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जनार्दन गोस्वामी

सूची जनार्दन गोस्वामी

जनार्दन गोस्वामी संस्कृत में कई ग्रंथों के लेखक और महापुरा की आमेर महाराजा बिशनसिंह द्वारा प्रदत्त जागीर के निवासी शिवानन्द गोस्वामी के अनुज और तैलंग ब्राह्मणों के आत्रेय गोत्र में १७ वीं सदी में जन्मे कृष्ण-यजुर्वेद के तैत्तरीय आपस्तम्ब में मूलपुरुष श्रीव्येंकटेश अनंम्मा के वंशज थे- जिनकी छठी पीढ़ी में जगन्निवासजी (प्रथम) के परिवार में जिनका जन्म शिवानन्द गोस्वामी के बाद हुआ। .

5 संबंधों: तेलंगाना, महापुरा, शिवानन्द गोस्वामी, जनार्दन गोस्वामी, कलानाथ शास्त्री

तेलंगाना

तेलंगाना (తెలంగాణ, तेलंगाणा), भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य से अलग होकर बना भारत का २९वाँ राज्य है। हैदराबाद को दस साल के लिए तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी बनाया जाएगा। यह परतन्त्र भारत के हैदराबाद नामक राजवाडे के तेलुगूभाषी क्षेत्रों से मिलकर बना है। 'तेलंगाना' शब्द का अर्थ है - 'तेलुगूभाषियों की भूमि'। 5 दिसम्बर 2013 को मंत्रिसमूह द्वारा बनाये गए ड्राफ्ट बिल को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। 18 फ़रवरी 2014 को तेलंगाना बिल लोक सभा से पास हो गया तथा दो दिन पश्चात इसे राज्य सभा से भी मंजूरी मिल गयी। राष्ट्रपति के दस्तखत के साथ तेलंगाना औपचारिक तौर पर भारत का 29वां राज्य बन गया है। हालाँकि लोक सभा से इस विधेयक को पारित कराते समय आशंकित हंगामे के चलते लोकसभा-टेलिविज़न का प्रसारण रोकना पड़ा था। .

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महापुरा

महापुरा, राजस्थान की राजधानी से कोई दस किलोमीटर दूर (जयपुर-अजमेर रोड से करीब एक किलोमीटर दक्षिण-दिशा में) जयपुर जिले की सांगानेर तहसील का एक ऐतिहासिक ग्राम है जो शिवानन्द गोस्वामी जैसे उद्भट विद्वान को आमेर नरेश महाराजा बिशन सिंह / महाराजा विष्णुसिंह ने अन्य चार गांवों के साथ उनका शिष्यत्व स्वीकारने के उपलक्ष्य में जागीर के रूप में भेंट दिया था। महापुरा अनेक कारणों से भारत के विलक्षण ग्रामों में से एक है, क्योंकि इस गाँव के साथ इतिहास और संस्कृति के कई अनजाने पहलू सम्बद्ध हैं। .

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शिवानन्द गोस्वामी

शिवानन्द गोस्वामी | शिरोमणि भट्ट (अनुमानित काल: संवत् १७१०-१७९७) तंत्र-मंत्र, साहित्य, काव्यशास्त्र, आयुर्वेद, सम्प्रदाय-ज्ञान, वेद-वेदांग, कर्मकांड, धर्मशास्त्र, खगोलशास्त्र-ज्योतिष, होरा शास्त्र, व्याकरण आदि अनेक विषयों के जाने-माने विद्वान थे। इनके पूर्वज मूलतः तेलंगाना के तेलगूभाषी उच्चकुलीन पंचद्रविड़ वेल्लनाडू ब्राह्मण थे, जो उत्तर भारतीय राजा-महाराजाओं के आग्रह और निमंत्रण पर राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत के अन्य प्रान्तों में आ कर कुलगुरु, राजगुरु, धर्मपीठ निर्देशक, आदि पदों पर आसीन हुए| शिवानन्द गोस्वामी त्रिपुर-सुन्दरी के अनन्य साधक और शक्ति-उपासक थे। एक चमत्कारिक मान्त्रिक और तांत्रिक के रूप में उनकी साधना और सिद्धियों की अनेक घटनाएँ उल्लेखनीय हैं। श्रीमद्भागवत के बाद सबसे विपुल ग्रन्थ सिंह-सिद्धांत-सिन्धु लिखने का श्रेय शिवानंद गोस्वामी को है।" .

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जनार्दन गोस्वामी

जनार्दन गोस्वामी संस्कृत में कई ग्रंथों के लेखक और महापुरा की आमेर महाराजा बिशनसिंह द्वारा प्रदत्त जागीर के निवासी शिवानन्द गोस्वामी के अनुज और तैलंग ब्राह्मणों के आत्रेय गोत्र में १७ वीं सदी में जन्मे कृष्ण-यजुर्वेद के तैत्तरीय आपस्तम्ब में मूलपुरुष श्रीव्येंकटेश अनंम्मा के वंशज थे- जिनकी छठी पीढ़ी में जगन्निवासजी (प्रथम) के परिवार में जिनका जन्म शिवानन्द गोस्वामी के बाद हुआ। .

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कलानाथ शास्त्री

कलानाथ शास्त्री (जन्म: 15 जुलाई 1936) संस्कृत के जाने माने विद्वान,भाषाविद्, एवं बहुप्रकाशित लेखक हैं। आप राष्ट्रपति द्वारा वैदुष्य के लिए अलंकृत, केन्द्रीय साहित्य अकादमी, संस्कृत अकादमी आदि से पुरस्कृत, अनेक उपाधियों से सम्मानित व कई भाषाओँ में ग्रंथों के रचयिता हैं। वे विश्वविख्यात साहित्यकार तथा संस्कृत के युगांतरकारी कवि भट्ट मथुरानाथ शास्त्री के ज्येष्ठ पुत्र हैं। .

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