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जनहित याचिका

सूची जनहित याचिका

भारत का उच्चतम न्यायालय - केन्द्रीय पक्षजनहित याचिका (जहिया), भारतीय कानून में, सार्वजनिक हित की रक्षा के लिए मुकदमे का प्रावधान है। अन्य सामान्य अदालती याचिकाओं से अलग, इसमें यह आवश्यक नहीं की पीड़ित पक्ष स्वयं अदालत में जाए। यह किसी भी नागरिक या स्वयं न्यायालय द्वारा पीडितों के पक्ष में दायर किया जा सकता है। जहिया के अबतक के मामलों ने बहुत व्यापक क्षेत्रों, कारागार और बन्दी, सशस्त्र सेना, बालश्रम, बंधुआ मजदूरी, शहरी विकास, पर्यावरण और संसाधन, ग्राहक मामले, शिक्षा, राजनीति और चुनाव, लोकनीति और जवाबदेही, मानवाधिकार और स्वयं न्यायपालिका को प्रभावित किया है।http://www.ielrc.org/content/a0003.pdf न्यायिक सक्रियता और जहिया का विस्तार बहुत हद तक समांतर रूप से हुआ है और जनहित याचिका का मध्यम-वर्ग ने सामान्यतः स्वागत और समर्थन किया है। यहाँ यह ध्यातव्य है कि जनहित याचिका भारतीय संविधान या किसी कानून में परिभाषित नहीं है। यह उच्चतम न्यायालय के संवैधानिक व्याख्या से व्युत्पन्न है, इसका कोई अंत‍‍‍र्राष्ट्रीय समतुल्य नहीं है और इसे एक विशिष्ट भारतीय संप्रल्य के रूप में देखा जाता है। .

17 संबंधों: डीज़ल, द इंडियन एक्सप्रेस, धारा २१, न्यायिक सक्रियावाद, प्राकृतिक न्याय, भारत का संविधान, भारत का उच्चतम न्यायालय, भारत के मुख्य न्यायाधीश, भारतीय विधि, मद्रास उच्च न्यायालय, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, शक्‍ति-संतुलन, सार्वजनिक हित, संयुक्त राज्य, आपातकाल (भारत), कार्यकारिणी (सरकार), के॰ जी॰ बालकृष्णन

डीज़ल

डीज़ल एक प्रकार का उदप्रांगार ईंधन है जो पेट्रोलियम को कई चरणों में ठंडा करने से एक चरण (२००-३५० C) में बनता है। इसका उपयोग वाहनों, मशीनों, संयत्रों आदि को चलाने के लिए ईंधन के रूप मे किया जाता है। इसका प्रयोग भारी वाहनों तथा तापज्वलित यानि संपीडित वायु में उड़ेलने से हुए स्वतः दहन इंजनों में इस्तेमाल होता है। प्रति लीटर इसमें पेट्रोल के बराबर रासायनिक ऊर्जा होती है। इसके द्वारा चालित इंजनों में नाट्रोजन आक्साईड तथा कालिख के कण अधिक होते हैं, जिसकी वजह से प्रदूषण को नियंत्रित करना मुश्किल होता है। इसलिए इसके स्थान पर जैविक पदार्थों से बने तेल, जिन्हें जैव डीज़ल कहा जाता है, का इस्तेमाल शुरु हुआ है। डीज़ल शब्द का इस्तेमाल इस विस्थापित तेल के लिए भी होता है। भारत में इस पर पेट्रोल के मुकाबले कम कर लिया जाता है जिसकी वजह से ये पेट्रोल से सस्ता होता है। इसके विपरीत कई देशों में इसके इस्तेमाल को कम करने के उद्देश्य से अधिक कर लगाया जाता है। .

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द इंडियन एक्सप्रेस

द इंडियन एक्सप्रेस की एक प्रति दि इंडियन एक्सप्रेस (The Indian Express) भारत में प्रकाशित होने वाला एक अंग्रेजी भाषा का समाचार पत्र है। .

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धारा २१

भारतीय संविधान की धारा २१ - सिवाय विधिसम्मत प्रक्रिया के, किसी भी व्यक्ति को उसके जीने के अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा। श्रेणी:भारत का संविधान.

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न्यायिक सक्रियावाद

न्यायिक सक्रियावाद (Judicial activism) से आशय ऐसे न्यायकरण (judicial rulings) से है जिनके वर्तमान विधि के आधार पर होने के बजाय व्यक्तिगत या राजनीतिक आधार पर होने की आशंका हो। इस शब्द का उपयोग कभी कभी न्यायिक संयम (judicial restraint) के विलोम अर्थ में भी किया जाता है। न्यायिक सक्रियावाद की परिभाषा तथा किन निर्णयों को 'सक्रियतावादी' कहा जाय, ये विवाद के विषय हैं। .

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प्राकृतिक न्याय

प्राकृतिक न्याय (Natural justice) न्याय सम्बन्धी एक दर्शन है जो कुछ विधिक मामलों में न्यायपूर्ण (just) या दोषरहित (fair) प्रक्रियाएं निर्धारित करने एवं उन्हे अपनाने के लिये उपयोग की जाती है। यह प्राकृतिक विधि के सिद्धान्त से बहुत नजदीक सम्बन्ध रखती है। आम कानून में 'प्राकृतिक न्याय' दो विशिष्ट कानूनी सिद्धांतों को संदर्भित करता है-.

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भारत का संविधान

भारत का संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। .

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भारत का उच्चतम न्यायालय

भारत का उच्चतम न्यायालय या भारत का सर्वोच्च न्यायालय भारत का शीर्ष न्यायिक प्राधिकरण है जिसे भारतीय संविधान के भाग 5 अध्याय 4 के तहत स्थापित किया गया है। भारतीय संघ की अधिकतम और व्यापक न्यायिक अधिकारिता उच्चतम न्यायालय को प्राप्त हैं। भारतीय संविधान के अनुसार उच्चतम न्यायालय की भूमिका संघीय न्यायालय और भारतीय संविधान के संरक्षक की है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 से 147 तक में वर्णित नियम उच्चतम न्यायालय की संरचना और अधिकार क्षेत्रों की नींव हैं। उच्चतम न्यायालय सबसे उच्च अपीलीय अदालत है जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उच्च न्यायालयों के फैसलों के खिलाफ अपील सुनता है। इसके अलावा, राज्यों के बीच के विवादों या मौलिक अधिकारों और मानव अधिकारों के गंभीर उल्लंघन से सम्बन्धित याचिकाओं को आमतौर पर उच्च्तम न्यायालय के समक्ष सीधे रखा जाता है। भारत के उच्चतम न्यायालय का उद्घाटन 28 जनवरी 1950 को हुआ और उसके बाद से इसके द्वारा 24,000 से अधिक निर्णय दिए जा चुके हैं। .

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भारत के मुख्य न्यायाधीश

भारत गणराज्य में अब तक कुल 45 (वर्तमान मुख्य न्यायाधीश सहित) न्यायाधीशों ने मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा की है। न्यायमूर्ति श्री एच जे कनिया भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश थे तथा वर्तमान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री दीपक मिश्र हैं। .

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भारतीय विधि

भारतीय कानून ब्रितानी कानून पर आधारित है। अंग्रेज़ो ने इसे पहली बार अपने शासनकाल के दौरान लागू किया। अंग्रेज़ो द्वारा लागू किये कई अधिनियम (acts) और अध्यादेश (ordinances) आज भी प्रभावशील हैं। भारतीय सविंधान के लेखन के दौरान इसमें आयरलैंड, संयुक्त राष्ट्र अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस के कानूनों को समाहित (synthesize) किया गया था। भारतीय कानून संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार और वातावरण संम्बधी दिशानिर्देशों के अनुरूप है। इसमें कुछ अंतरराष्ट्रीय कानूनों, जैसे बौधिक अधिकारों आदि, को भारत में लागू किया गया है। भारतीय नागरिक कानून (Indian Civil Law) एक जटिल कानून है जिसमें प्रत्येक धर्म-विशेष के अपने कानून हैं। अधिकांश राज्यों में विवाह और तलाक के लिए पंजीकरण आवश्यक नहीं है। हिंदू, मुसलमान, ईसाई, सिक्ख व अन्य धर्मों के अपने कानून हैं। इसका अकेला अपवाद गोवा राज्य है जहां पुर्तगाली समान नागरिक संहिता प्रभावी है और सभी धर्मों के लिए विवाह, तलाक और (बच्चा) गोद लेने सम्बंधी एक जैसे कानून हैं। .

