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कार्ल रिटर

सूची कार्ल रिटर

कार्ल रिटर का रेखाचित्र कार्ल रिटर (जर्मन:Karl Ritter; 7 अगस्त, 1779 ई॰ - 28 सितम्बर 1859 ई॰) विश्वविख्यात जर्मन भूगोलवेत्ता थे। ये आधुनिक भूगोल के संस्थापक तथा भूगोल के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र तुलनात्मक भूगोल के जनक माने जाते हैं। .

10 संबंधों: तुलनात्मक भूगोल, प्रशिया, फ़्रैंकफ़र्ट, भूगोल, माजिद हुसैन, हम्बोल्ट बर्लिन विश्वविद्यालय, जर्मन भाषा, जर्मनी, काला सागर, कैस्पियन सागर

तुलनात्मक भूगोल

तुलनात्मक भूगोल (अंग्रेजी: Comparative geography) भूगोल विषय का एक उपागम है जिसमें विभिन्न स्थानों अथवा क्षेत्रों के तुलनात्मक भौगोलिक अध्ययन को अधिक महत्व प्रदान करते हुए उनकी विशिष्टताओं का एक दूसरे के सापेक्ष वर्णन, विश्लेषण एवं व्याख्या की जाती है। इसके जनक के रूप में कार्ल रिटर को माना जाता है और यह प्रादेशिक भूगोल के अध्ययन का पूर्ववर्ती उपागम माना जाता है। .

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प्रशिया

अपने चरम पर प्रशा प्रशिया, प्रुशिया या प्रशा, (Preußen), उत्तरी यूरोप का एक जर्मन ऐतिहासिक राज्य था। प्रशिया, अपनी राजधानी कोइनिजबर्ग और 1701 से बर्लिन के साथ, जर्मनी के इतिहास को निर्णायक रूप से आकार दिया है। 18वीं और 19वीं शताब्दियों में यह राज्य अपने चरम पर था। .

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फ़्रैंकफ़र्ट

फ्रैंकफर्ट ऐम माइन,, जर्मन राज्य हेस का सबसे बड़ा शहर और जर्मनी का पांचवाँ सबसे बड़ा शहर है। इसे प्रायः केवल फ्रैंकफर्ट के नाम से जाना जाता है। इसकी जनसंख्या 2009 में 667,330 थी। 2010 में शहरी क्षेत्र में 2,296,000 आबादी का अनुमान लगाया गया था। यह शहर फ्रैंकफर्ट-राइन-मैन मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के हृदयस्थल में है, जिसकी आबाद 5,600,000 है, और जर्मनी का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रॅपॉलिटन क्षेत्र है। यह शहर मेन नदी के तट पर पुराने घाट पर अवस्थित है। जर्मन भाषा में मेन नदी को "फर्ट" कहते है। फ्रैंकफर्ट प्राचीन फ्रैंकोनिया का हिस्सा है, जो कि प्राचीन फ्रैंकों का निवास स्थल था। इसलिए फ्रैंको के घाट के रूप में इनकी विरासत के कारण शहर का नाम पड़ा.

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भूगोल

पृथ्वी का मानचित्र भूगोल (Geography) वह शास्त्र है जिसके द्वारा पृथ्वी के ऊपरी स्वरुप और उसके प्राकृतिक विभागों (जैसे पहाड़, महादेश, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील, डमरुमध्य, उपत्यका, अधित्यका, वन आदि) का ज्ञान होता है। प्राकृतिक विज्ञानों के निष्कर्षों के बीच कार्य-कारण संबंध स्थापित करते हुए पृथ्वीतल की विभिन्नताओं का मानवीय दृष्टिकोण से अध्ययन ही भूगोल का सार तत्व है। पृथ्वी की सतह पर जो स्थान विशेष हैं उनकी समताओं तथा विषमताओं का कारण और उनका स्पष्टीकरण भूगोल का निजी क्षेत्र है। भूगोल शब्द दो शब्दों भू यानि पृथ्वी और गोल से मिलकर बना है। भूगोल एक ओर अन्य शृंखलाबद्ध विज्ञानों से प्राप्त ज्ञान का उपयोग उस सीमा तक करता है जहाँ तक वह घटनाओं और विश्लेषणों की समीक्षा तथा उनके संबंधों के यथासंभव समुचित समन्वय करने में सहायक होता है। दूसरी ओर अन्य विज्ञानों से प्राप्त जिस ज्ञान का उपयोग भूगोल करता है, उसमें अनेक व्युत्पत्तिक धारणाएँ एवं निर्धारित वर्गीकरण होते हैं। यदि ये धारणाएँ और वर्गीकरण भौगोलिक उद्देश्यों के लिये उपयोगी न हों, तो भूगोल को निजी व्युत्पत्तिक धारणाएँ तथा वर्गीकरण की प्रणाली विकसित करनी होती है। अत: भूगोल मानवीय ज्ञान की वृद्धि में तीन प्रकार से सहायक होता है: सर्वप्रथम प्राचीन यूनानी विद्वान इरैटोस्थनिज़ ने भूगोल को धरातल के एक विशिष्टविज्ञान के रूप में मान्यता दी। इसके बाद हिरोडोटस तथा रोमन विद्वान स्ट्रैबो तथा क्लाडियस टॉलमी ने भूगोल को सुनिइतिहासश्चित स्वरुप प्रदान किया। इस प्रकार भूगोल में 'कहाँ' 'कैसे 'कब' 'क्यों' व 'कितनें' प्रश्नों की उचित वयाख्या की जाती हैं। .

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माजिद हुसैन

माजिद हुसैन भारत के प्रसिद्ध भूगोलवेत्ता हैं। वे नई दिल्ली के एक प्रमुख केन्द्रिय विश्वविद्यालय जामिया मिलिया इस्लामिया में प्रोफेसर रहें हैं। .

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हम्बोल्ट बर्लिन विश्वविद्यालय

हम्बोल्ट बर्लिन विश्वविद्यालय (अंग्रेज़ी: Humboldt University of Berlin, जर्मन: Humboldt-Universität zu Berlin) बर्लिन के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है। इसकी स्थापना १८१० में प्रुशियाई शिक्षा-सुधारक और भाषावैज्ञानिक विल्हेल्म फ़ॉन​ हम्बोल्ट (Wilhelm von Humboldt) ने 'बर्लिन विश्वविद्यालय' के नाम से की थी। इसके तौर-तरीक़े अन्य यूरोपीय और पश्चिमी विश्वविद्यालयों के लिए बहुत प्रभावशाली रहे। १८२८ में यह 'फ़्रेडेरिक विलियम विश्वविद्यालय' के नाम से जाना जाता था हालांकि बर्लिन के 'उन्टर डेन लिन्डेन​' (unter den Linden, अर्थ: लिंडन के पेड़ों की छाँव में) नामक इलाक़े में होने की वजह से इसे अनौपचारिक रूप से 'उन्टर डेन लिन्डेन​ विश्वविद्यालय' के नाम से भी बुलाया जाने लगा। १९४९ में अपने संस्थापक विल्हेल्म और उनके भाई आलेक्सान्डर फ़ॉन​ हम्बोल्ट के सम्मान में इसका नाम बदलकर 'हम्बोल्ट विश्वविद्यालय' कर दिया गया। २०१२ में इसे जर्मन राष्ट्रीय सरकार से जर्मनी के ग्यारह सर्वोत्तम विश्वविद्यालयों में से एक होने का सम्मान प्राप्त हुआ। .

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जर्मन भाषा

विश्व के जर्मन भाषी क्षेत्र जर्मन भाषा (डॉयट्श) संख्या के अनुसार यूरोप की सब से अधिक बोली जाने वाली भाषा है। ये जर्मनी, स्विट्ज़रलैंड और ऑस्ट्रिया की मुख्य- और राजभाषा है। ये रोमन लिपि में लिखी जाती है (अतिरिक्त चिन्हों के साथ)। ये हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में जर्मनिक शाखा में आती है। अंग्रेज़ी से इसका करीबी रिश्ता है। लेकिन रोमन लिपि के अक्षरों का इसकी ध्वनियों के साथ मेल अंग्रेज़ी के मुक़ाबले कहीं बेहतर है। आधुनिक मानकीकृत जर्मन को उच्च जर्मन कहते हैं। जर्मन भाषा भारोपीय परिवार के जर्मेनिक वर्ग की भाषा, सामान्यत: उच्च जर्मन का वह रूप है जो जर्मनी में सरकारी, शिक्षा, प्रेस आदि का माध्यम है। यह आस्ट्रिया में भी बोली जाती है। इसका उच्चारण १८९८ ई. के एक कमीशन द्वारा निश्चित है। लिपि, फ्रेंच और अंग्रेजी से मिलती-जुलती है। वर्तमान जर्मन के शब्दादि में अघात होने पर काकल्यस्पर्श है। तान (टोन) अंग्रेजी जैसी है। उच्चारण अधिक सशक्त एवं शब्दक्रम अधिक निश्चित है। दार्शनिक एवं वैज्ञानिक शब्दावली से परिपूर्ण है। शब्दराशि अनेक स्रोतों से ली गई हैं। उच्च जर्मन, केंद्र, उत्तर एवं दक्षिण में बोली जानेवाली अपनी पश्चिमी शाखा (लो जर्मन-फ्रिजियन, अंग्रेजी) से लगभग छठी शताब्दी में अलग होने लगी थी। भाषा की दृष्टि से "प्राचीन हाई जर्मन" (७५०-१०५०), "मध्य हाई जर्मन" (१३५० ई. तक), "आधुनि हाई जर्मन" (१२०० ई. के आसपास से अब तक) तीन विकास चरण हैं। उच्च जर्मन की प्रमुख बोलियों में यिडिश, श्विज्टुन्श, आधुनिक प्रशन स्विस या उच्च अलेमैनिक, फ्रंकोनियन (पूर्वी और दक्षिणी), टिपृअरियन तथा साइलेसियन आदि हैं। .

