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तमन प्रायद्वीप

सूची तमन प्रायद्वीप

१८७० ईसवी के आसपास बनाया गया रूसी भाषा में तमन प्रायद्वीप का नक़्शा तमन प्रायद्वीप (रूसी: Таманский полуостров, तमनस्कीय पोलूओस्त्रोव; अंग्रेज़ी: Taman Peninsula) रूस के क्रास्नोदार क्राय प्रशासनिक विभाग में स्थित एक प्रायद्वीप है। यह कॉकस क्षेत्र में स्थित है और इसके उत्तर में आज़ोव सागर, पश्चिम में केर्च जलडमरू तथा दक्षिण में कृष्ण सागर आता है। पश्चिम में केर्च जलडमरू के पार युक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र का पूर्वतम हिस्सा (जो केर्च प्रायद्वीप कहलाता है) स्थित है। तेम्रयुक (Темрю́к, Temryuk) इस प्रायद्वीप का सबसे बड़ा शहर है। .

20 संबंधों: द्वितीय विश्वयुद्ध, नाज़ी जर्मनी, प्राचीन यूनान, प्रायद्वीप, मंगोल, युक्रेन, रूस, रूसी भाषा, रूसी साम्राज्य, लाल सेना, सोवियत संघ, आज़ोव सागर, काला सागर, क्रास्नोदार क्राय, क्राइमियाई ख़ानत, क्रीमिया, कॉकस, कोज़ाक, अंग्रेज़ी भाषा, उस्मानी साम्राज्य

द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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नाज़ी जर्मनी

नाज़ी जर्मनी, नाट्सी जर्मनी या तीसरा राइख (Drittes Reich, "द्रीत्तेस रय्ख़्") १९३३ और १९४५ के बीच जर्मनी के लिए इतिहासकारों द्वारा सामान्य नाम दिया गया है, जब जर्मनी पर अडोल्फ़ हिटलर के नेतृत्व वाली नेशनल सोशलिस्ट जर्मन कार्यकर्ता पार्टी (NSDAP) का एकछत्र राज्य था। इसके अतिरिक्त इसे - नाजीवादी जर्मनी (Das nazistische Deutschland "दस नत्सीस्तिशे दोय्च्लन्द्") तथा सहस्रवर्षीय साम्राज्य (Das Tausendjähriges Reich "दस थाउज़ेन्द्येरिगेस रय्ख़्") भी कहा जाता है। तृतीय साम्राज्य वैमार गणराज्य के बाद सत्ता में आया, जब 4 मार्च 1933 को राष्ट्रीय-समाजवादी जर्मन श्रमिकों की पार्टी ने (NSDAP "एन-एस-दे-आ-पे", Die Nationalsozialistische Deutsche Arbeiterpartei "दी नत्सिओनाल-सोत्सिअलीस्तिशे दोय्चे आर्बाय्तेर्पर्ताय") हिटलर के नेतृत्व में राजसत्ता हथिया ली। ३० जनवरी १९३३ को अडोल्फ़ हिटलर जर्मनी का चांसलर बना और जल्दी ही सारे विरोध को ख़त्म करके वह उस देश का इकलौता नेता बन बैठा। देश ने उसे फ़्युअरर (जर्मन भाषा में लीडर) कहकर पूजना शुरु कर दिया और सारी ताक़त उसके हाथ में सौंप दी। इतिहासकारों ने बड़ी सभाओं में उसके वाक्चातुर्य और कमरे में हुयी बैठकों में उसकी आँखों से होने वाले मंत्रमुग्ध लोगों का ज़ोर देकर बताया है। शनैः शनैः यह बात प्रचलन में आ गई कि फ़्युअरर का वचन विधि से भी ऊपर है। दरअसल यह मत लोगों के बीच हिटलर के मतप्रचालन (propaganda) मंत्री गॅबॅल्स ने रखा था जिसे प्रथम विश्वयुद्ध और वर्साय की संधि से सताई गई जनता ने दोनों हाथों से हड़प लिया। सरकार के शीर्षस्थ अधिकारी केवल हिटलर को रिपोर्ट देते थे और उसी की नीतियों का अनुसरण भी करते थे, हालांकि उनकी कार्यशैली में कुछ हद तक स्वायत्ता बरक़रार थी। .

