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कैनोला

सूची कैनोला

कैनोला कुकिंग ऑइल की बोतल कैनोला, रेपसीड या ब्रैसिका कैम्पेस्ट्रिस की दो फसलों (ब्रैसिका नैपस एल. और बी. कैम्पेस्ट्रिस एल.) में से एक को कहते हैं। इनके बीजों का उपयोग खाद्य तेल के उत्पादन में होता है जो मानव उपभोग के लिए अनुकूल होता है क्योंकि इसमें पारंपरिक रेपसीड तेलों की तुलना में इरुसिक एसिड की मात्रा कम होती है, साथ ही इसका इस्तेमाल मवेशियों का चारा तैयार करने में भी होता है क्योंकि इसमें जहरीले ग्लूकोसाइनोलेट्स का स्तर कम होता है। कैनोला को मूलतः कनाडा में कीथ डाउनी और बाल्डर आर.

28 संबंधों: चीन, डायनथस कैरीओफ़िलस, द्वितीय विश्वयुद्ध, धातु, नकदी फसल, नॉर्थ डकोटा, परागण, पर्णहरित, पाकिस्तान, बायोडीजल, बंद गोभी, मेक्सिको, यूरोप, शलजम, समाचारपत्र, सरसों, संयुक्त राज्य, स्याही, जापान, वसीय अम्ल, गाजर, गेहूँ, औरिगन, आनुवांशिक संशोधित फसल, कनाडा, कपास, कृषिजोपजाति, उत्तर अमेरिका

चीन

---- right चीन विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो एशियाई महाद्वीप के पू‍र्व में स्थित है। चीन की सभ्यता एवं संस्कृति छठी शताब्दी से भी पुरानी है। चीन की लिखित भाषा प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी है जो आज तक उपयोग में लायी जा रही है और जो कई आविष्कारों का स्रोत भी है। ब्रिटिश विद्वान और जीव-रसायन शास्त्री जोसफ नीधम ने प्राचीन चीन के चार महान अविष्कार बताये जो हैं:- कागज़, कम्पास, बारूद और मुद्रण। ऐतिहासिक रूप से चीनी संस्कृति का प्रभाव पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों पर रहा है और चीनी धर्म, रिवाज़ और लेखन प्रणाली को इन देशों में अलग-अलग स्तर तक अपनाया गया है। चीन में प्रथम मानवीय उपस्थिति के प्रमाण झोऊ कोऊ दियन गुफा के समीप मिलते हैं और जो होमो इरेक्टस के प्रथम नमूने भी है जिसे हम 'पेकिंग मानव' के नाम से जानते हैं। अनुमान है कि ये इस क्षेत्र में ३,००,००० से ५,००,००० वर्ष पूर्व यहाँ रहते थे और कुछ शोधों से ये महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है कि पेकिंग मानव आग जलाने की और उसे नियंत्रित करने की कला जानते थे। चीन के गृह युद्ध के कारण इसके दो भाग हो गये - (१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है। चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक है। प्राचीन चीन मानव सभ्यता के सबसे पुरानी शरणस्थलियों में से एक है। वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग के अनुसार यहाँ पर मानव २२ लाख से २५ लाख वर्ष पहले आये थे। .

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डायनथस कैरीओफ़िलस

कार्नेशन कार्नेशन (डायनथस कैरीओफ़िलस / Dianthus caryophyllus) एक महत्वपूर्ण एवं अत्यंत आकर्षक व्यावसायिक पुष्प है। यह कैरियोफाइलेसी कुल का सदस्य है। इसका वानस्पतिक नाम डायन्थस कैरियोफिलस है। कार्नेशन का उत्पत्ति स्थल दक्षिण फ्रांस माना जाता है। इसको 'डिविन् फ्लॉवर' के नाम से जाना जाता है। इसके पुष्प की सुगन्ध, विभिन्न रंग, कम वजन एवं अधिक दिनों तक तरोताजा बने रहने के कारण मुख्य दस कर्तित पुष्पों में इसका स्थान है। इसका कट फ्लॉवर गुलदस्ता बनाने, घर की सजावट, गाड़ियों की सजावट इत्यादि में किया जाता है। इसकी व्यावसायिक खेती यूरोप, उत्तर अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, कोलम्बिया, केन्या, टर्की, मोरक्को, नीदरलैंड, इजराइल, पोलैण्ड, स्पेन, भारत इत्यादि देशों में की जाती है। इसके पुष्प विभिन्न रंगों के जैसे गुलाबी, लाल, पीला, सफेद एवं विभिन्न प्रकार के मिश्रित रंगों में पाये जाते हैं। .

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द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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धातु

'धातु' के अन्य अर्थों के लिए देखें - धातु (बहुविकल्पी) ---- '''धातुएँ''' - मानव सभ्यता के पूरे इतिहास में सर्वाधिक प्रयुक्त पदार्थों में धातुएँ भी हैं लुहार द्वारा धातु को गर्म करने पर रसायनशास्त्र के अनुसार धातु (metals) वे तत्व हैं जो सरलता से इलेक्ट्रान त्याग कर धनायन बनाते हैं और धातुओं के परमाणुओं के साथ धात्विक बंध बनाते हैं। इलेक्ट्रानिक मॉडल के आधार पर, धातु इलेक्ट्रानों द्वारा आच्छादित धनायनों का एक लैटिस हैं। धातुओं की पारम्परिक परिभाषा उनके बाह्य गुणों के आधार पर दी जाती है। सामान्यतः धातु चमकीले, प्रत्यास्थ, आघातवर्धनीय और सुगढ होते हैं। धातु उष्मा और विद्युत के अच्छे चालक होते हैं जबकि अधातु सामान्यतः भंगुर, चमकहीन और विद्युत तथा ऊष्मा के कुचालक होते हैं। .

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नकदी फसल

कई उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में, जूट, कॉफी, कोको, गन्ना, केला, संतरा और कपास आम नकदी फसलें हैं। कूलर क्षेत्रों में अनाज फसलों, तेल फसलों उपज और कुछ सब्जियों प्रबल होना, इस का एक उदाहरण के संयुक्त राज्य अमेरिका है, जहां मक्का, गेहूं, सोयाबीन प्रमुख नकदी फसलों रहे हैं। तंबाकू ऐतिहासिक एक नकदी फसल हुई है, हालांकि विरोधी से बढ़ाकर दबाव-तम्बाकू कार्यकर्ताओं के साथ, यह लोकप्रियता में कमी आई है, तम्बाकू से सबसे बड़ी लाभकारी आज को सरकारों, जो कई स्थानों में करों में जोड़ देते हैं कि अधिक से अधिक तंबाकू उत्पादों की कीमत दोगुनी.

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नॉर्थ डकोटा

अमेरिका में स्थिति नॉर्थ डकोटा (North Dakota) उत्तरी संयुक्त राज्य अमेरिका में राज्य है। इसे 1889 में 39वें राज्य के रूप में भर्ती किया गया था। इसका इलाका ग्रेट प्लेन नामक मैदानी क्षेत्र में पड़ता है और इसे फ्रांस से 1803 में खरीदा गया था। इसकी सीमा उत्तर में कनाडाई प्रांतों सैस्कैचेवेन और मानिटोबा से, पूर्व में मिनेसोटा से, दक्षिण में साउथ डकोटा से और पश्चिम में मोंटाना से लगती है। क्षेत्र के हिसाब से नॉर्थ डकोटा का अमेरिका राज्यों में 19वां स्थान है। 2016 के अनुमान के मुताबिक राज्य की जनसंख्या केवल 7,57,952 हैं जिससे इसका 47वां स्थान हुआ। बिस्मार्क राज्य की राजधानी है। श्रेणी:संयुक्त राज्य अमेरिका के राज्य.

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परागण

पुष्प पर मंडराती मख्खी, परागण में सहायक पौधों में पराग कण (Pollen grains) का नर-भाग (परागकोष - Anther) से मादा-भाग (वर्तिकाग्र - Stigma) पर स्थानातरण परागण (Pollination) कहलाता है। परागन के उपरान्त निषेचन की क्रिया होती है और प्रजनन का कार्य आगे बढ़ता है। .

