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कार्टून कला और कलाकार

सूची कार्टून कला और कलाकार

के. शंकर पिल्लई, आर. के. लक्ष्मण, अबू अब्राहम, रंगा, कुट्टी, (ई. पी.), उन्नी, प्राण, मारियो मिरांडा, रवींद्र, केशव, बाल ठाकरे, अनवर अहमद, जी. अरविन्दन, जयंतो बनर्जी, माया कामथ, कुट्टी, माधन, वसंत सरवटे, रविशंकर, आबिद सुरती, अजीत नैनन, काक, मिकी पटेल, सुधीर दर, सुधीर तैलंग, शेखर गुरेरा, राजेंद्र धोड़पकर, इस्माईल लहरी, आदि इस कला के कई जाने पहचाने नाम हैं। दूसरे कुछ भारतीय व्यंग्यचित्रकार माली, सुशील कालरा, नीरद, देवेन्द्र शर्मा, सुधीर गोस्वामी इंजी, मंजुला पद्मनाभन, पी. के मंत्री, सलाम, प्रिया राज, तुलाल, येसुदासन, यूसुफ मुन्ना, चंदर, पोनप्पा, सतीश आचार्य, चन्दर, त्र्यम्बक शर्मा, अभिषेक तिवारी, इरफान, चंद्रशेखर हाडा, हरिओम तिवारी, गोपी कृष्णन, शरद शर्मा, शुभम गुप्ता, शिरीश, पवन, देवांशु वत्स, के. अनूप, राधाकृष्णन, अनुराज, के. आर. अरविंदन, धीमंत व्यास, धीर, द्विजित, गिरीश वेंगर, सुरेन्द्र वर्मा, धनेश दिवाकर, ए. एस. नायर, नम्बूतिरी, शिवराम दत्तात्रेय फडणीस, शंकर परमार्थी, एन. पोनप्पा, गोपुलू.

54 संबंधों: चन्दर, चित्रांकन, चंद्रशेखर हाडा, डच, त्र्यम्बक शर्मा, तैलंग, दूरदर्शन, देवांशु वत्स, पवन, प्राण, बाल ठाकरे, बीकानेर, भारत, भारतीय, भाषा, माया कामथ, मारियो मिरांडा, माली, मंजुल, यूसुफ मुन्ना, राफेल, रंगा, लिओनार्दो दा विंची, शब्द, शहर, शेखर गुरेरा, सतीश आचार्य, समाचार, सलाम, सुधीर तैलंग, सुरेन्द्र वर्मा, सुशील कालरा, हरिओम तिवारी, हास्य, हिन्दुस्तान टाईम्स, हिन्दी, विनोद दुआ, व्यंग-चित्रकार, व्यंग्य, व्युत्पत्तिशास्त्र, वृत्त चित्र, आबिद सुरती, इतालवी भाषा, इरफ़ान ख़ान (कार्टूनिस्ट), इस्माईल लहरी, कार्टून, काक, कुट्टी, क्रिकेट, केशव, ..., अनवर अहमद, अभिषेक तिवारी, अंग्रेज़ी भाषा, १ (संख्या) सूचकांक विस्तार (4 अधिक) »

चन्दर

तारा चन्दर एक कार्टूनकार हैं। .

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चित्रांकन

चित्रांकन सी-डैक द्वारा विकसित एक हिन्दी ओसीआर है। यह इमेज से अथवा स्कैनर से छपे हुये हिन्दी टैक्स्ट को प्रोसैस कर उसे डिजिटल यूनिकोड हिन्दी टैक्स्ट रूप में बदलता है। .

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चंद्रशेखर हाडा

कार्टूनिस्ट चंद्रशेखर हाडा का जन्म २ अगस्त १९६५ को बरखेडा मध्यप्रदेश में हुआ। एक फर्म में उप प्रबन्धक रह्ते फ्रीलान्स कार्टूनिंग की। चंद्रशेखर हाडा का पहला कार्टून नवभारत में छपा। स्वदेश, जनसत्ता, नईदुनिया, कादम्बिनी, साप्ताहिक हिंदुस्तान, पंजाब केसरी, मिलाप आदि पत्र-पत्रिकाओं में नियमित कार्टून छपते रहे हैं। पिछले १७ वर्षों से दैनिक भास्कर ग्रुप में कार्यरत हैं। इनदिनों जयपुर राजस्थान में हैं। श्रेणी:भारतीय कार्टूनिस्ट श्रेणी:1965 में जन्मे लोग.

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डच

डच के कई अर्थ हैं.

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त्र्यम्बक शर्मा

त्र्यम्बक शर्मा त्र्यम्बक शर्मा (५ सितम्बर १९७०) भारत के युवा कार्टूनिस्ट हैं। उन्हें विशेष रूप से कार्टून आधारित एकमात्र मासिक पत्रिका कार्टून वाच के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। शंकर्स वीकली के बाद भारत में कार्टून पत्रिका प्रारंभ करने वाले त्र्यम्बक शर्मा का जन्म छत्तीसगढ़ में और शिक्षा दुर्ग-भिलाई और रायपुर में हुई। भिलाई के कल्याण महाविद्यालय से विज्ञान में स्नातक होने के बाद त्र्यम्बक ने रायपुर से पत्रकारिता में स्नातक डिग्री प्राप्त की। कार्टून वाच पत्रिका के प्रकाशन के चलते वे सपरिवार रायपुर में ही बस गए। त्र्यम्बक कार्टूनिस्ट की नज़र से उन्होंने तीन वर्ष रायपुर के सुप्रसिद्ध अंग्रेज़ी दैनिक़ द हितवाद मे तथा एक वर्ष हिंदी दैनिक देशबंधु में मे बतौर संवाददाता कार्य भी किया। रायपुर में दैनिक नवभारत में काम करते हुए उन्होंने १९९१ में दैनिक कार्टून बनाना प्रारंभ किया। १९९२ से उनके कार्टून दैनिक भास्कर के रायपुर संस्करण में प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित होना प्रारंभ हुए। १९९६ में उन्होंने दैनिक भास्कर की नौकरी छोड़कर मासिक पत्रिका कार्टून वाच का प्रकाशन रायपुर से आरम्भ किया। कार्टून वाच राजनीतिक और सामाजिक कार्टूनों पर आधारित भारत की एक मात्र हिंदी कार्टून मासिक पत्रिका है। यह पत्रिका जहाँ पुराने कार्टूनिस्टों के कार्टूनों का पुनः प्रकाशन करती है वहीं नए कार्टूनिस्टों की प्रतिभा को सामने लाने का लिए भी मंच प्रदान करती है। देश-विदेश में अपनी प्रदर्शनियाँ करने वाले त्र्यंबक रायपुर में एक कार्टून संग्रहालय बनाने में लगे हैं। .

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तैलंग

तैलंग से अभिप्राय उस ब्राह्मण वर्ग से है जो तेलंगाना का मूल निवासी है और जिसकी मातृभाषा तेलुगु है। .

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दूरदर्शन

दूरदर्शन या टेलीविजन (या संक्षेप में, टीवी) एक ऐसी दूरसंचार प्रणाली है जिसके द्वारा चलचित्र व ध्वनि को दो स्थानों के बीच प्रसारित व प्राप्त किया जा सके। यह शब्द दूरदर्शन सेट, दूरदर्शन कार्यक्रम तथा प्रसारण के लिये भी प्रयुक्त होता है। दूरदर्शन का अंग्रेजी शब्द 'टेलिविज़न' लैटिन तथा यूनानी शब्दों से बनाया गया है जिसका अर्थ होता है दूर दृष्टि (यूनानी - टेली .

