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पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल

सूची पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल

पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Patna Medical College and Hospital या PMCH) पटना में स्थित एक चिकित्सा महाविद्यालय है। इसकी स्थापना 1925 में हुई थी और इसका मूल नाम 'प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज' था। यह महाविद्यालय पूर्व में, पटना विश्वविद्यालय से सम्बद्ध था किन्तु अब आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है। यह महाविद्यालय गंगा नदी के दक्षिणी तट पर अशोक राजपथ पर स्थित है जहाँ पटना विश्वविद्यालय के अन्य प्रमुख महाविद्यालय भी स्थित हैं। भारत की स्वतंत्रता के पूर्व इस महाविद्यालय की गणना भारत में चिकित्सा के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में होती थी। आज इस महाविद्यालय की वह स्थिति ति नहीं रही किन्तु आज भी यह विश्व के सबसे अधिक रोगियों की चिकित्सा करने वाले चिकित्सालयों में शामिल है। इस महाविद्यालय में 1700 से अधिक शैय्या (बिस्तर) हैं जो अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के तुल्य है। .

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एम्स पटना

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज पटना (एम्स पटना) (आधिकारिक तौर पर जयप्रकाश नारायण ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) पटना, बिहार, भारत में स्थित एक मेडिकल कॉलेज और मेडिकल रिसर्च पब्लिक यूनिवर्सिटी है। संस्थान स्वायत्तता से स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन काम करेगा और पारिवारिक कल्याण (भारत)। हालांकि 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान-350 करोड़ परियोजना (2004 अनुमान) के लिए आधारशिला रखी गई थी, केंद्र में बिजली बदलाव के कारण परियोजना में देरी हुई थी और इसकी लागत 5 3.35 अरब (51 मिलियन अमरीकी डालर) से बढ़कर billion 8.5 बिलियन (यूएस $ 130 मिलियन) तक बढ़ी। एम्स, पटना, आठ साल से अधिक समय तक निर्माणाधीन है। तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत ने 3 जनवरी 2004 को इसकी नींव रखी थी। 2004 में, केंद्र सरकार ने ऋषिकेश, भोपाल, पटना, जोधपुर, भुवनेश्वर और रायपुर में नई एम्स स्थापित करने का फैसला किया था। बिहार में संस्थान जैसे दूसरे एम्स की स्थापना 2015 के केंद्रीय बजट में घोषित की गई थी। सहारसा में दूसरा एम्स आने की संभावना है। .

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पटना

पटना (पटनम्) या पाटलिपुत्र भारत के बिहार राज्य की राजधानी एवं सबसे बड़ा नगर है। पटना का प्राचीन नाम पाटलिपुत्र था। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्राचीन नगरों में से एक है जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है। अपने आप में इस शहर का ऐतिहासिक महत्व है। ईसा पूर्व मेगास्थनीज(350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी अपनी पुस्तक इंडिका में इस नगर का उल्लेख किया है। पलिबोथ्रा (पाटलिपुत्र) जो गंगा और अरेन्नोवास (सोनभद्र-हिरण्यवाह) के संगम पर बसा था। उस पुस्तक के आकलनों के हिसाब से प्राचीन पटना (पलिबोथा) 9 मील (14.5 कि॰मी॰) लम्बा तथा 1.75 मील (2.8 कि॰मी॰) चौड़ा था। पटना बिहार राज्य की राजधानी है और गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर अवस्थित है। जहां पर गंगा घाघरा, सोन और गंडक जैसी सहायक नदियों से मिलती है। सोलह लाख (2011 की जनगणना के अनुसार 1,683,200) से भी अधिक आबादी वाला यह शहर, लगभग 15 कि॰मी॰ लम्बा और 7 कि॰मी॰ चौड़ा है। प्राचीन बौद्ध और जैन तीर्थस्थल वैशाली, राजगीर या राजगृह, नालन्दा, बोधगया और पावापुरी पटना शहर के आस पास ही अवस्थित हैं। पटना सिक्खों के लिये एक अत्यंत ही पवित्र स्थल है। सिक्खों के १०वें तथा अंतिम गुरु गुरू गोबिंद सिंह का जन्म पटना में हीं हुआ था। प्रति वर्ष देश-विदेश से लाखों सिक्ख श्रद्धालु पटना में हरमंदिर साहब के दर्शन करने आते हैं तथा मत्था टेकते हैं। पटना एवं इसके आसपास के प्राचीन भग्नावशेष/खंडहर नगर के ऐतिहासिक गौरव के मौन गवाह हैं तथा नगर की प्राचीन गरिमा को आज भी प्रदर्शित करते हैं। एतिहासिक और प्रशासनिक महत्व के अतिरिक्त, पटना शिक्षा और चिकित्सा का भी एक प्रमुख केंद्र है। दीवालों से घिरा नगर का पुराना क्षेत्र, जिसे पटना सिटी के नाम से जाना जाता है, एक प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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पटना विश्वविद्यालय

