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व्यंग-चित्रकार

सूची व्यंग-चित्रकार

कार्टूनिस्ट या व्यंग चित्रकार उस व्यक्ति को कहा जाता है जिसके चित्र हास्य या व्यंग पर आधारित होते हैं। कार्टूनिस्ट अपने चित्रों या कार्टून में व्यक्ति विशेष के चेहरे, हाव-भाव, चरित्र, वेश-भूषा, कथानक और संवाद के माध्यम व्यंग या हास्य का समायोजन करता है। कार्टूनिस्ट को कई श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है जैसे: समाचार पत्र या पत्रिका में कार्य करने वाले राजनैतिक कार्टूनिस्ट या सम्पादकीय कार्टूनिस्ट, कार्टून श्रंखला या कॉमिक स्ट्रिप बनाने वाले कार्टूनिस्ट, तथा एनिमेशन फिल्मों के लिए कार्य करने वाले कार्टूनिस्ट। .

24 संबंधों: द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया, देवांशु, देवांशु वत्स, प्राण कुमार शर्मा, पृथ्वी दिवस, बाल ठाकरे, मारियो मिरांडा, मार्टिन नोडल, राज ठाकरे, रंगा, शेखर गुरेरा, सतीश आचार्य, सुधीर तैलंग, सुमंत बरुआ, सुशील कालरा, हरिओम तिवारी, जसपाल भट्टी, वी जी नरेन्द्र, आदित्य ठाकरे, आर के लक्ष्मण, कपोलकल्पना, कार्टून वाच, कार्टून कला और कलाकार, काक (कार्टूनिस्ट)

द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया

द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया (The Times of India, TOI के रूप में संक्षेपाक्षरित) भारत में प्रकाशित एक अंग्रेज़ी भाषा का दैनिक समाचार पत्र है। इसका प्रबन्धन और स्वामित्व बेनेट कोलेमन एंड कम्पनी लिमिटेड के द्वारा किया जाता है। दुनिया में सभी अंग्रेजी भाषा के व्यापक पत्रों में इस अखबार की प्रसार संख्या सर्वाधिक है। 2005 में, अखबार ने रिपोर्ट दी कि (24 लाख से अधिक प्रसार के साथ) इसे ऑडिट बुरो ऑफ़ सर्क्युलेशन के द्वारा दुनिया के सबसे ज्यादा बिकने वाले अंग्रेजी भाषा के सामान्य समाचार पत्र के रूप में प्रमाणित किया गया है। इसके वावजूद भारत के भाषायी समाचार पत्रों (विशेषत: हिन्दी के अखबारों) की तुलना में इसका प्रसार बहुत कम है। टाइम्स ऑफ इंडिया को मीडिया समूह बेनेट, कोलेमन एंड कम्पनी लिमिटेड के द्वारा प्रकाशित किया जाता है, इसे टाइम्स समूह के रूप में जाना जाता है, यह समूह इकॉनॉमिक टाइम्स, मुंबई मिरर, नवभारत टाइम्स (एक हिंदी भाषा का दैनिक), दी महाराष्ट्र टाइम्स (एक मराठी भाषा का दैनिक) का भी प्रकाशन करता है। .

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देवांशु

युवा लेखक, कार्टूनिस्ट और चित्रकथाकार.

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देवांशु वत्स

युवा लेखक, कार्टूनिस्ट और चित्रकथाकार.

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प्राण कुमार शर्मा

प्राण द्वारा रचित कॉमिक पात्र चाचा चौधरी कार्टूनिस्ट प्राण कुमार शर्मा (१५ अगस्त १९३८ – ६ अगस्त २०१४) जिन्हें प्राण के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय कॉमिक जगत के सबसे सफल और लोकप्रिय कार्टूनिस्ट प्राण ने १९६० से कार्टून बनाने की शुरुआत की। प्राण को सबसे ज्यादा लोकप्रिय उनके पात्र चाचा चौधरी और साबू ने बनाया। सर्वप्रथम लोटपोट के लिए बनाये उनके ये कार्टून पात्र बेहद लोकप्रिय हुए और आगे चलकर प्राण ने चाचा चौधरी और साबू को केन्द्र में रखकर स्वतंत्र कॉमिक पत्रिकाएं प्रकाशित की। उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र मिलाप से कार्टून बनाने की शुरुआत की थी। ६ अगस्त २०१४ को उनका कैंसर से निधन हो गया। .