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देवांशु वत्स

युवा लेखक, कार्टूनिस्ट और चित्रकथाकार.

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पवन

पवन की दिशा बताने वाला यन्त्र पवनवेगदर्शी गतिशील वायु को पवन (Wind) कहते हैं। यह गति पृथ्वी की सतह के लगभग समांतर रहती है। पृथ्वी से कुछ मीटर ऊपर तक के पवन को सतही पवन और २०० मीटर या अधिक ऊँचाई के पवन को उपरितन पवन कहते हैं। जब किसी स्थान और ऊँचाई के पवन का निर्देश करना हो तब वहाँ के पवन की चाल और उसकी दिशा दोनों का उल्लेख होना चाहिए। पवन की दिशा का उल्लेख करने में जिस दिशा से पवन बह रहा है उसका उल्लेख दिक्सूचक के निम्नलिखित १६ संकेतों से करते हैं: अधिक यथार्थता (precision) से पवन की दिशा बताने के लिए यह दिशा अंशों में व्यक्त की जाती है। जब पवन दक्षिणावर्त (clockwise) दिशा में परिवर्तित होता है (जैसे उ से उ पू और पू), तब ऐसे परिवर्तन को पवन का दक्षिणावर्तन और वामावर्त दिश में परिवर्तन (जैसे उ से उप और प) का विपरीत पवन कहते हैं। वेधशाला में पवनदिक्सूचक नामक उपकरण हवा की दिशा बताता है। इसका नुकीला सिरा हमेशा उधर रहता है जिधर से हवा आ रही होती है। पवन का वेग मील प्रति घंटे, या मीटर प्रति सेकंड, में व्यक्त किया जाता है। सतह के पवन को मापने के लिए प्राय: प्याले के आकार का पवनमापी काम में आता है। पवनवेग का लगातार अभिलेख करने के लिए अनेक उपकरण काम में आते हैं, जिनमें दाबनली एवं पवनलेखक (Anemograph) महत्वपूर्ण एवं प्रचलित है। भिन्न भिन्न ऊँचाई के उपरितन पवन का निर्धारण करने के लिए हाइड्रोजन से भरा गुब्बारा उड़ाया जाता है और ऊपर उठते हुए तथा पवनहित बैलून की ऊँचाई और दिगंश (azimuth) ज्ञात करने के लिए इसका निरीक्षण सामान्य थियोडोलाइट (theodolite) या रेडियो थियोडोलाइट से करते हैं। तब बैलून की उड़ान का प्रक्षेपपथ (trajectory) तैयार किया जाता है और प्राय: बैलून के ऊपर उठने के वेग की दर की कल्पना करके, प्रक्षेपपथ के विभिन्न बिंदुओं से बैलून की संगत ऊँचाई की गणना की जाती है। प्रक्षेपपथ से, इच्छित ऊँचाई पर, पवन की चाल और दिशा ज्ञात की जाती है। .

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प्राण

प्राण हिन्दू दर्शनों, जैसे योगदर्शन और आयुर्वेद इत्यादि में जीवनी शक्ति को कहा गया है। कुछ प्रसंगों में इसे सूर्य से उत्पन्न और पूरे ब्रह्माण्ड में व्याप्त शक्ति के रूप में भी वर्णित किया गया है। आयुर्वेद, तन्त्र इत्यादि में पाँच प्रकार के प्राण बताये गये हैं: .

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बाल ठाकरे

बालासाहेब केशव ठाकरे (२३ जनवरी १९२६ - १७ नवम्बर २०१२) भारत के महाराष्ट्र प्रदेश के प्रसिद्ध राजनेता थे जिन्होने शिव सेना के नाम से एक प्रखर हिन्दू राष्ट्रवादी दल का गठन किया था। उन्हें लोग प्यार से बालासाहेब भी कहते थे। वे मराठी में सामना नामक अखबार निकालते थे। इस अखबार में उन्होंने अपनी मृत्यु से कुछ दिन पूर्व अपने सम्पादकीय में लिखा था-"आजकल मेरी हालत चिन्ताजनक है किन्तु मेरे देश की हालत मुझसे अधिक चिन्ताजनक है; ऐसे में भला मैं चुप कैसे बैठ सकता हूँ?" उनके अनुयायी उन्हें हिन्दू हृदय सम्राट कहते थे। ठाकरे ने अपने जीवन का सफर एक कार्टूनिस्ट के रूप में शुरू किया था। पहले वे अंग्रेजी अखबारों के लिये कार्टून बनाते थे। बाद में उन्होंने सन १९६० में मार्मिक के नाम से अपना एक स्वतन्त्र साप्ताहिक अखबार निकाला और अपने पिता केशव सीताराम ठाकरे के राजनीतिक दर्शन को महाराष्ट्र में प्रचारित व प्रसारित किया। सन् १९६६ में उन्होंने शिव सेना की स्थापना की। मराठी भाषा में सामना के अतिरिक्त उन्होंने हिन्दी भाषा में दोपहर का सामना नामक अखबार भी निकाला। इस प्रकार महाराष्ट्र में हिन्दी व मराठी में दो-दो प्रमुख अखबारों के संस्थापक बाला साहब ही थे। खरी-खरी बात कहने और विवादास्पद बयानों के कारण वे मृत्यु पर्यन्त अखबार की सुर्खियों में बने रहे। १७ नवम्बर २०१२ को मुम्बई में अपने मातोश्री आवास पर दोपहर बाद ३ बजकर ३३ मिनट पर उन्होंने अन्तिम साँस ली। .

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बीकानेर

बीकानेर राजस्थान राज्य का एक शहर है। बीकानेर राज्य का पुराना नाम जांगल देश था। इसके उत्तर में कुरु और मद्र देश थे, इसलिए महाभारत में जांगल नाम कहीं अकेला और कहीं कुरु और मद्र देशों के साथ जुड़ा हुआ मिलता है। बीकानेर के राजा जंगल देश के स्वामी होने के कारण अब तक "जंगल धर बादशाह' कहलाते हैं। बीकानेर राज्य तथा जोधपुर का उत्तरी भाग जांगल देश था राव बीका द्वारा १४८५ में इस शहर की स्थापना की गई। ऐसा कहा जाता है कि नेरा नामक व्यक्ति गड़रिया था, जब राव बीका ने नेरा से एक शुभ जगह के बारे में पूछा तो उसने इस जगह के बारे में एक जवाब दिया उसने कहा की इस जगह पर मेरी एक भेड़ का मेमना ३ दिन तक भेड़ के साथ ७ सियारों के बीच एकला रहा और सियारों ने भेड़ और उसके बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुचायां और उसने इस बात के साथ एक शर्त रख दी की उसके नाम को नगर के नाम के साथ जोड़ा जाए। इसी कारण इसका नाम बीका+नेर, बीकानेर पड़ा। अक्षय तृतीया के यह दिन आज भी बीकानेर के लोग पतंग उड़ाकर स्मरण करते हैं। बीकानेर का इतिहास अन्य रियासतों की तरह राजाओं का इतिहास है। ने नवीन बीकानेर रेल नहर व अन्य आधारभूत व्यवस्थाओं से समृद्ध किया। बीकानेर की भुजिया मिठाई व जिप्सम तथा क्ले आज भी पूरे विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान रखती हैं। यहां सभी धर्मों व जातियों के लोग शांति व सौहार्द्र के साथ रहते हैं यह यहां की दूसरी महत्वपूर्ण विशिष्टता है। यदि इतिहास की बात चल रही हो तो इटली के टैसीटोरी का नाम भी बीकानेर से बहुत प्रेम से जुड़ा हुआ है। बीकानेर शहर के ५ द्वार आज भी आंतरिक नगर की परंपरा से जीवित जुड़े हैं। कोटगेट, जस्सूसरगेट, नत्थूसरगेट, गोगागेट व शीतलागेट इनके नाम हैं। बीकानेर की भौगोलिक स्तिथि ७३ डिग्री पूर्वी अक्षांस २८.०१ उत्तरी देशंतार पर स्थित है। समुद्र तल से ऊंचाई सामान्य रूप से २४३मीटर अथवा ७९७ फीट है .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारतीय

भारत देश के निवासियों को भारतीय कहा जाता है। भारत को हिन्दुस्तान नाम से भी पुकारा जाता है और इसीलिये भारतीयों को हिन्दुस्तानी भी कहतें है।.

