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न्यूटन का शीतलन का नियम

सूची न्यूटन का शीतलन का नियम

न्यूटन का शीतलन का नियम (Newton's law of cooling) के अनुसार, किसी पिण्ड के ऊष्मा ह्रास की दर उस पिण्ड के ताप तथा उसके चारो ओर के माध्यम के ताप के अन्तर के समानुपाती होता है। दूसरे शब्दों में, यह नियम कहता है कि, 'ऊष्मा अन्तरण गुणांक' (heat transfer coefficient) का मान नियत रहता है। वास्तव में यह नियम ऊष्मा चालन में तो बहुत सीमा तक सत्य है किन्तु संवहन द्वारा ऊष्मा के स्थानान्तरण की दशा में यह नियम अंशतः ही सत्य है (पूर्णतः नहीं)। संवहन के द्वारा ऊष्मा अन्तरण में ऊष्मा अन्तरण गुणांक पूर्णतः नियत नहीं होता बल्कि कुछ सीमा तक तापान्तर पर भी निर्भर करता है। और अन्ततः, विकिरण के द्वारा ऊष्मा स्थानान्तरण के केस में तो यह नियम और भी गलत है क्योंकि वहाँ ऊष्मा अन्तरण की दर वस्तु के ताप के चतुर्थ घात के समानुपाती होती है। श्रेणी:भौतिकी श्रेणी:उष्मागतिकी.

3 संबंधों: ऊष्मा चालन, संवहन, विकिरण

ऊष्मा चालन

किसी पिण्ड के अन्दर सूक्ष्म विसरण तथा कणों के टक्कर के द्वारा जो ऊष्मा का अन्तरण होता है उसे ऊष्मा चालन (Thermal conduction) कहते हैं। यहाँ 'कण' से आशय अणु, परमाणु, इलेक्ट्रान और फोटॉन से है। चालन द्वारा ऊष्मा अन्तरण ठोस, द्रव, गैस और प्लाज्मा - सभी प्रावस्थाओं में होती है। .

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संवहन

वायु की धारा का संवहन लाल रंग के क्षेत्र गरम हैं और नीला रंग के ठन्डे हैं - देखा जा सकता है के संवहन में कैसे गरम क्षेत्रों से अणुओं की गरम फुहारें उठकर ठन्डे क्षेत्रों में जा रहीं हैं संवहन (अंग्रेज़ी:Convection) ऊष्मा के स्थानान्तरण या संचरण की एक विधि है किसी तरल पदार्थ (गैस, द्रव या प्लाज्मा) में अणुओं के समग्र स्थानान्तरण द्वारा ऊष्मा का लेन-देन होता है। ठोसों में संवहन सम्भव नही है किन्तु तरल पदार्थों में संवहन ऊष्मा के अन्तरण की एक मुख्य विधि है। संवहन द्वारा द्रव्यमान का भी स्थानान्तरण होता है। संवहन द्वारा द्रव्यमान के इस स्थानान्तरण के कारण ऊष्मा का स्थानान्तरण (ट्रांस्फर) होता है। अणुओं की इस प्रकार की गति को संवहन धारा कहते हैं। .

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विकिरण

भौतिकी में प्रयुक्त विकिरण ऊर्जा का एक रूप है जो तरंगों या किसी परमाणु या अन्य निकाय द्वारा उत्सर्जित गतिशील उपपरमाणुविक कणों के रूप में उच्च से निम्न ऊर्जा अवस्था की ओर चलती है। विकिरण को परमाणु पदार्थ पर उसके प्रभाव के आधार पर या विआयनीकारक के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। विकिरण जो अणु या परमाणु का आयनीकरण करने मे सक्षम होता है उसमे उर्जा का स्तर विआयनीकारक विकिरण से अधिक होता है। रेडियोधर्मी पदार्थ वो भौतिक पदार्थ है जो कि आयनीकारक विकिरण उत्सर्जित करती है। तीन भिन्न प्रकार के विकिरण और उनका भेदन .

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