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१९३५

सूची १९३५

1935 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

40 संबंधों: तेनजिन ग्यात्सो, धर्मेन्द्र, नितु कुंडु, प्रभु लाल भटनागर, बीसवीं शताब्दी, भारतीय इतिहास तिथिक्रम, भीमराव आम्बेडकर, मनोहर श्याम जोशी, मिलखा सिंह, मैकमहोन रेखा, मेरी क्युरी, राजमोहन गांधी, रिक्टर पैमाना, श्रीराम वर्मा, संविधान, हरारे, हिमांशु जोशी, जे एडगर हूवर, वुडी एलन, गुणाकर मुले, ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची, गोलमेज सम्मेलन (भारत), कन्नड साहित्य सम्मेलन, अन्वेषणों की समय-रेखा, अबेदिन नेप्राविश्ता, अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची, अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ, उद्देश्य संकल्प, १० सितंबर, ११ दिसम्बर, १५ अगस्त, १५ अक्टूबर, १६ जुलाई, १८ जुलाई, १९ जनवरी, २१ नवम्बर, २७ जुलाई, ६ नवम्बर, ८ दिसम्बर, ८ मार्च

तेनजिन ग्यात्सो

चौदहवें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो (६ जुलाई, 1934 - वर्तमान) तिब्बत के राष्ट्राध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरू हैं। उनका जन्म ६ जुलाई १९३५ को उत्तर-पूर्वी तिब्बत के ताकस्तेर क्षेत्र में रहने वाले ये ओमान परिवार में हुआ था। दो वर्ष की अवस्था में बालक ल्हामो धोण्डुप की पहचान 13 वें दलाई लामा थुबटेन ग्यात्सो के अवतार के रूप में की गई। दलाई लामा एक मंगोलियाई पदवी है जिसका मतलब होता है ज्ञान का महासागर और दलाई लामा के वंशज करूणा, अवलोकेतेश्वर के बुद्ध के गुणों के साक्षात रूप माने जाते हैं। बोधिसत्व ऐसे ज्ञानी लोग होते हैं जिन्होंने अपने निर्वाण को टाल दिया हो और मानवता की रक्षा के लिए पुनर्जन्म लेने का निर्णय लिया हो। उन्हें सम्मान से परमपावन की कहा जाता है। .

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धर्मेन्द्र

धर्मेन्द्र (पंजाबी: ਧਰਮਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਦਿਉਲ जन्म: ८ दिसंबर, १९३५) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। इनकी पत्नी हेमा मालिनी, पुत्र बॉबी द्योल और सनी द्योल भी फ़िल्मों में काम करते हैं। धर्मेन्द्र 2004 से 2009 तक बीकानेर से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद थे। .

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नितु कुंडु

The SAARC fountain, Dhaka नितु कुंडु (पुरा नाम: नित्य गोपाल कुंडु) का जन्म 3 दिसंबर 1935 को बंग्लादेश में हुआ था। ये एक शिल्पकार एंव कलाकार थें.

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प्रभु लाल भटनागर

प्रभुलाल भटनागर, (8 अगस्त, 1912 - 5 अक्टूबर, 1976) विश्वप्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ थे। इन्हें गणित के लैटिस-बोल्ट्ज़मैन मैथड में प्रयोग किये गए भटनागर-ग्रॉस-क्रूक (बी.जी.के) कोलीज़न मॉडल के लिये जाना जाता है।। इंडियन मैथ सोसायटी। ऑब्सोल्यूट एस्ट्रॉनोमी .

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बीसवीं शताब्दी

ग्रेगरी पंचांग (कलेंडर) के अनुसार ईसा की बीसवीं शताब्दी 1 जनवरी 1901 से 31 दिसम्बर 2000 तक मानी जाती है। कुछ इतिहासवेत्ता 1914 से 1992 तक को संक्षिप्त बीसवीं शती का नाम भी देते हैं। (उन्नीसवी शताब्दी - बीसवी शताब्दी - इक्कीसवी शताब्दी - और शताब्दियाँ) दशक: १९०० का दशक १९१० का दशक १९२० का दशक १९३० का दशक १९४० का दशक १९५० का दशक १९६० का दशक १९७० का दशक १९८० का दशक १९९० का दशक ---- समय के गुज़रने को रेकोर्ड करने के हिसाब से देखा जाये तो बीसवी शताब्दी वह शताब्दी थी जो १९०१ - २००० तक चली थी। मनुष्य जाति के जीवन का लगभग हर पहलू बीसवी शताब्दी में बदल गया।.