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भाषा

भाषा वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने विचारों को व्यक्त करते है और इसके लिये हम वाचिक ध्वनियों का उपयोग करते हैं। भाषा मुख से उच्चारित होनेवाले शब्दों और वाक्यों आदि का वह समूह है जिनके द्वारा मन की बात बतलाई जाती है। किसी भाषा की सभी ध्वनियों के प्रतिनिधि स्वन एक व्यवस्था में मिलकर एक सम्पूर्ण भाषा की अवधारणा बनाते हैं। व्यक्त नाद की वह समष्टि जिसकी सहायता से किसी एक समाज या देश के लोग अपने मनोगत भाव तथा विचार एक दूसरे पर प्रकट करते हैं। मुख से उच्चारित होनेवाले शब्दों और वाक्यों आदि का वह समूह जिनके द्वारा मन की बात बतलाई जाती है। बोली। जबान। वाणी। विशेष— इस समय सारे संसार में प्रायः हजारों प्रकार की भाषाएँ बोली जाती हैं जो साधारणतः अपने भाषियों को छोड़ और लोगों की समझ में नहीं आतीं। अपने समाज या देश की भाषा तो लोग बचपन से ही अभ्यस्त होने के कारण अच्छी तरह जानते हैं, पर दूसरे देशों या समाजों की भाषा बिना अच्छी़ तरह नहीं आती। भाषाविज्ञान के ज्ञाताओं ने भाषाओं के आर्य, सेमेटिक, हेमेटिक आदि कई वर्ग स्थापित करके उनमें से प्रत्येक की अलग अलग शाखाएँ स्थापित की हैं और उन शाखाकों के भी अनेक वर्ग उपवर्ग बनाकर उनमें बड़ी बड़ी भाषाओं और उनके प्रांतीय भेदों, उपभाषाओं अथाव बोलियों को रखा है। जैसे हमारी हिंदी भाषा भाषाविज्ञान की दृष्टि से भाषाओं के आर्य वर्ग की भारतीय आर्य शाखा की एक भाषा है; और ब्रजभाषा, अवधी, बुंदेलखंडी आदि इसकी उपभाषाएँ या बोलियाँ हैं। पास पास बोली जानेवाली अनेक उपभाषाओं या बोलियों में बहुत कुछ साम्य होता है; और उसी साम्य के आधार पर उनके वर्ग या कुल स्थापित किए जाते हैं। यही बात बड़ी बड़ी भाषाओं में भी है जिनका पारस्परिक साम्य उतना अधिक तो नहीं, पर फिर भी बहुत कुछ होता है। संसार की सभी बातों की भाँति भाषा का भी मनुष्य की आदिम अवस्था के अव्यक्त नाद से अब तक बराबर विकास होता आया है; और इसी विकास के कारण भाषाओं में सदा परिवर्तन होता रहता है। भारतीय आर्यों की वैदिक भाषा से संस्कुत और प्राकृतों का, प्राकृतों से अपभ्रंशों का और अपभ्रंशों से आधुनिक भारतीय भाषाओं का विकास हुआ है। सामान्यतः भाषा को वैचारिक आदान-प्रदान का माध्यम कहा जा सकता है। भाषा आभ्यंतर अभिव्यक्ति का सर्वाधिक विश्वसनीय माध्यम है। यही नहीं वह हमारे आभ्यंतर के निर्माण, विकास, हमारी अस्मिता, सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान का भी साधन है। भाषा के बिना मनुष्य सर्वथा अपूर्ण है और अपने इतिहास तथा परम्परा से विच्छिन्न है। इस समय सारे संसार में प्रायः हजारों प्रकार की भाषाएँ बोली जाती हैं जो साधारणतः अपने भाषियों को छोड़ और लोगों की समझ में नहीं आतीं। अपने समाज या देश की भाषा तो लोग बचपन से ही अभ्यस्त होने के कारण अच्छी तरह जानते हैं, पर दूसरे देशों या समाजों की भाषा बिना अच्छी़ तरह सीखे नहीं आती। भाषाविज्ञान के ज्ञाताओं ने भाषाओं के आर्य, सेमेटिक, हेमेटिक आदि कई वर्ग स्थापित करके उनमें से प्रत्येक की अलग अलग शाखाएँ स्थापित की हैं और उन शाखाओं के भी अनेक वर्ग-उपवर्ग बनाकर उनमें बड़ी बड़ी भाषाओं और उनके प्रांतीय भेदों, उपभाषाओं अथाव बोलियों को रखा है। जैसे हिंदी भाषा भाषाविज्ञान की दृष्टि से भाषाओं के आर्य वर्ग की भारतीय आर्य शाखा की एक भाषा है; और ब्रजभाषा, अवधी, बुंदेलखंडी आदि इसकी उपभाषाएँ या बोलियाँ हैं। पास पास बोली जानेवाली अनेक उपभाषाओं या बोलियों में बहुत कुछ साम्य होता है; और उसी साम्य के आधार पर उनके वर्ग या कुल स्थापित किए जाते हैं। यही बात बड़ी बड़ी भाषाओं में भी है जिनका पारस्परिक साम्य उतना अधिक तो नहीं, पर फिर भी बहुत कुछ होता है। संसार की सभी बातों की भाँति भाषा का भी मनुष्य की आदिम अवस्था के अव्यक्त नाद से अब तक बराबर विकास होता आया है; और इसी विकास के कारण भाषाओं में सदा परिवर्तन होता रहता है। भारतीय आर्यों की वैदिक भाषा से संस्कृत और प्राकृतों का, प्राकृतों से अपभ्रंशों का और अपभ्रंशों से आधुनिक भारतीय भाषाओं का विकास हुआ है। प्रायः भाषा को लिखित रूप में व्यक्त करने के लिये लिपियों की सहायता लेनी पड़ती है। भाषा और लिपि, भाव व्यक्तीकरण के दो अभिन्न पहलू हैं। एक भाषा कई लिपियों में लिखी जा सकती है और दो या अधिक भाषाओं की एक ही लिपि हो सकती है। उदाहरणार्थ पंजाबी, गुरूमुखी तथा शाहमुखी दोनो में लिखी जाती है जबकि हिन्दी, मराठी, संस्कृत, नेपाली इत्यादि सभी देवनागरी में लिखी जाती है। .