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प्राचीन यूनान

एथेंस के ऐक्रोपोलिस स्थल में स्थित पारथ़ेनोन, जो अथ़ीना नामक देवी का मंदिर है प्राचीन यूनानी सभ्यता उस संस्कृति को कहते हैं जो यूनान और उसके नज़दीकी क्षेत्रों में लगभग आठवी शताब्दी ईसा-पूर्व से लगभग छठी शताब्दी इसाई तक (यानि क़रीब 1,300 वर्षों तक) विस्तृत थी। आधुनिक पश्चिमी संस्कृतियों की सब से गहरी जड़ इसी सभ्यता को माना जाता है, इसलिए पश्चिमी इतिहासकारों के लिए यूनानी सभ्यता हमेशा बहुत महत्वपूर्ण रही है। माना जाता है के इस सभ्यता के बाद आने वाले रोमन साम्राज्य पर प्राचीन यूनान का गहरा असर था और उस साम्राज्य और संस्कृति के कई पहलुओं में यूनानी संस्कृति की छाप देखी जा सकती है। .

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प्रायद्वीप

क्रोशिया में एक छोटा सा प्रायद्वीपप्रायद्वीप (संस्कृत: प्रायद्वीप; प्राय.

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मंगोल

चंगेज़ ख़ान एक पारम्परिक मंगोल घर, जिसे यर्त कहते हैं मंगोल मध्य एशिया और पूर्वी एशिया में रहने वाली एक जाति है, जिसका विश्व इतिहास पर गहरा प्रभाव रहा है। भारतीय उपमहाद्वीप में इस जाति को मुग़ल के नाम से जाना जाता था, जिस से मुग़ल राजवंश का नाम भी पड़ा। आधुनिक युग में मंगोल लोग मंगोलिया, चीन और रूस में वास करते हैं। विश्व भर में लगभग १ करोड़ मंगोल लोग हैं। शुरु-शुरु में यह जाति अर्गुन नदी के पूर्व के इलाकों में रहा करती थी, बाद में वह वाह्य ख़िन्गन पर्वत शृंखला और अल्ताई पर्वत शृंखला के बीच स्थित मंगोलिया पठार के आर-पार फैल गई। मंगोल जाति के लोग ख़ानाबदोशों का जीवन व्यतीत करते थे और शिकार, तीरंदाजी व घुड़सवारी में बहुत कुशल थे। १२वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में इसके मुखिया तेमूचीन ने तमाम मंगोल कबीलों को एक किया। .

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युक्रेन

युक्रेन पूर्वी यूरोप में स्थित एक देश है। इसकी सीमा पूर्व में रूस, उत्तर में बेलारूस, पोलैंड, स्लोवाकिया, पश्चिम में हंगरी, दक्षिणपश्चिम में रोमानिया और माल्दोवा और दक्षिण में काला सागर और अजोव सागर से मिलती है। देश की राजधानी होने के साथ-साथ सबसे बड़ा शहर भी कीव है। युक्रेन का आधुनिक इतिहास 9वीं शताब्दी से शुरू होता है, जब कीवियन रुस के नाम से एक बड़ा और शक्तिशाली राज्य बनकर यह खड़ा हुआ, लेकिन 12 वीं शताब्दी में यह महान उत्तरी लड़ाई के बाद क्षेत्रीय शक्तियों में विभाजित हो गया। 19वीं शताब्दी में इसका बड़ा हिस्सा रूसी साम्राज्य का और बाकी का हिस्सा आस्ट्रो-हंगेरियन नियंत्रण में आ गया। बीच के कुछ सालों के उथल-पुथल के बाद 1922 में सोवियत संघ के संस्थापक सदस्यों में से एक बना। 1945 में यूक्रेनियाई एसएसआर संयुक्त राष्ट्रसंघ का सह-संस्थापक सदस्य बना। सोवियत संघ के विघटन के बाद युक्रेन फिर से स्वतंत्र देश बना। .

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रूस

रूस (रूसी: Росси́йская Федера́ция / रोस्सिज्स्काया फ़ेदेरात्सिया, Росси́я / रोस्सिया) पूर्वी यूरोप और उत्तर एशिया में स्थित एक विशाल आकार वाला देश। कुल १,७०,७५,४०० किमी२ के साथ यह विश्व का सब्से बड़ा देश है। आकार की दृष्टि से यह भारत से पाँच गुणा से भी अधिक है। इतना विशाल देश होने के बाद भी रूस की जनसंख्या विश्व में सातवें स्थान पर है जिसके कारण रूस का जनसंख्या घनत्व विश्व में सब्से कम में से है। रूस की अधिकान्श जनसंख्या इसके यूरोपीय भाग में बसी हुई है। इसकी राजधानी मॉस्को है। रूस की मुख्य और राजभाषा रूसी है। रूस के साथ जिन देशों की सीमाएँ मिलती हैं उनके नाम हैं - (वामावर्त) - नार्वे, फ़िनलैण्ड, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, पोलैण्ड, बेलारूस, यूक्रेन, जॉर्जिया, अज़रबैजान, कजाकिस्तान, चीन, मंगोलिया और उत्तर कोरिया। रूसी साम्राज्य के दिनों से रूस ने विश्व में अपना स्थान एक प्रमुख शक्ति के रूप में किया था। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ विश्व का सबसे बड़ा साम्यवादी देश बना। यहाँ के लेखकों ने साम्यवादी विचारधारा को विश्व भर में फैलाया। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ एक प्रमुख सामरिक और राजनीतिक शक्ति बनकर उभरा। संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ इसकी वर्षों तक प्रतिस्पर्धा चली जिसमें सामरिक, आर्थिक, राजनैतिक और तकनीकी क्षेत्रों में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ थी। १९८० के दशक से यह आर्थिक रूप से क्षीण होता चला गया और १९९१ में इसका विघटन हो गया जिसके फलस्वरूप रूस, सोवियत संघ का सबसे बड़ा राज्य बना। वर्तमान में रूस अपने सोवियत संघ काल के महाशक्ति पद को पुनः प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है। यद्यपि रूस अभी भी एक प्रमुख देश है लेकिन यह सोवियत काल के पद से भी बहुत दूर है। .