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पृथ्वी दिवस

पृथ्वी दिवस एक वार्षिक आयोजन है, जिसे 22 अप्रैल को दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्थन प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया जाता है। इसकी स्थापना अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 1970 में एक पर्यावरण शिक्षा के रूप की थी। अब इसे 192 से अधिक देशों में प्रति वर्ष मनाया जाता है। यह तारीख उत्तरी गोलार्द्ध में वसंत और दक्षिणी गोलार्द्ध में शरद का मौसम है। संयुक्त राष्ट्र में पृथ्वी दिवस को हर साल मार्च एक्विनोक्स (वर्ष का वह समय जब दिन और रात बराबर होते हैं) पर मनाया जाता है, यह अक्सर 20 मार्च होता है, यह एक परम्परा है जिसकी स्थापना शांति कार्यकर्ता जॉन मक्कोनेल के द्वारा की गयी। .

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बाल ठाकरे

बालासाहेब केशव ठाकरे (२३ जनवरी १९२६ - १७ नवम्बर २०१२) भारत के महाराष्ट्र प्रदेश के प्रसिद्ध राजनेता थे जिन्होने शिव सेना के नाम से एक प्रखर हिन्दू राष्ट्रवादी दल का गठन किया था। उन्हें लोग प्यार से बालासाहेब भी कहते थे। वे मराठी में सामना नामक अखबार निकालते थे। इस अखबार में उन्होंने अपनी मृत्यु से कुछ दिन पूर्व अपने सम्पादकीय में लिखा था-"आजकल मेरी हालत चिन्ताजनक है किन्तु मेरे देश की हालत मुझसे अधिक चिन्ताजनक है; ऐसे में भला मैं चुप कैसे बैठ सकता हूँ?" उनके अनुयायी उन्हें हिन्दू हृदय सम्राट कहते थे। ठाकरे ने अपने जीवन का सफर एक कार्टूनिस्ट के रूप में शुरू किया था। पहले वे अंग्रेजी अखबारों के लिये कार्टून बनाते थे। बाद में उन्होंने सन १९६० में मार्मिक के नाम से अपना एक स्वतन्त्र साप्ताहिक अखबार निकाला और अपने पिता केशव सीताराम ठाकरे के राजनीतिक दर्शन को महाराष्ट्र में प्रचारित व प्रसारित किया। सन् १९६६ में उन्होंने शिव सेना की स्थापना की। मराठी भाषा में सामना के अतिरिक्त उन्होंने हिन्दी भाषा में दोपहर का सामना नामक अखबार भी निकाला। इस प्रकार महाराष्ट्र में हिन्दी व मराठी में दो-दो प्रमुख अखबारों के संस्थापक बाला साहब ही थे। खरी-खरी बात कहने और विवादास्पद बयानों के कारण वे मृत्यु पर्यन्त अखबार की सुर्खियों में बने रहे। १७ नवम्बर २०१२ को मुम्बई में अपने मातोश्री आवास पर दोपहर बाद ३ बजकर ३३ मिनट पर उन्होंने अन्तिम साँस ली। .

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मारियो मिरांडा

१९९८ में पद्मश्री और २००२ में पद्मभूषण प्राप्त करने वाले मारियो डी मिरांडा का जन्म दमन में हुआ। मारियो मिरांडा के कार्टून वर्षों से द टाइम्स ऑफ़ इंडिया और इकोनोमिक टाइम्स में प्रकाशित होते आए हैं। मारियो को विशेष तौर पर इलेस्ट्रेटेड वीकली के लिए बनाये इनके कार्टून्स के लिए जाना जाता है। इन्होनें दो दशक तक गोआ के जीवन शैली को कैनवस पर हमारे लिये लाया। इनके कार्टून्स में विशेषकर मिस फोन्सेन्का को हमेशा मिस करेंगे। Category:व्यंग्यकार Category:कार्टूनिस्ट Category:कार्टून Category:भारतीय कार्टूनिस्ट Category:Indian editorial cartoonists.

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मार्टिन नोडल

मार्टिन नोडल (15 नवंबर 1915 - 9 दिसंबर 2006) एक अमेरिकी कार्टूनिस्ट और कलाकार थे, जिन्हें सुपरहीरो ग्रीन लैंटर्ण के निर्माता के रूप में जाना जाता है। उनके कुछ काम उपनाम मार्ट डेलन के नाम से भी प्रकाशित हुए। फिलाडेल्फिया, पेंसिल्वेनिया में जन्मे नोडल के माता-पिता यहूदी आप्रवासी थे। उन्होंने कला संस्थान शिकागो में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। at the Lambiek Comiclopedia.

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राज ठाकरे

राज श्रीकांत ठाकरे (जन्म 14 जून 1968) महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के स्थापक अध्यक्ष हैं, जो भारत के महाराष्ट्र राज्य की एक क्षेत्रीय पार्टी है। वे शिवसेना के पूर्व प्रमुख बाल ठाकरे के भतीजे और शिवसेना के वर्त्तमान कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई हैं। .

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रंगा

१९२५ में जन्मे कार्टूनिस्ट रंगा का नाम पूरा नाम एन के रंगनाथन था। भारत के कुछ प्रथम कार्टूनिस्टों में से एक रंगा ने अपने कार्यकाल में इंडियन एक्सप्रेस, द स्टेट्समेन और ट्रिब्यून जैसे प्रतिष्ठीत समाचारपत्रों के लिए कार्टूनिस्ट के रूप में कार्य किया। कैरीकेचर बनने में दक्ष रंगा को उनके द्वारा बनाये कैरीकेचर्स के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। रंगा द्वारा चंद रेखाओं के माध्यम से बनाए गए महात्मा गाँधी के कैरीकेचर्स काफ़ी प्रसिद्ध हैं। जुलाई २००२ में दिल्ली में रंगा का देहांत हो गया। श्रेणी:भारतीय कार्टूनिस्ट.

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शेखर गुरेरा

सम्पादकीय कार्टूनिस्ट शेखर गुरेरा (पूरा नाम: चंद्रशेखर गुरेरा) एक भारतीय कार्टूनिस्ट हैं। इन्हें भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय से मान्यता प्राप्त है। इन्हें दैनिक पाकेट कार्टून के माध्यम से भारत के राजनीतिक एवं सामाजिक परिवेश पर चंद पंक्तियों में सटीक एवं गुदगुदाती टिप्पणियों के लिए जाना जाता है। इनके दैनिक कार्टून अंग्रेजी, हिन्दी और क्षेत्रीय भाषा के दैनिक समाचार पत्रों: द पायनियर, पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, हिंदसमाचार एवं जगबानी में प्रकाशित होते हैं। इन्होंने अपने कार्टून जीवन की शुरुआत १९८४ में बतौर स्नातक कर रहे विज्ञान के एक छात्र, फ्रीलांसर के रूप में की थी। .

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सतीश आचार्य

कार्टूनिस्ट सतीश आचार्य का जन्म कर्नाटक में उडुपी के निकट कुन्दपुर में हुआ। मेंगलोर विश्वविद्यालय से फाइनेंस में एमबीए सतीश वर्तमान में मिड-डे मुंबई में २००३ से ग्राफिक एडिटर के रूप में कार्यरत हैं। बतौर कार्टूनिस्ट सतीश १९९४ से विभिन्न पत्र पत्रिकाओं और वेबसाइट्स के लिए काम करते आ रहे हैं जिनमें जैम, मिड-डे, हंगामा.कॉम, डी आई पब्लिकेशन और कन्नड़ दैनिक कर्नाटक माला प्रमुख हैं। .

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सुधीर तैलंग

सुधीर तैलंग (26 फ़रवरी 1960 – 6 फ़रवरी 2016) भारतीय कर्टूनिस्ट थे। .

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सुमंत बरुआ

सुमंत बरुआ सुमंत बरुआ भारत से एक कार्टूनिस्ट हैं। अपनी कार्टूनों को उन्होंने "कर्रेंट साइंस","", "", "विज्ञान ज्योति", "दृष्टि", "असम विज्ञान सोसायटी का जर्नल", "प्रांतिक", "", "" और http://www.xahitya.org वेबसैट पर प्रकाशित किया गया है। उनकी बनाई गयी कार्टून तीसरे रोड्स अंतर्राष्ट्रीय कार्टून महोत्सव, यूनान (2006) और अंतर्राष्ट्रीय कार्टून समारोह, ईरान (2006) में प्रदर्शित की गयी हैं। .

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सुशील कालरा

सुशील कालरा जन्म 13 जून 1940 में गुजरांवाला (अब पाकिस्तान में) हुआ था। बहुत भटकाव के बाद उन्होंने अपनी अभिरुचि को समझते हुए नयी दिल्ली में कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स में प्रवेश ले लिया। एक एड-मेन के रूप में उत्पादों के विज्ञापन अभियानों ने उन्हें लोकप्रिय बनाया। उन्होंने व्यंग्यचित्र बनाने की शुरूआत की। बाद में वे पूरी तरह से १९६८ में व्यंग्यचित्रण के क्षेत्र में उतर गये। हिंदुस्तान टाइम्स प्रकाशन के दैनिक हिन्दुस्तान, ईवनिंग न्यूज़, साप्ताहिक हिन्दुस्तान, नन्दन, कादम्बिनी आदि के लिए सुशील कालरा ने कार्टून और रेखांकन बनाए। उन्होंने व्यापक रूप से विदेश की यात्राएं की, यहां तक कि उत्तरी ध्रुव की भी। उनके किया काम कई पश्चिमी और यूरोपीय देशों में प्रदर्शित और प्रकाशित हुआ। उन्होंने राजनीतिक कॉलम भी लिखे। बच्चों की पत्रिका नन्दन में नियमित छप्ने वाली उनकी बनायी चित्रकथा चीटू-नीटू काफ़ी लोकप्रिय थी। उन्होंने यह कार्टून स्ट्रिप 44 साल बनायी। उन्होंने एक उपन्यास लिखा था निक्का निमना, जिसका बाद में पंजाबी और अंग्रेजी में अनुवाद भी हुआ। वे छोटे पर्दे के एक जानेमाने व्यक्तित्व थे। उनका साक्षात्कार बीबीसी पर प्रसारित हुआ था और भारत के जानेमाने १० कार्टूनिस्टों की एक टीवी श्रंखला में भी उन्हें शामिल किया गया था। उन्होंने ३८ श्रंखलाओं में प्रसारित हुई रविवारीय क्विज़ को प्रस्तुत किया। हिन्दुस्तान टाइम्स से रिटायर होने पर उन्होंने अपने बेटों के साथ काफी समय अमेरिका में बिताया। वहां वे इच्छुक कलाकारों की मदद के लिए अंतर्राष्ट्रीय कलाकार समर्थक समूह (IASG), एक (आइएमजी) वॉशिंगटन डीसी, संगठन में शामिल हो गये। उन्होंने अकेले दम पर ललित कला अकादमी नयी दिल्ली में इस समूह के लिए ६ अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया। सन् २०११ में स्वास्थ्य जांच में उन्हें चौथे चरण का कैन्सर बताया गया। जब उनकी कैंसर चिकित्सक पुत्रवधु ने यह समाचार दिया तो उन्होंने अपने परिजनों से इस बात का खुलासा किसी से न करने को कहा। केमोथेरेपी इलाज के द्दौरान उनकी स्थिते में काफ़ी तेजी से सुधार आया। इसी बीच उन्होंने निक्का-निमना के अनुवाद कार्य की गति तेज कर दी। वे वहां से भी नियमित रूप से हर महीने नन्दन के लिए चीटू-नीटू बनाकर भारत भेजते रहे। निका-निमना का अनुवाद खत्म करने पर उन्होंने अपने जीवन के एक महत्वपूर्ण भाग यानी भारत-पाक बंटवारे के दौर, जब वे मात्र ७ साल के बालक थे, के तमाम अनुभवों को लिखने का निर्णय लिया। ये पुस्तकें एक मत, कयामत अब प्रकाशनाधीन हैं। गुजांवाला उनके मन-मस्तिष्क में बसा हुआ था। वे प्राय: विभाजन के काल को याद कर काफ़ी भावुक हो जाते थे। वे चाहते थे राष्ट्रीय स्तर पर कार्टूनिस्टों की कोई अच्छी संस्था हो। सुशील कालरा का देश से दूर मैरीलेण्ड, अमरीका में ८ सितम्बर २०१३ को निधन हो गया। .