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माया कामथ

माया कामथ (12 मार्च 1951 - 26 अक्टूबर 2001) एक भारतीय कार्टूनिस्ट थी। मुंबई में जन्मी माया कामथ ने दिल्ली में अपने प्रारंभिक वर्षों बिताए, और अंग्रेजी साहित्य में एमए हासिल कर ली। एक बच्ची के रूप में ड्राइंग उसका एक शौक था, और प्रतिभा मैकमिलन के साथ चित्रकार के रूप में उसके कार्यकाल के दौरान और सोफिया स्कूल में एक ड्राइंग शिक्षक के रूप में उस की यह प्रतिभा प्रफुल्लित हुई। महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब उसने लिन जॉनसन की फ़ार बैटर और फ़ार वर्स शीर्षक वाली पुस्तक के रेखाचित्र देखे। आश्चर्य वह कार्टूनिंग की दुनिया में कूद पड़े। उसने डेक्कन हेराल्ड समूह के एक प्रकाशन ईवनिंग हेराल्ड के साथ 1985 में एक कार्टूनिस्ट के रूप में अपना कैरियर शुरू किया। बाद के वर्षों में उसने इंडियन एक्सप्रेस, एशियाई एज़ और टाइम्स ऑफ इंडिया जैसे भारतीय समाचार पत्रों के लिए काम किया। उसका पर्यावरण कार्टून योगदान तीसरी दुनिया नामक एक जर्मन संग्रह और कई अवसरों पर सम्मानित किया गया है। उसका संग्रह आजकल नीचे स्पैरो लिंक के पास है और माया की दुनिया के रूप में प्रकाशित किया गया है। अपनी मौत के समय कामथ भारत की एकमात्र महिला राजनीतिक कार्टूनिस्ट थी। अक्टूबर 1998 में, कर्नाटक कार्टूनिस्ट एसोसिएशन ने 7 कार्टूनिस्टों के सन्मान के अवसर पर उसे एक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मारियो मिरांडा

१९९८ में पद्मश्री और २००२ में पद्मभूषण प्राप्त करने वाले मारियो डी मिरांडा का जन्म दमन में हुआ। मारियो मिरांडा के कार्टून वर्षों से द टाइम्स ऑफ़ इंडिया और इकोनोमिक टाइम्स में प्रकाशित होते आए हैं। मारियो को विशेष तौर पर इलेस्ट्रेटेड वीकली के लिए बनाये इनके कार्टून्स के लिए जाना जाता है। इन्होनें दो दशक तक गोआ के जीवन शैली को कैनवस पर हमारे लिये लाया। इनके कार्टून्स में विशेषकर मिस फोन्सेन्का को हमेशा मिस करेंगे। Category:व्यंग्यकार Category:कार्टूनिस्ट Category:कार्टून Category:भारतीय कार्टूनिस्ट Category:Indian editorial cartoonists.

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माली

माली, आधिकारिक तौर पर माली गणराज्य (फ्रांसीसी: République du Mali), पश्चिमी अफ़्रीका में स्थित एक स्थल-रुद्ध देश है। अफ़्रीका का सातवां सबसे बड़े देश माली की सीमा उत्तर में अल्जीरिया, पूर्व में नाइजर, दक्षिण में बुर्किना फ़ासो और कोड द आइवोर, दक्षिण-पश्चिम में गिनी और पश्चिम में सेनेगल और मारितुआना से मिलती है। 12,40,000 वर्ग किमी से कुछ बड़े इस देश की जनसंख्या करीबन 1,30,00,000 है। इसकी राजधानी बमाको है। आठ क्षेत्रों में बंटे माली की उत्तरी सीमा सहारा के मध्य तक जाती है, वहीं देश की दक्षिणी क्षेत्र, जहां अधिकांश आबादी निवास करती है, की विशेषता नाइजर और सेनेगल नदी है। देश की अर्थव्यवस्था खेती और मत्स्य पालन पर निर्भर है। माली के कुछ प्राकृतिक संसाधनों में सोना, यूरेनियम और नमक शामिल है। माली दुनिया के सबसे निर्धनतम देशों में शुमार किया जाता है। आज का माली कभी ट्रांस-सहारा व्यापार पर नियंत्रण रखने वाले तीन साम्राज्यों, घाना साम्राज्य, माली साम्राज्य (जिससे माली नाम लिया गया है) और सोनघाई साम्राज्य का एक हिस्सा था। 1800 के अंत में यह फ्रांसीसी नियंत्रण में आ गया और फ्रांसीसी सूडान का एक हिस्सा बन गया। 1959 में माली से सेनेगल से माली संघ के नाम से स्वतंत्र हो गया। एक साल बाद माली संघ स्वतंत्र राष्ट्र माली बन गया। एक दलीय शासन के लंबे दौर के बाद 1991 में हुए तख्तापलट के बाद गणतंत्र और बहु-दलीय राज्य के रूप में नए संविधान और सत्ता का गठन किया गया। देश की करीबन आधी आबादी अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा, 1.25 अमेरिकी डालर से प्रतिदिन कम आमदनी, पर गुजर-बसर करती है। श्रेणी:अफ़्रीका के देश श्रेणी:देश श्रेणी:पश्चिम अफ्रीका के देश श्रेणी:स्थलरुद्ध देश.

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मंजुल

कार्टूनिस्ट मंजुल ने १९८९ में कार्टून बनाने के शुरुआत की.

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यूसुफ मुन्ना

कार्टूनिस्ट यूसुफ मुन्ना 1995 से अनेक पत्र-पत्रिकाओ और न्यूज़ पोर्टल के लिए कार्टून बना रहे हैं। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में जन्मे यूसुफ ने दैनिक 'स्वतंत्र चेतना' से अपने कैरियर की शुरुआत की। 1999 में वे नई दिल्ली आ गए। यहाँ वे 'कान्ति' साप्ताहिक समाचार पत्र में उपसम्पादक पद पर काम करते हुए कार्टून निर्माण के क्षेत्र में लगातार सक्रिय है। अब तक उनके कार्टून मासिक पत्रिका अंतर प्रवाह, इंडिया नेक्स्ट, मुस्लिम इंडिया, हिंदी दैनिक आवाम-इ-हिन्द, दैनिक सियासत, न्यूज़ पोर्टल www.twocircles.net आदि स्थानो पर प्रकाशित हो चुके हैं। वर्तमान में वे The Milligazette और न्यूज़ पोर्टल www.indiatomorrow.net के लिए कार्टून बना रहे हैं। 2016 में यूसुफ मुन्ना को 'बेस्ट कार्टूनिस्ट' अवार्ड से सम्मानित किया गया।.

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राफेल

राफेल का चित्र राफेल (Raffaello Sanzio da Urbino या Raphael, 1483 – 1520) परम पुनरुत्थान काल के इटली के महान चित्रकार एवं वास्तुशिल्पी थे। लियोनार्डो दा विन्ची, माइकल एंजेलो और राफेल अपने युग के महान कलाकार हैं। राफेल को शताब्दियों तक समूह संयोजन का आचार्य माना जाता रहा है। व्यक्तियों के समूह, समूहों का सम्पूर्ण चित्र में अनुपात, चित्र की उंचाई और गहराई का अनुपात, और व्यक्तियों की विभिन्न मुद्राएं - इन सब में उसने कमाल कर दिखाया है। रैफेल की सर्वाधिक ख्याति उसके मैडोन्ना चित्रों से है। रैफेल की कला से ही बरोक शैली का विकास हुआ। माइकेल एंजेलो की अपेक्षा राफेल का काम शान्त, मधुर और नारीसुलभ मोहिनी से भरपूर है। राफेल की नारी और बाल चित्रण में विशेष अभिरुचि थी। .

