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घिरनी

सूची घिरनी

समतल घिरनी और उस पर लगा हुआ पट्टा एक सरल संयुक्त घिरनी तंत्र समान भार को उठाने के लिये अलग-अलग बल लगाना पड़ सकता है। यह घिरनियों की योजना पर निर्भर करता है। बल जितना ही कम लगाना पडेगा, उतनी ही अधिक दूरी तक बल को लगाना पड़ेगा। घिरनी (Pulleys) एक गोल रम्भ है, जिससे मशीन की शक्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है। यदि किसी खराद (lathe) को इंजन से चलाना है, तो इंजन की घिरनी और खराद की घिरनी पर पट्टा चढ़ाकर इंजन की शक्ति से खराद को चलाते हैं। घिरनी के व्यास से ही मशीनों की गति को कम या ज्यादा किया जा सकता है। मशीनों की शक्ति को बिना किसी हानि के तो दाँतोंवाले चक्रों (गीयर) से ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है, परन्तु जहाँ इन स्थानों में दूरी अधिक हो वहाँ इन चक्रों का उपयोग नहीं हो सकता। इन्हीं स्थानों पर घिरनियों का उपयोग होता है। इनपर चमड़े के पट्टों या रस्सों को चढ़ाकर एक घिरनी से दूसरी घिरनी को शक्ति दी जाती है। घिरनी केवल बल की दिशा में परिवर्तन करती है, बल के परिमाण में नहीं। (इसका यांत्रिक लाभ १ या १ से कम होगा)। .

5 संबंधों: पट्टा, यांत्रिक लाभ, लेथ मशीन, व्यासांतरी घिरनी, इंजन

पट्टा

समतल पट्टा या फ्लैट बेल्ट घिरनियाँ और उन पर लगने वाले पट्टे मुख्यतः तीन तरह के होते हैं। Continuously variable transmission पट्टे के द्वारा शक्ति संचरण के विभिन्न तरीके पट्टा (belt) किसी लचीले पदार्थ का बना एक फंदा (लूप) होता है जो दो या अधिक घूमने वाले शैफ्टों को जोड़कर एक की गति को दूसरे पर ट्रांसफर करने का कार्य करता है। यह यांत्रिक शक्ति के पारेषण (ट्रांसमिशन) के साधनों में से एक है। पट्टे घिरनियों पर लगाये जाते हैं।पट्टा किसी यंत् .

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यांत्रिक लाभ

उत्तोलक (लीवर) द्वारा प्राप्त यांत्रिक लाभ चित्र से स्पष्ट है। '''A''' पर बहुत कम बल लगाकर भी '''B''' बिन्दु पर लटकी भारी वस्तु को उठाया जा सकता है। भौतिकी और इंजीनियरी में किसी मेकेनिज्म द्वारा उत्पन्न बल तथा उस पर लगाये बल के अनुपात को यांत्रिक लाभ (mechanical advantage MA) कहते हैं। घर्षणरहित आदर्श मेकेनिज्मों के लिये इसे निम्न प्रकार भी व्यक्त कर सकते हैं- क्रेन आदि बहुत सारी युक्तियाँ यांत्रिक लाभ पर आधारित हैं जिनमें कम बल लगाकर भी बहुत अधिक बल या टॉर्क पैदा किया जाता है। ध्यान रहे कि कि इसमें कोई अतिरिक्त शक्ति या ऊर्जा उत्पन्न नहीं की जा रही है। अलग-अलग गीयर में होने से सायकिल में अलग-अलग यांत्रिक लाभ मिलता है घिरनी के प्रयोग द्वारा यांत्रिक लाभ प्राप्ति के कुछ उदाहरण नी-हिंज लीवर द्वारा प्राप्त यांत्रिक लाभ .

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लेथ मशीन

आधुनिक 'सेन्टर लेथ' लेथ मशीन या खराद एक मशीनी औजार है जो अक्ष के सममित (सिमेट्रिक) रचना वाले सामान बनाने के काम आती है। इसमें धातु का पिण्ड एक अक्ष पर घूर्णन करता रहता है और काटने, छेद करने एवं अन्य क्रियाएँ करने वाले औजार इस पर आवश्यकतानुसार लगाकर इसे उचित रूप दिया जाता है। खराद (Lathe) एक ऐसा यंत्र है जिस पर गोल अंशों को तैयार किया जाता है। .

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व्यासांतरी घिरनी

व्यासान्तरी घिरनी व्यासान्तरी घिरनी से प्राप्त यांत्रिक लाभ व्यासांतरी घिरनी (differential pulley या Weston differential pulley या chain hoist या chain fall) बहुत भारी सामानों (जैसे कार का इंजन) को हाथ से उठाने के लिये प्रयुक्त एक युक्ति है। इसको काम में लेने के लिये एक एक चेन को हाथ से खींचना पड़ता है जो घिरनियों की परिधि पर स्थित दाँतों से लिपटी होती है। हाथ द्वारा खींचकर इस युक्ति से कितना भार उठाया जा सकता है, यह इसकी दो घिरनियों के आपेक्षिक आकार पर निर्भर करता है।.

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इंजन

चार-स्ट्रोक वाला आन्तरिक दहन इंजन आजकल अधिकांश कामों में इस्तेमाल होता है इंजन या मोटर उस यंत्र या मशीन (या उसके भाग) को कहते हैं जिसकी सहायता से किसी भी प्रकार की ऊर्जा का यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरण होता है। इंजन की इस यांत्रिक ऊर्जा का उपयोग, कार्य करने के लिए किया जाता है। अर्थात् इंजन रासायनिक ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा, गतिज ऊर्जा या ऊष्मीय ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलने का कार्य करता है। वर्तमान युग में अंतर्दहन इंजन तथा विद्युत मोटरों का अत्यन्त महत्व है। .

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