पटना विश्वविद्यालय (पटना यूनिवर्सिटी) 1917 में स्थापित बिहार का सर्वाधिक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय है। यह भारतीय उपमहाद्वीप का सातवाँ सबसे पुराना स्वतंत्र विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किया गया था। स्थापना के पूर्व इसके अंतर्गत आनेवाले महाविद्यालय कलकता विश्वविद्यालय के अंग थे। यह पटना में गंगा के किनारे अशोक राजपथ के दोनों ओर अवस्थित है। इसके प्रमुख महाविद्यालयों में सायंस कॉलेज(केवल विज्ञान की पढ़ाई), पटना कॉलेज (केवल कला विषयों की पढ़ाई), वाणिज्य महाविद्यालय, पटना (केवल वाणिज्य विषयों की पढ़ाई), बिहार नेशनल कॉलेज (बी एन कॉलेज), पटना चिकित्सा महाविद्यालय, पटना कला एवं शिल्प महाविद्यालय, लॉ कालेज, पटना, मगध महिला कॉलेज तथा वुमेंस कॉलेज पटना सहित १३ महाविद्यालय है। 1886 में स्कूल ऑफ सर्वे के रूप में स्थापित तथा 1924 में बिहार कॉलेज ऑफ़ इंज़ीनियरिंग बना अभियंत्रण शिक्षा का यह केंद्र इसी विश्वविद्यालय का एक अंग हुआ करता था जिसे जनवरी 2004 में एन आई टी का दर्जा देकर स्वतंत्र कर दिया गया। .

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना, बिहार का एकमात्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान है जो उन आठ भारतीय प्रौद्योगिक संस्थानों में से एक है, जिसे केंद्र सरकार ने वर्ष 2008- 2009 के मध्य स्थापित किया था। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का परिसर पटना शहर से 25 किलोमीटर दूर स्थित बिहटा में स्थित है।भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना का परिसर राजधानी पटना से 25 किलोमीटर दूर बिहटा नामक स्थान पर लगभग 500 एकड़ भूमि पर निर्मित किया गया है। .

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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना

राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, पटना, बिहार मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सृजित अठारहवाँ राष्ट्रीय संस्थान है जो पूर्व में बिहार इंजीनियरी कालेज, पटना था। संस्थान, विद्युत इंजीनियरी, अभियांत्रिकी इंजीनियरी, सिविल इंजीनियरी, इलैक्ट्रानिक एवं संचार इंजीनियरी, आर्कीचेक्टर में अवर स्नातक पाठयक्रम और विद्युत इंजीनियरी, अभियांत्रिकी इंजीनियरी एवं सिविल इंजीनियरी में स्नातकोत्तर पाठयक्रम संचालित करता है। संस्थान आंशिक रूप से आवासीय है जो कुछ छात्रों और शिक्षण स्टाफ को आवास के लिए सीमित सुविधाएं प्रदान करता है। संस्थान में लड़कों के लिए तीन छात्रावास और लड़कियों के लिए एक छात्रावास है। संस्थान परिसर में सात अनिवार्य सेवाएं अर्थात २४ घंटे बिजली की आपूर्ति, उपयुक्त पेयजल, सफाई एवं स्वच्छता का रख-रखाव, सुरक्षा प्रबंध, चिकित्सा आकस्मिक सहायता के लिए एम्बुलेंस सेवा, ईपीएबी एक्स.

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गंगा नदी

गंगा (गङ्गा; গঙ্গা) भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी है। यह भारत और बांग्लादेश में कुल मिलाकर २,५१० किलोमीटर (कि॰मी॰) की दूरी तय करती हुई उत्तराखण्ड में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुन्दरवन तक विशाल भू-भाग को सींचती है। देश की प्राकृतिक सम्पदा ही नहीं, जन-जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है। २,०७१ कि॰मी॰ तक भारत तथा उसके बाद बांग्लादेश में अपनी लंबी यात्रा करते हुए यह सहायक नदियों के साथ दस लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के अति विशाल उपजाऊ मैदान की रचना करती है। सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण गंगा का यह मैदान अपनी घनी जनसंख्या के कारण भी जाना जाता है। १०० फीट (३१ मी॰) की अधिकतम गहराई वाली यह नदी भारत में पवित्र मानी जाती है तथा इसकी उपासना माँ तथा देवी के रूप में की जाती है। भारतीय पुराण और साहित्य में अपने सौन्दर्य और महत्त्व के कारण बार-बार आदर के साथ वंदित गंगा नदी के प्रति विदेशी साहित्य में भी प्रशंसा और भावुकतापूर्ण वर्णन किये गये हैं। इस नदी में मछलियों तथा सर्पों की अनेक प्रजातियाँ तो पायी ही जाती हैं, मीठे पानी वाले दुर्लभ डॉलफिन भी पाये जाते हैं। यह कृषि, पर्यटन, साहसिक खेलों तथा उद्योगों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है तथा अपने तट पर बसे शहरों की जलापूर्ति भी करती है। इसके तट पर विकसित धार्मिक स्थल और तीर्थ भारतीय सामाजिक व्यवस्था के विशेष अंग हैं। इसके ऊपर बने पुल, बांध और नदी परियोजनाएँ भारत की बिजली, पानी और कृषि से सम्बन्धित ज़रूरतों को पूरा करती हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि इस नदी के जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु होते हैं, जो जीवाणुओं व अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देते हैं। गंगा की इस अनुपम शुद्धीकरण क्षमता तथा सामाजिक श्रद्धा के बावजूद इसको प्रदूषित होने से रोका नहीं जा सका है। फिर भी इसके प्रयत्न जारी हैं और सफ़ाई की अनेक परियोजनाओं के क्रम में नवम्बर,२००८ में भारत सरकार द्वारा इसे भारत की राष्ट्रीय नदी तथा इलाहाबाद और हल्दिया के बीच (१६०० किलोमीटर) गंगा नदी जलमार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है। .

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आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय

आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय बिहार का एक विश्वविद्यालय है जो बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम २००८ द्वारा शासित है। यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यताप्राप्त है। बिहार सरकार द्वारा इस विश्वविद्यालय की स्थापना राज्य के तकनीकी, चिकित्सीय, प्रबन्ध तथा व्यावसायिक शिक्षा के विकास एवं प्रबन्धन के लिये किया गया है। वर्तमान समय में यह CNLU पटना के अस्थायी कार्यालय से चलाया जा रहा है। बिहार सरकार ने इसके अपने प्रांगण (कैम्पस) के निर्माणार्थ 95 करोड़ रूपये निर्धारित किये हैं। .

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अशोक राजपथ

बिहार की राजधानी पटना के पूर्वी हिस्से पटना सिटी को गाँधी मैदान से जोडने वाली सड़क का नामाकरण दूसरी सदी ईसा पूर्व में हुए मगध साम्राज्य के महान शासक सम्राट अशोक के नाम पर किया गया है। गंगा तट के समानान्तर चलने वाली यह सड़क शहर की जीवनरेखा है। पटना विश्वविद्यालय के बीएन कॉलेज, पटना कॉलेज, साईंस कॉलेज, पटना मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त एनआईटी पटना, महेन्द्रू मुहल्ला, सुलतानगंज, गायघाट, पटना सिटी के कई मुहल्ले इस महत्वपूर्ण राजपथ पर स्थित है। .

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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान या एम्स (AIIMS) सार्वजनिक आयुर्विज्ञान महाविद्यालय का समूह है। इस समूह में नई दिल्ली स्थित भारत का सबसे पुराना उत्कृष्ट एम्स संस्थान है। इसकी आधारशिला 1952 में रखी गयी और इसका सृजन 1956 में संसद के एक अधिनियम के माध्‍यम से एक स्‍वायत्त संस्‍थान के रूप में स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल के सभी पक्षों में उत्कृष्‍टता को पोषण देने के केन्‍द्र के रूप में कार्य करने हेतु किया गया। एम्स चौक दिल्ली के रिंग रोड पर पड़ने वाला चौराहा है, इसे अरविन्द मार्ग काटता है। सन् 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी श्रंखला में 6 अन्य एम्स संस्थान पूरे भारत में स्थापित किये गये। ताकि दूर दराज के लोगों को बेहतर इलाज की सुविधायें पाई जा सके! 2022 तक हर राज्य में एक AIIMS खोलने का विचार है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

पटना चिकित्सा महाविद्यालय

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