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मद्रास उच्च न्यायालय

मद्रास उच्च न्यायालय विहंगम दृश्य मद्रास उच्च न्यायालय भारत के तमिलनाडु प्रान्त का न्यायालय हैं। यह राज्य की राजधानी चेन्नई में स्थित है। इसका भवन दर्शनीय है और समुद्रतट पर चेन्नई के व्यापारिक केंद्र में स्थित है। यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा न्यायालय परिसर है। .

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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र

एक राजधानी क्षेत्र या राजधानी जिला प्रायः एक विशेष तौर पर चिह्नित प्रशासनिक भाग होता है जहाँ राष्ट्र या देश की सरकार या मुख्य प्रशासन स्थापित होता है। .

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शक्‍ति-संतुलन

शक्‍ति-संतुलन का सिद्धान्त (balance of power theory) यह मानता है कि कोई राष्ट्र तब अधिक सुरक्षित होता है जब सैनिक क्षमता इस प्रकार बंटी हुई हो कि कोई अकेला राज्य इतना शक्तिशाली न हो कि वह अकेले अन्य राज्यों को दबा दे। .

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सार्वजनिक हित

सार्वजनिक हित सामूहिक रूप से जनता के हित को कह सकते हैं। इसकी अवधारणा लोकनीति, प्रजातन्त्र, सरकार के स्वरूप, राजनीति, नीतिगत बहस, जनकल्याण, सरकारी नियोजन, न्याय के लिये आवश्यक है। सभी लोग जनहित की बात करते हैं, लेकिन सामान्यतः इसपर सर्वसम्मति नहीं हो पाती कि किसे जनहित कहा जाए। .

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संयुक्त राज्य

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S. Census Bureau, database as of August 2010, excluding the U.S. Minor Outlying Islands.

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आपातकाल (भारत)

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, जिन्होंने भारत के राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करवाई। 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल घोषित था। तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए तथा नागरिक अधिकारों को समाप्त करके मनमानी की गई। इंदिरा गांधी के राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया गया और प्रेस पर प्रतिबंधित कर दिया गया। प्रधानमंत्री के बेटे संजय गांधी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर नसबंदी अभियान चलाया गया। जयप्रकाश नारायण ने इसे 'भारतीय इतिहास की सर्वाधिक काली अवधि' कहा था। .

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कार्यकारिणी (सरकार)

कार्यकारिणी (Executive) सरकार का वह अंग होती हैं जो राज्य के शासन का अधिकार रखती हैं और उसकी ज़िम्मेदारी उठाती हैं। कार्यकारिणी क़ानून को कार्यान्वित करती हैं और उसे लागू करती हैं। अध्यक्षीय प्रणाली में, कार्यकारिणी का प्रमुख दोनों, राज्य का प्रमुख और सरकार का प्रमुख होता हैं। संसदीय प्रणाली में, एक कैबिनेट मंत्री जो विधायिका को उत्तरदायी होता हैं, वह सरकार का प्रमुख होता हैं, जबकि राज्य का प्रमुख आम तौर पर एक औपचारिक राजा अथवा राष्ट्रपति होता हैं। .

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के॰ जी॰ बालकृष्णन

कोनकुप्पकतिल गोपिनाथन बालकृष्णन (കൊനകുപ്പക്കാട്ടില്‍ ഗോപിനാഥന്‍ ബാലകൃഷ്ണന്‍) (जन्म: 12 मई 1945) जिन्हें के.जी.बालकृष्णन के नाम से ज्यादा जाना जाता है, भारत के 37 वें मुख्य न्यायाधीश थे। ये पहले मलयाली मुख्य न्यायाधीश बने थे। .

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