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भारतीय इतिहास तिथिक्रम

भारत के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं तिथिक्रम में।;भारत के इतिहास के कुछ कालखण्ड.

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भीमराव आम्बेडकर

भीमराव रामजी आम्बेडकर (१४ अप्रैल, १८९१ – ६ दिसंबर, १९५६) बाबासाहब आम्बेडकर के नाम से लोकप्रिय, भारतीय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) के खिलाफ सामाजिक भेद भाव के विरुद्ध अभियान चलाया। श्रमिकों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री, भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। आम्बेडकर विपुल प्रतिभा के छात्र थे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्राप्त की। उन्होंने विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के शोध कार्य में ख्याति प्राप्त की। जीवन के प्रारम्भिक करियर में वह अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवम वकालत की। बाद का जीवन राजनीतिक गतिविधियों में बीता; वह भारत की स्वतंत्रता के लिए प्रचार और बातचीत में शामिल हो गए, पत्रिकाओं को प्रकाशित करने, राजनीतिक अधिकारों की वकालत करने और दलितों के लिए सामाजिक स्वतंत्रता की वकालत और भारत की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया। 1990 में, उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था। आम्बेडकर की विरासत में लोकप्रिय संस्कृति में कई स्मारक और चित्रण शामिल हैं। .

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मनोहर श्याम जोशी

मनोहर श्याम जोशी 1935- (देहांत: मार्च ३०, २००६) आधुनिक हिन्दी साहित्य के श्रेष्ट गद्यकार, उपन्यासकार, व्यंग्यकार, पत्रकार, दूरदर्शन धारावाहिक लेखक, जनवादी-विचारक, फिल्म पट-कथा लेखक, उच्च कोटि के संपादक, कुशल प्रवक्ता तथा स्तंभ-लेखक थे। दूरदर्शन के प्रसिद्ध और लोकप्रिय धारावाहिकों- ' बुनियाद' 'नेताजी कहिन', 'मुंगेरी लाल के हसीं सपने', 'हम लोग' आदि के कारण वे भारत के घर-घर में प्रसिद्ध हो गए थे। वे रंग-कर्म के भी अच्छे जानकार थे। उन्होंने धारावाहिक और फिल्म लेखन से संबंधित ' पटकथा-लेखन' नामक पुस्तक की रचना की है। दिनमान' और 'साप्ताहिक हिन्दुस्तान' के संपादक भी रहे। .

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मिलखा सिंह

मिलखा सिंह का जन्म (लायलपुर ८ अक्टूबर १९३५) को हुआ था। वे एक सिख धावक थे जिन्होंने रोम के १९६० ग्रीष्म ओलंपिक और टोक्यो के १९६४ ग्रीष्म ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। उनको "उड़न सिख" का उपनाम दिया गया था। वे भारत के बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक हैं। .

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मैकमहोन रेखा

मैकमोहन रेखा पूर्वी-हिमालय क्षेत्र के चीन-अधिकृत एवं भारत अधिकृत क्षेत्रों के बीच सीमा चिह्नित करती है। यही सीमा-रेखा १९६२ के भारत-चीन युद्ध का केन्द्र एवं कारण थी। यह क्षेत्र अत्यधिक ऊंचाई का पर्वतीय स्थान है, जो मानचित्र में लाल रंग से दर्शित है। मैकमहोन रेखा भारत और तिब्बत के बीच सीमा रेखा है। यह अस्तित्व में सन् १९१४ में भारत की तत्कालीन ब्रिटिश सरकार और तिब्बत के बीच शिमला समझौते के तहत आई थी। १९१४ के बाद से अगले कई वर्षो तक इस सीमारेखा का अस्तित्व कई अन्य विवादों के कारण कहीं छुप गया था, किन्तु १९३५ में ओलफ केरो नामक एक अंग्रेज प्रशासनिक अधिकारी ने तत्कालीन अंग्रेज सरकार को इसे आधिकारिक तौर पर लागू करने का अनुरोध किया। १९३७ में सर्वे ऑफ इंडिया के एक मानचित्र में मैकमहोन रेखा को आधिकारिक भारतीय सीमारेखा के रूप में पर दिखाया गया था। इस सीमारेखा का नाम सर हैनरी मैकमहोन के नाम पर रखा गया था, जिनकी इस समझौते में महत्त्वपूर्ण भूमिका थी और वे भारत की तत्कालीन अंग्रेज सरकार के विदेश सचिव थे। अधिकांश हिमालय से होती हुई सीमारेखा पश्चिम में भूटान से ८९० कि॰मी॰ और पूर्व में ब्रह्मपुत्र तक २६० कि॰मी॰ तक फैली है। जहां भारत के अनुसार यह चीन के साथ उसकी सीमा है, वही, चीन १९१४ के शिमला समझौते को मानने से इनकार करता है। चीन के अनुसार तिब्बत स्वायत्त राज्य नहीं था और उसके पास किसी भी प्रकार के समझौते करने का कोई अधिकार नहीं था। चीन के आधिकारिक मानचित्रों में मैकमहोन रेखा के दक्षिण में ५६ हजार वर्ग मील के क्षेत्र को तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र का हिस्सा माना जाता है। इस क्षेत्र को चीन में दक्षिणी तिब्बत के नाम से जाना जाता है। १९६२-६३ के भारत-चीन युद्ध के समय चीनी फौजों ने कुछ समय के लिए इस क्षेत्र पर अधिकार भी जमा लिया था। इस कारण ही वर्तमान समय तक इस सीमारेखा पर विवाद यथावत बना हुआ है, लेकिन भारत-चीन के बीच भौगोलिक सीमा रेखा के रूप में इसे अवश्य माना जाता है। .

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मेरी क्युरी

मेरी क्युरी मैरी स्क्लाडोवका क्यूरी (लघु नाम: मैरी क्यूरी) (७ नवम्बर १८६७ - ४ जुलाई १९३४) विख्यात भौतिकविद और रसायनशास्त्री थी। मेरी ने रेडियम की खोज की थी। विज्ञान की दो शाखाओं (भौतिकी एवं रसायन विज्ञान) में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाली वह पहली वैज्ञानिक हैं। वैज्ञानिक मां की दोनों बेटियों ने भी नोबल पुरस्कार प्राप्त किया। बडी बेटी आइरीन को १९३५ में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ तो छोटी बेटी ईव को १९६५ में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार मिला। .

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राजमोहन गांधी

नयी दिल्ली भारत में १९३५ में जन्मे श्री राजमोहन गांधी महात्मा गांधी के पौत्र एवं भारत के एक प्रमुख शिक्षाविद, राजनैतिक कार्यकर्ता, एवं जीवनी लेखक हैं। श्री गांधी की शिक्षा का आरंभ मॉडर्न स्कूल में हुआ था। श्री गांधी इस समय दिल्ली स्थित सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडीज में रिसर्च प्रोफेसर हैं। श्री गांधी इस समय अमरीका के इलिनॉय विश्वविद्यालय अर्बाना-शैंपेन में विजिटिंग प्रोफेसर भी हैं। .

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रिक्टर पैमाना

चार्ल्स रिक्टर रिक्टर पैमाना (अंग्रेज़ी:Richter magnitude scale) भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना है। किसी भूकम्प के समय भूमि के कम्पन के अधिकतम आयाम और किसी यादृच्छ (आर्बिट्रेरी) छोटे आयाम के अनुपात के साधारण लघुगणक को 'रिक्टर पैमाना' कहते हैं। रिक्टर पैमाने का विकास १९३० के दशक में किया गया था। १९७० के बाद से भूकम्प की तीव्रता के मापन के लिये रिक्टर पैमाने के स्थान पर 'आघूर्ण परिमाण पैमाना' (Moment Magnitude Scale (MMS)) का उपयोग किया जाने लगा। 'रिक्तर पैमाने' का पूरा नाम रिक्टर परिमाण परीक्षण पैमाना (रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल) है और लघु रूप में इसे स्थानिक परिमाण (लोकल मैग्नीट्यूड) (M_L) लिखते हैं। .

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श्रीराम वर्मा

श्रीराम वर्मा (जन्म १९३५) प्रमुख कवि, कथाकार एवं सम्पादक हैं। निराला पुरस्कार से सम्मानित एवं चौथा सप्तक में शामिल हैं। संशय की रात, अभिव्यक्ति का स्वरूप इनकी प्रमुख आलोचना पुस्तकें हैं। इन्होंने नयी कविता एवं विवेकानन्द साहित्य के सम्पादक का कार्य भी किया है। श्रेणी:हिन्दी साहित्यकार.

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संविधान

संविधान, मूल सिद्धान्तों या स्थापित नज़ीरों का एक समुच्चय है, जिससे कोई राज्य या अन्य संगठन अभिशासित होते हैं। वह किसी संस्था को प्रचालित करने के लिये बनाया हुआ संहिता (दस्तावेज) है। यह प्रायः लिखित रूप में होता है। यह वह विधि है जो किसी राष्ट्र के शासन का आधार है; उसके चरित्र, संगठन, को निर्धारित करती है तथा उसके प्रयोग विधि को बताती है, यह राष्ट्र की परम विधि है तथा विशेष वैधानिक स्थिति का उपभोग करती है सभी प्रचलित कानूनों को अनिवार्य रूप से संविधान की भावना के अनुरूप होना चाहिए यदि वे इसका उल्लंघन करेंगे तो वे असंवैधानिक घोषित कर दिए जाते है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी सम्प्रभु देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है, जिसमें, उसके अंग्रेज़ी-भाषी संस्करण में १४६,३८५ शब्दों के साथ, २२ भागों में ४४४ अनुच्छेद, १२ अनुसूचियाँ और १०१ संशोधन हैं, जबकि मोनाको का संविधान सबसे छोटा लिखित संविधान है, जिसमें ९७ अनुच्छेदों के साथ १० अध्याय, और कुल ३,८१४ शब्द हैं। .

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हरारे

ज़िम्बाब्वे के मानचित्र में हरारे (अलग रंग में) हरारे ज़िम्बाब्वे की राजधानी है होने के अलावा ज़िम्बाब्वे का सबसे बडा शहर है तथा ज़िम्बाब्वे का सबसे बडा प्रशासकीय, आर्थिक तथा संचार केंद्र है। तम्बाकु, मकाय आदि का यह व्यापार केंद्र है। यहां पर स्टील तथा रसायनों का उत्पादन होता है। हरारे शहर की स्थापना १८९० में हुई थी जब यहां पर पायोनियर कोलम द्वारा एक किल्ला बनाया गया था। शहर का नाम तब सेलिसबरी रक्खा गया था। १९३५ में इसे एक शहर का रूप मिला। १८ अप्रैल १९८२ को इसे हरारे नाम दिया गया (ज़िम्बाब्वे की आज़ादी की दूसरी वर्ष्गांठ पर) श्रेणी:ज़िम्बाब्वे.

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हिमांशु जोशी

जन्म – 4 मई 1935 (उत्तराँचल).

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जे एडगर हूवर

जॉन एड्गर हूवर (१ जनवरी १८९५– मई २, १९७२) फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के प्रथम निदेशक थे। इनका जन्म १८९५ के नव वर्श दिवस पर ऐन्ना मरी शाइट्लीन् और डिकर्सन् नेय्लोर हूवर (सीनियर्) को वाशिंगटन डीसी मे हुआ था। जान् की मा के पूर्वज स्विट्झरलैन्ड मे किराये के सैनिक हुआ करते थे और उनके पिता अन्ग्रेजी और जर्मनी की मिली-जुली धरोहर के थे। हूवर ने कालेज मे पधते समय लायब्रेरी आफ् कान्ग्रे मे काम किय था और इस ही दौरान वे काप्पा आल्फा आर्डर (आल्फा न्यु १९१४) के सदस्य थे। उन्होने १९१७ मे जार्ज वाशिन्ग्टन यूनिवर्सिटी से वकालत की उपाधी प्राप्त करी। श्रेणी:एफ बी आई.

