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टोएपलित्ज़ आव्यूह

सूची टोएपलित्ज़ आव्यूह

रैखिक बीजावली में टोएपलित्ज़ आव्यूह (Toeplitz matrix) अथवा नियत-विकर्ण आव्यूह का नामकरण ओटो टोएपलित्ज़ के सम्मान में किया गया एक ऐसा आव्यूह है जिसमें प्रत्येक अवरोही विकर्ण बायें से दाएं नियत रहता है। उदाहरण के लिए निम्न आव्यूह एक टोएपलित्ज़ आव्यूह है: \begin a & b & c & d & e \\ f & a & b & c & d \\ g & f & a & b & c \\ h & g & f & a & b \\ i & h & g & f & a \end.

3 संबंधों: बीजगणित, संवलन, आव्यूह

बीजगणित

बीजगणित (संस्कृत ग्रन्थ) भी देखें। ---- आर्यभट बीजगणित (algebra) गणित की वह शाखा जिसमें संख्याओं के स्थान पर चिन्हों का प्रयोग किया जाता है। बीजगणित चर तथा अचर राशियों के समीकरण को हल करने तथा चर राशियों के मान निकालने पर आधारित है। बीजगणित के विकास के फलस्वरूप निर्देशांक ज्यामिति व कैलकुलस का विकास हुआ जिससे गणित की उपयोगिता बहुत बढ़ गयी। इससे विज्ञान और तकनीकी के विकास को गति मिली। महान गणितज्ञ भास्कराचार्य द्वितीय ने कहा है - अर्थात् मंदबुद्धि के लोग व्यक्ति गणित (अंकगणित) की सहायता से जो प्रश्न हल नहीं कर पाते हैं, वे प्रश्न अव्यक्त गणित (बीजगणित) की सहायता से हल कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में, बीजगणित से अंकगणित की कठिन समस्याओं का हल सरल हो जाता है। बीजगणित से साधारणतः तात्पर्य उस विज्ञान से होता है, जिसमें संख्याओं को अक्षरों द्वारा निरूपित किया जाता है। परंतु संक्रिया चिह्न वही रहते हैं, जिनका प्रयोग अंकगणित में होता है। मान लें कि हमें लिखना है कि किसी आयत का क्षेत्रफल उसकी लंबाई तथा चौड़ाई के गुणनफल के समान होता है तो हम इस तथ्य को निमन प्रकार निरूपित करेंगे— बीजगणिति के आधुनिक संकेतवाद का विकास कुछ शताब्दी पूर्व ही प्रारंभ हुआ है; परंतु समीकरणों के साधन की समस्या बहुत पुरानी है। ईसा से 2000 वर्ष पूर्व लोग अटकल लगाकर समीकरणों को हल करते थे। ईसा से 300 वर्ष पूर्व तक हमारे पूर्वज समीकरणों को शब्दों में लिखने लगे थे और ज्यामिति विधि द्वारा उनके हल ज्ञात कर लेते थे। .

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संवलन

दो आयताकार पल्सों का संवलन एक त्रिभुज होता है। गणित में संवलन (convolution) दो फलनों की एक गणितीय संक्रिया है जिससे एक तीसरा फलन प्राप्त होता है। संवलन, अन्तःसहसंबंध (cross-correlation) के समान है। इसका उपयोग फलनीय विश्लेषण तथा संकेत प्रसंस्करण में होता है। कुछ प्रमुख अनुप्रयोग हैं- प्रायिकता, सांख्यिकी, संगणक दृष्टि (computer vision), छबि प्रसंस्करण, संकेत प्रसंस्करण, अवकल समीकरण आदि। .

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आव्यूह

'''आव्यूह की संरचना''' गणित में आव्यूह एक अदिश राशियों से निर्मित आयताकार रचना है। यह आयताकार रचना लघु कोष्ठक "()", दोहरे दण्ड "|| ||" अथवा दीर्घ कोष्ठक "" के अन्दर बंद होती है। इसमें संख्याओं का एक विशेष प्रकार का विन्यास किया जाता है, अत: इसे आव्यूह, या मैट्रिक्स, की संज्ञा दी गई है। मैट्रिक्स के अवयव संख्याएँ होती हैं किन्तु ये ऐसी कोई भी अमूर्त वस्तु हो सकती है जिनका गुणा किया जा सके एवं जिन्हें जोड़ा जा सके। .

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