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पर्णहरित

पौधों की कोशिकाओं में क्लोरोप्लास्ट के क्लोरोफिल अत्यधिक मात्रा में पाइ जाती हैं। पर्णहरित, हरितलवक, पर्ण हरिम या क्लोरोफिल एक प्रोटीनयुक्त जटिल रासायनिक यौगिक है। यह वर्णक पत्तों के हरे रंग का कारण है। यह प्रकाश-संश्लेषण का मुख्य वर्णक है। इसे फोटोसिन्थेटिक पिगमेंट भी कहते हैं। इसका गठन कार्बन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन तथा मैग्निसियम तत्वों से होता है। क्लोरोफिल-ए तथा क्लोरोफिल-बी दो प्रकार का होता है। यह सभी स्वपोषी हरे पौधों में पाया जाता है। क्लोरोफिल के साथ साथ दो अन्य वर्णक कैरोटीन (C40 H56) और ज़ैथोफ़िल (C40 H56 O2) भी पत्तों में पाए जाते हैं। .

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पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

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बायोडीजल

भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (DRDO) द्वारा रतनजोत (जत्रोफा) से निर्मित बायोडीजल बायोडिजल जैविक स्रोतों से प्राप्त तथा डीजल के समतुल्य इंधन है जो परम्परागत डीजल इंजनों को बिना परिवर्तित किये ही चला सकता है। भारत का पहला बायोडीजल संयंत्र आस्ट्रेलिया के सहयोग से काकीनाड़ा सेज (KSEZ) में स्थापित किया गया है .