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रंगा

१९२५ में जन्मे कार्टूनिस्ट रंगा का नाम पूरा नाम एन के रंगनाथन था। भारत के कुछ प्रथम कार्टूनिस्टों में से एक रंगा ने अपने कार्यकाल में इंडियन एक्सप्रेस, द स्टेट्समेन और ट्रिब्यून जैसे प्रतिष्ठीत समाचारपत्रों के लिए कार्टूनिस्ट के रूप में कार्य किया। कैरीकेचर बनने में दक्ष रंगा को उनके द्वारा बनाये कैरीकेचर्स के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। रंगा द्वारा चंद रेखाओं के माध्यम से बनाए गए महात्मा गाँधी के कैरीकेचर्स काफ़ी प्रसिद्ध हैं। जुलाई २००२ में दिल्ली में रंगा का देहांत हो गया। श्रेणी:भारतीय कार्टूनिस्ट.

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लिओनार्दो दा विंची

फ्लोरेंस में लिओनार्दो की मूर्ति लिओनार्दो दा विंची (Leonardo da Vinci, 1452-1519) इटलीवासी, महान चित्रकार, मूर्तिकार, वास्तुशिल्पी, संगीतज्ञ, कुशल यांत्रिक, इंजीनियर तथा वैज्ञानिक था। .

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शब्द

एक या एक से अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि शब्द है। जैसे- एक वर्ण से निर्मित शब्द- न (नहीं) व (और) अनेक वर्णों से निर्मित शब्द-कुत्ता, शेर, कमल, नयन, प्रासाद, सर्वव्यापी, परमात्मा आदि भारतीय संस्कृति में शब्द को ब्रह्म कहा गया है। एक से ज़्यादा शब्द मिलकर एक पूरा वाक्य बनाते है। .

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शहर

शहर बड़ी और स्थायी मानव बस्ती होती है। शहर में आम तौर पर आवास, परिवहन, स्वच्छता, भूमि उपयोग और संचार के लिए व्यापक सिस्टम होता हैं। ऐतिहासिक रूप से शहरवासियों का समग्र रूप से मानवता में छोटा सा अनुपात रहा है। लेकिन आज दो शताब्दियों से अभूतपूर्व और तेजी से शहरीकरण के कारण, कहा जाता है कि आज आधी आबादी शहरों में रह रही हैं। वर्तमान में शहर आमतौर पर बड़े महानगरीय क्षेत्र और शहरी क्षेत्र के केंद्र होते हैं। सबसे आबादी वाला उचित शहर शंघाई है। एक शहर अन्य मानव बस्तियों से अपने अपेक्षाकृत बड़े आकार के कारण भिन्न होता है। शहर अकेले आकार से ही अलग नहीं है, बल्कि यह एक बड़े राजनीतिक संदर्भ में भूमिका निभाता है। शहर अपने आसपास के क्षेत्रों के लिए प्रशासनिक, वाणिज्यिक, धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों के रूप में सेवा देता है। एक विशिष्ट शहर में पेशेवर प्रशासक, नियम-कायदे होते हैं और सरकार के कर्मचारियों को खिलाने के लिए कराधान भी। शहर शब्द फारसी से हिन्दी भाषा में आया है। पुराना संस्कृत शब्द नगर भी उपयोग किया जाता विशेषकर सरकारी कार्य में जैसे कि नगर निगम। .

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शेखर गुरेरा

सम्पादकीय कार्टूनिस्ट शेखर गुरेरा (पूरा नाम: चंद्रशेखर गुरेरा) एक भारतीय कार्टूनिस्ट हैं। इन्हें भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय से मान्यता प्राप्त है। इन्हें दैनिक पाकेट कार्टून के माध्यम से भारत के राजनीतिक एवं सामाजिक परिवेश पर चंद पंक्तियों में सटीक एवं गुदगुदाती टिप्पणियों के लिए जाना जाता है। इनके दैनिक कार्टून अंग्रेजी, हिन्दी और क्षेत्रीय भाषा के दैनिक समाचार पत्रों: द पायनियर, पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, हिंदसमाचार एवं जगबानी में प्रकाशित होते हैं। इन्होंने अपने कार्टून जीवन की शुरुआत १९८४ में बतौर स्नातक कर रहे विज्ञान के एक छात्र, फ्रीलांसर के रूप में की थी। .

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सतीश आचार्य

कार्टूनिस्ट सतीश आचार्य का जन्म कर्नाटक में उडुपी के निकट कुन्दपुर में हुआ। मेंगलोर विश्वविद्यालय से फाइनेंस में एमबीए सतीश वर्तमान में मिड-डे मुंबई में २००३ से ग्राफिक एडिटर के रूप में कार्यरत हैं। बतौर कार्टूनिस्ट सतीश १९९४ से विभिन्न पत्र पत्रिकाओं और वेबसाइट्स के लिए काम करते आ रहे हैं जिनमें जैम, मिड-डे, हंगामा.कॉम, डी आई पब्लिकेशन और कन्नड़ दैनिक कर्नाटक माला प्रमुख हैं। .

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समाचार

समाचार नवीनतम घटनाओं और समसामयिक विषयों पर अद्यतन सूचनाओं को कहते हैं, जिन्हें मुद्रण, प्रसारण, अंतर्जाल या अन्य माध्यमों की सहायता से आम लोगों यानी, पाठकों, दर्शकों और श्रोताओं तक पहुंचाया जाता है। समाचार अंग्रेजी शब्द न्यूज का हिंदी रूपांतरण है। .

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सलाम

सलाम मराठी भाषा के विख्यात साहित्यकार मंगेश के. पाडगाँवकर द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1980 में मराठी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सुधीर तैलंग

सुधीर तैलंग (26 फ़रवरी 1960 – 6 फ़रवरी 2016) भारतीय कर्टूनिस्ट थे। .

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सुरेन्द्र वर्मा

सुरेन्द्र वर्मा (जन्म: १९४१) हिन्दी के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास मुझे चाँद चाहिए के लिये उन्हें सन् 1996 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सुशील कालरा

सुशील कालरा जन्म 13 जून 1940 में गुजरांवाला (अब पाकिस्तान में) हुआ था। बहुत भटकाव के बाद उन्होंने अपनी अभिरुचि को समझते हुए नयी दिल्ली में कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स में प्रवेश ले लिया। एक एड-मेन के रूप में उत्पादों के विज्ञापन अभियानों ने उन्हें लोकप्रिय बनाया। उन्होंने व्यंग्यचित्र बनाने की शुरूआत की। बाद में वे पूरी तरह से १९६८ में व्यंग्यचित्रण के क्षेत्र में उतर गये। हिंदुस्तान टाइम्स प्रकाशन के दैनिक हिन्दुस्तान, ईवनिंग न्यूज़, साप्ताहिक हिन्दुस्तान, नन्दन, कादम्बिनी आदि के लिए सुशील कालरा ने कार्टून और रेखांकन बनाए। उन्होंने व्यापक रूप से विदेश की यात्राएं की, यहां तक कि उत्तरी ध्रुव की भी। उनके किया काम कई पश्चिमी और यूरोपीय देशों में प्रदर्शित और प्रकाशित हुआ। उन्होंने राजनीतिक कॉलम भी लिखे। बच्चों की पत्रिका नन्दन में नियमित छप्ने वाली उनकी बनायी चित्रकथा चीटू-नीटू काफ़ी लोकप्रिय थी। उन्होंने यह कार्टून स्ट्रिप 44 साल बनायी। उन्होंने एक उपन्यास लिखा था निक्का निमना, जिसका बाद में पंजाबी और अंग्रेजी में अनुवाद भी हुआ। वे छोटे पर्दे के एक जानेमाने व्यक्तित्व थे। उनका साक्षात्कार बीबीसी पर प्रसारित हुआ था और भारत के जानेमाने १० कार्टूनिस्टों की एक टीवी श्रंखला में भी उन्हें शामिल किया गया था। उन्होंने ३८ श्रंखलाओं में प्रसारित हुई रविवारीय क्विज़ को प्रस्तुत किया। हिन्दुस्तान टाइम्स से रिटायर होने पर उन्होंने अपने बेटों के साथ काफी समय अमेरिका में बिताया। वहां वे इच्छुक कलाकारों की मदद के लिए अंतर्राष्ट्रीय कलाकार समर्थक समूह (IASG), एक (आइएमजी) वॉशिंगटन डीसी, संगठन में शामिल हो गये। उन्होंने अकेले दम पर ललित कला अकादमी नयी दिल्ली में इस समूह के लिए ६ अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया। सन् २०११ में स्वास्थ्य जांच में उन्हें चौथे चरण का कैन्सर बताया गया। जब उनकी कैंसर चिकित्सक पुत्रवधु ने यह समाचार दिया तो उन्होंने अपने परिजनों से इस बात का खुलासा किसी से न करने को कहा। केमोथेरेपी इलाज के द्दौरान उनकी स्थिते में काफ़ी तेजी से सुधार आया। इसी बीच उन्होंने निक्का-निमना के अनुवाद कार्य की गति तेज कर दी। वे वहां से भी नियमित रूप से हर महीने नन्दन के लिए चीटू-नीटू बनाकर भारत भेजते रहे। निका-निमना का अनुवाद खत्म करने पर उन्होंने अपने जीवन के एक महत्वपूर्ण भाग यानी भारत-पाक बंटवारे के दौर, जब वे मात्र ७ साल के बालक थे, के तमाम अनुभवों को लिखने का निर्णय लिया। ये पुस्तकें एक मत, कयामत अब प्रकाशनाधीन हैं। गुजांवाला उनके मन-मस्तिष्क में बसा हुआ था। वे प्राय: विभाजन के काल को याद कर काफ़ी भावुक हो जाते थे। वे चाहते थे राष्ट्रीय स्तर पर कार्टूनिस्टों की कोई अच्छी संस्था हो। सुशील कालरा का देश से दूर मैरीलेण्ड, अमरीका में ८ सितम्बर २०१३ को निधन हो गया। .

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हरिओम तिवारी

कोई विवरण नहीं।

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हास्य

हास्य 9 रसों में से एक रस है जिसका अर्थ सुखांतक अथवा कामदी होता है। रस का अर्थ एक भाव/आस्वाद से होता है और रस-सिद्धान्त में प्राचीन भारतीय कला जिसमें रंगमंच, संगीत, नृत्य, काव्य और शिल्पकला भी शामिल है। श्रेणी:भारतीय शास्त्रीय संगीत श्रेणी:भारतीय कला हास्य रस का उदाहरण --- बन्दर ने कहा बंदरिया से चलो नहाने चले गंगा। बच्चो को छोड़ेंगे घर पे वही करेंगे हुडदंगा॥ .

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हिन्दुस्तान टाईम्स

हिन्दुस्तान टाईमज़ का दफ़तर नई दिल्ली में स्थित हिन्दुस्तान टाईमज़ हाउस हिन्दुस्तान टाईमज़ (अंग्रेज़ी: Hindustan Times (HT)) भारत का एक रोज़मर्रा अंग्रेज़ी अख़बार है। पाठकों की संख्या मुताबिक यह भारत के बड़े अख़बारों में से है। द टाईमज़ ऑफ़ इंडिया के बाद इसका दूसरा नंबर है। यह १९२४ में मास्टर सुन्दर सिंह लायलपुरी द्वारा कायम किया गया। .

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हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

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विनोद दुआ

विनोद दुआ (जन्म: ११ मार्च १९५४) पद्म श्री से सम्मानित भारत के जाने माने हिंदी टेलीविजन पत्रकार एवं कार्यक्रम निर्देशक है। वर्तमान मे यह नई दिल्ली टेलीविजन के समाचार चैनल एन.डी.टी.वी इन्डिया के प्रमुख प्रस्तुतकर्ता एवं समाचार वाचक है। .

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व्यंग-चित्रकार

कार्टूनिस्ट या व्यंग चित्रकार उस व्यक्ति को कहा जाता है जिसके चित्र हास्य या व्यंग पर आधारित होते हैं। कार्टूनिस्ट अपने चित्रों या कार्टून में व्यक्ति विशेष के चेहरे, हाव-भाव, चरित्र, वेश-भूषा, कथानक और संवाद के माध्यम व्यंग या हास्य का समायोजन करता है। कार्टूनिस्ट को कई श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है जैसे: समाचार पत्र या पत्रिका में कार्य करने वाले राजनैतिक कार्टूनिस्ट या सम्पादकीय कार्टूनिस्ट, कार्टून श्रंखला या कॉमिक स्ट्रिप बनाने वाले कार्टूनिस्ट, तथा एनिमेशन फिल्मों के लिए कार्य करने वाले कार्टूनिस्ट। .

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व्यंग्य

व्यंग्य साहित्य की एक विधा है जिसमें उपहास, मज़ाक (लुत्फ़) और इसी क्रम में आलोचना का प्रभाव रहता है। यूरोप में डिवाइन कॉमेडी, दांते की लैटिन में लिखी किताब को मध्यकालीन व्यंग्य का महत्वपूर्ण कार्य माना जाता है, जिसमें तत्कालीन व्यवस्था का मज़ाक उड़ाया गया था। व्यंग को मुहावरे मे व्यंग्यबाण कहा गया है। हिन्दी में हरिशंकर परसाई और श्रीलाल शुक्ल इस विधा के प्रमुख हस्ताक्षर हैं। .

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व्युत्पत्तिशास्त्र

भाषा के शब्दों के इतिहास के अध्ययन को व्युत्पत्तिशास्त्र (etymology) कहते हैं। इसमें विचार किया जाता है कि कोई शब्द उस भाषा में कब और कैसे प्रविष्ट हुआ; किस स्रोत से अथवा कहाँ से आया; उसका स्वरूप और अर्थ समय के साथ किस तरह परिवर्तित हुआ है। व्युत्पत्तिशास्त्र में शब्द के इतिहास के माध्यम से किसी भी राष्ट्र, प्रांत एवं समाज की भाषिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं सामाजिक पृष्ठभूमि अभिव्यक्त होती है। 'व्युत्पत्ति' का अर्थ है ‘विशेष उत्पत्ति’। किसी शब्द के क्रमिक इतिहास का अध्ययन करना, व्युत्पत्तिशास्त्र का विषय है। इसमें शब्द के स्वरूप और उसके अर्थ के आधार का अध्ययन किया जाता है। अंग्रेजी में व्युत्पत्तिशास्त्र को 'Etymology' कहते हैं। यह शब्द यूनानी भाषा के यथार्थ अर्थ में प्रयुक्त Etum तथा लेखा-जोखा के अर्थ में प्रयुक्त Logos के योग से बना है, जिसका आशय शब्द के इतिहास का वास्तविक अर्थ सम्पुष्ट करना है। भारतवर्ष में व्युत्पत्तिशास्त्र का उद्भव बहुत प्राचीन है। जब वेद मन्त्रों के अर्थों को समझना सुगम नहीं रहा तब भारतीय मनीषियों द्वारा वेदों के क्लिष्ट शब्दों के संग्रह रूप में निघण्टु ग्रन्थ लिखे गए तथा निघण्टु ग्रन्थों के शब्दों की व्याख्या और शब्द व्युत्पत्ति के ज्ञान के लिए निरुक्त ग्रन्थों की रचना हुई। वेदों के अध्ययन के लिए वेदागों के छ: शास्त्रों में निरुक्त शास्त्र भी सम्मिलित हैं। निरूक्त शास्त्र संख्या में 12 बतलाए जाते हैं, लेकिन इस समय आचार्य यास्क प्रणीत एक मात्र निरूक्त उपलब्ध है। .

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वृत्त चित्र

किसी वृत्त अर्थात समाचार या सत्य घटना पर आधारित फ़िल्म को वृत्तचित्र (डॉकुमेण्टरी फिल्म) कहते हैं। इसमें कलात्मकता, अभिनय और मनोरंजन के स्थान पर वृत्त के विषय और उद्देश्य पर अधिक ध्यान रखा जाता है। .

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आबिद सुरती

एक हिन्दी-गुजराती साहित्यकार और कार्टून पात्र ढब्बू जी के सर्जकहैं.

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इतालवी भाषा

इतालवी (अथवा इटैलियन) भाषा (Italiano ईतालियानो) इटली की मुख्य और राजभाषा है। ये हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की रोमांस शाखा में आती है। इसकी जननी लातिनी है। इसकी लिपि रोमन लिपि है। ये स्विट्ज़रलैंड के दो कैण्टन की भी राजभाषा है। कोर्सिका (फ्रांसीसी), त्रियेस्ते (यूगोस्लाविया) के कुछ भाग तथा सानमारीनो के छोटे से प्रजातंत्र में भी इतालवी बोली जाती है। .

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इरफ़ान ख़ान (कार्टूनिस्ट)

इरफ़ान ख़ान (पूरा नाम मोहम्मद इरफ़ान खान- जन्म ४ नवंबर १९६६) का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में हुआ था। स्थानीय अखबार दैनिक भास्कर और स्वदेश में सन ८२-१९८९ तक कार्टून बनाते रहे। दिल्ली की श्रीधरणी आर्ट गैलरी में अपनी प्रदर्शिनी के दौरान वे नवभारत टाइम्स लखनऊ के लिये चुन लिये गए। १९९४ में दिल्ली आकर इकोनोमिक टाइम्स, फ़ाइनेन्शिअल एक्स्प्रेस,एशियन ऐज, में स्टाफ़ कार्टूनिस्ट रहे। २००० में ज़ी न्यूज़ में वरिष्ठ कार्टूनिस्ट के पद पर काम करते हुए अपना टाक शो शख्शियत होस्ट किया, २००३ में एनडीटीवी के शो गुस्ताखी माफ़ की स्क्रिप्ट लिखी और सहारा समय पर इतनी सी बात होस्ट किया। अब तक ३ संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। एन्सीईआरटी के पाठ्यक्रम की पुस्तकों में इरफ़ान सहित देश के विभिन अन्य कार्टूनिस्टों के संपादकीय कार्टूनों को भी शामिल किया गया था। जापान फ़ाउन्डेशन ने "एशियाई कार्टून प्रदशनी" के अपने वार्षिक कार्यक्रम के तहत, २००५ में नौवी प्रदर्शिनी के लिए प्रत्येक एशियाई देश से एक कार्टूनिस्ट के चयन हेतु भारत की ओर से इरफ़ान का चयन किया। अनेक पुरस्कारों से सम्मानित इरफ़ान अब तक ६ कार्टून प्रदर्शिनियाँ कर चुके हैं। जिनमें क्रिकेट, आतंकवाद, साम्प्रदायिक्ता और ग्लोबल वार्मिन्ग पर प्रदर्शिनियाँ काफ़ी चर्चित रही हैं। २००७ में मिड डे अखबार में भारत के पूर्व मुख्य न्यायधीश पर कार्टून बनाने पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने इरफ़ान को ४ महीने की सज़ा सुनाई। यह मामला अभी उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। .

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इस्माईल लहरी

ईस्माईल लहरी दैनिक भास्कर के जाने-माने कार्टूनिस्ट हैं और इनेक कार्टून अखबार ही नहीं सोशल मिडिया पर भी चाहे रहते हैं। इनके कार्टून में राजनीती से लेकर किसी भी घटना का जिक्र बहुत ही अच्छे व्यंग्य के साथ होता हैं। श्रेणी:कार्टूनिस्ट.

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कार्टून

कार्टून (en:Cartoon) का अर्थ है कोई भी हास्य या मनोरंजक चित्र। कार्टून फ़िल्म एक चलचित्र (सिनेमा, या उसका हिस्सा) होता है, जो एक कार्टून-चित्रों के सिलसिले को लगातार फ़ोटोग्राफ़ी करके बनाया जाता है। हर चित्र अपने पिछले वाले से थोड़ा अलग हरकत या चाल चित्रित करता है, जिससे कि हमारी आँखों को ये चित्र चलते-फ़िरते नज़र आते हैं, जब उनको इसी सिलसिले में प्रोजेक्ट किया जाता है। कार्टून फ़िल्में मनोरंजन का अच्छा साधन हैं, ख़ास तौर पर बच्चों के लिये। कुछ टीवी चैनल सिर्फ़ कार्टूनों के लिये ही बने हैं, जैसे कार्टून नेटवर्क। .

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काक

काक एक हिन्दी शब्द है। .

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कुट्टी

चित्रकार कार्टूनिस्ट कुट्टी का जन्म १९२१ में केरल में हुआ। अपनी पढ़ाई के दौरान ही कुट्टी को राजनीतिक कार्टूनों में रूचि पैदा हो गई थी। कुट्टी उस समय के अंग्रेज़़ी शासन में उपलब्ध पत्र पत्रिकाओं में छापे कार्टूनों को बड़े चाव से देखते थे और उन्हें दोबारा बनाकर अपने साथियों का मनोरन्जन भी करते थे। इसी तरह कार्टून बनाते हुए कुट्टी इस काम में माहिर हो गए। .

