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दिष्टधारा मोटर

सूची दिष्टधारा मोटर

डीसी मोटर का कार्यसिद्धान्त दिष्टधारा मोटर (DC motor) विद्युत मशीन है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलती है। .

9 संबंधों: ट्राम, तुल्यकालिक मोटर, दिष्टधारा विद्युतजनित्र, प्रेरणी मोटर, विद्युत मशीन, आर्मेचर, कर्षण (इंजीनियरी), क्रेन, उत्थापक

ट्राम

ट्राम या ट्रॉली कार (अंग्रेजी: Tram), एक रेल वाहन है जो अमूमन शहरी सड़कों के साथ साथ बिछाई गयी पटरियों पर चलती है। आधुनिक ट्राम का मुख्य उर्जा स्रोत बिजली है हालाँकि कुछ इलाकों में इन्हें डीज़ल से भी चलाया जाता है। विद्युतीकरण से पहले शहरी क्षेत्रों में ट्रामों को घोड़ों या खच्चरों द्वारा खींचा जाता था या फिर भाप अथवा पेट्रोल के इंजनों द्वारा इन्हें उर्जा प्रदान की जाती थी। भारत में ट्रामें सिर्फ कोलकाता में चलाई जाती हैं जिसका संचालन कैल्कटा ट्रामवेज़ कंपनी द्वारा किया जाता है। .

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तुल्यकालिक मोटर

त्रिफेजी तुल्यकालिक मोटर के रोटर का घूमना: स्टेटर में एक घूर्णी चुम्बकीय क्षेत्र बनता है जो तीनों वाइण्डिग्स के द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र के योग के बराबर होता है। त्रिफेजी तुल्यकालिक मोटर का टॉर्क-स्पीड वक्र त्रिफेजी तुल्यकालिक मोटर के रोटर का घूमना: स्टेटर में एक घूर्णी चुम्बकीय क्षेत्र बनता है जो तीनों वाइण्डिग्स के द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र के योग के बराबर होता है। त्रिफेजी तुल्यकालिक मोटर का टॉर्क-स्पीड वक्र तुल्यकालिक मोटर या सिन्क्रोनस मोटर प्रत्यावर्ती धारा से चलने वाली विद्युत मोटर है। इसका नाम तुल्याकालिका मोटर या सिन्क्रोनस मोटर इस कारण है क्योंकि इसके रोटर की घूर्णन गति ठीक-ठीक उतनी ही होती है जितनी स्टेटर में निर्मित घूर्णी चुम्बकीय क्षेत्र (rotating magnetic field) की गति होती है। इस मोटर का उपयोग प्रायः किसी लोड को घुमाने में नहीं किया जाता बल्कि शक्ति गुणांक को सुधारने में किया जाता है। विशेष स्थितियों में इसका उपयोग लोड चलाने में भी किया जाता है। सिन्क्रोनस चाल, जहाँ.

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दिष्टधारा विद्युतजनित्र

विद्युत ऊर्जा के जनन का सरल चित्रण दिष्टधारा विद्युतजनित्र यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में बदलने वाली विद्युत मशीन है। इसे 'डायनेमो' (Dynamo) भी कहते हैं। .

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प्रेरणी मोटर

स्क्वैरेल केज प्रेरण मोटर के स्टेटर और रोटर प्रेरणी मोटर (इण्डक्शन मोटर) प्रत्यावर्ती धारा से चलने वाली मोटर है जिसके रोटर की कोणीय चाल स्टेटर वाइण्डिंग द्वारा पैदा किये गये घूर्णी चुम्बकीय क्षेत्र की कोणीय चाल से कम होती है। इसी कारण इस मोटर को 'अतुल्यकालिक मोटर' (asynchronous motor) कहा जाता है (तुल्यकालिक मोटर, देखें)। इसे 'प्रेरण मोटर' इस कारण कहा जाता है क्योंकि इसके रोटर में प्रेरण के द्वारा धारा उत्पन्न होती है क्योंकि रोटर तथा घूर्णी चुम्बकीय क्षेत्र की चाल अलग-अलग होती है। यह मोटर सबसे अधिक उपयोग में आता है जिसके कारण इसे उद्योगों का वर्कहॉर्स कहते हैं। इसमें घिसने वाला कोई अवयव नहीं है जिससे यह बिना मरम्मत के बहुत दिनो तक चल सकता है। यह कई प्रकार का होता है-.

