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फ़ारस की खाड़ी

सूची फ़ारस की खाड़ी

फारस की खाड़ी, पश्चिम एशिया में हिन्द महासागर का एक विस्तार है, जो ईरान और अरब प्रायद्वीप के बीच तक गया हुआ है। 1980-1988 के ईरान इराक युद्ध के दौरान यह खाड़ी लोगों के कौतूहल का विषय बनी रही, जब दोनों पक्षों ने एक दूसरे के तेल के जहाजों (तेल टैंकरों) पर आक्रमण किया था। 1991 में खाड़ी युद्ध के दौरान, फारस की खाड़ी एक बार फिर से चर्चा का विषय बनी, हालाँकि यह संघर्ष मुख्य रूप से एक भूमि संघर्ष था, जब इराक ने कुवैत पर हमला किया था और जिसे बाद में वापस पीछे ढकेल दिया गया। फारस की खाड़ी में कई अच्छी मछली पकड़ने के जगहें हैं, व्यापक प्रवाल भित्तियाँ और प्रचुर मात्रा में मोती कस्तूरी है, लेकिन इसकी पारिस्थितिकी का औद्योगीकरण के कारण क्षय हुआ है, विशेष रूप से, युद्ध के दौरान फैले तेल और पेट्रोलियम ने इस पर विपरीत प्रभाव डाला है। अक्सर "फारस की खाड़ी" को अधिकतर अरब राष्ट्रों द्वारा इसके विवादास्पद नाम "अरब की खाड़ी" या सिर्फ "खाड़ी" कहकर पुकारा जाता है, हालाँकि इन दोनों नामों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नहीं है। अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन इसके लिए "ईरान की खाड़ी (फारस की खाड़ी)" नाम का इस्तेमाल करता है। .

52 संबंधों: तेहरान, दम्माम, दजला नदी, दुबई, दुबई क्रीक, पूर्वी प्रान्त, सउदी अरब, फ़रात नदी, फ़ारस की खाड़ी नाम से सम्बंधित दस्तावेज़ें: एक प्राचीन व अनन्त विरासत, फ़ारस की खाड़ी का राष्ट्रीय दिवस, फ़ारसी भाषा, बसरा, बसरा प्रान्त, बात, अल-खुतुम और अल-आइन के पुरातत्व स्थल, बग़दाद, बंदर अब्बास, मलयालम भाषा, मातृवंश समूह एच, मुम्बई, मुंबई की जनसांख्यिकी, रुपए का इतिहास, शारजाह (नगर), समुद्री बीमा, सलजूक़ साम्राज्य, सउदी अरब, सुलेमान प्रथम, हाम्मुरबी, हिन्द महासागर, हिजाज़ पहाड़ियाँ, होरमुज़ जलसन्धि, जल संसाधन, ईरान, ईरान का पठार, खाड़ियों की सूची, खाड़ी, खाड़ी युद्ध, ग्रूपर मछली, ग्वादर, ओमान की खाड़ी, इराक पर आक्रमण 2003, इराक का भूगोल, इराक़, इस्लाम से पहले का अरब, क़सीम प्रान्त, कुवैत नगर, कुवैत का भूगोल, कृषि, कैसर विल्हेम द्वितीय (जर्मनी), अरब सागर, अरबी रेगिस्तान, अकबर, ..., उस्मानी साम्राज्य, 2010 इस्लामी एकता खेल सूचकांक विस्तार (2 अधिक) »

तेहरान

ईरान के जिले तेहरान (फारसी: تهران) ईरान ईरान के तेहरान प्रान्त का एक शहर और ईरान की राजधानी है। इस शहर की जनसंख्या वर्ष २००६ की जनगणना के अनुसार ७,७९७,५२० है। स्थिति: 35°44' उo अo तथा 51°30' पूo देo। यह नगर ईरान देश तथा तेहरान प्रदेश की राजधानी और एक महत्वपूर्ण औद्योगिक, सांस्कृतिक एवं रेल, सड़क तथा वायुमार्गों का केन्द्र है। समुद्रतल से 1,175 मीटर की ऊँचाई पर कैस्पियन सागर से 105 किलोमीटर दक्षिण तथा एलबुर्ज पर्वत श्रेणी से 16 किलोमीटर दक्षिण स्थित है। इस नगर से डेमावंड पर्वत नामक सुप्त ज्वालामुखी (5,665 मीटर) की हिमाच्छादित नुकीली चोटी दिखाई देती है। यहाँ के दर्शनीय भवनों में राजभवन, संग्रहालय, मस्जिदें इत्यादि हैं। राजभवन में वह मयूरसिंहासन है, जो 1939 ईo में नादिरशाह द्वारा दिल्ली से लाया गया था। कजार वंश के संस्थापक आग़ा मुहम्मद खान ने 1788 ईo में इस नगर को अपनी राजधानी बनाया। तत्पश्चात्‌ नगर का विकास तीव्र गति से होता गया। यह उपजाऊ खेतिहर प्रदेश में स्थित है, जहाँ गेहूँ, चुकंदर, फल तथा कपास उत्पादन महत्वपूर्ण है। कपड़ा, सीमेंट, धातु का सामान, रासायनिक पदार्थ, काच, चीनी, दियासलाई, सिगरेट, साबुन इत्यादि के उद्योग मुख्य हैं। यह फारस की खाड़ी तथा कैस्पियन सागर से रेलमार्गों द्वारा जुड़ा है। नगर से 5.6 मिलोमीटर पश्चिम में हराबाद हवाई अड्डा स्थित है, जहाँ से कई विदेशी वायुमार्ग गुज़रते हैं। 1935 ईo से स्थापित तेहरान विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा का केन्द्र है। .

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दम्माम

दम्मम (अद दम्माम भी) (الدمام) सऊदी अरब के पूर्वी प्रान्त की राजधानी है जो दुनिया में तेल का सर्वाधिक समृद्ध क्षेत्र है। इस प्रान्त के न्यायिक और प्रशासनिक निकाय और कई सरकारी विभाग इस शहर में स्थित हैं। दम्माम, इस्टर्न प्रोविंस का सबसे बड़ा शहर है और सऊदी अरब में रियाद और जेद्दा के बाद यह तीसरा सबसे बड़ा शहर है। दम्मम और इस्टर्न प्रोविंस के बाकी इलाके के लिए किंग फाहद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (KFIA) की सेवा उपलब्ध है जो भूमि के क्षेत्रफल (लगभग 780 km2) के आधार पर विश्व में सबसे बड़ा हवाई अड्डा है और जो शहर के उत्तर-पश्चिम की ओर लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दम्मम का किंग अब्दुल अजीज सी पोर्ट, फ़ारस की खाड़ी में सबसे बड़ा है। देश में आयात-निर्यात की मात्रा के मामले में इस बंदरगाह का स्थान जेद्दा के बाद दूसरा है। .

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दजला नदी

टाइग्रिस-यूरोफ्रेटस नदी-घाटी दजला नदी, जिसे टाइग्रिस नदी भी कहते हैं, तुर्की के तोरोस पर्वतों के दक्षिणपूर्वी भाग से निकलकर तुर्की तथा इराक़ में दक्षिण दक्षिण-पूर्व की ओर १,८४० किमी तक बहने के पश्चात् फ़ुरात नदी में कुराना नामक स्थान पर मिलती है। इस संगमस्थल से ये दोनों नदियाँ शौतिल अरब नाम से १९२ किमी दक्षिण पूर्व में बहकर फ़ारस की खाड़ी में गिरती हैं। दजला नदी अपने ऊपरी भाग में तीव्रगामी है, अत: इसे यहाँ केवल हलकी नावों द्वारा पार किया जाता है। इसके तट पर बसरा, बगदाद और मोसुल प्रमुख नगर स्थित हैं। .

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दुबई

दुबई '''دبيّ'''. संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की सात अमीरातों में से एक है। यह फारस की खाड़ी के दक्षिण में अरब प्रायद्वीप पर स्थित है। दुबई नगर पालिका को अमीरात से अलग बताने के लिए कभी कभी दुबई राज्य बुलाया जाता है। दुबई, मध्य पूर्व के एक वैश्विक नगर तथा व्यापार केन्द्र के रूप में उभर कर सामने आया है। लिखित दस्तावेजों में इस शहर का अस्तित्व संयुक्त अरब अमीरात के गठन से 150 साल पहले होने का जिक्र है। दुबई अन्य अमीरातों के साथ कानून, राजनीति, सैनिक और आर्थिक कार्य एक संघीय ढांचे के भीतर साझा करता है। हालांकि प्रत्येक अमीरात में नागरिक कानून लागू करने और व्यवस्था और स्थानीय सुविधाओं के रखरखाव जैसे कुछ कार्यों पर क्षेत्राधिकार है। दुबई की आबादी सबसे ज्यादा है और यह क्षेत्रफल में अबू धाबी के बाद दूसरी सबसे बड़ी अमीरात है। दुबई और अबू धाबी ही सिर्फ दो अमीरात है जिनके पास देश की विधायिका अनुसार राष्ट्रीय महत्व के महत्वपूर्ण मामलों पर प्रत्यादेश शक्ति का अधिकार है। ^ मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका की सरकर और राजनीति डी लांग, बी रेक.