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बंद गोभी

बंद गोभी (पात गोभी या करमकल्ला; अंग्रेजी: कैबेज) एक प्रकार का शाक (सब्जी) है, जिसमें केवल कोमल पत्तों का बँधा हुआ संपुट होता है। इसे बंदगोभी और पातगोभी भी कहते हैं। यह जंगली करमकल्ले (ब्रेसिका ओलेरेसिया, Brassica oleracea) से विकसित किया गया है। शाक के लिए उगाया जानेवाला करमकल्ला मूल प्रारूप से बहुत भिन्न हो गया, यद्यपि फूल और बीज में विशेष अंतर नहीं पड़ा है। करमकल्ले के लिए पानी और ठंडे वातावरण की आवश्यकता है। इसको खाद भी खूब चाहिए। बीच में दो चार दिन गर्मी पड़ जाने से भी करमकल्ले का संपुट अच्छा नहीं बन पाता। संपुट बनने के बदले इसमें से शाखाएँ निकल पड़ती हैं, जिनमें फूल तथा बीज उगने लगते हैं। करमकल्ला पाला नहीं सहन कर सकता। पाले से यह मर जाता है। यद्यपि ऋतु ठंडी होनी चाहिए, तो भी करमकल्ले के पौधों को दिन में धूप मिलना आवश्यक है। छाँह में अच्छे पौधे नहीं उगते। जैसा ऊपर कहा गया है, करमकल्ले के लिए खूब खाद चाहिए, परंतु किसी विशेष प्रकार की खाद की आवश्यकता नहीं है; यहाँ तक कि ताजे गोबर से भी यह काम चला लेता है, किंतु सड़ा गोबर और रासायनिक खाद इसके लिए अधिक उपयोगी है। अन्य पौधों में अधिक खाद देने से फूल अथवा फल देर में तैयार होते हैं। इसके विपरीत करमकल्ला अधिक खाद पाने पर कम समय में ही खाने योग्य हो जाता है। पानी में थोड़ी भी कमी होने से पौधा मुरझाने लगता है और उसकी वृद्धि रुक जाती है। पर इसकी जड़ में पानी लगने से पौध सड़ने लगता है। भूमि से पानी की निकासी अच्छी होनी चाहिए। जिसमें पानी जड़ों के पास एकत्र न होने पाए। भूमि दोरसी हो, अर्थात् उसमें चिकनी मिट्टी की भाँति बँधने की प्रवृत्ति न हो। जो भूमि पानी मिलने के पश्चात् बँधकर कड़ी हो जाती है वह करमकल्ले के लिए उपयुक्त नहीं होती। मिट्टी कुछ बलुई हो। इतने पर भी भूमि की गुड़ाई बार-बार करनी चाहिए, परंतु गुड़ाई इतनी गहरी न की जाए जड़ ही कट जाए। करमकल्ले की गई जातियाँ हैं। कुछ तो लगभग तीन महीने में तैयार हो जाती हें और कुछ के तैयार होने में छह महीने तक समय लग सकता है। भारत के मैदानों के लिए शीघ्र तैयार होनेवाली जातियाँ ही उपयुक्त होती हैं, क्योंकि यहाँ जाड़ा अधिक दिनों तक नहीं पड़ता। आकृतियों में भी बहुत अंतर होता है। कुछ का पत्ता इतना छोटा और सिर इतना चपटा रहता है कि वे भूमि पर बिठे हुए जान पड़ते हैं। कुछ के तने १६ से २० इंच तक लंबे होते हैं। इनका सिर गोल, अंडाकार या शंक्वाकार हो सकता है। पत्तियों का रंग पिलछाँव, हरा, धानी (गाढ़ा हरा), अथवा इतना गहरा लाल होता है कि वे काली दिखाई पड़ती हैं। भारत के मैदानों में हलके रंग के करमकल्ले ही उगाए जाते हैं। कुछ के पत्ते चिकने और कुछ के झालरदार होते हैं। अमरीका के बीज बेचनेवाले पाँच सौ से अधिक जातियों के बीज बेचते हैं। यद्यपि कुछ स्थानों में खेत