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रूसी भाषा

विश्व में रूसी भाषा का प्रसार रूसी भाषा (русский язык,रूस्किय् यज़ीक्) - पूर्वी स्लाविक भाषाओं में सर्वाधिक प्रचलित भाषा है। रूसी यूरोप की एक प्रमुख भाषा तो है ही, विश्व की प्रमुख भाषाओं में भी इस का विशेष स्थान है, हालाँकि भौगोलिक दृष्टि से रूसी बोलने वालों की अधिकतर संख्या यूरोप की बजाय एशिया में निवास करती है। रूसी भाषा रूसी संघ की आधिकारिक भाषा है। इसके अतिरिक्त बेलारूस, कज़ाकिस्तान, क़िर्गिस्तान, उक्राइनी स्वायत्त जनतंत्र क्रीमिया, जॉर्जियाई अस्वीकृत जनतंत्र अब्ख़ाज़िया और दक्षिणी ओसेतिया, मल्दावियाई अस्वीकृत जनतंत्र ट्रांसनीस्ट्रिया (नीस्टर का क्षेत्र) और स्वायत्त जनतंत्र गगऊज़िया नामक देशों और जनतंत्रों में रूसी भाषा सहायक आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार की गई है। रूसी भूतपूर्व सोवियत संघ के सभी १५ सोवियत समाजवादी जनतंत्रों की राजकीय भाषा थी। सन् 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद भी इन सभी आधुनिक स्वतंत्र देशों में अपनी-अपनी राष्ट्रीय भाषाओं के साथ-साथ परस्पर आपसी व्यवहार के लिए सम्पर्क भाषा के रूप में रूसी भाषा का प्रयोग किया जाता है। इन १५ देशों में रहने वाले निवासियों में से भी अधिकांश की मातृभाषा रूसी ही है। विश्व के विभिन्न देशों में (इसराइल, जर्मनी, संयुक्त राज्य अमरीका, कनाडा, तुर्की, ऑस्ट्रेलिया इत्यादि) जहाँ कहीं भी भूतपूर्व सोवियत संघ या रूस के प्रवासी बसे हुए हैं, वहाँ कई जगहों पर रूसी पत्र-पत्रिकाएँ प्रकाशित होती हैं, रूसी भाषा में रेडियो और दूरदर्शन काम करते हैं तथा स्कूलों में रूसी सिखाई जाती है। कुछ वर्ष पहले तक पूर्वी यूरोपियाई देशों के स्कूलों में रूसी भाषा विदेशी भाषा के रूप में पढ़ाई जाती थी। कुल मिला कर विश्व में रूसी भाषा बोलने वालों की संख्या ३०-३५ करोड़ है, जिस में से 16 करोड़ लोग इसे अपनी मातृभाषा मानते हैं। इसके आधार पर रूसी संसार की भाषाओं में पाँचवे स्थान पर है और वह संयुक्त राष्ट्र (UN) की ५ आधिकारिक भाषाओं में से एक है। .

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रूसी साम्राज्य

सन् १८६६ में रूसी साम्राज्य (हरे रंग में) रूसी साम्राज्य (रूसी: Российская Империя, रोसिस्काया इम्पेरिया) सन् १७२१ से १९१७ तक की रूसी क्रांति तक अस्तित्व में रहने वाला एक साम्राज्य था। रूसी साम्राज्य से पहले रूस में रूसी त्सार-राज्य था और उसके बाद बहुत कम अवधि के लिए रूसी गणतंत्र चला और उसके उपरान्त सोवियत संघ स्थापित हुआ। रूसी साम्राज्य दुनिया के सब से बड़े साम्राज्यों में से एक था और केवल मंगोल और ब्रिटिश साम्राज्य ही क्षेत्रफल में उस से बड़े रहे हैं। सन् १८६६ में रूसी साम्राज्य पूर्वी यूरोप से लेकर सुदूर पूर्व एशिया तक और फिर समुद्र के पार उत्तर अमेरिका के कुछ इलाक़ों पर विस्तृत था। १८९७ में सामराज्य की जनसँख्या १२.५६ करोड़ थी।, Jane Burbank, David L. Ransel, Indiana University Press, 1998, ISBN 978-0-253-21241-2,...

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लाल सेना

सोवियत सैनिकों ने जर्मनी की राजधानी पर क़ब्ज़ा करके राईख़श्टाग (जर्मन संसद) के ऊपर फहराया था एक सोवियत फ़ौजी अफ़सर अपने सैनिकों को जर्मन फ़ौजियों पर हमला करने के लिए ललकारते हुए (सन् १९४२, द्वितीय विश्वयुद्ध) मज़दूरों और किसानों की लाल सेना (रूसी: Рабоче-Крестьянская Красная Армия, राबोचे-क्रेस्तयान्स्काया क्रासनाया आर्मिया) का आरम्भ सन् १९१८-१९२२ के रूसी गृहयुद्ध में सोवियत संघ के क्रांतिकारी साम्यवादी लड़ाकू दलों के रूप में हुआ था। सोवियत संघ की स्थापना के बाद यह बढ़कर उस देश की राष्ट्रीय सेना बन गई और १९३० के दशक तक इतिहास की सब से बड़ी फ़ौजों में से एक बन चुकी थी। उसे लाल सेना इसलिए कहा जाता था क्योंकि साम्यवाद का पारम्परिक रंग लाल है। २५ फ़रवरी १९४६ को लाल सेना का नाम औपचारिक रूप से बदलकर 'सोवियत सेना' कर दिया गया। द्वितीय विश्वयुद्ध में सोवियत-अमेरिकी-ब्रिटिश गुट की जर्मनी के ऊपर जीत का बहुत श्रेय लाल सेना को दिया जाता है, क्योंकि उन्होंने ही लगभग ८०% जर्मन फ़ौज से लड़कर उन्हें हराया।, Norman Davies, Penguin, 2008, ISBN 978-0-14-311409-3,...