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वुडी एलन

वुडी एलन १ दिसंबर १९३५ को ब्रुकलीन में जन्में वुडी एलन लेखक, निर्देशक, हास्य अभिनेता तथा संगीतकार के रूप में सुपरिचित हैं। एनी हाल तथा हाना एंड हर सिस्टर्स नामक इनकी दो फिल्में मौलिक पटकथा के लिए अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत हुई हैं। एनी हाल में श्रेष्ट निर्देशन के लिए १९७७ में इन्हे अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ। वुडी एलेन (एलेन स्टूवर्ट कोनिगसबेर्ग) एक अमेरिकी पटकथा लेखक, निर्देशक, अभिनेता, हास्य अभिनेता, लेखक, नाटककार और संगीतकार है| उनका व्यावसायिक जीवन पचास से अधिक वर्षों तक फैला है| १९५० दशक में वे हास्य लेखन किया करते थे| उन्होनें कई चुटकुले, दूरदर्शन के लिए लिपियान और कई हास्य लघुकथाएँ के किताबें प्रकाशित की थी| १९६० दशक के शुरुआत में एलन परंपरागत चुटकुलों पर बल डालने के बजाए एकालाप पर बल डाले और उन्होनें एक स्टैंड अप हास्य के रूप में प्रदर्शन शुरू कर दिया था| एक हास्य के रूप में उन्होनें अपने आप को एक असुरक्षित, बौद्धिक और चिड़चिड़ा व्यक्तित्व प्रदर्शित किया और उसका विकास किया, परंतु उन्होनें यह भी कहा कि वह उनके वास्तविक जीवन व्यक्तित्व से काफी अलग है| 2004 में, कॉमेडी सेंट्रल के 100 महानतम स्टैंड अप की सूची मे एलन को चौथे स्थान पर रखा गया और ब्रिटेन के एक सर्वेक्षण में उन्हे तीसरे सबसे बड़े हास्य अभिनेता के रूप में स्थान दिया गया| मध्य 1960 में एलन ने लेखन और चलचित्र का निर्देशन करना शुरू कर दिया था| उन्होनें पहले तमाशा हास्य में विशेषज्ञता प्राप्त की फिर 1970 के दशक के दौरान यूरोपीय कला सिनेमा से प्रभावित उन्होने कई नाटकीय विषयवास्तु में योगदान दिया| वह अक्सर चलचित्र निर्माताओं की नई हॉलीवुड लहर (१९६०-१९७०) के हिस्से के रूप में पहचाने जाते है| वे अक्सर स्वयं के चलचित्रों में खुद अभिनय करते थे वो भी अपने स्टँड उप हास्य के ही व्यक्तिव में| चालीस से अधिक फिल्मों में कुछ प्रासिद फिल्में है- आनी हॉल (१९७७), मनहट्टान (१९७९), हॅने आंड हेर सिस्टर्स (१९८६) और मिडनाइट इन पॅरिस (२०११)| आलोचक रोजर एबर्ट ने एलन को सिनेमा का एक खजाना बुलाया है| एलेन 24 बार नामांकित किया और चार अकादमी पुरस्कार जीते हैं, सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा के लिए तीन और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक (एनी हॉल) के लिए एक.

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गुणाकर मुले

गुणाकर मुले गुणाकर मुले (मराठी:गुणाकर मुळे) (३ जनवरी, १९३५ - १६ अक्टूबर, २००९) हिन्दी और अंग्रेजी में विज्ञान-लेखन को लोकप्रिय बनाने वाले जाने माने लेखक थे। .

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ग्रैंड स्लैम टेनिस विजेताओं की सूची

List of Men's Singles Grand Slam tournaments tennis champions: .

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गोलमेज सम्मेलन (भारत)

यह लेख आंग्ल-भारतीय गोलमेज सम्मेलन के बारे में है। डच-इन्डोनेशियाई गोलमेज सम्मेलन के लिए, डच-इन्डोनेशियाई गोलमेज सम्मेलन देखिये। गोलमेज के अन्य उपयोगों के लिए, कृपया गोलमेज (स्पष्टीकरण) देखें। ---- पहला गोल मेज सम्मेलन नवम्बर 1930 में आयोजित किया गया जिसमें देश के प्रमुख नेता शामिल नहीं हुए नमक यात्रा के कारण ही अंग्रेजों को यह अहसास हुआ था कि अब उनका राज बहुत दिन नहीं टिक सकेगा और उन्हें भारतीयों को भी सत्ता में हिस्सा देना पड़ेगा। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ब्रिटिश सरकार ने लंदन में गोल मेज सम्मेलनों का आयोजन शुरू किया। अंग्रेज़ सरकार द्वारा भारत में संवैधानिक सुधारों पर चर्चा के लिए 1930-32 के बीच सम्मेलनों की एक श्रृंखला के तहत तीन गोलमेज सम्मेलन आयोजित किये गए थे। ये सम्मलेन मई 1930 में साइमन आयोग द्वारा प्रस्तुत की गयी रिपोर्ट के आधार पर संचालित किये गए थे। भारत में स्वराज, या स्व-शासन की मांग तेजी से बढ़ रही थी। 1930 के दशक तक, कई ब्रिटिश राजनेताओं का मानना था कि भारत में अब स्व-शासन लागू होना चाहिए। हालांकि, भारतीय और ब्रिटिश राजनीतिक दलों के बीच काफी वैचारिक मतभेद थे, जिनका समाधान सम्मलेनों से नहीं हो सका। .