में ही बीज बो दिया जाता है और उनके उगने पर अवांछित पाधों को निकालकर फेंक दिया जाता है, तो भी सुविधा इसी में होती है कि बीजों को छिछले गमलों में बोया जाए। १०-१५ दिन के बाद इनको अन्य बड़े गमलों में दो से चार इंच तक की दूरी पर रोप दिया जाता है। कुछ समय और बीतने पर इन्हें खेतों में आरोपित कर देते हैं। रद्दी बीज, पौधों को बहत पास-पास आरोपित करना, आरोपण में असावधानी, शरद ऋतु से पूर्व ही उन्हें खेतों में लगा देना अथवा खेतों में आरोपित करने में विलंब करना, भूमि का अनुपयुक्त होना, अथवा पानी की कमी, इन सबके कारण करमकल्लों में बहुधा अच्छा संपुट (सर) नहीं बन पाता और वे शीघ्र फूल और बीज देने लगते हैं। भारत में पौधे ७-८ से लेकर २०-२२ इंच तक की दूरी पर लगाए जाते हैं और गोड़ने का काम हाथ से किया जाता है, परंतु अमरीका में पंक्तियों के बीच बहुधा ३०-३६ इंच तक की दूरी छोड़ दी जाती है और मशीन से गुड़ाई की जाती है। संपुट बन जाने पर भी गोड़ाई और सिंचाई करते रहना चाहिए, क्योंकि इससे संपुट का भार बढ़ता रहता है। तैयार पौधों को काटकर बाहर की कुछ पत्तियाँ तोड़कर फेंक दी जाती हैं। भारत में उन्हें खाँचे में भरकर, सिर पर उठाकर अथवा इक्कों में लादकर बाजार पहुँचाया जाता है, पर विदेशों में इस काम के लिए मोटर गाड़ियों का उपयोग होता है। जर्मन सावरक्राउट विदेश में करमकल्ले की नरम पत्तियों पर नमक छिड़ककर और कुछ समय तक उसे रखकर एक प्रकार का अचार बनाया जाता है, जिसे सावर क्राउट (Sauerkraut) कहते हैं। भूमि में रहनेवाला एक परजीवी करमकल्ले में रोग उत्पन्न करता है। अधिकतर यह भूमि के अम्ल में पनपता है और मिट्टी में चूना तथा राख मिलाने से नष्ट होता है, परंतु यदि पौधों में यह परजीवी (प्लैस्मोडायोफ़ोरा ब्रैसिका, Plasmodiphora Brassica) लग ही जाए तो उन पौधों को जला देना चाहिए और उस भूमि में चार पाँच वर्षों तक करमकल्ला नहीं बोना चाहिए। करमकल्ले में तने के सड़ने की प्रवृत्ति एक संक्रामक रोग से उत्पन्न होती है, जो आक्रांत बीज तथा रोगग्रस्त करमकल्ला खानेवाले चौपायों के गोबर आदि में फैलता है। रोगग्रस्त पौधों को जला डालना चाहिए और अगली बार बीज बोते समय गमले की मिट्टी को फ़ॉरमैल्डिहाइड (Formaldehyde) के फीके विलयन से (एक भाग को २६० भाग जल में मिलाकर) कुछ समय तक तर रखना चाहिए। बीज को भी १५ मिनट तक इसी विलयन में भिगो रखना चाहिए। कभी-कभी करमकल्ला खानेवाले पतिंगों से फसल की रक्षा करनी पड़ती है। यह काम पौधों से कुछ ऊंचाई पर मसहरी तानकर किया जाता है, किंतु भारत में इसकी आवश्यकता कदाचित् ही कहीं पड़ती है। तना काटनेवाले कीड़ों को मारने के लिए आटे या चोकर में थोड़ा चोटा और पेरिस ग्रीन ताजे घास में मिलाकर खेत में छोड़ देना चाहिए। करमकल्ले के सिरों में घुसनेवाले कीड़ों को मिट्टी के तेल, साबुन, पानी और पेरिस ग्रीन का मिश्रण छिड़ककर नष्ट किया जाता है। .