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दुबई क्रीक

दुबई क्रीक (Dubai Creek), दुबई, संयुक्त अरब अमीरात में स्थित एक खारे जल की खाड़ी हैं। इससे पहले यह रास अल खोर वन्यजीव अभयारण्य का हिस्सा था, लेकिन नई दुबई कैनाल के हिस्से के रूप में अब यह फ़ारस की खाड़ी तक फैली हुई हैं। कुछ स्रोतों का कहना है कि खाड़ी, अंतराल में अल ऐन तक विस्तारित था, और प्राचीन यूनानियों ने इसे जारा नदी नाम दिया था। .

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पूर्वी प्रान्त, सउदी अरब

गर्मी के मौसम में हफ़र अल-बातिन शहर में रेत का तूफ़ान पूर्वी प्रान्त, जिसे औपचारिक अरबी में मिन्तक़ाह​ अश​-शर्क़ीयाह कहते हैं, सउदी अरब का सबसे बड़ा प्रान्त है। सउदी अरब का अधिकतर खनिज तेल इसी प्रान्त में निकाला जाता है। इस प्रान्त में सउदी राजवंश के खिलाफ़ सक्रीय भावनाएँ रहीं हैं और कुछ उपद्रव हुए हैं। इस प्रान्त में भारी शिया आबादी है जो अक्सर सउदी अरब की सख़्त वहाबी सुन्नी विचारधारा से असंतुष्ट रही है।, Pepe Escobar, 6 अप्रैल 2012, Asia Times Online, Accessed 6 अप्रैल 2012 यहाँ के कुछ क्षेत्रों में तो शियाओं की भारी बहुसंख्या है, मसलन क़तीफ़ शहर में, जहाँ ७५% लोग शिया हैं।, Mai Yamani, Contemporary Arab Affairs, Volume 2, Issue 1, 2009, Page 90-105, Accessed 11 अप्रैल 2012,...

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फ़रात नदी

फ़रात नदी (अरबी: الفرات‎ तुर्क: Fırat) दक्षिणपश्चिम एशिया की सबसे लम्बी और एतिहासिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। दजला नदी के साथ मिलकर यह मेसोपोटामिया की दो परिभाषापूर्ण नदियों में से एक है। यह नदी तुर्की में टौरस पहाड़ों पर आरम्भ होकर - सीरिया और इराक में प्रविष्ट होती है और शात अल-अरब में दजला नदी से मिलती है और फ़ारस की खाड़ी में गिरती है। श्रेणी:विश्व की नदियाँ.

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फ़ारस की खाड़ी नाम से सम्बंधित दस्तावेज़ें: एक प्राचीन व अनन्त विरासत

फ़ारस की खाड़ी नाम से सम्बंधित दस्तावेज़ें: एक प्राचीन व अनन्त विरासत ‘मोहम्मद अजम’ द्वारा लिखी और संकलित की गई किताब और एटलस है। पहली बार साल 2004 में प्रकाशित इस किताब का दूसरा संस्करण साल 2008 में डाक्टर पीरोज़ मुजतहिदज़ादेह और डाक्टर मोहम्मद हसन गंजी की निगरानी में प्रकाशित किया गया। वर्ष 2010 में यह किताब सर्वश्रेष्ठ किताब का उम्मीदवार बनी थी। यह फ़ारस की खाड़ी के नाम से संबंधित विवाद के बारे में ईरान में पिछले पचास वर्षों में प्रकाशित की गई श्रेष्ठ किताबों में से एक मानी जाती है। इस किताब का पहला अध्याय ‘’फ़ारस की खाड़ी ’’ के नाम से संबंधित राजनीतिक व भौगोलिक विवादों, फ़ारस का खाड़ी के नाम से संबंधित ऐतिहासिक दस्तावेजों और फ़ारस की खाड़ी के नामकरण के बारे में कुछ दिनों पहले उठने वाले विवाद पर आधारित है।.

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फ़ारस की खाड़ी का राष्ट्रीय दिवस

ईरान में 30 अप्रैल का दिन फ़ारस की खाड़ी का राष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन पूरे ईरान में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। फारस की खाड़ी, मध्य पूर्व एशिया क्षेत्र में हिन्द महासागर का एक विस्तार है, जो ईरान और अरब प्रायद्वीप के बीच तक गया हुआ है।Working Paper No.

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फ़ारसी भाषा

फ़ारसी, एक भाषा है जो ईरान, ताजिकिस्तान, अफ़गानिस्तान और उज़बेकिस्तान में बोली जाती है। यह ईरान, अफ़ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान की राजभाषा है और इसे ७.५ करोड़ लोग बोलते हैं। भाषाई परिवार के लिहाज़ से यह हिन्द यूरोपीय परिवार की हिन्द ईरानी (इंडो ईरानियन) शाखा की ईरानी उपशाखा का सदस्य है और हिन्दी की तरह इसमें क्रिया वाक्य के अंत में आती है। फ़ारसी संस्कृत से क़ाफ़ी मिलती-जुलती है और उर्दू (और हिन्दी) में इसके कई शब्द प्रयुक्त होते हैं। ये अरबी-फ़ारसी लिपि में लिखी जाती है। अंग्रेज़ों के आगमन से पहले भारतीय उपमहाद्वीप में फ़ारसी भाषा का प्रयोग दरबारी कामों तथा लेखन की भाषा के रूप में होता है। दरबार में प्रयुक्त होने के कारण ही अफ़गानिस्तान में इस दारी कहा जाता है। .

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बसरा

बसरा बसरा इराक का तीसरा सबसे बड़ा नगर एवं महत्वपूर्ण बंदरगाह है। यह बसरा प्रान्त की राजधानी भी है। फारस की खाड़ी से 75 मील दूर तथा बगदाद से 280 मील दूर दक्षिण-पूर्वी भाग में दज़ला और फरात नदियों के मुहाने पर बसा हुआ है। स्थिति - 30 डिग्री 30मिनट उत्तरी अक्षांश तथा तथा 47 डिग्री 50 मिनट पूर्वी देशान्तर। बसरा से देश की 90 प्रतिशत वस्तुओं का निर्यात किया जाता है। यहाँ से ऊन, कपास, खजूर, तेल, गोंद, गलीचे तथा जानवर निर्यात किए जाते हैं। जनसंख्या में अधिकांश अरब, यहूदी, अमरीकी, ईरानी तथा भारतीय हैं। .

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बसरा प्रान्त

बसरा प्रान्त, जिसे अरबी में मुहाफ़ज़ात​ अल-बसरा कहते हैं, इराक़ का एक प्रान्त है। इस प्रान्त की राजधानी बसरा शहर है। बसरा प्रान्त की पूर्वी सीमा ईरान से और दक्षिणी सीमा कुवैत से लगती है। इस प्रान्त की एक छोटा सा हिस्सा फ़ारस की खाड़ी को लगता है जहाँ बसरा शहर की बंदरगाह व अन्य बंदरगाहें हैं। यह इराक़ का समुद्र छूने वाला इकलौता क्षेत्र है। .

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बात, अल-खुतुम और अल-आइन के पुरातत्व स्थल

बात, अल-खुतुम और अल-आइन के पुरातत्व स्थल, तीसरी सहस्त्राब्दी ईसा पूर्व के महत्वपूर्ण कब्रिस्तान समूह हैं जो एक तालाब के पास स्थित हैं। 1988 में यूनेस्को द्वारा इन्हें विश्व धरोहर घोषित किया गया था। .