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जर्मनी

कोई विवरण नहीं।

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काला सागर

नासा के वर्ल्ड विंड ग्लोब सॉफ्टवेयर द्वारा कृष्ण सागर का दृश्य कृष्ण सागर या काला सागर एक महाद्वीपीय समुद्र है जो दक्षिण-पूर्वी यूरोप, कॉकेशस और अनातोलिया के प्रायद्वीप (तुर्की) से घिरा है। अंध महासागर में यह भूमध्य और एजियन सागरों और विभिन्न जलडमरूमध्यों के माध्यम से जुड़ा हुआ है। इसमें बोस्पोरस की जलसंयोगी मारमरा सागर का नाम उल्लेखनीय है। कृष्ण सागर, 436,400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का जलाशय है, जिसकी अधिकतम गहराई 2212 मीटर है। इसमें समाहित जल का आयतन लगभग 5,47,000 घन किमी है। कृष्ण सागर पश्चिम में बुल्गारिया, रोमानिया, उत्तर-पूर्व में रूस और यूक्रेन, दक्षिण में तुर्की के बीच स्थित है। इसके पूर्व में जॉर्जिया तथा कॉकेशस की पर्वतमालाएँ हैं जो इसे कैस्पियन सागर से अलग करती हैं। पूर्व से पश्चिम की सबसे अधिक लंबाई लगभग 1175 किमी है। '''कृष्ण सागर''' का क्रीमिया गणराज्य के एक गांव से दृश्य इस तट के साथ लगे महत्वपूर्ण शहरों में शामिल हैं: कॉस्टैंटा (306000 550000 के एक मेट्रो के साथ), इस्तांबुल (11372613), ओडेसा (1001000), मंगालिया (41153), बुर्गास (229250), वार्ना (357752 416000 के एक मेट्रो के साथ), खेरसॉन (358000), सेवास्टॉपॉल (379200), याल्टा (80552), कर्च (158165), नोवोरोसीस्क (281400), सोची (328809), सूखुमी (43700), नैवोदारी (34669), पोती (47149), बातुमी (121806), ट्रैबज़ॉन (275137), सैमसन (439000) ओर्दू (190143) और जोंगूल्दाक (104276).

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कैस्पियन सागर

कैस्पियन सागर (फ़ारसी:, दरया-ए-माज़ंदरान), एशिया की एक झील है जिसे अपने वृहत आकार के कारण सागर कहा जाता है। मध्य एशिया में स्थित यह झील क्षेत्रफल के हिसाब से विश्व की सबसे बड़ी झील है। इसका क्षेत्रफल ४,३०,००० वर्ग किलोमीटर तथा आयतन ७८,२०० घन किलोमीटर है। इसका कोई बाह्यगमन नहीं है और पानी सिर्फ़ वाष्पीकरण के द्वारा बाहर जाता है। ऐतिहासिक रूप से यह काला सागर के द्वारा बोस्फ़ोरस, ईजियन सागर और इस तरह भूमध्य सागर से जुड़ा हुआ माना जाता है जिसके कारण इसे ज्यरचना के आधार पर इसे झील कहना उचित नहीं है। इसका खारापन १.२ प्रतिशत है जो विश्व के सभी समुद्रों के कुल खारेपन का एक-तिहाई है। .

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