लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

कार्बन तंतु

सूची कार्बन तंतु

कार्बन तंतु (carbon fibre) ५-१० माइक्रोमीटर का व्यास रखने वाले रेशे होते हैं जिनका अधिकांश भाग कार्बन परमाणुओं का बना हुआ हो। इन रेशो का निर्माण कार्बन परमाणुओं को ऐसे क्रिस्टलों में जोड़कर के होता है जो रेशे के लम्बे अक्ष से समानांतर व्यवस्थित हों। इस पंक्तियोजना से रेशे को एक बड़ा बल-घनफल अनुपात (strength-to-volume ratio) मिल जाता है और यह अपने आकार के लिए बहुत ताकत रखता है। ऐसे हज़ारों रेशों को लेकर उन्हें सूत्रों में पिरोया जा सकता है और इन सूत्रों को बुनकर कपड़े-जैसे टुकड़ों का निर्माण भी करा जा सकता है। कार्बन तंतु अपनी उच्च सख़्ती, उच्च तनाव पुष्टि, कम भार, उच्च रासायनिक दृढ़ता (यानि अन्य रसायनों से विकृत न होना), उच्च तापमान सहनशीलता और कम तापीय प्रसार (गरम होने पर फैलना) के लिए जाने जाते हैं। इसलिए वे वांतरिक्ष (एरोस्पेस), सिविल अभियांत्रिकी, सैनिक कार्यों और रेस-इत्यादि में प्रयोग गाड़ियों व साइकलों में प्रयोग होते हैं। इनकी एक कमी यह है कि कांच तंतु और प्लास्टिक तंतु की तुलना में इन्हें बनाना अधिक महंगा होता है। इसलिए इन्हें अक्सर अन्य प्रकार के तंतुओं के साथ मिलाकर बनाया जाता है। .

11 संबंधों: तनाव पुष्टि, तापीय प्रसार, परमाणु, माइक्रोमीटर, रेशा, सिविल इंजीनियरी, वांतरिक्ष, व्यास, कार्बन, कांच तंतु, क्रिस्टल

तनाव पुष्टि

निर्माण में प्रयुक्त इस्पात का प्रतिबल-विकृति ग्राफ 1. अधिकतम् सामर्थ्य (Ultimate Strength) 2. पराभव सामर्थ्य (Yield strength) 3. विभंजन (Rupture) 4. विकृति कठोरता क्षेत्र (Strain hardening region) 5. ग्रीवण क्षेत्र (Necking region) A: आभासी (इंजीनियरी) सामर्थ्य (Apparent (engineering) stress) (F/A0) B: वास्तविक (सत्य) प्रतिबल (F/A) किसी पदार्थ की तनन सामर्थ्य या तनाव पुष्टि (Tensile strength) (σUTS या SU) उस पदार्थ के प्रतिबल-विकृति वक्र (stress-strain curve) के महत्तम बिन्दु होता है तथा यह संकेत देता है कि किस प्रतिबल के बाद गर्दन बनना (necking) आरम्भ होगा। इसका मान परीक्षण के लिये ली गयी पदार्थ के नमूने के आकार (साइज) पर निर्भर नहीं करता। संरचनाओं (structures) तथा यांत्रिक युक्तियों में प्रयुक्त इंजीनियरी पदार्थों के लिये प्रत्यास्थता गुणांक तथा क्षरण प्रतिरोध (corrosion resistance) के साथ-साथ तनाव-पुष्टि अत्यन्त महत्व की राशि है। मिश्रधातुओं, कम्पोजिट पदार्थों, सिरैमिक्स, प्लास्टिकों, काष्ठ, कांक्रीट आदि के लिये इसके मान दिये जाते हैं। .

नई!!: कार्बन तंतु और तनाव पुष्टि · और देखें »

तापीय प्रसार

ताप के परिवर्तन के फलस्वरूप पदार्थों के लम्बाई, क्षेत्रफल एवं आयतन में होने वाले परिवर्तन को में होने वाले परिवर्तन को ताप विस्तार (Thermal expansion) कहते हैं। सभी पदार्थों में यह प्रवृत्ति पायी जाती है। .

नई!!: कार्बन तंतु और तापीय प्रसार · और देखें »

परमाणु

एक परमाणु किसी भी साधारण से पदार्थ की सबसे छोटी घटक इकाई है जिसमे एक रासायनिक तत्व के गुण होते हैं। हर ठोस, तरल, गैस, और प्लाज्मा तटस्थ या आयनन परमाणुओं से बना है। परमाणुओं बहुत छोटे हैं; विशिष्ट आकार लगभग 100 pm (एक मीटर का एक दस अरबवें) हैं। हालांकि, परमाणुओं में अच्छी तरह परिभाषित सीमा नहीं होते है, और उनके आकार को परिभाषित करने के लिए अलग अलग तरीके होते हैं जोकि अलग लेकिन काफी करीब मूल्य देते हैं। परमाणुओं इतने छोटे है कि शास्त्रीय भौतिकी इसका काफ़ी गलत परिणाम देते हैं। हर परमाणु नाभिक से बना है और नाभिक एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉन्स से सीमित है। नाभिक आम तौर पर एक या एक से अधिक न्यूट्रॉन और प्रोटॉन की एक समान संख्या से बना है। प्रोटान और न्यूट्रान न्यूक्लिऑन कहलाता है। परमाणु के द्रव्यमान का 99.94% से अधिक भाग नाभिक में होता है। प्रोटॉन पर सकारात्मक विद्युत आवेश होता है, इलेक्ट्रॉन्स पर नकारात्मक विद्युत आवेश होता है और न्यूट्रान पर कोई भी विद्युत आवेश नहीं होता है। एक परमाणु के इलेक्ट्रॉन्स इस विद्युत चुम्बकीय बल द्वारा एक परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन की ओर आकर्षित होता है। नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन एक अलग बल, यानि परमाणु बल के द्वारा एक दूसरे को आकर्षित करते है, जोकि विद्युत चुम्बकीय बल जिसमे सकारात्मक आवेशित प्रोटॉन एक दूसरे से पीछे हट रहे हैं, की तुलना में आम तौर पर शक्तिशाली है। परमाणु के केन्द्र में नाभिक (न्यूक्लिअस) होता है जिसका घनत्व बहुत अधिक होता है। नाभिक के चारो ओर ऋणात्मक आवेश वाले एलेक्ट्रान चक्कर लगाते रहते हैं जिसको एलेक्ट्रान घन (एलेक्ट्रान क्लाउड) कहते हैं। नाभिक, धनात्मक आवेश वाले प्रोटानों एवं अनावेशित (न्यूट्रल) न्यूट्रानों से बना होता है। जब किसी परमाणु में एलेक्ट्रानों की संख्या उसके नाभिक में स्थित प्रोटानों की संख्या के समान होती है तब परमाणु वैद्युकीय दृष्टि से अनावेशित होता है; अन्यथा परमाणु धनावेशित या ऋणावेशित ऑयन के रूप में होता है। आधुनिक रसायनशास्त्र में शताधिक मूल भूत माने गए हैं, जिनमें से कुछ तो धातुएँ हैं जैसे ताँबा, सोना, लोहा, सीसा, चाँदी, राँगा, जस्ता; कुछ और खनिज हैं, जैसे, गंधक, फासफरस, पोटासियम, अंजन, पारा, हड़ताल, तथा कुछ गैस हैं, जैसे, आक्सीजन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन आदि। इन्हीं मूल भूतों के अनुसार परमाणु आधुनिक रसायन में माने जाते हैं। पहले समझा जाता था कि ये अविभाज्य हैं। अब इनके भी टुकड़े कर दिए गए हैं। नाभिक में प्रोटॉन की संख्या किसी रासायनिक तत्व को परिभाषित करता है: जैसे सभी तांबा के परमाणु में 29 प्रोटॉन होते हैं। न्यूट्रॉन की संख्या तत्व के समस्थानिक को परिभाषित करता है। इलेक्ट्रॉनों की संख्या एक परमाणु के चुंबकीय गुण को प्रभावित करता है। परमाणु अणु के रूप में रासायनिक यौगिक बनाने के लिए रासायनिक आबंध द्वारा एक या अधिक अन्य परमाणुओं को संलग्न कर सकते हैं। परमाणु की संघटित और असंघटित करने की क्षमता प्रकृति में हुए बहुत से भौतिक परिवर्तन के लिए जिम्मेदार है, और रसायन शास्त्र के अनुशासन का विषय है। .

नई!!: कार्बन तंतु और परमाणु · और देखें »

माइक्रोमीटर

माइक्रोमीटर लंबाई की बहुत छोटी इकाई होती है। इसका मान माइक्रो-मीटर होता है। इसे माइक्रोन भी कहा जाता है। श्रेणी:परिमाण की कोटि (लम्बाई).

नई!!: कार्बन तंतु और माइक्रोमीटर · और देखें »

रेशा

रेशा (fiber) किसी प्राकृतिक या कृत्रिम पदार्थों के बने पतले तंतु को कहते हैं। यह ऊन, कपास, कागज़, पेड़ों की छाल, पॉलिएस्टर और कई अन्य सामग्रियों के हो सकते हैं। आम तौर पर पतले तंतु को ही रेशा कहा जाता है। मोटे तंतुओं को अक्सर 'रज्जू' (chord) कहा जाता है। मानवीय प्रयोग में कई प्रकार के रेशों को बुनकर चीज़ें बनाई जाती है, उदाहरण के लिये वस्त्र। .

नई!!: कार्बन तंतु और रेशा · और देखें »

सिविल इंजीनियरी

द पेट्रोनस ट्विन टावर्स, जिसे वास्तुकार सीज़र पेली और थोरनटन-टोमेसिटी और रेन हिल बरसेकुटू एस.डी. एन. बी. एच. डी. इंजीनियरों ने बनाया था। ये इमारत 1998-2004 तक दुनिया की सबसे ऊँची इमारत थी। सिविल इंजीनियरी, व्यावसायिक इंजीनियरिंग की एक शाखा है जो कि भौतिक और प्राकृतिक रूप से बने परिवेश में पुल, सड़क,नहरें, बाँध और भवनों आदि के डिजाइन, निर्माण और रखरखाव से जुड़ी है।सिविल इंजीनियरिंग, सैन्य अभियान्त्रिकी के बाद आने वाली इंजीनियरिंग की सबसे पुरानी शाखा है। इसे सैन्य इंजीनियरिंग से अलग करने के लिए 'असैनिक इंजीनियरिंग' (सिविल इंजीनियरी) के रूप में परिभाषित किया गया। परंपरागत रूप से इसे कई उप-शाखाओं में बांटा गया है, जिनमें -पर्यावरण इंजीनियरिंग, भू-तकनीक इंजीनियरिंग, संरचनात्मक इंजीनियरिंग, परिवहन इंजीनियरिंग, नगरपालिका या शहरी इंजीनियरिंग, जल संसाधन इंजीनियरिंग, पदार्थ इंजीनियरिंग, तटीय इंजीनियरिंग, सर्वेक्षण और निर्माण इंजीनियरिंग. सिविल इंजीनियरिंग हर स्तर पर होती है: सार्वजनिक क्षेत्र में नगरपालिका के क्षेत्र से संघीय स्तरों तक और निजी क्षेत्र में व्यक्तिगत घरों के मालिकों से अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों तक.

नई!!: कार्बन तंतु और सिविल इंजीनियरी · और देखें »

वांतरिक्ष

पृथ्वी का वायुमण्डल और उससे सटा अंतरिक्ष मिलाकर वांतरिक्ष (वा+अंतरिक्ष .

नई!!: कार्बन तंतु और वांतरिक्ष · और देखें »

व्यास

कोई विवरण नहीं।

नई!!: कार्बन तंतु और व्यास · और देखें »