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मेक्सिको

संयुक्त राज्य मेक्सिको, सामान्यतः मेक्सिको के रूप में जाना जाता एक देश है जो की उत्तर अमेरिका में स्थित है। यह एक संघीय संवैधानिक गणतंत्र है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तर पर सीमा से लगा हुआ हैं। दक्षिण प्रशांत महासागर इसके पश्चिम में, ग्वाटेमाला, बेलीज और कैरेबियन सागर इसके दक्षिण में और मेक्सिको की खाड़ी इसके पूर्व की ओर हैं। मेक्सिको लगभग 2 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ हैं, मेक्सिको अमेरिका में पांचवा और दुनिया में 14 वा सबसे बड़ा स्वतंत्र राष्ट्र है। 11 करोड़ की अनुमानित जनसंख्या के साथ, यह 11 वीं सबसे अधिक आबादी वाला देश है। मेक्सिको एक इकतीस राज्यों और एक संघीय जिला, राजधानी शामिल फेडरेशन है। .

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यूरोप

यूरोप पृथ्वी पर स्थित सात महाद्वीपों में से एक महाद्वीप है। यूरोप, एशिया से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यूरोप और एशिया वस्तुतः यूरेशिया के खण्ड हैं और यूरोप यूरेशिया का सबसे पश्चिमी प्रायद्वीपीय खंड है। एशिया से यूरोप का विभाजन इसके पूर्व में स्थित यूराल पर्वत के जल विभाजक जैसे यूराल नदी, कैस्पियन सागर, कॉकस पर्वत शृंखला और दक्षिण पश्चिम में स्थित काले सागर के द्वारा होता है। यूरोप के उत्तर में आर्कटिक महासागर और अन्य जल निकाय, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और दक्षिण पश्चिम में काला सागर और इससे जुड़े जलमार्ग स्थित हैं। इस सबके बावजूद यूरोप की सीमायें बहुत हद तक काल्पनिक हैं और इसे एक महाद्वीप की संज्ञा देना भौगोलिक आधार पर कम, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर अधिक है। ब्रिटेन, आयरलैंड और आइसलैंड जैसे देश एक द्वीप होते हुए भी यूरोप का हिस्सा हैं, पर ग्रीनलैंड उत्तरी अमरीका का हिस्सा है। रूस सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यूरोप में ही माना जाता है, हालाँकि इसका सारा साइबेरियाई इलाका एशिया का हिस्सा है। आज ज़्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनन्द लेते हैं। यूरोप पृष्ठ क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है, इसका क्षेत्रफल के १०,१८०,००० वर्ग किलोमीटर (३,९३०,००० वर्ग मील) है जो पृथ्वी की सतह का २% और इसके भूमि क्षेत्र का लगभग ६.८% है। यूरोप के ५० देशों में, रूस क्षेत्रफल और आबादी दोनों में ही सबसे बड़ा है, जबकि वैटिकन नगर सबसे छोटा देश है। जनसंख्या के हिसाब से यूरोप एशिया और अफ्रीका के बाद तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप है, ७३.१ करोड़ की जनसंख्या के साथ यह विश्व की जनसंख्या में लगभग ११% का योगदान करता है, तथापि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार (मध्यम अनुमान), २०५० तक विश्व जनसंख्या में यूरोप का योगदान घटकर ७% पर आ सकता है। १९०० में, विश्व की जनसंख्या में यूरोप का हिस्सा लगभग 25% था। पुरातन काल में यूरोप, विशेष रूप से यूनान पश्चिमी संस्कृति का जन्मस्थान है। मध्य काल में इसी ने ईसाईयत का पोषण किया है। यूरोप ने १६ वीं सदी के बाद से वैश्विक मामलों में एक प्रमुख भूमिका अदा की है, विशेष रूप से उपनिवेशवाद की शुरुआत के बाद.

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शलजम

शलजम (Turnip, वानस्पतिक नाम:Brassica rapa) क्रुसीफ़ेरी कुल का पौधा है। इसकी जड़ गांठनुमा होती है जिसकी सब्ज़ी बनती है। कोई इसे रूस का और कोई इसे उतरी यूरोप का देशज मानते हैं। आज यह पृथ्वी के प्राय: समस्त भागों में उगाया जाता है। .

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समाचारपत्र

अर्जेंटीना की एक सड़क पर स्थित एक समाचारपत्र की टपरी समाचार पत्र या अख़बार, समाचारो पर आधारित एक प्रकाशन है, जिसमें मुख्यत: सामयिक घटनायें, राजनीति, खेल-कूद, व्यक्तित्व, विज्ञापन इत्यादि जानकारियां सस्ते कागज पर छपी होती है। समाचार पत्र संचार के साधनो में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। समाचारपत्र प्रायः दैनिक होते हैं लेकिन कुछ समाचार पत्र साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक एवं छमाही भी होतें हैं। अधिकतर समाचारपत्र स्थानीय भाषाओं में और स्थानीय विषयों पर केन्द्रित होते हैं। .

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सरसों

भारतीय सरसों के पीले फूल सरसों क्रूसीफेरी (ब्रैसीकेसी) कुल का द्विबीजपत्री, एकवर्षीय शाक जातीय पौधा है। इसका वैज्ञानिक नाम ब्रेसिका कम्प्रेसटिस है। पौधे की ऊँचाई १ से ३ फुट होती है। इसके तने में शाखा-प्रशाखा होते हैं। प्रत्येक पर्व सन्धियों पर एक सामान्य पत्ती लगी रहती है। पत्तियाँ सरल, एकान्त आपाती, बीणकार होती हैं जिनके किनारे अनियमित, शीर्ष नुकीले, शिराविन्यास जालिकावत होते हैं। इसमें पीले रंग के सम्पूर्ण फूल लगते हैं जो तने और शाखाओं के ऊपरी भाग में स्थित होते हैं। फूलों में ओवरी सुपीरियर, लम्बी, चपटी और छोटी वर्तिकावाली होती है। फलियाँ पकने पर फट जाती हैं और बीज जमीन पर गिर जाते हैं। प्रत्येक फली में ८-१० बीज होते हैं। उपजाति के आधार पर बीज काले अथवा पीले रंग के होते हैं। इसकी उपज के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त है। सामान्यतः यह दिसम्बर में बोई जाती है और मार्च-अप्रैल में इसकी कटाई होती है। भारत में इसकी खेती पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और गुजरात में अधिक होती है। .