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बग़दाद

बगदाद एक प्रमुख नगर बग़दाद (بغداد) विश्व का एक प्रमुख नगर एवं ईराक की राजधानी है। इसका नाम ६०० ईपू के बाबिल के राजा भागदत्त पर पड़ा है। यह नगर 4,000 वर्ष पहले पश्चिमी यूरोप और सुदूर पूर्व के देशों के बीच, समुद्री मार्ग के आविष्कार के पहले कारवाँ मार्ग का प्रसिद्ध केंद्र था तथा नदी के किनारे इसकी स्थिति व्यापारिक महत्व रखती थी। मेसोपोटामिया के उपजाऊ भाग में स्थित बगदाद वास्तव में शांति और समृद्धि का केंद्र था। 9वीं शताब्दी के प्रारंभिक वर्षों में यह अपने चरमोत्कर्ष पर था। उस समय यहाँ प्रबुद्ध खलीफा की छत्रछाया में धनी व्यापारी एवं विद्वान लोग फले-फूले। रेशमी वस्त्र एवं विशाल खपरैल के भवनों के लिए प्रसिद्ध बगदाद इस्लाम धर्म का केंद्र रहा है। यहाँ का औसत ताप लगभग 23 डिग्री सें.

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बंदर अब्बास

बंदर अब्बास (फ़ारसी: بندرعباس), या बंदर-ए-अब्बास; बंदर 'अब्बास और बंदर' अब्बासी के रूप में भी पहचाना जाता है। पूर्व में कैम्बाराओ और पोर्टो कोमोरो के रूप में पुर्तगाली व्यापारियों के रखे नाम से जाना जाता था, अंग्रेजी व्यापारी और डच व्यापारी भी गोम्बरुऑन के नाम से पुकारा करते थे। जारून (अरबी नाम) और कैमरून (अंग्रेजी नाम) फ़ारस की खाड़ी में ईरान के दक्षिणी तट पर एक बंदरगाह शहर और होर्मोजगान प्रांत की राजधानी है। यह ईरानी नौसेना के मुख्य आधार और केंद्र स्थान है। बंदर अब्बास बंदर अब्बास काउंटी की राजधानी और सबसे बड़ा शहर भी है। 2006 की जनगणना के अनुसार इसकी आबादी 367,508 थी, जिसमें 89,404 परिवार थे। .

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मलयालम भाषा

मलयालं (മലയാളം, मलयालम्‌) या कैरली (കൈരളി, कैरलि) भारत के केरल प्रान्त में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है। ये द्रविड़ भाषा-परिवार में आती है। केरल के अलावा ये तमिलनाडु के कन्याकुमारी तथा उत्तर में कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिला, लक्षद्वीप तथा अन्य कई देशों में बसे मलयालियों द्वारा बोली जाती है। मलयालं, भाषा और लिपि के विचार से तमिल भाषा के काफी निकट है। इस पर संस्कृत का प्रभाव ईसा के पूर्व पहली सदी से हुआ है। संस्कृत शब्दों को मलयालम शैली के अनुकूल बनाने के लिए संस्कृत से अवतरित शब्दों को संशोधित किया गया है। अरबों के साथ सदियों से व्यापार संबंध अंग्रेजी तथा पुर्तगाली उपनिवेशवाद का असर भी भाषा पर पड़ा है। .

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मातृवंश समूह एच

लगभग १०% पंजाबी लोग मातृवंश समूह एच के वंशज होते हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह एच या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप H एक मातृवंश समूह है। यूरोप में यह सब से अधिक पाया जाने वाले मातृवंश है। यूरोप के ५०%, मध्य पूर्व और कॉकस के २०%, ईरान के १७% और पाकिस्तान, उत्तर भारत और मध्य एशिया के १०% से ज़रा कम लोग इस मातृवंश के वंशज हैं। फ़ारस की खाड़ी के इर्द-गिर्द के इलाक़ों में भी १०% से ज़रा कम लोग इसके वंशज हैं। वैज्ञानिकों की मान्यता है के जिस स्त्री के साथ इस मातृवंश की शुरुआत हुई वह आज से क़रीब २५,००० से ३०,००० साल पहले मध्य पूर्व में कहीं रहती थी। .

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मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

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मुंबई की जनसांख्यिकी

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रुपए का इतिहास

भारतीय १० रुपये के नोटों की गड्डियां भारतीय १ रुपये का सिक्का भारत विश्व कि उन प्रथम सभ्यताओं में से है जहाँ सिक्कों का प्रचलन लगभग छठी सदी ईसापूर्व में शुरू हुआ। रुपए शब्द का अर्थ शब्द रूपा से जोड़ा जा सकता है जिसका अर्थ होता है चाँदी। संस्कृत में रूप्यकम् का अर्थ है चाँदी का सिक्का। रुपया शब्द सन 1540 - 1545 के बीच शेरशाह सूरी के द्वारा जारी किए गए चाँदी के सिक्कों लिए उपयोग में लाया गया। मूल रुपया चाँदी का सिक्का होता था, जिसका वजन 11.34 ग्राम था। यह सिक्का ब्रिटिश भारत के शासन काल में भी उपयोग मे लाया जाता रहा। बीसवीं सदी में फ़ारस की खाड़ी के देशों (खाड़ी देश) तथा अरब मुल्कों में भारतीय रुपया मुद्रा के तौर पर प्रचलित था। सोने की तस्करी को रोकने तथा भारतीय मुद्रा के बाहर में प्रयोग को रोकने के लिए मई १९५९ में भारतीय रिज़र्व बैंक ने गल्फ़ रुपी (खाड़ी रुपया) का विपणन किया। साठ के दशक में कुवैत तथा बहरीन ने अपनी स्वतंत्रता के बाद अपनी ख़ुद की मुद्रा प्रयोग में लानी शुरु की तथा १९६६ में भारतीय रुपये में हुए अवमूल्यन से बचने के लिए क़तर ने भी अपनी मुद्रा शुरु कर दी। .

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शारजाह (नगर)

शारजहाँ (अरबी: الشارقة) सयुंक्त अरब अमीरात का तीसरा सर्वाधिक जनसँख्या वाला नगर है और शारजहाँ अमीरात की सरकार की राजधानी भी| नगर का क्षेत्रफल २३५ वर्ग किमी है और जनसंख्या लगभग ८ लाख (२००८).

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समुद्री बीमा

समुद्री बीमा जहाजों, कार्गो, टर्मिनलों और ऐसे किसी भी परिवहन या कार्गों की हानि या क्षति की भरपाई करता है जिसके द्वारा मूल स्थल से गंतव्य स्थल तक संपत्ति का स्थानान्तरण, अधिग्रहण, या नियंत्रण किया जाता है। यहां चर्चित कार्गो बीमा समुद्री बीमा की एक उप-शाखा है, हालांकि समुद्री बीमा में तत्वारी एवं अपतटीय अनावृत संपत्ति (कंटेनर टर्मिनल, बंदरगाह, तेल प्लेटफार्म, पाइपलाइन); जहाज का ढांचा; समुद्री दुर्घटना; और समुद्री देयता भी शामिल है। .

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सलजूक़ साम्राज्य

'बुर्ज तोग़रोल​' ईरान की राजधानी तेहरान के पास तुग़रिल बेग़​ के लिए १२वीं सदी में बना एक स्मारक बुर्ज है सलजूक़​ साम्राज्य या सेल्जूक साम्राज्य(तुर्की: Büyük Selçuklu Devleti; फ़ारसी:, दौलत-ए-सलजूक़ियान​; अंग्रेज़ी: Seljuq Empire) एक मध्यकालीन तुर्की साम्राज्य था जो सन् १०३७ से ११९४ ईसवी तक चला। यह एक बहुत बड़े क्षेत्र पर विस्तृत था जो पूर्व में हिन्दू कुश पर्वतों से पश्चिम में अनातोलिया तक और उत्तर में मध्य एशिया से दक्षिण में फ़ारस की खाड़ी तक फैला हुआ था। सलजूक़ लोग मध्य एशिया के स्तेपी क्षेत्र के तुर्की-भाषी लोगों की ओग़ुज़​ शाखा की क़िनिक़​ उपशाखा से उत्पन्न हुए थे। इनकी मूल मातृभूमि अरल सागर के पास थी जहाँ से इन्होनें पहले ख़ोरासान​, फिर ईरान और फिर अनातोलिया पर क़ब्ज़ा किया। सलजूक़ साम्राज्य की वजह से ईरान, उत्तरी अफ़्ग़ानिस्तान​, कॉकस और अन्य इलाक़ों में तुर्की संस्कृति का प्रभाव बना और एक मिश्रित ईरानी-तुर्की सांस्कृतिक परम्परा जन्मी।, Jamie Stokes, Anthony Gorman, pp.

