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यदुनाथ भट्टाचार्य

सूची यदुनाथ भट्टाचार्य

यदुनाथ भट्टाचार्य (जदुनाथ भट्टाचार्य) विष्णुपुर घराने के प्रसिद्ध स्ंगीतकार थे। वे 'जदु बट्ट' नाम से प्रसिद्ध हैं। वन्दे मातरम् की धुन उन्होने ही तैयार की थी। यदुनाथ भट्टाचार्य का जन्म १८४० ई में हुआ था। वे विष्णुपुर नगर के कडकुली क्षेत्र के निवासी थे। उनके पिता श्री मधुसूदन भट्टाचार्य गायक एवं वादक थे। उन्होने मृदंग और सितार घर पर ही सीख लिया। बाद में उन्होने संगीत की शिक्षा रामशंकर भट्टाचार्य और गंगानारायण भट्टाचार्य से ग्रहण की। वे दोनों संगीतकार विष्णुपुर राजाओं के दरबारी संगीतज्ञ थे। यदुनाथ भट्टाचार्य, रवीन्द्रनाथ ठाकुर के स्ंगीत के गुरु थे। पंचकोट के राजाओं ने उन्हें 'रंगनाथ' की पदवी से विभूषित किया जबकि त्रिपुरा के महाराजा ने उन्हें 'तनराज' की पदवी प्रदान की थी। वे ध्रुपद के महान कलाकार माने जाते हैं। उन्होने कई गीतों की रचना की है। यदुनाथ भट्टाचार्य का देहान्त ४० वर्ष की अल्पायु में ही हो गया। .

1 संबंध: वन्दे मातरम्

वन्दे मातरम्

'''वन्दे मातरम्''' के रचयिता बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय वन्दे मातरम् (बाँग्ला: বন্দে মাতরম) अवनीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा बनाया गया भारतमाता का चित्र बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा संस्कृत बाँग्ला मिश्रित भाषा में रचित इस गीत का प्रकाशन सन् १८८२ में उनके उपन्यास आनन्द मठ में अन्तर्निहित गीत के रूप में हुआ था। इस उपन्यास में यह गीत भवानन्द नाम के संन्यासी द्वारा गाया गया है। इसकी धुन यदुनाथ भट्टाचार्य ने बनायी थी। सन् २००३ में, बीबीसी वर्ल्ड सर्विस द्वारा आयोजित एक अन्तरराष्ट्रीय सर्वेक्षण में, जिसमें उस समय तक के सबसे मशहूर दस गीतों का चयन करने के लिये दुनिया भर से लगभग ७,००० गीतों को चुना गया था और बी०बी०सी० के अनुसार १५५ देशों/द्वीप के लोगों ने इसमें मतदान किया था उसमें वन्दे मातरम् शीर्ष के १० गीतों में दूसरे स्थान पर था। .

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