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सोवियत संघ

सोवियत संघ (रूसी भाषा: Сове́тский Сою́з, सोवेत्स्की सोयूज़; अंग्रेज़ी: Soviet Union), जिसका औपचारिक नाम सोवियत समाजवादी गणतंत्रों का संघ (Сою́з Сове́тских Социалисти́ческих Респу́блик, Union of Soviet Socialist Republics) था, यूरेशिया के बड़े भूभाग पर विस्तृत एक देश था जो १९२२ से १९९१ तक अस्तित्व में रहा। यह अपनी स्थापना से १९९० तक साम्यवादी पार्टी (कोम्युनिस्ट पार्टी) द्वारा शासित रहा। संवैधानिक रूप से सोवियत संघ १५ स्वशासित गणतंत्रों का संघ था लेकिन वास्तव में पूरे देश के प्रशासन और अर्थव्यवस्था पर केन्द्रीय सरकार का कड़ा नियंत्रण रहा। रूसी सोवियत संघीय समाजवादी गणतंत्र (Russian Soviet Federative Socialist Republic) इस देश का सबसे बड़ा गणतंत्र और राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र था, इसलिए पूरे देश का गहरा रूसीकरण हुआ। यही कारण रहा कि विदेश में भी सोवियत संघ को अक्सर गलती से 'रूस' बोल दिया जाता था। .

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आज़ोव सागर

आज़ोव सागर इस नक़्शे के उत्तरी भाग में देखा जा सकता है आज़ोव सागर के किनारे बसे हुए शहर आज़ोव सागर (रूसी: Азо́вское мо́ре, आज़ोवस्कोये मोरे; अंग्रेजी: Sea of Azov, सी ऑफ़ आज़ोव) पूर्वी यूरोप में स्थित एक छोटा सा सागर है जो लगभग पूरी तरह ज़मीन से घिरा हुआ है लेकिन जिसे "कर्च जलडमरू" नाम का एक ४ किलोमीटर चौड़ा समुद्री रास्ता कृष्ण सागर से जोड़ता है। आज़ोव सागर के उत्तर में युक्रेन, पूर्व में रूस और पश्चिम में युक्रेन का क्राइमिया प्रायद्वीप स्थित है। आज़ोव सागर दुनिया का सब से कम गहराई वाला समुद्र है और इसकी गहराई अलग-अलग स्थानों पर ०.९ मीटर (२ फ़ुट ११ इंच) और १४ मीटर (४६ फ़ुट) के बीच है। दोन और कुबान नामक दो नदियाँ इसमें पानी लाती है और इसका पानी लगातार कृष्ण सागर में बहता रहता है। .