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संयुक्त राज्य

संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) (यू एस ए), जिसे सामान्यतः संयुक्त राज्य (United States) (यू एस) या अमेरिका कहा जाता हैं, एक देश हैं, जिसमें राज्य, एक फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, पाँच प्रमुख स्व-शासनीय क्षेत्र, और विभिन्न अधिनस्थ क्षेत्र सम्मिलित हैं। 48 संस्पर्शी राज्य और फ़ेडरल डिस्ट्रिक्ट, कनाडा और मेक्सिको के मध्य, केन्द्रीय उत्तर अमेरिका में हैं। अलास्का राज्य, उत्तर अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसके पूर्व में कनाडा की सीमा एवं पश्चिम मे बेरिंग जलसन्धि रूस से घिरा हुआ है। वहीं हवाई राज्य, मध्य-प्रशान्त में स्थित हैं। अमेरिकी स्व-शासित क्षेत्र प्रशान्त महासागर और कॅरीबीयन सागर में बिखरें हुएँ हैं। 38 लाख वर्ग मील (98 लाख किमी2)"", U.S. Census Bureau, database as of August 2010, excluding the U.S. Minor Outlying Islands.

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स्याही

स्याही के बोतल स्याही या रोशनाई या मशि एक द्रव है जिसमें बहुत से रंजक (pigments) होते हैं और जिसका उपयोग लिखने, चिट्र बनाने आदि के लिये होता है। .

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जापान

जापान, एशिया महाद्वीप में स्थित देश है। जापान चार बड़े और अनेक छोटे द्वीपों का एक समूह है। ये द्वीप एशिया के पूर्व समुद्रतट, यानि प्रशांत महासागर में स्थित हैं। इसके निकटतम पड़ोसी चीन, कोरिया तथा रूस हैं। जापान में वहाँ का मूल निवासियों की जनसंख्या ९८.५% है। बाकी 0.5% कोरियाई, 0.4 % चाइनीज़ तथा 0.6% अन्य लोग है। जापानी अपने देश को निप्पॉन कहते हैं, जिसका मतलब सूर्योदय है। जापान की राजधानी टोक्यो है और उसके अन्य बड़े महानगर योकोहामा, ओसाका और क्योटो हैं। बौद्ध धर्म देश का प्रमुख धर्म है और जापान की जनसंख्या में 96% बौद्ध अनुयायी है। .

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वसीय अम्ल

वसीय अम्ल कार्बन परमाणुओं की लम्बी श्रृंखला द्वारा गठित कार्बनिक अम्ल हैं, जिनके एक सिरे पर कार्बोक्सिलिक मूलक (-COOH) होता है। यह संतृप्त तथा असंतृप्त दोनों ही प्रकार का होता है। जिस वसीय अम्ल के सभी बंध एकल होते हैं उसे संतृप्त तथा जिसमें एकल के अतिरिक्त द्विबंध या त्रिबंध होते हैं उसे असंतृप्त की श्रेणी में रखते हैं। श्रेणी:कार्बनिक यौगिक श्रेणी:जिन्स रसायन.

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गाजर

भिन्न रंगों की गाजरें गाजर गाजर एक सब्ज़ी का नाम है। यह लाल, काली, नारंगी, कई रंगों में मिलती है। यह पौधे की मूल (जड़) होती है। .

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गेहूँ

गेहूँ गेहूं (Wheat; वैज्ञानिक नाम: Triticum spp.),Belderok, Bob & Hans Mesdag & Dingena A. Donner.