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सउदी अरब

सउदी अरब मध्यपूर्व में स्थित एक सुन्नी मुस्लिम देश है। यह एक इस्लामी राजतंत्र है जिसकी स्थापना १७५० के आसपास सउद द्वारा की गई थी। यहाँ की धरती रेतीली है तथा जलवायु उष्णकटिबंधीय मरुस्थल। यह विश्व के अग्रणी तेल निर्यातक देशों में गिना जाता है। सउदी अरब के पश्चिम की ओर लाल सागर है और उसके पार मिस्र। दक्षिण की ओर ओमान और यमन हैं और उनके दक्षिण में हिन्द महासागर। उत्तर में इराक और ज़ॉर्डन की सीमा लगती है जबकि पूरब में फारस की खाड़ी और कुवैत तथा संयुक्त अरब अमीरात। इसरायल-फ़िलिस्तीन का क्षेत्र इसके उत्तर की दिशा में है और अरबों ने इसके इतिहास को बहुत प्रभावित किया है। यहाँ इस्लाम के प्रवर्तक मुहम्मद साहब का जन्म हुआ था और यहाँ इस्लाम के दो सबसे पवित्र स्थल मक्का और मदीना अवस्थित हैं। इस्लाम में हज का स्थान मक्का बताया गया है और दुनिया के सारे मुसलमान मक्का की ओर ही नमाज अदा करते हैं। यहाँ के मुसलमान मुख्यतः सुन्नी हैं और इस्लाम की राजनैतिक राजधानी के इस देश से बाहर रहने के बावजूद इस देश के लोगों ने इस्लाम धर्म पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। .

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सुलेमान प्रथम

सुलेमान प्रथम, सुलेमान क़ानूनी, सुलेमान महान या शानदार सुलेमान (उस्मानी तुर्की: سلطان سليمان اول‎ सुल्तान सुलेमान अव्वल, आधुनिक तुर्की: Süleyman I या Kanunî Sultan Süleyman) उस्मानी सल्तनत के दसवें शासक थे जिन्होंने 1520 से 1566, 46 साल तक शासन किया। वे सम्भवतः उस्मानी सल्तनत के सबसे महान शासकों में से एक थे जिन्होंने अपने अनोखी न्यायप्रणाली और अतुलनीय प्रबन्धन की बदौलत समस्त इस्लामी विश्व को समृद्धि और विकास का मार्ग पर लाया था। उन्होंने सल्तनत के लिए क़ानून की विशेष व्यवस्था स्थापित की थी और इस कारण से उन्हें सुलेमान क़ानूनी के नाम से याद किया जाता है। पश्चिमी विश्व उनकी महानता से इतने प्रभावित हुए कि पश्चिमी लेखकों ने उन्हें शानदार सुलेमान का नाम दिया। उनकी सरकार के मुख्य इलाक़ों में हिजाज़, तुर्की, मिस्र, अल्जीरिया, इराक़, कुर्दिस्तान, यमन, शाम, फ़ारस की खाड़ी और भूमध्य तटीय क्षेत्र, यूनान और हंगरी शामिल थे। .

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हाम्मुरबी

खम्मूरब्बी बाबुल या हम्मूरब्बी (1810 ईसापूर्व - 1750 ईसापूर्व) बेबिलोनिया का एक राजा था। वह प्रथम बेबिलोनिया राजवंश का छठा राजा था। उसने १७९२ ईसापूर्व से १७५० ईसापूर्व तक शासन किया। इसका काल अभी तक पूर्णतया निश्चित नहीं हो पाया है। पहले इसका समय ईसापूर्व २१वीं शती माना जाता था किंतु नवीन शोधों के अनुसार उसका समय ईसापूर्व १९५० और १७०० के बीच किसी समय समझा जाता है। यह सामी (अमोरी) वंश का छठा शासक था। इसके शासन काल में बाबुल साम्राज्य उत्तर की ओर फारस की खाड़ी तक, पश्चिम की ओर दजला-फरात का काँठा, असुर तथा भूमध्य सागर के सामी तट तक फैला हुआ था। खम्मुरब्बी मुख्यत: सफल शासक और सैनिक था, उसकी ख्याति कानूनों को नियमबद्ध करने के कारण है। उसके बनाए हुए कानून १९०२ में शूषा में एक चट्टान पर अंकित पाए गए हैं। उसके कानून की अनेक धाराओं का संबंध वैयक्तिक संपत्ति, व्यापार, व्यापार-संबंध, परिवार, श्रम, वैयक्तिक आघात से है। उसका सिद्धांत था- 'आँख के बदले आँख'। खम्मुरब्बी के अधिकांश कानून सुमेरी कानूनों पर आधारित हैं और उनमें पारिवारिक अपराधों के लिए कठोर दंड के मूल में सामी प्रभाव झलकता है। उसके कानून में मानव जीवन से अधिक महत्व वैयक्तिक संपत्ति को दिया गया है, जो बाबुल के निस्सीम पूँजीवाद का प्रतीक है। .

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हिन्द महासागर

हिंद महासागर हिंद महासागर और चीन सागर के इस मानचित्र को हंगरी में जन्मे तुर्क मानचित्रकार और प्रकाशक इब्राहिम मुटेफेरीका द्वारा 1728 में उत्कीर्ण किया गया था हिन्द महासागर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा समुद्र है और पृथ्वी की सतह पर उपस्थित पानी का लगभग 20% भाग इसमें समाहित है। उत्तर में यह भारतीय उपमहाद्वीप से, पश्चिम में पूर्व अफ्रीका; पूर्व में हिन्दचीन, सुंदा द्वीप समूह और ऑस्ट्रेलिया, तथा दक्षिण में दक्षिणध्रुवीय महासागर से घिरा है। विश्व में केवल यही एक महासागर है जिसका नाम किसी देश के नाम यानी, हिन्दुस्तान (भारत) के नाम है। संस्कृत में इसे रत्नाकर यानि रत्न उत्पन्न करने वाला कहते हैं, जबकि प्राचीन हिन्दु ग्रंथों में इसे हिन्दु महासागर कहा गया है। वैश्विक रूप से परस्पर जुड़े समुद्रों के एक घटक हिंद महासागर को, अंध महासागर से 20° पूर्व देशांतर जो केप एगुलस से गुजरती है और प्रशांत महासागर से 146°55' पूर्व देशांतर पृथक करती हैं। हिंद महासागर की उत्तरी सीमा का निर्धारण फारस की खाड़ी में 30° उत्तर अक्षांश द्वारा होता है। हिंद महासागर की पृष्टधाराओं का परिसंचरण असममित है। अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी सिरों पर इस महासागर की चौड़ाई करीब 10,000 किलोमीटर (6200 मील) है; और इसका क्षेत्रफल 73556000 वर्ग किलोमीटर (28400000 वर्ग मील) है जिसमें लाल सागर और फारस की खाड़ी शामिल हैं। सागर में जल की कुल मात्रा 292,131,000 घन किलोमीटर (70086000 घन मील) होने का अनुमान है। हिन्द महासागर में स्थित मुख्य द्वीप हैं; मेडागास्कर जो विश्व का चौथा सबसे बड़ा द्वीप है, रीयूनियन द्वीप; कोमोरोस; सेशेल्स, मालदीव, मॉरिशस, श्रीलंका और इंडोनेशिया का द्वीपसमूह जो इस महासागर की पूर्वी सीमा का निर्धारण करते हैं। .

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हिजाज़ पहाड़ियाँ

हिजाज़ पहाड़ियाँ या हेजाज़ पहाड़ियाँ सउदी अरब के पश्चिमी हिजाज़ क्षेत्र में उस देश के पश्चिमी तट के पास स्थित पहाड़ियों की एक शृंखला है। वास्तव में इस तट की बराबरी में दो पहाड़ी शृंखलाएँ चलती हैं - उत्तर में हिजाज़ पहाड़ियाँ हैं, बीच में एक कम ऊँचाई का क्षेत्र है और दक्षिण में फिर असीर पहाड़ियाँ हैं। हिजाज़ के पहाड़ पूर्व में ढलान रखते हैं जहाँ से कभी-कभार गिरने वाली बारिश बहकर आसपास की कुछ वादियों में चश्में और कुँए में पानी भरकर वहाँ पर नख़लिस्तान (ओएसिस) बना देती है। हिजाज़ पहाड़ियों की पश्चिमी तरफ़ में ढलान की बजाए खाईयाँ हैं, जहाँ ऊँचाई बहुत जल्दी गिरती है। पहाड़ियों और लाल सागर के बीच कम जगह है, इसलिए तटीय मैदान या तो बहुत छोटा है या है ही नहीं। .

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होरमुज़ जलसन्धि

होरमुज़ जलडमरूमध्य (फ़ारसी:, तंगेह-ए-होरमुज़; अंग्रेज़ी: Strait of Hormuz) पश्चिम एशिया की एक प्रमुख जलसन्धि है जो ईरान के दक्षिण में फ़ारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी से अलग करता है। इसके दक्षिण में संयुक्त अरब अमीरात और ओमान का मुसन्दम नामक बहिक्षेत्र हैं। तेल के निर्यात की दृष्टि से यह जलडमरु बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इराक़, क़तर तथा ईरान जैसे देशों का तेल निर्यात यहीं से होता है। अपने सबसे कम चौड़े स्थान पर इसके दोनों तटों में ३९ किलोमीटर की दूरी है। .

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जल संसाधन

जल संसाधन पानी के वह स्रोत हैं जो मानव के लिए उपयोगी हों या जिनके उपयोग की संभावना हो। पानी के उपयोगों में शामिल हैं कृषि, औद्योगिक, घरेलू, मनोरंजन हेतु और पर्यावरणीय गतिविधियों में। वस्तुतः इन सभी मानवीय उपयोगों में से ज्यादातर में ताजे जल की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर पानी की कुल उपलब्ध मात्रा अथवा भण्डार को जलमण्डल कहते हैं। पृथ्वी के इस जलमण्डल का ९७.५% भाग समुद्रों में खारे जल के रूप में है और केवल २.५% ही मीठा पानी है, उसका भी दो तिहाई हिस्सा हिमनद और ध्रुवीय क्षेत्रों में हिम चादरों और हिम टोपियों के रूप में जमा है। शेष पिघला हुआ मीठा पानी मुख्यतः जल के रूप में पाया जाता है, जिस का केवल एक छोटा सा भाग भूमि के ऊपर धरातलीय जल के रूप में या हवा में वायुमण्डलीय जल के रूप में है। मीठा पानी एक नवीकरणीय संसाधन है क्योंकि जल चक्र में प्राकृतिक रूप से इसका शुद्धीकरण होता रहता है, फिर भी विश्व के स्वच्छ पानी की पर्याप्तता लगातार गिर रही है दुनिया के कई हिस्सों में पानी की मांग पहले से ही आपूर्ति से अधिक है और जैसे-जैसे विश्व में जनसंख्या में अभूतपूर्व दर से वृद्धि हो रही हैं, निकट भविष्य मैं इस असंतुलन का अनुभव बढ़ने की उम्मीद है। पानी के प्रयोक्ताओं के लिए जल संसाधनों के आवंटन के लिए फ्रेमवर्क (जहाँ इस तरह की एक फ्रेमवर्क मौजूद है) जल अधिकार के रूप में जाना जाता है। आज जल संसाधन की कमी, इसके अवनयन और इससे संबंधित तनाव और संघर्ष विश्वराजनीति और राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। जल विवाद राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण विषय बन चुके हैं। .

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ईरान

ईरान (جمهوری اسلامی ايران, जम्हूरीए इस्लामीए ईरान) जंबुद्वीप (एशिया) के दक्षिण-पश्चिम खंड में स्थित देश है। इसे सन १९३५ तक फारस नाम से भी जाना जाता है। इसकी राजधानी तेहरान है और यह देश उत्तर-पूर्व में तुर्कमेनिस्तान, उत्तर में कैस्पियन सागर और अज़रबैजान, दक्षिण में फारस की खाड़ी, पश्चिम में इराक और तुर्की, पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान तथा पाकिस्तान से घिरा है। यहां का प्रमुख धर्म इस्लाम है तथा यह क्षेत्र शिया बहुल है। प्राचीन काल में यह बड़े साम्राज्यों की भूमि रह चुका है। ईरान को १९७९ में इस्लामिक गणराज्य घोषित किया गया था। यहाँ के प्रमुख शहर तेहरान, इस्फ़हान, तबरेज़, मशहद इत्यादि हैं। राजधानी तेहरान में देश की १५ प्रतिशत जनता वास करती है। ईरान की अर्थव्यवस्था मुख्यतः तेल और प्राकृतिक गैस निर्यात पर निर्भर है। फ़ारसी यहाँ की मुख्य भाषा है। ईरान में फारसी, अजरबैजान, कुर्द और लूर सबसे महत्वपूर्ण जातीय समूह हैं .

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ईरान का पठार

ईरान का पठार पश्चिमी एशिया और मध्य एशिया का एक भौगोलिक क्षेत्र है। यह पठार अरबी प्लेट और भारतीय प्लेट के बीच में स्थित यूरेशियाई प्लेट के एक कोने पर स्थित है। इसके पश्चिम में ज़ाग्रोस पर्वत, उत्तर में कैस्पियन सागर व कोपेत दाग़ (पर्वतमाला), पश्चिमोत्तर में आर्मेनियाई उच्चभूमि व कॉकस पर्वतमाला, दक्षिण में होरमुज़ जलसन्धि व फ़ारस की खाड़ी और पूर्व में सिन्धु नदी है। पश्चिमोत्तर में कैस्पियन सागर से लेकर दक्षिणपश्चिम में बलोचिस्तान तक ईरान का पठार लगभग २,००० किमी तक विस्तृत है। ईरान व अफ़्ग़ानिस्तान का अधिकतर भाग और पाकिस्तान का सिन्धु नदी से पश्चिम का भाग इसी पठार का हिस्सा है। पठार को एक चकोर के रूप में देखा जाये तो तबरेज़, शिराज़, पेशावर और क्वेटा उसके चार कोनों पर हैं और इसमें कुल मिलाकर ३७,००,००० वर्ग किमी क्षेत्रफल है। पठार कहलाये जाने के बावजूद इस पठार पर वास्तव में कई पर्वतमालाएँ हैं जिनका सबसे ऊँचा शिखर अल्बोर्ज़ पर्वतमाला का ५,६१० मीटर लम्बा दामावन्द पर्वत है और सब्से निचला बिन्दु मध्य ईरान में कर्मान नगर से पूर्व लूत द्रोणी में ३०० मीटर से नीचे स्थित है। .

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खाड़ियों की सूची

यह विश्व की प्रमुख खाड़ियाँ है। .

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खाड़ी

अरब सागर की दो खाड़ियाँ गुजरात से लगती हैं: खम्भात की खाड़ी और कच्छ की खाड़ी खाड़ी समुद्री पानी के ऐसे जलाशय को कहते हैं जो किसी ओर से सागर या महासागर से तो जुड़ी हो लेकिन जिसके इर्द-गिर्द काफ़ी हद तक धरती का घेरा हो। ध्यान दें कि समुद्री तट में छोटे-से मोड़ को यह दर्जा नहीं दिया जाता और केवल महत्वपूर्ण क्षेत्रफल वाले जलाशयों को ही 'खाड़ी' बुलाया जाता है।, pp.

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खाड़ी युद्ध

कोई विवरण नहीं।

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ग्रूपर मछली

ग्रूपर (Grouper) हड्डीदार मछलियों के पर्सिफ़ोर्मेज़ गण के सेरानिडाए कुल के एपिनेफ़ेलिनाए (Epinephelinae) उपकुल के सदस्य होते हैं। .

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ग्वादर

ग्वादर शहर ग्वादर बंदरगाह ग्वादर (बलोच व उर्दु) पाकिस्तान से सुदूर दक्षिण-पश्चिमी भाग में बलोचिस्तान प्रान्त में अरब सागर के किनारे पर स्थित एक बंदरगाही शहर है। यह ग्वादर ज़िले का केंद्र है और सन् २०११ में इसे बलोचिस्तान की शीतकालीन राजधानी घोषित कर दिया गया था। ग्वादर शहर एक ६० किमी चौड़ी तटवर्ती पट्टी पर स्थित है जिसे अक्सर मकरान कहा जाता है। ईरान तथा फ़ारस की खाड़ी के देशों के बहुत पास होने के कारण इस शहर का बहुत सैन्य और राजनैतिक महत्व है। पाकिस्तान प्रयास कर रहा है कि इस बंदरगाह के ज़रिये न केवल पाकिस्तान बल्कि चीन, अफ़ग़ानिस्तान व मध्य एशिया के देशों का भी आयात-निर्यात चले। .

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ओमान की खाड़ी

ओमान की खाड़ी (अंग्रेज़ी: Gulf of Oman), जिसे अरबी में ख़लीज उमान और फ़ारसी में ख़लीज-ए-मकरान कहते हैं, अरब सागर और होरमुज़ जलसन्धि के बीच स्थित एक जलडमरू है। यह होरमुज़ जलसन्धि के पार फ़ारस की खाड़ी से जुड़ता है। हालांकि इसे खाड़ी बुलाया जाता है, भौगोलिक रूप से यह वास्तव में एक जलडमरू है। इसके उत्तर में ईरान और पाकिस्तान का मकरान क्षेत्र है जबकि इसके दक्षिण में संयुक्त अरब अमीरात और ओमान स्थित हैं। फ़ारस की खाड़ी की तुलना में इसकी गहराई काफी अधिक है।, John E. Randall, pp.

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इराक पर आक्रमण 2003

इराक पर 2003 का आक्रमण 20 मार्च से 1 मई 2003 तक चला और इराक युद्ध की शुरूआत को संकेत था, जो संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा संचालित ऑपरेशन इराकी स्वतंत्रता (19 मार्च से पहले, इराक में मिशन को "ऑपरेशन एंडरिंग फ्रीडम" कहा जाता था।. आक्रमण में 21 दिनों के प्रमुख मुकाबले और संचालन शामिल थे, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया और पोलैंड के सैनिकों की एक संयुक्त सेना ने इराक पर हमला किया और सद्दाम हुसैन की बाथिस्ट सरकार को हटा दिया। आक्रमण चरण में मुख्य रूप से पारंपरिक रूप से लड़ा युद्ध के शामिल था, जिसमें ऑस्ट्रेलिया और पोलैंड के साथ यूनाइटेड किंगडम की निहित सहायता के साथ अमेरिकी सेनाओं द्वारा बगदाद की इराकी राजधानी पर कब्जा शामिल था। आक्रमण पहले 20 मार्च 2003 को बगदाद में राष्ट्रपति महल पर हवाई हमले से पहले किया गया था। अगले दिन, गठबंधन बलों ने इराक़-कुवैती सीमा के करीब अपने बिंदु से बसरा प्रांत में घुसपैठ शुरू की। विशेष बल ने एक उभयचर हमला किया बसरा और आसपास के पेट्रोलियम क्षेत्रों को सुरक्षित करने के लिए फारस की खाड़ी, मुख्य आक्रमण सेना दक्षिणी इराक में चली गई थी। इराकी सेना जल्द ही हार गई और गठबंधन ने 9 अप्रैल को राजधानी बगदाद पर कब्जा कर लिया था। लेकिन 17 मार्च 2003 को, अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने सद्दाम हुसैन को अपने बेटों उदय और कुसु के साथ देश छोड़ने के लिए 48 घंटे दिए थे।. .

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इराक का भूगोल

इराक जो पश्चिमी एशिया में स्थित है और ईरान, जॉर्डन, कुवैत, सऊदी अरब और सीरिया के साथ सीमाओं को साझा करता है। इसमें फारस की खाड़ी के साथ सिर्फ 36 मील (58 किमी) का एक छोटा सा समुद्र तट है इराक की राजधानी और सबसे बड़ा शहर बगदाद है और इसकी आबादी 30,39 9, 572 (जुलाई 2011 अनुमानित) है। इराक के अन्य बड़े शहरों में मोसुल, बसरा, इरबिल और किर्कुक शामिल हैं और देश की जनसंख्या घनत्व 17 9 6 लोग प्रति वर्ग मील या 69.3 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर है। .

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इराक़

इराक़ पश्चिमी एशिया में स्थित एक जनतांत्रिक देश है जहाँ के लोग मुख्यतः मुस्लिम हैं। इसके दक्षिण में सउदी अरब और कुवैत, पश्चिम में जोर्डन और सीरिया, उत्तर में तुर्की और पूर्व में ईरान अवस्थित है। दक्षिण पश्चिम की दिशा में यह फ़ारस की खाड़ी से भी जुड़ा है। दजला नदी और फरात इसकी दो प्रमुख नदियाँ हैं जो इसके इतिहास को ५००० साल पीछे ले जाती हैं। इसके दोआबे में ही मेसोपोटामिया की सभ्यता का उदय हुआ था। इराक़ के इतिहास में असीरिया के पतन के बाद विदेशी शक्तियों का प्रभुत्व रहा है। ईसापूर्व छठी सदी के बाद से फ़ारसी शासन में रहने के बाद (सातवीं सदी तक) इसपर अरबों का प्रभुत्व बना। अरब शासन के समय यहाँ इस्लाम धर्म आया और बगदाद अब्बासी खिलाफत की राजधानी रहा। तेरहवीं सदी में मंगोल आक्रमण से बगदाद का पतन हो गया और उसके बाद की अराजकता के सालों बाद तुर्कों (उस्मानी साम्राज्य) का प्रभुत्व यहाँ पर बन गया २००३ से दिसम्बर २०११ तक अमेरिका के नेतृत्व में नैटो की सेना की यहाँ उपस्थिति बनी हुई थी जिसके बाद से यहाँ एक जनतांत्रिक सरकार का शासन है। राजधानी बगदाद के अलावा करबला, बसरा, किर्कुक तथा नजफ़ अन्य प्रमुख शहर हैं। यहाँ की मुख्य बोलचाल की भाषा अरबी और कुर्दी भाषा है और दोनों को सांवैधानिक दर्जा मिला है। .

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इस्लाम से पहले का अरब

सउदी अरब के मदीना प्रान्त में मदाइन सालेह नामक नबाती मक़बरे यमन के सबाई संस्कृति के अल्मक़ाह चन्द्र-देवता की एक प्रार्थना नबाती लोगों के व्यापारिक मार्ग इस्लाम से पहले का अरब (अरबी:, अल-अरब क़ब्ल अल-इस्लाम; अंग्रेज़ी: Pre-Islamic Arabia) ६३० ईसवी के दशक में इस्लाम के उभरने से पहले के काल का अरबी प्रायद्वीप था। यदि इराक़ में केन्द्रित मेसोपोटामिया की सभ्यताओं को छोड़ा जाए तो अरबी प्रायद्वीप में सबसे पहली मानवीय संस्कृति २५०० ईसापूर्व के आसपास की उम्म अन-नार संस्कृति थी जो उत्तरी संयुक्त अरब अमीरात और ओमान के इलाक़े में लगभग ५०० सालों तक चली। इसके बाद यहाँ कई राज्य उभरे। .

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क़सीम प्रान्त

उनैज़ाह शहर का एक दृश्य क़सीम प्रान्त, जिसे औपचारिक अरबी में मिन्तक़ाह​ अल-क़सीम कहते हैं, सउदी अरब के मध्य नज्द क्षेत्र में स्थित प्रान्त है। इसकी राजधानी बुरैदाह शहर है और सन् २००४ में ४९% प्रांतीय आबादी इसी शहर में रहती थी। .

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कुवैत नगर

कुवैत सिटी (अरबी: مدينة الكويت, लिप्यांतरण: मदीनत-अल-कुवैत) कुवैत की राजधानी होने के साथ-साथ यहां का सबसे बड़ा शहर भी है। इसे कुवैत का हृदय भी कहा जाता है। इसी शहर में संसद भवन तथा अधिकांश सरकारी ऑफिस हैं। देश की राजनीतिक राजधानी होने के साथ-साथ इसे देश की सांस्‍कृतिक और आर्थिक राजधानी भी माना जाता है। इसकी अनुमानित जनसँख्या नगरीय सीमा में ६३,६०० (२००६) है और महानगरीय क्षेत्र में २३.८ लाख। नगर का क्षेत्रफल २०० वर्ग किलोमीटर है। यह नगर फ़ारस की खाड़ी के तट पर स्थित है और कुवैत की संसद (मजलिस अल-उम्मा), अधिकांश सरकारी कार्यालय, कुवैत की बहुत सी बड़ी कंपनियों और निकायों के मुख्यालय यहाँ स्थित हैं। निर्विवाद रूप से ये कुवैत का राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र है। इसके साथ ही यह अरब जगत का एक महत्‍वपूर्ण पर्यटन स्‍थल भी है। लिबरेशन टॉवर, कुवैत टॉवर, नेशनल म्‍यूजियम, फैलाका द्वीप, इंटरटेनमेंट सिटी, साइंस एंड नेचुरल हिस्‍ट्री म्‍यूजियम, लिबरेशन स्‍मारक, साइंटिफिक सेंटर, तारिक रजाब म्‍यूजियम, बयात अल- बदीर, जूलॉजिकल पार्क, संगीतमय फव्‍वारा आदि यहां के प्रमुख दर्शनीय स्‍थल हैं। .

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कुवैत का भूगोल

कुवैत आधिकारिक तौर पर कुवैत राज्य कहा जाता है, अरब प्रायद्वीप के पूर्वोत्तर भाग पर स्थित एक देश है। यह सऊदी अरब से दक्षिण और इराक के साथ उत्तर और पश्चिम में सीमाएं साझा करता है। कुवैत की पूर्वी सीमाएं फारस की खाड़ी के साथ हैं कुवैत का कुल क्षेत्रफल 6,879 वर्ग मील (17,818 वर्ग किमी) है और जनसंख्या घनत्व 377 लोगों प्रति वर्ग मील या 145.6 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर है। कुवैत की राजधानी और सबसे बड़ा शहर कुवैत सिटी हैसब। .

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कृषि

कॉफी की खेती कृषि खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य और अन्य सामान के उत्पादन से संबंधित है। कृषि एक मुख्य विकास था, जो सभ्यताओं के उदय का कारण बना, इसमें पालतू जानवरों का पालन किया गया और पौधों (फसलों) को उगाया गया, जिससे अतिरिक्त खाद्य का उत्पादन हुआ। इसने अधिक घनी आबादी और स्तरीकृत समाज के विकास को सक्षम बनाया। कृषि का अध्ययन कृषि विज्ञान के रूप में जाना जाता है तथा इसी से संबंधित विषय बागवानी का अध्ययन बागवानी (हॉर्टिकल्चर) में किया जाता है। तकनीकों और विशेषताओं की बहुत सी किस्में कृषि के अन्तर्गत आती है, इसमें वे तरीके शामिल हैं जिनसे पौधे उगाने के लिए उपयुक्त भूमि का विस्तार किया जाता है, इसके लिए पानी के चैनल खोदे जाते हैं और सिंचाई के अन्य रूपों का उपयोग किया जाता है। कृषि योग्य भूमि पर फसलों को उगाना और चारागाहों और रेंजलैंड पर पशुधन को गड़रियों के द्वारा चराया जाना, मुख्यतः कृषि से सम्बंधित रहा है। कृषि के भिन्न रूपों की पहचान करना व उनकी मात्रात्मक वृद्धि, पिछली शताब्दी में विचार के मुख्य मुद्दे बन गए। विकसित दुनिया में यह क्षेत्र जैविक खेती (उदाहरण पर्माकल्चर या कार्बनिक कृषि) से लेकर गहन कृषि (उदाहरण औद्योगिक कृषि) तक फैली है। आधुनिक एग्रोनोमी, पौधों में संकरण, कीटनाशकों और उर्वरकों और तकनीकी सुधारों ने फसलों से होने वाले उत्पादन को तेजी से बढ़ाया है और साथ ही यह व्यापक रूप से पारिस्थितिक क्षति का कारण भी बना है और इसने मनुष्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। चयनात्मक प्रजनन और पशुपालन की आधुनिक प्रथाओं जैसे गहन सूअर खेती (और इसी प्रकार के अभ्यासों को मुर्गी पर भी लागू किया जाता है) ने मांस के उत्पादन में वृद्धि की है, लेकिन इससे पशु क्रूरता, प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक) दवाओं के स्वास्थ्य प्रभाव, वृद्धि हॉर्मोन और मांस के औद्योगिक उत्पादन में सामान्य रूप से काम में लिए जाने वाले रसायनों के बारे में मुद्दे सामने आये हैं। प्रमुख कृषि उत्पादों को मोटे तौर पर भोजन, रेशा, ईंधन, कच्चा माल, फार्मास्यूटिकल्स और उद्दीपकों में समूहित किया जा सकता है। साथ ही सजावटी या विदेशी उत्पादों की भी एक श्रेणी है। वर्ष 2000 से पौधों का उपयोग जैविक ईंधन, जैवफार्मास्यूटिकल्स, जैवप्लास्टिक, और फार्मास्यूटिकल्स के उत्पादन में किया जा रहा है। विशेष खाद्यों में शामिल हैं अनाज, सब्जियां, फल और मांस। रेशे में कपास, ऊन, सन, रेशम और सन (फ्लैक्स) शामिल हैं। कच्चे माल में लकड़ी और बाँस शामिल हैं। उद्दीपकों में तम्बाकू, शराब, अफ़ीम, कोकीन और डिजिटेलिस शामिल हैं। पौधों से अन्य उपयोगी पदार्थ भी उत्पन्न होते हैं, जैसे रेजिन। जैव ईंधनों में शामिल हैं मिथेन, जैवभार (बायोमास), इथेनॉल और बायोडीजल। कटे हुए फूल, नर्सरी के पौधे, उष्णकटिबंधीय मछलियाँ और व्यापार के लिए पालतू पक्षी, कुछ सजावटी उत्पाद हैं। 2007 में, दुनिया के लगभग एक तिहाई श्रमिक कृषि क्षेत्र में कार्यरत थे। हालांकि, औद्योगिकीकरण की शुरुआत के बाद से कृषि से सम्बंधित महत्त्व कम हो गया है और 2003 में-इतिहास में पहली बार-सेवा क्षेत्र ने एक आर्थिक क्षेत्र के रूप में कृषि को पछाड़ दिया क्योंकि इसने दुनिया भर में अधिकतम लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया। इस तथ्य के बावजूद कि कृषि दुनिया के आबादी के एक तिहाई से अधिक लोगों की रोजगार उपलब्ध कराती है, कृषि उत्पादन, सकल विश्व उत्पाद (सकल घरेलू उत्पाद का एक समुच्चय) का पांच प्रतिशत से भी कम हिस्सा बनता है। .

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कैसर विल्हेम द्वितीय (जर्मनी)

विल्हेम द्वितीय या विलियम द्वितीय (जर्मन: Friedrich Wilhelm Viktor Albrecht von Preußen; अंगरेजी: Frederick William Victor Albert of Prussia; 27 जनवरी 1859 – 4 जून 1941) जर्मनी का अन्तिम सम्राट (कैसर) तथा प्रशा का राजा था जिसने जर्मन साम्राज्य एवं प्रशा पर १५ जून १८८८ से ९ नवम्बर १९१८ तक शासन किया। विलियम प्रथम की मृत्यु के उपरान्त उसका पुत्र फैड्रिक तृतीय जर्मनी के राजसिंहासन पर 9 मार्च 1888 ई. को आसीन हुआ। किन्तु केवल 100 दिन राज्य करने के बाद उसकी मृत्यु हो गई। उसकी मृत्यु होने पर उसका पुत्र विलियम द्वितीय राज्य सिंहासन पर आसीन हुआ। वह एक नवयुवक था। उसमें अनेक गुणों और दुर्गुणों का सम्मिश्रण था। वह कुशाग्र बुद्धि, महत्वकांक्षी आत्मविश्वासी तथा असाधारण नवयुवक था। वह स्वार्थी और घमण्डी था तथा उसका विश्वास राजा के दैवी सिद्धांत में था। किसी अन्य व्यक्ति के नियंत्रण में रहना उसको असह्य था जिसके कारण कुछ ही दिनों के उपरांत उसकी अपने चांसलर बिस्मार्क से अनबन हो गई। परिस्थितियों से बाध्य होकर बिस्मार्क को त्याग-पत्र देना पड़ा। बिस्मार्क के पतन के उपरांत विलियम ने समस्त सत्ता को अपने हाथों में लिया और उसके मंत्री आज्ञाकारी सेवक बन गये और वह स्वयं का शासन का कर्णधार बना। .

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अरब सागर

अरब सागर जिसका भारतीय नाम सिंधु सागर है, भारतीय उपमहाद्वीप और अरब क्षेत्र के बीच स्थित हिंद महासागर का हिस्सा है। अरब सागर लगभग 38,62,000 किमी2 सतही क्षेत्र घेरते हुए स्थित है तथा इसकी अधिकतम चौड़ाई लगभग 2,400 किमी (1,500 मील) है। सिन्धु नदी सबसे महत्वपूर्ण नदी है जो अरब सागर में गिरती है, इसके आलावा भारत की नर्मदा और ताप्ती नदियाँ अरब सागर में गिरती हैं। यह एक त्रिभुजाकार सागर है जो दक्षिण से उत्तर की ओर क्रमश: संकरा होता जाता है और फ़ारस की खाड़ी से जाकर मिलता है। अरब सागर के तट पर भारत के अलावा जो महत्वपूर्ण देश स्थित हैं उनमें ईरान, ओमान, पाकिस्तान, यमन और संयुक्त अरब अमीरात सबसे प्रमुख हैं। .

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अरबी रेगिस्तान

अरबी रेगिस्तान (अंग्रेज़ी: Arabian Desert; अरबी:, अस-सहरा अल-अरबीया) पश्चिमी एशिया में स्थित एक विशाल रेगिस्तान है जो दक्षिण में यमन से लेकर उत्तर में फ़ारस की खाड़ी तक और पूर्व में ओमान से लेकर पश्चिम में जोर्डन और इराक़ तक फैला हुआ है। अरबी प्रायद्वीप का अधिकाँश भाग इस रेगिस्तान में आता है और इस मरुस्थल का कुल क्षेत्रफल २३.३ लाख किमी२ है, यानि पूरे भारत के क्षेत्रफल का लगभग ७०%। इसके बीच में रुब अल-ख़ाली नाम का इलाक़ा है जो विश्व का सबसे विस्तृत रेतीला क्षेत्र है।, Professor Julie J Laity, pp.

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अकबर

जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर (१५ अक्तूबर, १५४२-२७ अक्तूबर, १६०५) तैमूरी वंशावली के मुगल वंश का तीसरा शासक था। अकबर को अकबर-ऐ-आज़म (अर्थात अकबर महान), शहंशाह अकबर, महाबली शहंशाह के नाम से भी जाना जाता है। अंतरण करने वाले के अनुसार बादशाह अकबर की जन्म तिथि हुमायुंनामा के अनुसार, रज्जब के चौथे दिन, ९४९ हिज़री, तदनुसार १४ अक्टूबर १५४२ को थी। सम्राट अकबर मुगल साम्राज्य के संस्थापक जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर का पौत्र और नासिरुद्दीन हुमायूं एवं हमीदा बानो का पुत्र था। बाबर का वंश तैमूर और मंगोल नेता चंगेज खां से संबंधित था अर्थात उसके वंशज तैमूर लंग के खानदान से थे और मातृपक्ष का संबंध चंगेज खां से था। अकबर के शासन के अंत तक १६०५ में मुगल साम्राज्य में उत्तरी और मध्य भारत के अधिकाश भाग सम्मिलित थे और उस समय के सर्वाधिक शक्तिशाली साम्राज्यों में से एक था। बादशाहों में अकबर ही एक ऐसा बादशाह था, जिसे हिन्दू मुस्लिम दोनों वर्गों का बराबर प्यार और सम्मान मिला। उसने हिन्दू-मुस्लिम संप्रदायों के बीच की दूरियां कम करने के लिए दीन-ए-इलाही नामक धर्म की स्थापना की। उसका दरबार सबके लिए हर समय खुला रहता था। उसके दरबार में मुस्लिम सरदारों की अपेक्षा हिन्दू सरदार अधिक थे। अकबर ने हिन्दुओं पर लगने वाला जज़िया ही नहीं समाप्त किया, बल्कि ऐसे अनेक कार्य किए जिनके कारण हिन्दू और मुस्लिम दोनों उसके प्रशंसक बने। अकबर मात्र तेरह वर्ष की आयु में अपने पिता नसीरुद्दीन मुहम्मद हुमायुं की मृत्यु उपरांत दिल्ली की राजगद्दी पर बैठा था। अपने शासन काल में उसने शक्तिशाली पश्तून वंशज शेरशाह सूरी के आक्रमण बिल्कुल बंद करवा दिये थे, साथ ही पानीपत के द्वितीय युद्ध में नवघोषित हिन्दू राजा हेमू को पराजित किया था। अपने साम्राज्य के गठन करने और उत्तरी और मध्य भारत के सभी क्षेत्रों को एकछत्र अधिकार में लाने में अकबर को दो दशक लग गये थे। उसका प्रभाव लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर था और इस क्षेत्र के एक बड़े भूभाग पर सम्राट के रूप में उसने शासन किया। सम्राट के रूप में अकबर ने शक्तिशाली और बहुल हिन्दू राजपूत राजाओं से राजनयिक संबंध बनाये और उनके यहाँ विवाह भी किये। अकबर के शासन का प्रभाव देश की कला एवं संस्कृति पर भी पड़ा। उसने चित्रकारी आदि ललित कलाओं में काफ़ी रुचि दिखाई और उसके प्रासाद की भित्तियाँ सुंदर चित्रों व नमूनों से भरी पड़ी थीं। मुगल चित्रकारी का विकास करने के साथ साथ ही उसने यूरोपीय शैली का भी स्वागत किया। उसे साहित्य में भी रुचि थी और उसने अनेक संस्कृत पाण्डुलिपियों व ग्रन्थों का फारसी में तथा फारसी ग्रन्थों का संस्कृत व हिन्दी में अनुवाद भी करवाया था। अनेक फारसी संस्कृति से जुड़े चित्रों को अपने दरबार की दीवारों पर भी बनवाया। अपने आरंभिक शासन काल में अकबर की हिन्दुओं के प्रति सहिष्णुता नहीं थी, किन्तु समय के साथ-साथ उसने अपने आप को बदला और हिन्दुओं सहित अन्य धर्मों में बहुत रुचि दिखायी। उसने हिन्दू राजपूत राजकुमारियों से वैवाहिक संबंध भी बनाये। अकबर के दरबार में अनेक हिन्दू दरबारी, सैन्य अधिकारी व सामंत थे। उसने धार्मिक चर्चाओं व वाद-विवाद कार्यक्रमों की अनोखी शृंखला आरंभ की थी, जिसमें मुस्लिम आलिम लोगों की जैन, सिख, हिन्दु, चार्वाक, नास्तिक, यहूदी, पुर्तगाली एवं कैथोलिक ईसाई धर्मशस्त्रियों से चर्चाएं हुआ करती थीं। उसके मन में इन धार्मिक नेताओं के प्रति आदर भाव था, जिसपर उसकी निजि धार्मिक भावनाओं का किंचित भी प्रभाव नहीं पड़ता था। उसने आगे चलकर एक नये धर्म दीन-ए-इलाही की भी स्थापना की, जिसमें विश्व के सभी प्रधान धर्मों की नीतियों व शिक्षाओं का समावेश था। दुर्भाग्यवश ये धर्म अकबर की मृत्यु के साथ ही समाप्त होता चला गया। इतने बड़े सम्राट की मृत्यु होने पर उसकी अंत्येष्टि बिना किसी संस्कार के जल्दी ही कर दी गयी। परम्परानुसार दुर्ग में दीवार तोड़कर एक मार्ग बनवाया गया तथा उसका शव चुपचाप सिकंदरा के मकबरे में दफना दिया गया। .

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उस्मानी साम्राज्य

उस्मानी सलतनत (१२९९ - १९२३) (या उस्मानी साम्राज्य या तुर्क साम्राज्य, उर्दू में सल्तनत-ए-उस्मानिया, उस्मानी तुर्कीयाई:دَوْلَتِ عَلِيّهٔ عُثمَانِیّه देव्लेत-इ-आलीय्ये-इ-ऑस्मानिय्ये) १२९९ में पश्चिमोत्तर अनातोलिया में स्थापित एक तुर्क राज्य था। महमद द्वितीय द्वारा १४९३ में क़ुस्तुंतुनिया जीतने के बाद यह एक साम्राज्य में बदल गया। प्रथम विश्वयुद्ध में १९१९ में पराजित होने पर इसका विभाजन करके इस पर अधिकार कर लिया गया। स्वतंत्रता के लिये संघर्ष के बाद २९ अक्तुबर सन् १९२३ में तुर्की गणराज्य की स्थापना पर इसे समाप्त माना जाता है। उस्मानी साम्राज्य सोलहवीं-सत्रहवीं शताब्दी में अपने चरम शक्ति पर था। अपनी शक्ति के चरमोत्कर्ष के समय यह एशिया, यूरोप तथा उत्तरी अफ़्रीका के हिस्सों में फैला हुआ था। यह साम्राज्य पश्चिमी तथा पूर्वी सभ्यताओं के लिए विचारों के आदान प्रदान के लिए एक सेतु की तरह था। इसने १४५३ में क़ुस्तुन्तुनिया (आधुनिक इस्ताम्बुल) को जीतकर बीज़ान्टिन साम्राज्य का अन्त कर दिया। इस्ताम्बुल बाद में इनकी राजधानी बनी रही। इस्ताम्बुल पर इसकी जीत ने यूरोप में पुनर्जागरण को प्रोत्साहित किया था। .

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2010 इस्लामी एकता खेल

द्वितीय इस्लामिक एकता खेल: Second Islamic Solidarity Games; 9 से 25 अप्रैल 2010 को ईरान में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन होने जा रहा था। लेकिन मेज़बान देश सऊदी अरब और ईरान के बीच विवाद के कारण खेल रद्द कर दिया गया था। .

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फ़ारसी खाड़ी, फारस की खाड़ी, ख़लीज फ़ारस

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