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क्रिकेट

क्रिकेट एक बल्ले और गेंद का दलीय खेल है जिसकी शुरुआत दक्षिणी इंग्लैंड में हुई थी। इसका सबसे प्राचीन निश्चित संदर्भ १५९८ में मिलता है, अब यह १०० से अधिक देशों में खेला जाता है। क्रिकेट के कई प्रारूप हैं, इसका उच्चतम स्तर टेस्ट क्रिकेट है, जिसमें वर्तमान प्रमुख राष्ट्रीय टीमें इंडिया(भारत), ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैण्ड, श्रीलंका, वेस्टइंडीज, न्यूजीलैण्ड, पाकिस्तान, ज़िम्बाब्वे, बांग्लादेश अफ़ग़ानिस्तान और आयरलैण्ड हैं। अप्रैल 2018 में, आईसीसी ने घोषणा की कि वह 1 जनवरी 2019 से अपने सभी 104 सदस्यों को ट्वेन्टी-२० अंतरराष्ट्रीय की मान्यता प्रदान करेगी। वरीयता में टेस्ट क्रिकेट के बाद एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को गिना जाता है जिसका 2011 का क्रिकेट विश्वकप भारत ने जीता था; इस टूर्नामेंट को २०० से अधिक देशों में टेलीविजन पर दिखाया गया था और अनुमानतः २ बिलियन से अधिक दर्शकों ने देखा था। एक क्रिकेट मुकाबले में ११ खिलाड़ियों के दो दल होते हैं इसे घास के मैदान में खेला जाता है, जिसके केन्द्र में भूमि की एक समतल लम्बी पट्टी होती है जिसे पिच कहते हैं। विकेट लकड़ी से बनी होती हैं, जिसे पिच के प्रत्येक सिरे में लगाया जाता है और उसका प्रयोग एक लक्ष्य के रूप में किया जाता है। गेंदबाज क्षेत्ररक्षण टीम का एक खिलाड़ी होता है, जो गेंदबाजी के लिए एक सख्त, चमड़े की मुट्ठी के आकार की क्रिकेट की गेंद को एक विकेट के पास से दूसरे विकेट की और डालता है, जिसे विपक्षी टीम के एक खिलाड़ी बल्लेबाज के द्वारा बचाया जाता है। आम तौर पर गेंद बल्लेबाज के पास पहुँचने से पहले एक बार टप्पा खाती है। अपने विकेट की रक्षा करने के लिए बल्लेबाज लकड़ी के क्रिकेट के बल्ले से गेंद को खेलता है। इसी बीच गेंदबाज की टीम के अन्य सदस्य मैदान में क्षेत्ररक्षक के रूप में अलग-अलग स्थितियों में खड़े रहते हैं, ये खिलाड़ी बल्लेबाज को दौड़ बनाने से रोकने के लिए गेंद को पकड़ने का प्रयास करते हैं और यदि सम्भव हो तो उसे आउट करने की कोशिश करते हैं। बल्लेबाज यदि आउट नहीं होता है तो वो विकेटों के बीच में भाग कर दूसरे बल्लेबाज ("गैर स्ट्राइकर") से अपनी स्थिति को बदल सकता है, जो पिच के दूसरी ओर खड़ा होता है। इस प्रकार एक बार स्थिति बदल लेने से एक रन बन जाता है। यदि बल्लेबाज गेंद को मैदान की सीमारेखा तक हिट कर देता है तो भी रन बन जाते हैं। स्कोर किए गए रनों की संख्या और आउट होने वाले खिलाड़ियों की संख्या मैच के परिणाम को निर्धारित करने वाले मुख्य कारक हैं। यह कई बातों पर निर्भर करता है कि क्रिकेट के खेल को ख़त्म होने में कितना समय लगेगा। पेशेवर क्रिकेट में यह सीमा हर पक्ष के लिए २० ओवरों से लेकर ५ दिन खेलने तक की हो सकती है। खेल की अवधि के आधार पर विभिन्न नियम हैं जो खेल में जीत, हार, अनिर्णीत (ड्रा), या बराबरी (टाई) का निर्धारण करते हैं। क्रिकेट मुख्यतः एक बाहरी खेल है और कुछ मुकाबले कृत्रिम प्रकाश (फ्लड लाइट्स) में भी खेले जाते हैं। उदाहरण के लिए, गरमी के मौसम में इसे संयुक्त राजशाही, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में खेला जाता है जबकि वेस्ट इंडीज, भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश में ज्यादातर मानसून के बाद सर्दियों में खेला जाता है। मुख्य रूप से इसका प्रशासन दुबई में स्थित अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के द्वारा किया जाता है, जो इसके सदस्य राष्ट्रों के घरेलू नियंत्रित निकायों के माध्यम से विश्व भर में खेल का आयोजन करती है। आईसीसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेले जाने वाले पुरूष और महिला क्रिकेट दोनों का नियंत्रण करती है। हालांकि पुरूष, महिला क्रिकेट नहीं खेल सकते हैं पर नियमों के अनुसार महिलाएं पुरुषों की टीम में खेल सकती हैं। मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप, आस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम, आयरलैंड, दक्षिणी अफ्रीका और वेस्टइंडीज में क्रिकेट का पालन किया जाता है। नियम संहिता के रूप में होते हैं जो, क्रिकेट के कानून कहलाते हैं और इनका अनुरक्षण लंदन में स्थित मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एम सी सी) के द्वारा किया जाता है। इसमें आई सी सी और अन्य घरेलू बोर्डों का परामर्श भी शामिल होता है। .

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केशव

केशव का स्वचित्रण (१५७० ई) केशव या केशवदास (जन्म (अनुमानत) 1555 विक्रमी और मृत्यु (अनुमानत) 1618 विक्रमी) हिन्दी साहित्य के रीतिकाल की कवि-त्रयी के एक प्रमुख स्तंभ हैं। वे संस्कृत काव्यशास्त्र का सम्यक् परिचय कराने वाले हिंदी के प्राचीन आचार्य और कवि हैं। इनका जन्म सनाढ्य ब्राह्मण कुल में हुआ था। इनके पिता का नाम काशीराम था जो ओड़छानरेश मधुकरशाह के विशेष स्नेहभाजन थे। मधुकरशाह के पुत्र महाराज इन्द्रजीत सिंह इनके मुख्य आश्रयदाता थे। वे केशव को अपना गुरु मानते थे। रसिकप्रिया के अनुसार केशव ओड़छा राज्यातर्गत तुंगारराय के निकट बेतवा नदी के किनारे स्थित ओड़छा नगर में रहते थे। .

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अनवर अहमद

अनवर अहमद (1909-1992) (कलमी नाम अहमद), एक भारतीय कार्टूनिस्ट और हिंदुस्तान टाइम्स में एक लोकप्रिय कार्टून पट्टी के केंद्रीय पात्र बड़े पेटवाला पगड़ीदार चंदू के निर्माता थे। .

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अभिषेक तिवारी

कार्टूनिस्ट अभिषेक तिवारी का जन्म ३० मार्च १९६८ को मध्यप्रदेश के भिंड में हुआ। ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व) अभिषेक का पहला कार्टून ग्वालियर के हिंदी दैनिक आचरण में १९८५ प्रकाशित हुआ। विभिन्न समाचारपत्रों के लिए स्वतंत्र कार्य करते हुए १९८९ में आचरण से ही अभिषेक ने स्टाफ कार्टूनिस्ट के रूप में कार्य प्रारंभ किया। १९९१ से १९९३ तक दैनिक भास्कर के ग्वालियर संस्करण और फिर १९९३ से १९९६ तक इंदौर संस्करण में स्टाफ कार्टूनिस्ट रहे। १९९६ से १९९७ तक लखनऊ में दैनिक हिंदुस्तान में और फिर १९९७-१९९८ में दैनिक भास्कर के जयपुर संस्करण में कार्टूनिस्ट रहे। १९९८ से अब तक राजस्थान पत्रिका में कार्य करते हुए अभिषेक वर्त्तमान में राजस्थान पत्रिका जयपुर में सीनियर न्यूज़ एडिटर (कार्टून) के पर पर कार्यरत हैं। तिवारी, अभिषेक तिवारी, अभिषेक श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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१ (संख्या)

एक देवनागरी लिपि में प्रयुक्त होने वाली एक संख्या है। इसको एक कहते हैं। अंग्रेज़ी भाषा में इसे वन (One) या 1 लिखते है। एक गणित उदहारण के तोर पे १ को २ में से घटाने पर १ बचता है। २ - १ .

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