लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

हाइपरसॉनिक उड़ान

सूची हाइपरसॉनिक उड़ान

अतिपराध्वनिक उड़ान (हाइपरसॉनिक उड़ान) वह उड़ान है जो धरती के वातावरण से होकर (90 किलोमीटर से कम ऊँचाई पर) 5 मैक से अधिक वेग से भरी जाती है। इतनी अधिक गति के कारण वायु काफी सीमा तक वियोजित होने लगती है और अत्यधिक ऊष्मा पैदा होती है। .

2 संबंधों: पराध्वनिक विमान, आरएलवी टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेशन प्रोग्राम

पराध्वनिक विमान

मिग-२५, जिनकी अधिकतम चाल ३.२ मैक तक है। पराध्वनिक विमान (सुपरसॉनिक एयरक्राफ्ट) उन विमानों को कहते हैं जो ध्वनि के वेग से भी अधिक वेग से उड़ सकते हैं। ऐसे विमानों का विकास २०वीं शदी के उत्तरार्ध में हुआ। इनका उपयोग प्रायः अनुसंधान एवं सैनिक उपयोग के लिये हुआ है। लड़ाकू विमान, पराध्वनिक विमान के सबसे सामान्य उदाहरण हैं। जो विमान ध्वनि के वेग के पाँच गुना से भी अधिक वेग (५ मैक से अधिक) से उड़ते हैं उन्हें प्रायः अतिपराध्वनिक विमान (hypersonic aircraft) कहते हैं। .

नई!!: हाइपरसॉनिक उड़ान और पराध्वनिक विमान · और देखें »

आरएलवी टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेशन प्रोग्राम

पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान-प्रौद्योगिकी प्रदर्शन कार्यक्रम, रीयूज़ेबल लांच व्हीकल टेक्नोलॉजी डेमोंसट्रेटर प्रोग्राम, या RLV-TD, भारत का प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है जो टू स्टेज टू ऑर्बिट (TSTO) को समझने व पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण वाहन की दिशा में पहले कदम के रूप में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा नियोजित प्रौद्योगिकी प्रदर्शन (टेक्नोलॉजी डीमॉन्सट्रेशन) की एक श्रृंखला है। इस प्रयोजन के लिए, एक पंख युक्त पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी प्रदर्शक (RLV-TD) बनाया गया। RLV-TD संचालित क्रूज उड़ान, हाइपरसॉनिक उड़ान, और स्वायत्त (ऑटोनॉमस) लैंडिंग, वायु श्वसन प्रणोदन (एयर ब्रीदिंग प्रपलशन) जैसे विभिन्न प्रौद्योगिकियों का मूल्यांकन करने के रूप में कार्य करेगा। इन प्रौद्योगिकियों के प्रयोग से लांच लागत में काफी कमी आएगी। वर्तमान में ऐसे स्पेस शटल बनाने वाले देशों में सिर्फ़ अमेरिका, रूस, फ्रांस और जापान हैं। चीन ने इस प्रकार का कोई प्रयास नहीं किया है। .

नई!!: हाइपरसॉनिक उड़ान और आरएलवी टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेशन प्रोग्राम · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »