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एर्नेट

सूची एर्नेट

एर्नेट (शिक्षण एवं अनुसंधान नेटवर्क) ने देश में नेटवर्क की सुविधा लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह व्यावहारिक रूप से भारत में इंटरनेट लेकर आया और इसने नेटवर्किंग, विशेष रूप से प्रोटाकॉल सॉफ्टवेयर इंजीरियरिंग के क्षेत्र में राष्ट्रीय क्षमताओं का निर्माण किया है। यह न केवल ऐसा बड़ा नेटवर्क बनाने में सफल हुआ है, जो भारतीय समाज के बुद्धिजीवी वर्ग (अनुसंधान और शैक्षिक समुदाय) को विभिन्न सुविधाएं प्रदान करता है, बल्कि वर्ष बीतने के साथ नेटवर्किंग के क्षेत्र में परम्परा का सूत्रधार बन गया है। UNDP ने अपने द्वारा वित्तपोषित एक सबसे सफल कार्यक्रम के रूप में एर्नेट की प्रशंसा की है। भारत सरकार ने नौवीं योजना में धनराशि के आबंटन के और एक संस्था के रूप में एक नई संगठनात्मक संरचना तैयार करके इस परियोजना को और अधिक सुदृढ़ बनाने का संकल्प लिया। देश के वैज्ञानिक समुदाय ने भी बुनियादी सुविधाओं और अनुसंधान एवं विकास दोनों के लिए एर्नेट के योगदान को सराहा है। मंत्रमंडल की वैज्ञानिक सलाहकार समिति ने देश में अनुसंधान एवं विकास नेटवर्क की शुरुआत करने के लिए प्लेटफार्म के रूप में एर्नेट को अपनाया है। एर्नेट की स्थापना इलेक्ट्रानिकी विभाग (DoE) द्वारा भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की वित्तीय मदद से 1986 में की गई और आठ प्रमुख संस्थानों को इसके प्रतिभागी एजेंसियों के रूप में सम्मिलित किया गया -- NCST (राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी केन्द्र) बम्बई, IISc (भारतीय विज्ञान संस्थान) बंगलौर, दिल्ली, बम्बई, कानपुर, खड़गपुर और मद्रास स्थित पांच IITs (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) और इलेक्ट्रानिकी विभाग, नई दिल्ली। एर्नेट ने एक मल्टीप्रोटोकॉल नेटवर्क के रूप में कार्य आरम्भ किया जसके TCP/IP तथा OSI-IP प्रोटोकॉल स्टैक्स बैकबोन के लीज़्ड-लाइन भाग पर चल रहे थे। लेकन 1995 के बाद से लगभग सारा ट्रैफिक TCP/IP पर चलता है। निम्नलिखित के माध्यम से कम्प्यूटर नेटवर्किंग के क्षेत्र में राष्ट्रीय क्षमता निर्माण की नींव रखी गई: अनुसंधान और विकास:- कम्प्यूटर नेटवर्किंग के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास ERNET की विशेषता रही है। भारत में एर्नेट सबसे बड़ा राष्ट्रव्यापी स्थलीय एवं उपग्रह नेटवर्क है और इसकी देश के प्रमुख शहरों में अग्रकी शैक्षिक और अनुसंधान संस्थानों में उपस्थिति है। एर्नेट का ध्यान केवल कनेक्टिविटी प्रदान करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि प्रयोक्ताओं के लिए वेब साइट तैयार करके और संगत सूचना प्रदान करके शैक्षिक और अनुसंधान संस्थानों की समूची आवश्यकताओं को पूरा करना भी है। अनुसंधान एवं विकास और प्रशिक्षण एर्नेट के कार्यालयों के अभिन्न अंग हैं। एर्नेट के सहयोग से ही एक प्रकल्प डिजिटल लायब्रेरी ऑफ इन्डिया स्थापित है, जिसमे अंतरजाल पर कई भाषाओ में साहित्य, विज्ञान, कला, संस्कृति, कृषि एवं व्यापार संबन्धी अच्छी पुस्तकें सबके लिए उपलब्ध हैं। इंटरनेट व इंट्रानेट उपकरणों और कम्प्यूटर की सहायता वाली तकनीकों को ज्ञानार्जन के वातावरण में एकीकृत करना। इसके अतिरिक्त एर्नेट की अन्य गतिविधियां हैं- ERNET प्रयोक्ताओं को उपलब्ध विभिन्न क्नेक्टिविटी विकल्प निम्नानुसार हैं:- डायल अप UUCP, डायल अप IP, लीज्ड लाइनें (एनालॉग या डिजिटल),VSAT, रेडियो लिंक इंटरनेट कनेक्टिविटी, ई-मेल, वेब होस्टिंग सेवाएं, डोमेन पंजीकरण, सहायता डेस्क, शिक्षा पोर्टल, परिसर व्यापी नेटवर्किंग, इंटरनेट सुरक्षा और नेटवर्किंग में प्रशिक्षण कार्यक्रम श्रेणी:भारत में इंटरनेट श्रेणी:सूचना प्रौद्योगिकी परियोजनायें श्रेणी:सूचना एवं संचार परियोजनायें श्रेणी:दिल्ली मे स्थित शोध संस्थान.

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