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हरिओम तिवारी

कोई विवरण नहीं।

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जसपाल भट्टी

जसपाल भट्टी (3 मार्च 1955 – 25 अक्टूबर 2012) हिन्दी टेलिविज़न और सिनेमा के एक जाने-माने हास्य अभिनेता, फ़िल्म निर्माता एवं निर्देशक थे।उन्होंने पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज से विद्युत अभियांत्रिकी की डिग्री ली, लेकिन बाद में वे नुक्कड़ थिएटर आर्टिस्ट बन गए.

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वी जी नरेन्द्र

वी जी नरेन्द्र भारत के जाने माने कार्टूनिस्ट और भारतीय कार्टून संस्थान (Indian Institute of Cartoonists) के संस्थापकों में से एक थे। वे शंकर्स वीकली और कन्नड़ प्रभा जैसी प्रसिद्ध पत्रिकाओं से जुड़े रहे। उन्होंने कन्नड़ कार्टूनिस्ट संघ की स्थापना की और उदीयमान कार्टूनिस्टों के लिए कई कार्यशालाएँ आयोजित कीं। श्रेणी:भारतीय कार्टूनिस्ट.

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आदित्य ठाकरे

आदित्य ठाकरे (जन्म: 13 जून 1990) शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पुत्र व हिन्दू ह्रदय सम्राट बाल ठाकरे के पौत्र हैं। आदित्य शिवसेना के युवा शाखा 'युवा सेना' के प्रमुख हैं, जिसकी स्थापना 17 अक्टूबर 2010 को हुआ। आदित्य ठाकरे एक कवि भी हैं। आदित्य मुम्बई के मशहूर सेंट जेवियर्स कॉलेज के छात्र हैं। इन्होने 'युवा सेना' के जरिए अपनी राजनीतिक पारी का आगाज किया। बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल में पढ़ाई के दौरान आदित्य का अंग्रेजी में एक कविता संग्रह 'माई थॉट इन ब्लैक ऐंड व्हाइट' प्रकाशित हुआ था। बाल ठाकरे अपने समय के मशूहर कार्टूनिस्ट थे तो उद्धव फोटोग्राफर हैं। आदित्य की रुचि भी साहित्य में है। उनकी कविता संग्रह हिंदी और मराठी में भी छप चुका है। इसके अलावा उनके लिखे गए गीतों का एल्बम "उम्मीद" भी लांच हो चुका है। इन गीतों को कैलाश खेर, सुरेश वाडेकर, शंकर महादेवन और सुनिधि चौहान जैसे दिग्गज गायकों ने अपनी आवाज दी है। आदित्य के राजनीति में आने का संकेत उद्धव ने 2008 में ही दे दिया था। 2009 के चुनाव में आदित्य ने शिवसेना के लिए प्रचार भी किया था। .

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आर के लक्ष्मण

रासीपुरम कृष्णस्वामी लक्ष्मण (संक्षेप में आर॰के॰ लक्ष्मण; २४ अक्टूबर १९२१ – २६ जनवरी २०१५) भारत के प्रमुख हास्यरस लेखक और व्यंग-चित्रकार थे। उन्हें द कॉमन मैन नामक उनकी रचना और द टाइम्स ऑफ़ इंडिया के लिए उनके प्रतिदिन लिखी जानी वाली कार्टून शृंखला "यू सैड इट" के लिए जाना जाता है जो वर्ष १९५१ में आरम्भ हुई थी। लक्ष्मण ने अपना कार्य स्थानीय समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में अंशकालिक कार्टूनकार के रूप में अपना कैरियर आरम्भ किया था। जबकि कॉलेज छात्र के रूप में उन्होंने अपने बड़े भाई आर॰के॰ नारायण की कहानियों को द हिन्दू में चित्रित किया। उनका पहला पूर्णकालिक कार्य मुम्बई में द फ्री प्रेस जर्नल में राजनीतिक कार्टूनकार के रूप में आरम्भ किया था। उसके बाद उन्होंने द टाइम्स ऑफ़ इंडिया में कार्य करना आरम्भ कर दिया और कॉमन मैन के चरित्र ने उन्हें प्रसिद्धि दी। .

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कपोलकल्पना

कपोलकल्पना या काल्पनिक साहित्य (fiction; हिन्दी में फ़िक्शन) एक कहानी या अभिविन्यास हैं जो कल्पना से व्युत्पन्न होती हैं ― अन्य शब्दों में, जो इतिहास या तथ्यों पर सख्ती से आधारित न हो।William Harmon and C. Hugh Holman A Handbook to Literature (7th edition).

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कार्टून वाच

कार्टून वाच के प्रथम अंक का आवरण मात्र हिन्दी कार्टून मासिक पत्रिका है। इसका प्रकाशन ५ दिसम्बर १९९६ को रायपुर, छत्तीसगढ़ से प्रारम्भ हुआ। युवा कार्टूनिस्ट त्र्यम्बक शर्मा ने इस पत्रिका की नींव रखी। कार्टून वाच ने शंकर्स वीकली के बंद होने के बाद उपजे शून्य को समाप्त किया और आज यह पत्रिका सम्पूर्ण भारत के कार्टूनिस्टों का मुख-पत्र बन गई है। यह पत्रिका गुम हो चुके कार्टूनिस्टों को चर्चा में लाने के साथ-साथ नए कार्टूनिस्टों को भी मंच प्रदान करती है। कार्टून वाच द्बारा गत वर्ष (२००८) में लन्दन के नेहरु सेंटर में दो सप्ताह की कार्टून प्रदर्शनी आयोजित की थी जिसे काफी सराहा गया। .

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कार्टून कला और कलाकार

के. शंकर पिल्लई, आर. के. लक्ष्मण, अबू अब्राहम, रंगा, कुट्टी, (ई. पी.), उन्नी, प्राण, मारियो मिरांडा, रवींद्र, केशव, बाल ठाकरे, अनवर अहमद, जी. अरविन्दन, जयंतो बनर्जी, माया कामथ, कुट्टी, माधन, वसंत सरवटे, रविशंकर, आबिद सुरती, अजीत नैनन, काक, मिकी पटेल, सुधीर दर, सुधीर तैलंग, शेखर गुरेरा, राजेंद्र धोड़पकर, इस्माईल लहरी, आदि इस कला के कई जाने पहचाने नाम हैं। दूसरे कुछ भारतीय व्यंग्यचित्रकार माली, सुशील कालरा, नीरद, देवेन्द्र शर्मा, सुधीर गोस्वामी इंजी, मंजुला पद्मनाभन, पी. के मंत्री, सलाम, प्रिया राज, तुलाल, येसुदासन, यूसुफ मुन्ना, चंदर, पोनप्पा, सतीश आचार्य, चन्दर, त्र्यम्बक शर्मा, अभिषेक तिवारी, इरफान, चंद्रशेखर हाडा, हरिओम तिवारी, गोपी कृष्णन, शरद शर्मा, शुभम गुप्ता, शिरीश, पवन, देवांशु वत्स, के. अनूप, राधाकृष्णन, अनुराज, के. आर. अरविंदन, धीमंत व्यास, धीर, द्विजित, गिरीश वेंगर, सुरेन्द्र वर्मा, धनेश दिवाकर, ए. एस. नायर, नम्बूतिरी, शिवराम दत्तात्रेय फडणीस, शंकर परमार्थी, एन. पोनप्पा, गोपुलू.

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काक (कार्टूनिस्ट)

कार्टूनिस्ट काक Kaak (मूल नाम: हरिश्चन्द्र शुक्ल) देश के उन दुर्लभ कार्टूनिस्टों में से हैं जो मूलतः हिंदी भाषी प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों जनसत्ता, नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण, राजस्थान पत्रिका इत्यादि से ही जुड़ें रह कर कार्टून जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई हैं। व्यंग की अपनी अनोखी शैली के चलते काक राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय और जटिल राजनीतिक विषयों को बहुत ही सरलता से आम आदमी से जोड़कर अपने व्यंगचित्रों में प्रस्तुत करते हैं। एक हिंदी कहावत के अनुसार काक अर्थात पक्षी कौवा जो किसी के झूठ पर अपनी कर्कश ध्वनि से आवाज़ उठाता है। .

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