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विद्युत मशीन

वैद्युत अभियांत्रिकी मे, विद्युत मशीन, विद्युत मोटर और विद्युत उत्पाद्क तथा अन्य विद्युतचुंबकीय उपकरणों के लिये एक व्यापक शब्द हे। यह सब वैध्युतयांत्रिक उर्जा परीवर्तक हे। विद्युत मोटर विद्युत उर्जा को यांत्रिक उर्जा मे, जब की  विद्युत उत्पाद्क यांत्रिक उर्जा को विद्युत उर्जा मे परीवर्तीत करता हे। यंत्र के गतिशील भाग घूर्णन या रैखिक गती रख सकते हे। मोटर और उत्पाद्क के अतिरिक्त, बहुधा ट्रांसफार्मर (परिणतक) का तीसरी श्रेणी की तरह समावेश किया जाता हे, हालाँकि इन मे कोइ गतिशील खंड नही होते, फ़िर भी प्रत्यावर्ती उर्जा का विद्युत दाब परीवर्तीत करता हे। विद्युत यंत्र, परीवर्तक  के स्वरूप मे, वस्तुतः संसार की समस्त वैध्युत शक्ति का उत्पादन करते हे, तथा विद्युत मोटर के स्वरूप मे, समस्त  उत्पादित वैध्युत शक्ति लगभग ६० प्रतिशत उपभोग करते हे। विद्युत यंत्र १९ वी शताब्दी की शुरुआत मे  विकसित कीये गए थे, उस समय से आधारिक संरचना का सर्वव्यापी घटक बन गए हे। हरित ऊर्जा या वैकल्पिक ऊर्जा, अधिक कार्यक्षम विद्युत यंत्र विकसित करना वैश्विक संरक्षण के लिये महत्वपूर्ण हे। ट्रांसफॉर्मर, विद्युत मोटर, विद्युत जनित्र आदि को विद्युत मशीन (electrical machine) कहते हैं। विद्युत मशीने तीन प्रकार से ऊर्जा का परिवर्तन करतीं है.

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आर्मेचर

डी सी मोटर की आर्मेचर (कम्युटेतर सहित) विद्युत इंजीनियरी में आर्मेचर (armature), विद्युत मशीनों का मुख्य भाग है। विद्युत-यांत्रिक मशीनों या विद्युत-मशीनों के दो मुख्य भागों में से एक को आर्मेचर कहते हैं। किन्तु स्थायी चुम्बक या विद्युत चुम्बक के पोल पीस (pole piece) को भी आर्मेचर कहा जाता है। इसी प्रकार परिनालिका या रिले के लोहे से निर्मित चलायमान भाग को भी आर्मेचर कहते हैं। श्रेणी:विद्युत मशीनें.

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कर्षण (इंजीनियरी)

रोल करके चलती हुई वस्तु पर लगने वाले बल किसी वस्तु को किसी समतल पर चलाने के लिए लगाया गया बल कर्षण (Traction या tractive force) कहलाता है। यह बल मुख्यतः शुष्क घर्षण को जीतने के लिए लगाना पड़ता है। .

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क्रेन

बाउमा (Bauma) २००७: क्रेनें ही क्रेनें आधुनिक क्राउलर डेरिक क्रेन क्रेन (crane) भारी चीजों को उठाने की मशीन है। क्रेन में एक या अधिक सरल मशीनें लगी होतीं हैं जो वस्तुओं को उठाने के लिये यांत्रिक लाभ प्रदान करतीं हैं ताकि वे वस्तुएं भी उठायी जा सकें जो सामान्य मानव के उठाने की क्षमता के परे हैं। प्राय: यातायात उद्योग में क्रेनों का बहुत उपयोग होता है। इसी प्रकार निर्माण उद्योगों में भी भारी भागों को असेम्बल करने के लिये क्रेन से उठाना पड़ता है। .

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उत्थापक

उत्थापक या लिफ्ट उत्थापक, उच्चालित्र अथवा एलिवेटर (lift या elevator) एक युक्ति है वस्तुओं एवं व्यक्तिओं को उर्ध्व दिशा में चढ़ाने-उतारने के काम आती है। प्रायः किसी बहुमंजिला ऊँचे भवन, जलपोत एवं अन्य संरचनाओं में उत्थापक लगा होता है जो गोलों को या सामान आदि को एक मंजिल से दूसरी मंजिल या एक स्तर से दूसरे स्तर पर लाता और ले जाता है। उत्थापक प्रायः विद्युत मोटर द्वारा चलते हैं। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

डी सी मोटर, डीसी मोटर, दिष्ट धारा मोटर, ब्रशसहित डीसी मोटर

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