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कालमापी

सूची कालमापी

जेरेमी थैकर का कालमापी कालमापी (Chronometer) एक विशेष प्रकार की घड़ी है जो बहुत सच्चा समय बताती है। इसका समय ग्रिनिच के स्थानीय समय से मिलाकर रखा जाता है, जिससे जहाज पर ग्रिनिच समय तुरंत जाना जा सकता है। सेक्सटैंट (Sextant) से सूर्य की स्थिति नापकर जहाज जिस स्थान पर है वहाँ का स्थानीय समय ज्ञात किया जा सकता है। स्थानीय समय और ग्रिनिच समय के अंतर से देशांतर की गणना की जा सकती है। देशांतरों में एक अंश का अंत पड़ने पर स्थानीय समयों में चार मिनट का अंतर पड़ता है। .

3 संबंधों: सैक्स्टैंट, जलयान, घड़ी

सैक्स्टैंट

सेक्स्टैंट सेक्सटैंट (Sextant) सबसे सरल और सुगठित यंत्र है जो प्रेक्षक की किसी भी स्थिति पर किन्हीं दो बिंदुओं द्वारा बना कोण पर्याप्त यथार्थता से नापने में काम आता है। इसका आविष्कार सन्‌ १७३० में जान हैडले (John Hadley) और टॉमस गोडफ्रे (Thomas Godfrey) नामक वैज्ञानिकों ने अलग-अलग स्वतंत्र रूप से किया था। तब से इतनी अवधि गुजरने पर भी यह यंत्र प्रचलित ही नहीं है वरन्‌ बड़े चाव से प्रयोग में आता है। इसका मुख्य कारण यह है कि अन्य कोणमापी यंत्रों से अधिक सुविधाजनक विशेषताएँ उपलब्ध हैं। पहली विशेषता यह है कि अन्य कोणमापी यंत्रों की भाँति इसे प्रेक्षण के समय एकदम स्थिर रखना या किसी निश्चित अवस्था में रखना अनिवार्य नहीं है। दूसरी विशेषता यह है कि प्रेक्षक स्थिति और उस पर कोण बनाने वाले बिंदु क्षैतिज ऊर्ध्वाकार या तिर्यक्‌ समतल में हों, इस यंत्र से उस समतल में बने वास्तविक कोण की मात्रा नाप सकते हैं। इन विशेषताओं के कारण सेक्सटैंट नाविक की उसकी यात्रा की दिशा का ज्ञान कराने के लिए आज भी बड़ा उपयोग यंत्र है। .

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जलयान

न्यूयॉर्क पत्तन पर इटली का जलयान ''' अमेरिगो वेस्पुक्की''' (१९७६) जलयान या पानी का जहाज (ship), पानी पर तैरते हुए गति करने में सक्षम एक बहुत बडा डिब्बा होता है। जलयान, नाव (बोट) से इस मामले में भिन्न भिन्न है कि जलयान, नाव की तुलना में बहुत बडे होते हैं। जलयान झीलों, समुद्रों एवं नदियों में चलते हैं। इन्हें अनेक प्रकार से उपयोग में लाया जाता है; जैसे - लोगों को लाने-लेजाने के लिये, सामान ढोने के लिये, मछली पकडने के लिये, मनोरंजन के लिये, तटों की देखरेख एवं सुरक्षा के लिये तथा युद्ध के लिये। जहाज समुद्र के आवागमन तथा दूर देशों की यात्रा के लिये जिन बृहद् नौकाओं का उपयोग प्राचीनकाल से होता आया है उन्हें जहाज कहते है। पहले जहाज अपेक्षाकृत छोटे होते थे तथा लकड़ी के बनते थे। प्राविधिक तथा वैज्ञानिक उन्नति के आधुनिक काल में बहुत बड़े, मुख्यत: लोहे से बने तथा इंजनों से चलनेवाले जहाज बनते हैं। .

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घड़ी

एक घड़ी घड़ी वह यंत्र है जो संपूर्ण स्वयंचालित प्रणाली द्वारा किसी न किसी रूप में वर्तमान समय को प्रदर्शित करती है। घड़ियाँ कई सिद्धान्तों से बनायी जाती हैं। जैसे धूप घड़ी, यांत्रिक घड़ी, एलेक्ट्रॉनिक घड़ी आदि अधिकतर घड़ियों में नियमित रूप से आवर्तक (recurring) क्रियाएँ उत्पन्न करने की स्वयंचालित व्यवस्था होती है, जैसे लोलक का दोलन, सर्पिल कमानियों (spiral springs) तथा संतुलन चक्रों (balancewheels) को दोलन, दाबविद्युत् मणिभों (piezo-electric crystals) का दोलन, अथवा उच्च आवृत्तिवाले संकेतों की परमाणुओं की मूलअवस्था की अतिसूक्ष्म संरचना (hyperfine structure) से तुलना इत्यादि। प्राचीन काल में धूप के कारण पड़नेवाली किसी वृक्ष अथवा अन्य स्थिर वस्तु की छाया के द्वारा समय के अनुमान किया जाता था। ऐसी धूपधड़ियों का प्रचलन अत्यंत प्राचीन काल से होता आ रहा है जिनमें आकाश में सूर्य के भ्रमण के करण किसी पत्थर या लोहे के स्थिर टुकड़े की परछाई की गति में होनेवाले परिवर्तन के द्वारा "घड़ी" या "प्रहर" का अनुमान किया जाता था। बदली के दिनों में, अथवा रात में, समय जानने के लिय जल घड़ी का आविष्कार चीन देशवासियों ने लगभग तीन हजार वर्ष पहले किया था। कालांतर में यह विधि मिस्रियों, यूनानियों एवं रोमनों को भी ज्ञात हुई। जलघड़ी में दो पात्रों का प्रयोग होता था। एक पात्र में पानी भर दिया जाता या और उसकी तली में छेद कर दिया जाता था। उसमें से थोड़ा थोड़ा जल नियंत्रित बूँदों के रूप में नीचे रखे हुए दूसरे पात्र में गिरता था। इस पात्र में एकत्र जल की मात्रा नाप कर समय अनुमान किया जाता था। बाद में पानी के स्थान पर बालू का प्रयोग होने लगा। इंग्लैंड के ऐल्फ्रेड महान ने मोमबत्ती द्वारा समय का ज्ञान करने की विधि आविष्कृत की। उसने एक मोमबत्ती पर, लंबाई की ओर समान दूरियों पर चिह्र अंकित कर दिए थे। प्रत्येक चिह्र तक मोमबत्ती के जलने पर निश्चित समय व्यतीत होने का ज्ञान होता था। यांत्रिक घड़ियों में अनेक पहिए होते हैं, जो किसी कमानी, लटकते हुए भार अथवा अन्य उपायों द्वारा चलाए जाते हैं। इन्हें किसी दोलनशील व्यवस्था द्वारा इस प्रकार निंयत्रित किया जाता है कि इनकी गति समांग (uniform) होती है। इनके साथ ही इसमें घंटी या घंटा (gong) भी होता है, जो निश्चित अवधियों पर स्वयं ही बज उठता है और समय की सूचना देता है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

समुद्री कालमापी

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