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कन्नड साहित्य सम्मेलन

कन्नड साहित्य सम्मेलन कन्नड साहित्यकारों, लेखकों तथा कननाडिगारु लोगों का सम्मेलन है। इसका लक्षय कन्नड भाषा, कन्नड साहित्य, कला, संगीत और संस्कृति का विकास करना है। इसका आरम्भ १९१५ में एच वी नान्जुनैया ने किया था। पहला सम्मेलन बंगलुरु में हुआ था। १९४८ तक इसका उद्घाटन किसी सुप्रसिद्ध कवि या लेखक द्वारा किया जाता था कि्न्तु १९४८ के बाद से कर्नाटक के मुख्यमंत्री इसका उद्घाटन करते हैं। इस सम्मेलन का आयोजन कन्नड साहित्य परिषद करती है। .

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अन्वेषणों की समय-रेखा

यहाँ ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण तकनीकी खोजों की समय के सापेक्ष सूची दी गयी है। .

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अबेदिन नेप्राविश्ता

अबेदिन नेप्राविश्ता एक अल्बानियाई राजनीतिज्ञ और दो बार (१९३३-१९३५ और १९३७-१९३९) तिराना के भूतपूर्व महापौर थे। उनका जन्म लिबोहोवा में हुआ था और वे इस्तांबुल के शाही उच्च प्रशासन विद्यालय में पढ़ने के लिए चले गए। राजा लेका ज़ोगू प्रथम के शासनाधीन वे अल्बानिया के बहुत से जिलों में महापौर रहे। नेप्राविश्ता, अबेदिन श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अमेरिकी ओपन टेनिस के पुरुष एकल विजेताओं की सूची

* 1881 - रिचर्ड सीअर्स.

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अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ

अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक बीसवीं शती के प्रारंभ में भारतीय प्रगतिशील लेखकों का एस समूह था। यह लेखक समूह अपने लेखन से सामाजिक समानता का समर्थक करता था और कुरीतियों अन्याय व पिछड़ेपन का विरोध करता था। इसकी स्थापना १९३५ में लंदन में हुई। इसके प्रणेता सज्जाद ज़हीर थे। १९३५ के अंत तक लंदन से अपनी शिक्षा समाप्त करके सज्जाद ज़हीर भारत लौटे। यहाँ आने से पूर्व वे अलीगढ़ में डॉ॰ अशरफ, इलाहबाद में अहमद अली, मुम्बई में कन्हैया लाल मुंशी, बनारस में प्रेमचंद, कलकत्ता में प्रो॰ हीरन मुखर्जी और अमृतसर में रशीद जहाँ को घोषणापत्र की प्रतियाँ भेज चुके थे। वे भारतीय अतीत की गौरवपूर्ण संस्कृति से उसका मानव प्रेम, उसकी यथार्थ प्रियता और उसका सौन्दर्य तत्व लेने के पक्ष में थे लेकिन वे प्राचीन दौर के अंधविश्वासों और धार्मिक साम्प्रदायिकता के ज़हरीले प्रभाव को समाप्त करना चाहते थे। उनका विचार था कि ये साम्राज्यवाद और जागीरदारी की सैद्धांतिक बुनियादें हैं। इलाहाबाद पहुंचकर सज्जाद ज़हीर अहमद अली से मिले जो विश्वविद्यालय में अंग्रेज़ी के प्रवक्ता थे। अहमद अली ने उन्हें प्रो॰एजाज़ हुसैन, रघुपति सहाय फिराक, एहतिशाम हुसैन तथा विकार अजीम से मिलवाया.

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उद्देश्य संकल्प

उद्देश्य संकल्प(Objectives Resolution, ऑब्जेक्टिव्स् रेज़ोल्यूशन्; قرارداد مقاصد, क़रारदाद मक़ासद) एक संकल्प था जिसे पाकिस्तान की संविधान सभा ने 12 मार्च सन 1949 को पारित कर दिया। इस संकल्प 7 मार्च सन 1949 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली खान ने क़ौमी असेम्ब्ली(पाकिस्तान की विधायिका) में पेश की। इसे पाकिस्तानी रियासत व हुकूमत के नीती निर्देशक के रूप में पारित किया गया था। इसके अनुसार भविष्य में पाकिस्तान संविधान संरचना यूरोपीय शैली का कतई नहीं होगा, लेकिन इसके आधार इस्लामी लोकतंत्र और सिद्धांतों पर होगी। कहा जाता है कि इस बारे में पाकिस्तानियों ने भारतीयों की पैरवी की थी। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत की संविधान सभा में 13 दिसंबर 1946 में संकल्प लक्ष्य रखा था, जिसे सर्वसम्मति के साथ 22 जनवरी 1947 में स्वीकार कर लिया गया। इसमें दिये गए संकल्प पाकिस्तान को "कुरान और सुन्नत में दिये गए लोकतांत्रिक के आदर्शों" पर विकसित व खड़ा करने का संकल्प लेते हैं। साथ ही इसमें पाकिस्तान में मुसलमानों को कुरान और सुन्नत में दिये गए नियमों के अनुसार जीवन व्यतीत करने का अवसर देने की एवं अल्पसंख्यकों के धार्मिक, सामाजिक व अन्य वैध अधिकारों की रक्षा की भी बात की गई है। इसे कई माएनों में पाकिस्तान के सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ में मनाआ जाता है। साथ ही इसकी इस्लाम-प्रोत्साहक चरित्र के लिये, यह हमेशा से ही विवादास्पक भी रहा है और कई बार, गैर-मुसलमालों व कई बुद्धिजीवियों द्वारा इस्का विरोध होता रहा है। .

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१० सितंबर

10 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 253वॉ (लीप वर्ष में 254 वॉ) दिन है। साल में अभी और 112 दिन बाकी है। .

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११ दिसम्बर

11 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 345वॉ (लीप वर्ष में 346 वॉ) दिन है। साल में अभी और 20 दिन बाकी है। .

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१५ अगस्त

15 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 227वॉ (लीप वर्ष मे 228 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 138 दिन बाकी है। .

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१५ अक्टूबर

१५ अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २८८वां (लीप वर्ष में १८९ वां) दिन है। साल मे अभी और ७७ दिन बाकी है। .

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१६ जुलाई

१६ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १९७वॉ (लीप वर्ष में १९८ वॉ) दिन है। साल में अभी और १६८ दिन बाकी है। .

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१८ जुलाई

१८ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १९९वॉ (लीप वर्ष में २०० वॉ) दिन है। साल में अभी और १६६ दिन बाकी है। .

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१९ जनवरी

19 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 19वॉ दिन है। साल मे अभी और 346 दिन बाकी है (लीप वर्ष मे 347)। .

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२१ नवम्बर

२१ नवम्बर ग्रीगोरी पंचाग का ३२५वां (लीप वर्ष में ३२६वां) दिन है। इसके बाद वर्षान्त तक ४० दिन और बचते हैं। .

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२७ जुलाई

२७ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २०८वॉ (लीप वर्ष में २०९ वॉ) दिन है। साल में अभी और १५७ दिन बाकी है। .

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६ नवम्बर

६ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३१०वाँ (लीप वर्ष मे 311 वॉ) दिन है। साल मे अभी और ५५ दिन बाकी है। .

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८ दिसम्बर

८ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४२वॉ (लीप वर्ष मे ३४३वॉ) दिन है। साल में अभी और २३ दिन बाकी है। .

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८ मार्च

8 मार्च ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 67वॉ (लीप वर्ष में 68 वॉ) दिन है। साल में अभी और 298 दिन बाकी है। अंतराष्ट्रीय नारी दिवस (संयुक्त राष्ट्र संघ) .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

1935

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