3 संबंधों: प्रमात्रा यान्त्रिकी, मुख्य क्वांटम संख्या, कोणीय संवेग।
प्रमात्रा यान्त्रिकी
प्रमात्रा यान्त्रिकी (Quantum mechanics) कुछ वैज्ञानिक सिद्धान्तों का एक समुच्चय है जो परमाणवीय पैमाने पर उर्जा एवं पदार्थ के ज्ञात गुणधर्मों की व्याख्या करते हैं। इसमें उप-परमाणु पैमाने पर जो प्रकाश और उप-परमाण्वीय कणों में तरंग-कण द्विरूप देखा जाता है, उसका गणित आधार सम्मिलित है। क्वाण्टम यान्त्रिकी में उर्जा और पदार्थ के गहरे सम्बन्ध का भी गणित आधार सम्मिलित है। .
नई!!: कुल कोणीय संवेग क्वांटम संख्या और प्रमात्रा यान्त्रिकी · और देखें »
मुख्य क्वांटम संख्या
क्वाण्टम यांत्रिकी में मुख्य क्वांटम संख्या (principal quantum number / संकेत n) इलेक्ट्रान की प्रावस्था को अभिव्यक्त करने वाली चार क्वाण्टम संख्याओं में से एक है। यह संख्या सदा एक पूर्णांक होती है (1, 2, 3...)। n का मान अधिक होने का अर्थ है कि इलेक्ट्रान की स्थितिज ऊर्जा अधिक है (इलेक्ट्रान, नाभिक से कम बल द्वारा बंधा हुआ है।)। यह क्वाण्टम संख्या, इलेक्ट्रॉन की कक्षा की औसत त्रिज्या का भी सूचक है। श्रेणी:परमाणु संरचना.
नई!!: कुल कोणीय संवेग क्वांटम संख्या और मुख्य क्वांटम संख्या · और देखें »
कोणीय संवेग
भौतिक विज्ञान में कोणीय संवेग (Angular momentum), संवेग आघूर्ण (moment of momentum) या घूर्णी संवेग (rotational momentum) किसी वस्तु के द्रव्यमान, आकृति और वेग को ध्यान में रखते हुए इसके घूर्णन का मान का मापन है। यह एक सदिश राशि है जो किसी विशेष अक्ष के सापेक्ष जड़त्वाघूर्ण व कोणीय वेग के गुणा के बराबर होता है। किसी कणों के निकाय (उदाहरणार्थ: दृढ़ पिण्ड) का कोणीय संवेग उस निकाय में उपस्थित सभी कणों के कोणीय संवेग के योग के तुल्य होता है। .
नई!!: कुल कोणीय संवेग क्वांटम संख्या और कोणीय संवेग · और देखें »