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औरिगन

संयुक्त राज्य अमेरिका में औरिगन की स्थिति औरिगन (Oregon) संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चिमी तट पर उत्तर पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में राज्य है। इसके उत्तर में वॉशिंगटन राज्य, दक्षिण में कैलिफ़ोर्निया और नेवाडा, पूर्व में इडाहो और पश्चिम में प्रशांत महासागर है। पश्चिमी व्यापारियों, खोजकर्ताओं और निवासियों के आने से पहले ओरेगॉन में कई मूल अमेरिकी जनजातियाँ बसी हुई थी। 18वीं शताब्दी के अंत तक इस इलाके पर ब्रिटेन और अमेरिका दोनों ही अपना अधिकार बताते थे। 1818 की संधि के बाद अमेरिका का इस पर पूर्ण अधिकार हो गया। 14 फरवरी, 1859 को ये इलाका अमेरिका का 33वां राज्य बन गया। औरिगन अमेरिका का 9वां सबसे बड़ा राज्य है। 2016 के अनुमान के मुताबिक राज्य की जनसंख्या 40,93,465 है जिससे इसका सभी राज्यों में स्थान 27वां हुआ। सलेम राज्य की राजधानी है और पॉर्टलैंड सबसे बड़ा शहर। .

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आनुवांशिक संशोधित फसल

विश्व के वे क्षेत्र जहाँ अनुवांशिक संशोधित फसलें उगायी जा रही हैं ९२००५ में) परिवर्तित जीन प्लम आनुवांशिक संशोधित फसल (अंग्रेज़ी:जेनेटिक मॉडिफाइड फूड) वे फसलें हैं, जिनके आनुवांशिक पदार्थ (डीएनए) में बदलाव किये जाते हैं, अर्थात ऐसी फसलों की उत्पत्ति इनकी बनावट में अनुवांशिकीय रूपांतरण से की जाती है। इनका आनुवांशिक पदार्थ आनुवांशिक अभियांत्रिकी से तैयार किया जाता है। इससे फसलों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी होती है और आवश्यक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है। .

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कनाडा

कोई विवरण नहीं।

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कपास

कपास चुनती हुई स्त्री मशीन से संस्कारित करने के पहले हाथ से बीज निकालते हुए (२०१०) विश्व के कपास उत्पादक क्षेत्र कपास एक नकदी फसल हैं। इससे रुई तैयार की जाती हैं, जिसे "सफेद सोना" कहा जाता हैं | .

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कृषिजोपजाति

किसी पौधे की कृषिजोपजाति (किस्म) मूल पौधे से भिन्न होते हुए भी उस पौधे की मूल विशेषताओं को अपने में समाहित रखती है। आमतौर पर किसी पौधे की किस्म उसे ज्यादा सुन्दर या लाभप्रद बनाने के लिए विकसित की जाती है और इसे एक अलग नाम भी दिया जाता है। श्रेणी:कृषि श्रेणी:वनस्पति विज्ञान श्रेणी:कृषि-वनस्पति विज्ञान.

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उत्तर अमेरिका

उत्तर अमेरिका (अंग्रेजी: North America; स्पेनी: América del Norte; फ़्रान्सीसी: Amérique du Nord) महाअमेरिका (उत्तर और दक्षिण अमेरिका संयुक रूप से) का उत्तरी महाद्वीप है, जो पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में स्थित है और पूर्णतः पश्चिमी गोलार्ध में आता है। उत्तर में यह आर्कटिक महासागर, पूर्व में उत्तरी अन्ध महासागर, दक्षिणपूर्व में कैरिबियाई सागर और पश्चिम में उत्तरी प्रशान्त महासागर से घिरा हुआ है। उत्तर अमेरिका का मुख्य भाग ४० उत्तरी अक्षांश से ८३० उत्तरी अक्षांश तथआ ५३० पश्चिमी देशान्तर से १६८० पश्चिमी देशान्तर के बीच स्थित है। इसका आकार त्रिभुज के समान है जिसका शीर्ष दक्षिण की ओर और आधार उत्तर की ओर है। उत्तर अमेरिका का कुल भूभाग २,४७,०९,००० वर्ग किलोमीटर है, पृथ्वी की कुल सतह का ४.८% या कुल भूभाग का १६.५%। जुलाई, २००८ तक, इसकी अनुमानित जनसंख्या ५२.९ करोड़ थी। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह एशिया और अफ़्रीका के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा और जनसंख्या की दृष्टि से यह एशिया, अफ़्रीका और यूरोप के बाद चौथा सबसे बड़ा महाद्वीप है। .

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