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काला सागर

नासा के वर्ल्ड विंड ग्लोब सॉफ्टवेयर द्वारा कृष्ण सागर का दृश्य कृष्ण सागर या काला सागर एक महाद्वीपीय समुद्र है जो दक्षिण-पूर्वी यूरोप, कॉकेशस और अनातोलिया के प्रायद्वीप (तुर्की) से घिरा है। अंध महासागर में यह भूमध्य और एजियन सागरों और विभिन्न जलडमरूमध्यों के माध्यम से जुड़ा हुआ है। इसमें बोस्पोरस की जलसंयोगी मारमरा सागर का नाम उल्लेखनीय है। कृष्ण सागर, 436,400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का जलाशय है, जिसकी अधिकतम गहराई 2212 मीटर है। इसमें समाहित जल का आयतन लगभग 5,47,000 घन किमी है। कृष्ण सागर पश्चिम में बुल्गारिया, रोमानिया, उत्तर-पूर्व में रूस और यूक्रेन, दक्षिण में तुर्की के बीच स्थित है। इसके पूर्व में जॉर्जिया तथा कॉकेशस की पर्वतमालाएँ हैं जो इसे कैस्पियन सागर से अलग करती हैं। पूर्व से पश्चिम की सबसे अधिक लंबाई लगभग 1175 किमी है। '''कृष्ण सागर''' का क्रीमिया गणराज्य के एक गांव से दृश्य इस तट के साथ लगे महत्वपूर्ण शहरों में शामिल हैं: कॉस्टैंटा (306000 550000 के एक मेट्रो के साथ), इस्तांबुल (11372613), ओडेसा (1001000), मंगालिया (41153), बुर्गास (229250), वार्ना (357752 416000 के एक मेट्रो के साथ), खेरसॉन (358000), सेवास्टॉपॉल (379200), याल्टा (80552), कर्च (158165), नोवोरोसीस्क (281400), सोची (328809), सूखुमी (43700), नैवोदारी (34669), पोती (47149), बातुमी (121806), ट्रैबज़ॉन (275137), सैमसन (439000) ओर्दू (190143) और जोंगूल्दाक (104276).

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क्रास्नोदार क्राय

रूस के नक़्शे में क्रास्नोदार क्राय की स्थिति (दक्षिण-पश्चिम में, लाल रंग में) कुबान नदी से मिलने वाली एक छोटी नदी के किनारे गोर्याचिय क्ल्युच का क्षेत्र (रूसी: Краснода́рский край, क्रास्नोदार्सकी क्राय) कॉकस के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित रूस का एक संघीय खंड है, जो रूसी प्रशासन प्रणाली में 'क्राय' का दर्जा रखता है। इसकी राजधानी और प्रशासनिक केंद्र क्रास्नोदार नाम का शहर है। इसका क्षेत्रफल ७६,००० वर्ग किमी है और सन् २०१० में इसकी जनसँख्या ५२,२५,८२६ थी। .

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क्राइमियाई ख़ानत

सन् १६०० ईसवी में क्राइमियाई ख़ानत (नारंगी रंग में) क्राइमियाई ख़ानत (क्राइमियाई तातारी:, क़िरीम ख़ानलिग़ी; अंग्रेज़ी: Crimean Khanate) एक ख़ानत थी जिसपर सन् १४४१ से १७८३ ईसवी तक क्राइमियाई तातार लोगों का राज रहा था। इसके ख़ान शासक तोक़ा तैमूर के वंशज थे जो स्वयं जोची ख़ान का तेहरावाँ पुत्र और मंगोल साम्राज्य के संस्थापक चंगेज़ ख़ान का पोता था। सुनहरा उर्दू नामक ख़ानत के अंत होने पर जितनी भी तातार ख़ानतें उभरीं उनमें से क्राइमियाई ख़ानत ही सबसे दीर्घायु थी।, Charles J. Halperin, Indiana University Press, 1985, ISBN 9780253204455,...

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क्रीमिया

युक्रेन में क्रीमिया प्रायद्वीप की स्थिति (लाल रंग में) right ख़ान का महल क्रीमिया या क्राईमिया (अंग्रेज़ी: Crimea, क्राईमिया; रूसी: Крым, क्र्यिम; यूक्रेनी: Крим, क्रिम) पूर्वी यूरोप में युक्रेन देश का एक स्वशासित अंग है जो उस राष्ट्र की प्रशासन प्रणाली में एक 'स्वशासित गणराज्य' का दर्जा रखता है। यह कृष्ण सागर के उत्तरी तट पर स्थित एक प्रायद्वीप (पेनिनसुला) है। इस क्षेत्र के इतिहास में क्रीमिया का महत्व रहा है और बहुत से देशों और जातियों में इस पर क़ब्ज़े को लेकर झड़पें हुई हैं। 18 मार्च 2014 को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन क्रीमिया को रूसी संघ में मिलाने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए। इसके साथ ही क्रीमिया रूसी संघ का हिस्सा बन गया है। .

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कॉकस

कॉकस या कौकसस यूरोप और एशिया की सीमा पर स्थित एक भौगोलिक और राजनैतिक क्षेत्र है। इस क्षेत्र में कॉकस पर्वत शृंखला भी आती है, जिसमें यूरोप का सबसे ऊंचा पहाड़, एल्ब्रुस पर्वत शामिल है। कॉकस के दो मुख्य खंड बताये जाते हैं: उत्तर कॉकस और दक्षिण कॉकस। उत्तर कॉकस में चेचन्या, इन्गुशेतिया, दाग़िस्तान, आदिगेया, काबारदीनो-बल्कारिया, काराचाए-चरकस्सिया, उत्तर ओसेतिया, क्रास्नोदार क्राय और स्ताव्रोपोल क्राय के क्षेत्र आते हैं। दक्षिण कॉकस में आर्मीनिया, अज़रबैजान और जॉर्जिया आते हैं, जिसमें दक्षिण ओसेतिया, अबख़ज़िया और नागोर्नो-काराबाख़ शामिल हैं। .

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कोज़ाक

कोज़ाक या कज़ाकी लोग स्लाव मूल के पूर्वी यूरोपीय जाति के लोग हैं जो मुख्यतः यूक्रेन और दक्षिणी रूस में बसते हैं। ये क़ज़ाख़स्तान के क़ज़ाख़ लोगों से अलग हैं। श्रेणी:स्लाव.

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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उस्मानी साम्राज्य

उस्मानी सलतनत (१२९९ - १९२३) (या उस्मानी साम्राज्य या तुर्क साम्राज्य, उर्दू में सल्तनत-ए-उस्मानिया, उस्मानी तुर्कीयाई:دَوْلَتِ عَلِيّهٔ عُثمَانِیّه देव्लेत-इ-आलीय्ये-इ-ऑस्मानिय्ये) १२९९ में पश्चिमोत्तर अनातोलिया में स्थापित एक तुर्क राज्य था। महमद द्वितीय द्वारा १४९३ में क़ुस्तुंतुनिया जीतने के बाद यह एक साम्राज्य में बदल गया। प्रथम विश्वयुद्ध में १९१९ में पराजित होने पर इसका विभाजन करके इस पर अधिकार कर लिया गया। स्वतंत्रता के लिये संघर्ष के बाद २९ अक्तुबर सन् १९२३ में तुर्की गणराज्य की स्थापना पर इसे समाप्त माना जाता है। उस्मानी साम्राज्य सोलहवीं-सत्रहवीं शताब्दी में अपने चरम शक्ति पर था। अपनी शक्ति के चरमोत्कर्ष के समय यह एशिया, यूरोप तथा उत्तरी अफ़्रीका के हिस्सों में फैला हुआ था। यह साम्राज्य पश्चिमी तथा पूर्वी सभ्यताओं के लिए विचारों के आदान प्रदान के लिए एक सेतु की तरह था। इसने १४५३ में क़ुस्तुन्तुनिया (आधुनिक इस्ताम्बुल) को जीतकर बीज़ान्टिन साम्राज्य का अन्त कर दिया। इस्ताम्बुल बाद में इनकी राजधानी बनी रही। इस्ताम्बुल पर इसकी जीत ने यूरोप में पुनर्जागरण को प्रोत्साहित किया था। .

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