कार्बन

कार्बन का एक बहुरूप हीरा। कार्बन का एक अन्य बहुरूप ग्रेफाइट। पृथ्वी पर पाए जाने वाले तत्वों में कार्बन या प्रांगार एक प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। इस रासायनिक तत्त्व का संकेत C तथा परमाणु संख्या ६, मात्रा संख्या १२ एवं परमाणु भार १२.००० है। कार्बन के तीन प्राकृतिक समस्थानिक 6C12, 6C13 एवं 6C14 होते हैं। कार्बन के समस्थानिकों के अनुपात को मापकर प्राचीन तथा पुरातात्विक अवशेषों की आयु मापी जाती है। कार्बन के परमाणुओं में कैटिनेशन नामक एक विशेष गुण पाया जाता है जिसके कारण कार्बन के बहुत से परमाणु आपस में संयोग करके एक लम्बी शृंखला का निर्माण कर लेते हैं। इसके इस गुण के कारण पृथ्वी पर कार्बनिक पदार्थों की संख्या सबसे अधिक है। यह मुक्त एवं संयुक्त दोनों ही अवस्थाओं में पाया जाता है। इसके विविध गुणों वाले कई बहुरूप हैं जिनमें हीरा, ग्रेफाइट काजल, कोयला प्रमुख हैं। इसका एक अपरूप हीरा जहाँ अत्यन्त कठोर होता है वहीं दूसरा अपरूप ग्रेफाइट इतना मुलायम होता है कि इससे कागज पर निशान तक बना सकते हैं। हीरा विद्युत का कुचालक होता है एवं ग्रेफाइट सुचालक होता है। इसके सभी अपरूप सामान्य तापमान पर ठोस होते हैं एवं वायु में जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड गैस बनाते हैं। हाइड्रोजन, हीलियम एवं आक्सीजन के बाद विश्व में सबसे अधिक पाया जाने वाला यह तत्व विभिन्न रूपों में संसार के समस्त प्राणियों एवं पेड़-पौधों में उपस्थित है। यह सभी सजीवों का एक महत्त्वपूर्ण अवयव होता है, मनुष्य के शरीर में इसकी मात्रा १८.५ प्रतिशत होती है और इसको जीवन का रासायनिक आधार कहते हैं। कार्बन शब्द लैटिन भाषा के कार्बो शब्द से आया है जिसका अर्थ कोयला या चारकोल होता है। कार्बन की खोज प्रागैतिहासिक युग में हुई थी। कार्बन तत्व का ज्ञान विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं को भी था। चीन के लोग ५००० वर्षों पहले हीरे के बारे में जानते थे और रोम के लोग लकड़ी को मिट्टी के पिरामिड से ढककर चारकोल बनाते थे। लेवोजियर ने १७७२ में अपने प्रयोगो द्वारा यह प्रमाणित किया कि हीरा कार्बन का ही एक अपरूप है एवं कोयले की ही तरह यह जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड गैस उत्पन्न करता है। कार्बन का बहुत ही उपयोगी बहुरूप फुलेरेन की खोज १९९५ ई. में राइस विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर इ स्मैली तथा उनके सहकर्मियों ने की। इस खोज के लिए उन्हें वर्ष १९९६ ई. का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ। .

नई!!: कार्बन तंतु और कार्बन · और देखें »

कांच तंतु

कांच के तंतुओं का गुच्छा कांच से पूर्णत: निर्मित तंतु के लिए कांच तंतु (glass fibre या Fibre glass) शब्द का प्रयोग होता है। .

नई!!: कार्बन तंतु और कांच तंतु · और देखें »

क्रिस्टल

क्रिस्टलीय, बहुक्रिस्टलीय तथा अक्रिस्टलीय पदार्थों की सूक्ष्म संरचना स्फटिक, इस बहुमणिभीय खनिज की पर्तें स्पष्ट पारदर्शी होतीं हैं बिस्मथ का क्रिस्टल इन्सुलिन का क्रिस्टल गैलियम, जिसकी वृहत एकपर्त होती हैं रसायन शास्त्र, खनिज शास्त्र एवं पदार्थ विज्ञान में क्रिस्टल उन ठोसों को कहते हैं जिनके अणु, परमाणु या आयन, एक व्यवस्थित क्रम में लगे होते हैं तथा यही क्रम सभी तरफ दोहराया जाता है। प्रतिदिन के प्रयोग के अधिकतर पदार्थ बहुक्रिस्टलीय (पॉलीक्रिटलाइन) होते हैं। क्रिस्टलों तथा क्रिस्टल निर्माण के वैज्ञानिक अध्ययन को क्रिस्टलकी (crystallography) कहते हैं। क्रिस्टल बनने की प्रक्रिया को क्रिस्टलन या क्रिस्टलीकरण (crystallization या solidification) कहते हैं। .

नई!!: कार्बन तंतु और क्रिस्टल · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

कार्बन रेशे

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »