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ड्रैगन बॉल सुपर

सूची ड्रैगन बॉल सुपर

ड्रैगन बॉल सुपर (जापानी: ドラゴンボール超) एक जापानी ऐनिमे धारावाहिक है जो जापान में ५ जुलै २०१५ से २५ मार्च २०१८ तक फुजि टीवी पर प्रसारित हुआ था। इसकी कथा ड्रैगन बॉल के लेखक अकिरा तोरियामा ने लिखी है और इसी नाम का एक माँगा शुएइशा की पत्रिका वी जंप पर प्रकाशित होती है जो तोयोतारो अकिरा के साथ लिखते है। .

5 संबंधों: ऐनिमे, मांगा, शुएइशा, जापान, जापानी भाषा

ऐनिमे

thumbएनिमे शब्द जापानी में एनिमेशन के लिए प्रयोग होता है। जहां विश्व में एनिमे शब्द को सिर्फ जापानी कार्टून या एनिमेशन से जोड़ कर देखा जाता है, वहीं जापान मे इसका प्रयोग हर प्रकार के देशी या विदेशी एनिमेशन के लिए होता है। इस कला को दुनिया के बहुत से लोग पसंद करते हैं। इस तरह कि एनिमेशन में पात्रों की बनावट पर एक खास तरह से काम किया जाता है। पात्रों कि आंखें, उनके बाल व उनके शरीर की बनावट भी आम किस्म की एनिमेशन से अलग देखी जाती है लेकिन इस कि लोकप्रियता को देख कर अब अन्य कार्टून्स में इसकी झलक देखी जा सकती है। एनिमे के उदाहरण हैं: -.

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मांगा

सीज़नल पैसर्सबाई (शिकी नो युकिकाई) से "मांगा" के लिए कांजी, 1798, सैंटो क्योडेन और किटाओ शिगेमासा द्वारा जापानी भाषा में मांगा (कांजी: 漫画; हीरागाना: まんが; काटाकना: マンガ) (या) कॉमिक्स और मुद्रित कार्टून्स (जिसे कभी कभी कोमिकू भी कहा जाता है) से मिलकर बनता है और 19 वीं शताब्दी के अंत में जापान में विकसित शैली के अनुरूप है। अपने आधुनिक रूप में, मांगा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद शीघ्र ही अप्रचलित हो गया, लेकिन पूर्व जापानी कला में उनका एक लंबा, जटिल पूर्व इतिहास है। जापान में सभी उम्र के लोग मांगा पढ़ते हैं। शैली में विषयों की एक व्यापक रेंज को शामिल किया गया है: साहसिक-कार्य, रोमांस, खेल-कूद और खेल, ऐतिहासिक नाटक, हास्य, विज्ञानं की कल्पित कथाएं और फंतासी, रहस्य, डरावना, कामुकता और और अन्य विषयों में व्यापार/वाणिज्य.

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शुएइशा

शुएइशा एक जापानी किताब और वीडियो गेम प्रकाशक कंपनी है जो चिदोया, टोक्यो, जापान में स्थित है। इसे १९२५ में स्थापित किया गया था मनोरंजन से संबंधित प्रकाशन प्रभाग के तौर पर जापानी प्रकाशक शोगकुकान कंपनी मे.

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जापान

जापान, एशिया महाद्वीप में स्थित देश है। जापान चार बड़े और अनेक छोटे द्वीपों का एक समूह है। ये द्वीप एशिया के पूर्व समुद्रतट, यानि प्रशांत महासागर में स्थित हैं। इसके निकटतम पड़ोसी चीन, कोरिया तथा रूस हैं। जापान में वहाँ का मूल निवासियों की जनसंख्या ९८.५% है। बाकी 0.5% कोरियाई, 0.4 % चाइनीज़ तथा 0.6% अन्य लोग है। जापानी अपने देश को निप्पॉन कहते हैं, जिसका मतलब सूर्योदय है। जापान की राजधानी टोक्यो है और उसके अन्य बड़े महानगर योकोहामा, ओसाका और क्योटो हैं। बौद्ध धर्म देश का प्रमुख धर्म है और जापान की जनसंख्या में 96% बौद्ध अनुयायी है। .

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जापानी भाषा

जापानी भाषा (जापानी: 日本語 नीहोंगो) जापान देश की मुख्यभाषा और राजभाषा है। द्वितीय महायुद्ध से पहले कोरिया, फार्मोसा और सखालीन में भी जापानी बोली जाती थी। अब भी कोरिया और फार्मोसा में जापानी जाननेवालों की संख्या पर्याप्त है, परंतु धीरे धीरे उनकी संख्या कम होती जा रही है। भाषाविद इसे 'अश्लिष्ट-योगात्मक भाषा' मानते हैं। जापानी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में नहीं आती। भाषाविद इसे ख़ुद की जापानी भाषा-परिवार में रखते हैं (कुछ इसे जापानी-कोरियाई भाषा-परिवार में मानते हैं)। ये दो लिपियों के मिश्रण में लिखी जाती हैं: कांजी लिपि (चीन की चित्र-लिपि) और काना लिपि (अक्षरी लिपि जो स्वयं चीनी लिपिपर आधारित है)। इस भाषा में आदर-सूचक शब्दों का एक बड़ा तंत्र है और बोलने में "पिच-सिस्टम" ज़रूरी होता है। इसमें कई शब्द चीनी भाषा से लिये गये हैं। जापानी भाषा किस भाषा कुल में सम्मिलित है इस संबंध में अब तक कोई निश्चित मत स्थापित नहीं हो सका है। परंतु यह स्पष्ट है कि जापानी और कोरियाई भाषाओं में घनिष्ठ संबंध है और आजकल अनेक विद्वानों का मत है कि कोरियाई भाषा अलटाइक भाषाकुल में संमिलित की जानी चाहिए। जापानी भाषा में भी उच्चारण और व्याकरण संबंधी अनेक विशेषताएँ है जो अन्य अलटाइ भाषाओं के समान हैं परंतु ये विशेषताएँ अब तक इतनी काफी नहीं समझी जाती रहीं जिनमें हम निश्चित रूप से कह सकें कि जापानी भाषा अलटाइक भाषाकुल में ऐ एक है। हाइकु इसकी प्रमुख काव्य विधा है। .

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