्धपोतों को युद्ध के लिए तैयार करने तथा जहाजी बेड़ों की देखभाल का काम करते हैं। प्राय: सभी देशों में तोप, कवच, इंजन, बॉयलर आदि का निर्माण व्यवसाय संघ करते हैं और अंतिम अवस्था तक जहाज का निर्माण कर समापन के लिए उसे सरकारी संस्थाओं को दे देते हैं। कुछ डॉकयार्डों में जहाज के निर्माण की कोई विशेष सुविधा नहीं रहती, पर उनमें बड़े-बड़े पोतों की देखभाल के लिए पूरी व्यवस्था रहती है। कुछ छोटे डॉकयार्ड साधारण मरम्मत, गोलाबारूद, इर्धंन और भंडार की पूर्ति करते हैं। ये वस्तुत: इर्धंन प्रदान करनेवाले सुदृढ़ नौसैनिक अड्डे होते हैं। सभी राजकीय डॉकयार्ड नौसैनिक अड्डे होते हैं, किंतु सभी नौसैनिक अड्डे डॉकयार्ड नहीं होते। आधुनिक बेड़ों के लिए अड्डों का होना आवश्यक है, जहाँ से वह अपना कार्य कर सकें। निरापद बंदरगाह अड्डे की प्राथमिक आवश्यकता है, जहाँ जहाज का सहायक जलयान पहुँचकर बिना किसी छेड़छाड़ के इर्धंन, गोलाबारूद और आवश्यक भंडार का पुनर्भरण कर सके। वहाँ श्रमिकों के विश्राम और मनोरंजन की व्यवस्था भी रहनी चाहिए। डॉकयार्ड या अड्डे को पनडुब्बी, तारपीडो और हवाई आक्रमणों से बचाने के लिए पर्याप्त रक्षासेनाओं की स्थायी व्यवस्था रहती है। समुद्री प्रभुता की रक्षा के लिए नियुक्त बेड़े की क्षमता पर ही डॉक या अड्डे की सुरक्षा निर्भर करती है। .

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नाव

बिना ईन्जन की एक नाव। गंगा नदी में लोगों से भरी एक नौका मालदीव में एक नाव नाव या नौका (boat) डाँड़, क्षेपणी, चप्पू, पतवार या पाल से चलने वाली एक प्रकार की छोटी जलयान है। आजकल नावें इंजन से भी चलने लगी हैं और इतनी बड़ी भी बनने लगी हैं कि पोत (जहाज) और नौका (नाव) के बीच भेद करना कठिन हो जाता है। वास्तव में पोत और नौका दोनों समानार्थक शब्द हैं, किंतु प्राय: नौका शब्द छोटे के और पोत बड़े के अर्थ में प्रयुक्त होता है। .

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नौइंजीनियरी

'अर्गोनॉट' नामक फ्रांसीसी जहाज का नियंत्रण कक्ष (कन्ट्रोल रूम) प्राकृतिक गैस के उत्पादन के लिये '''P-51''' नामक मंच: ऐसे मंचों का निर्मान भी नौइंजीनियरी के अन्तर्गत आता है। नौइंजीनियरी (Naval engineering) प्रौद्योगिकी की वह शाखा है जिसमें समुद्री जहाजों एवं अन्य मशीनों के डिजाइन एवं निर्माण में विशिष्टि (स्पेसलाइजेशन) प्रदान की जाती है। इसके अलावा किसी जलयान पर नियुक्त उन व्यक्तियों (क्रिउ मेम्बर्स) को भी नौइंजीनियर (नेवल इंजीनियर) कहा जाता है जो उस जहाज को चलाने एवं रखरखाव के लिये जिम्मेदार होते हैं। इसके अलावा नौइंजीनियरों को जहाज का सीवेज, प्रकाश व्यवस्था, वातानुकूलन एवं जलप्रदाय व्यवस्था भी देखनी पड़ती है। .

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भारती शिपयार्ड लिमिटेड

भारती शिपयार्ड लिमिटेड (Bharati Shipyard Limited (BSL)) भारत कि सबसे बड़ी जलयान निर्माता कम्पनियों मेम से एक है। इसकी स्थापना प्रकाश चन्द्र कपूर और विजय कुमार ने महाराष्ट्र के रत्नागिरि में १९७३ में की थी। वे आईआईटी खड़गपुर से समुद्र इंजीनियरी तथा नेवल आर्किटेक्चर में स्नातक थे। यह कम्पनी २००४ में सार्वजनिक कम्पनी में परिवर्तित हो गयी। .

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हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड

हिन्दुस्तान शिपयार्ड की एक झलक हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL) भारत का एक पोत प्रांगण (shipyard) है जो विशाखापत्तनम में स्थित है। .

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जलयान

न्यूयॉर्क पत्तन पर इटली का जलयान ''' अमेरिगो वेस्पुक्की''' (१९७६) जलयान या पानी का जहाज (ship), पानी पर तैरते हुए गति करने में सक्षम एक बहुत बडा डिब्बा होता है। जलयान, नाव (बोट) से इस मामले में भिन्न भिन्न है कि जलयान, नाव की तुलना में बहुत बडे होते हैं। जलयान झीलों, समुद्रों एवं नदियों में चलते हैं। इन्हें अनेक प्रकार से उपयोग में लाया जाता है; जैसे - लोगों को लाने-लेजाने के लिये, सामान ढोने के लिये, मछली पकडने के लिये, मनोरंजन के लिये, तटों की देखरेख एवं सुरक्षा के लिये तथा युद्ध के लिये। जहाज समुद्र के आवागमन तथा दूर देशों की यात्रा के लिये जिन बृहद् नौकाओं का उपयोग प्राचीनकाल से होता आया है उन्हें जहाज कहते है। पहले जहाज अपेक्षाकृत छोटे होते थे तथा लकड़ी के बनते थे। प्राविधिक तथा वैज्ञानिक उन्नति के आधुनिक काल में बहुत बड़े, मुख्यत: लोहे से बने तथा इंजनों से चलनेवाले जहाज बनते हैं। .

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विनिर्माण

उत्पाद का जीवनचक्र मशीनों, औजारों और श्रम का उपयोग करके सामान बनाने की क्रिया को विनिर्माण (Manufacturing) कहते हैं। विनिर्मित सामान स्वयं प्रयोग के लिये हो सकते हैं, या बेचने के लिये। विनिर्माण के अन्तर्गत हस्तकला से लेकर उच्च तकनीकी तक बहुत सी मानवी गतिविधियाँ आ जाती हैं किन्तु इस शब्द का उपयोग प्रायः औद्योगिक उत्पादन के अर्थ में किया जाता है जिसमें कच्चा माल बड़े पैमाने पर तैयार माल में बदला जाता है। विनिर्माण से तैयार माल उपभोक्ताओं द्वारा उपयोग किया जा सकता है या इसका प्रयोग अधिक जटिल वस्तुओं के विनिर्माण में किया जा सकता है। .

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